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अक्टूबर में भारत का सेवा निर्यात 22.3 प्रतिशत बढक़र 34.3 अरब डॉलर हो गया : आरबीआई
Posted Date : 30-Nov-2024 7:25:15 pm

अक्टूबर में भारत का सेवा निर्यात 22.3 प्रतिशत बढक़र 34.3 अरब डॉलर हो गया : आरबीआई

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत के सेवा निर्यात में लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। अक्टूबर में देश का सेवा निर्यात सालाना आधार पर 22.3 प्रतिशत बढक़र 34.3 अरब डॉलर हो गया।
इससे पहले अगस्त में देश का सेवा निर्यात जुलाई के 30.58 अरब डॉलर से घटकर 30.34 अरब डॉलर पर आ गया था। जो कि इससे अगले महीने सितंबर में बढक़र 32.57 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था।
निर्यात के साथ-साथ अक्टूबर में देश के आयात में भी वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि सालाना आधार पर 27.9 प्रतिशत बढक़र अब 17.21 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले सितंबर में देश का सेवा आयात 16.50 अरब डॉलर रहा था।
भारत का सेवा निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 339.62 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वित्त वर्ष में 325.33 अरब डॉलर था।
पिछले दिनों आई ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का सेवा निर्यात 2030 तक वस्तु निर्यात से आगे निकल जाएगा। जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2030 तक सेवा निर्यात 618.21 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है, जो 613.04 अरब डॉलर के माल निर्यात से अधिक होगा।
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि वित्त वर्ष 2019 और वित्त वर्ष 2024 के बीच, 5 वर्षों में सेवा निर्यात 10.5 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा, जो कि माल निर्यात के 5.8 प्रतिशत सीएजीआर से लगभग दोगुना है। देश का सेवा क्षेत्र मुख्य रूप से आईटी और सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित है, इसके अलावा यह क्षेत्र अन्य व्यावसायिक सेवाओं (ओबीएस) द्वारा संचालित है।
जीटीआरआई की इस रिपोर्ट में जानकारी दी गई थी कि ‘दूरसंचार, कंप्यूटर और सूचना सेवाओं’ के तहत सॉफ्टवेयर और आईटी सेवाओं ने वित्त वर्ष 2024 में भारत के कुल सेवा निर्यात में 190.7 बिलियन डॉलर या 56.2 प्रतिशत का योगदान दिया।
इसी के साथ एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स को लेकर वैश्विक स्तर पर भारत की आईटी विशेषज्ञता को लेकर मांग में बढ़ोतरी को लेकर महत्वपूर्ण बने हुए हैं।

 

भारत नेशनल इंडेक्स स्कोर में 29 देशों में दूसरे स्थान पर : रिपोर्ट
Posted Date : 30-Nov-2024 7:25:00 pm

भारत नेशनल इंडेक्स स्कोर में 29 देशों में दूसरे स्थान पर : रिपोर्ट

नई दिल्ली । भारत ने नवंबर 2024 में नेशनल इंडेक्स स्कोर में 29 में से दूसरी रैंक हासिल की है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। एलएसईजी-इप्सोस प्राइमरी कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स इंडिया रिपोर्ट- वर्तमान स्थितियों, अपेक्षाओं, निवेश और नौकरियों के आधार पर कंज्यूमर सेंटीमेंट को दर्शाती है। यह रिपोर्ट 25 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच 29 देशों के 75 वर्ष से कम आयु के 21,000 से अधिक वयस्कों के मासिक सर्वेक्षण पर आधारित है।
रिपोर्ट से बताया गया है कि 64.3 के साथ इंडोनेशिया 29 देशों में सबसे अधिक नेशनल इंडेक्स स्कोर रखता है, उसके बाद 61 के साथ भारत है। इंडोनेशिया और भारत ही ऐसे देश हैं जिनका नेशनल इंडेक्स स्कोर 60 या उससे अधिक है।
50 अंक से ऊपर के देशों में मेक्सिको (59.5), मलेशिया (56.9), सिंगापुर (56.7), अमेरिका (55.7), थाईलैंड (54.8), स्वीडन (53.6), नीदरलैंड (52.7) और ब्राजील (51.9) शामिल हैं। 40 अंक से नीचे के देशों में जापान (37.8), हंगरी (33.9) और तुकीये (29.8) शामिल हैं।
इप्सोस के सीईओ अमित अदारकर ने कहा कि भारत नेशनल इंडेक्स स्कोर में सबसे आशावादी बाजारों में से एक बना हुआ है, फेस्टिव सीजन की बिक्री के बाद नवंबर में कंज्यूमर सेंटीमेंट में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में दीपावली के दौरान कपड़ों, मिठाइयों, खाने-पीने और बड़ी-बड़ी चीजों की खरीद पर बहुत अधिक खर्च करते हैं। सर्वेक्षण के परिणामों को उनकी आबादी के वर्ग के विचारों को प्रतिबिंबित करने के रूप में देखा जाना चाहिए। भारत का सैंपल इसकी शहरी आबादी के एक बड़े उपसमूह का प्रतिनिधित्व करता है।
एलएसईजी/इप्सोस प्राइमरी कंज्यूमर सेंटीमेंट इंडेक्स (पीसीएसआई) 2010 से चल रहा है। यह स्थानीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान और भविष्य की स्थिति, व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति, बचत और बड़े निवेश करने के आत्मविश्वास पर उपभोक्ताओं के दृष्टिकोण का एक मासिक सर्वेक्षण है।

 

अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों की विकास दर अक्टूबर में रही 3.1 प्रतिशत
Posted Date : 30-Nov-2024 7:24:27 pm

अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टरों की विकास दर अक्टूबर में रही 3.1 प्रतिशत

नई दिल्ली । भारत के प्रमुख सेक्टरों के उद्योगों की विकास दर अक्टूबर में 3.1 प्रतिशत रही है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को दी गई।
प्रमुख उद्योगों में कोयला, बिजली, स्टील और सीमेंट को शामिल किया जाता है।
सितंबर की 2 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले अक्टूबर में प्रमुख उद्योगों की विकास में उछाल दर्ज किया गया है।
आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक (आईसीआई) की संचयी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अक्टूबर के बीच पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 4.1 प्रतिशत रही है।
अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में कोयला उत्पादन में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में स्टील उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इसी अवधि में सीमेंट उत्पादन में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसकी वजह बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का बनना और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में उछाल आना है।
उर्वरक उत्पादन में भी पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
मुख्य उद्योगों के सूचकांक में 19.85 प्रतिशत भार वाले बिजली उत्पादन में अक्टूबर 2023 की तुलना में अक्टूबर 2024 में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सूचकांक में 28.04 प्रतिशत भार रखने वाले पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में अक्टूबर, 2024 में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो परिवहन क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर को दर्शाता है।
अक्टूबर के दौरान कच्चे तेल के उत्पादन में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं, प्राकृतिक गैस उत्पादन में भी पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले 1.2 प्रतिशत की गिरावट आई।
जुलाई 2024 के लिए आईसीआई की अंतिम वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रही है।
आठ प्रमुख उद्योगों की औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है और इस वजह से यह समग्र औद्योगिक विकास का संकेत देता है।

 

अदाणी पावर का एसएंडपी ग्लोबल सीएसए स्कोर 67 रहा, दुनिया की शीर्ष ऊर्जा कंपनियों में शामिल
Posted Date : 29-Nov-2024 7:55:02 pm

अदाणी पावर का एसएंडपी ग्लोबल सीएसए स्कोर 67 रहा, दुनिया की शीर्ष ऊर्जा कंपनियों में शामिल

अहमदाबाद  ।  अदाणी पावर ने गुरुवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल द्वारा कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट (सीएसए) में 100 में से 67 का असाधारण स्कोर हासिल किया है। इस सेक्टर का औसत स्कोर 42 है। वहीं, अदाणी पावर का वित्त वर्ष 2022-23 में यह स्कोर 48 था। इस स्कोर के साथ अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) सभी वैश्विक विद्युत उपयोगिताओं में शीर्ष 80 प्रतिशत में पहुंच गया है।
कंपनी ने कहा कि सीएसए स्कोर के कई तत्वों जैसे मानवाधिकार, पारदर्शिता और रिपोर्टिंग, जल, अपशिष्ट और प्रदूषण में अदाणी पावर शीर्ष 100 प्रतिशत में है। वहीं, तीन और तत्वों, जिसमें ऊर्जा, व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा और सामुदायिक संबंध शामिल है, उसमें कंपनी 90 प्रतिशत या उससे ऊपर की श्रेणी में है।
कंपनी ने कहा, यह उल्लेखनीय उपलब्धि सस्टेनेबल प्रैक्टिस के प्रति एपीएल की दृढ़ प्रतिबद्धता और अपने परिचालन में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) सिद्धांतों को शामिल करने के प्रति समर्पण को रेखांकित करती है।
अदाणी पावर के पास गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में 11 बिजली संयंत्र हैं और इनकी स्थापित ताप विद्युत क्षमता 17,510 मेगावाट की है, इसके अलावा गुजरात में 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी है।
अदाणी समूह की कंपनी ने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर 2024) में 28,517 करोड़ रुपये की निरंतर आय में 20 प्रतिशत सालाना वृद्धि हासिल की। इस दौरान कर से पहले निरंतर लाभ (पीबीटी) 69 प्रतिशत बढक़र 8,020 करोड़ रुपये रहा है।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कंपनी की निरंतर आय 10.8 प्रतिशत बढक़र 13,465 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, इस दौरान कंपनी का कर से पहले निरंतर लाभ (पीबीटी) 44.8 प्रतिशत बढक़र 3,537 करोड़ रुपये रहा है।
बिजली की मांग में सुधार और उच्च परिचालन क्षमता के कारण वित्त वर्ष 2024-25 में कंसोलिटेडेट बिजली बिक्री 46 बिलियन यूनिट (बीयू) रही, जो कि पिछले वित्त वर्ष की मांग 35.6 बीयू से 29.2 प्रतिशत अधिक है।

 

ईएसआईसी से ही मिल सकेगा आयुष्मान भारत योजना का बेनिफिट, सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला
Posted Date : 29-Nov-2024 7:53:59 pm

ईएसआईसी से ही मिल सकेगा आयुष्मान भारत योजना का बेनिफिट, सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला

नई दिल्ली  । केंद्र सरकार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) को जोडऩे पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य एबी-पीएमजेएवाई मेडिकल केयर बेनिफिट्स को 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों को प्रदान करना है। यह जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गुरुवार को दी गई।
मंत्रालय ने बताया कि ईएसआईसी केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के मार्गदर्शन में कार्यबल और उनके आश्रितों तक स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का विस्तार करने पर काम कर रहा है। मंत्रालय ने कहा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को आयुष्मान भारत- प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की सुविधाओं से जोडऩे का सीधा फायदा 14.43 करोड़ ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को होगा। इससे वे पूरे भारत में गुणवत्ता पूर्ण मेडिकल सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। ईएसआईसी के महानिदेशक, अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस स्कीम के शुरू होने के बाद ईएसआईसी लाभार्थियों को देश भर में 30,000 से अधिक एबी-पीएमजेएवाई-सूचीबद्ध अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिलेगा। यह लाभ उपचार लागत पर कोई वित्तीय सीमा के बिना प्राप्त किया जा सकता है। आगे कहा कि यह साझेदारी सभी लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ावा देगी। ईएसआई लाभार्थियों के इलाज के लिए देश भर के चैरिटेबल हॉस्पिटल को भी सूचीबद्ध किया जाएगा।
वर्तमान में, ईएसआई योजना 165 हॉस्पिटल, 1,590 डिस्पेंसरी, 105 डिस्पेंसरी कम ब्रांच ऑफिस (डीसीबीओ) और लगभग 2,900 सूचीबद्ध निजी हॉस्पिटलों के तहत चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है। पिछले 10 वर्षों में, ईएसआई योजना देश के 788 जिलों में से 687 जिलों में लागू की गई है। 2014 में यह योजना 393 जिलों में थी। मंत्रालय ने कहा, पीएमजेएवाई के साथ ईएसआई योजना को जोडक़र अब चिकित्सा देखभाल की इस व्यवस्था को शेष गैर-कार्यान्वित जिलों तक बढ़ाया जा सकता है।

 

टाटा और जेएसडब्ल्यू ग्रुप ईवी सेक्टर में 30 अरब डॉलर से ज्यादा का करेंगे निवेश
Posted Date : 29-Nov-2024 7:52:51 pm

टाटा और जेएसडब्ल्यू ग्रुप ईवी सेक्टर में 30 अरब डॉलर से ज्यादा का करेंगे निवेश

नई दिल्ली  । भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और सप्लाई चेन के स्थानीयकरण पर जोर दे रही है। सरकार का टारगेट है कि 2030 तक देश में बिकने वाले 30प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक हों। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा अनुमान है कि टाटा और जेएसडब्ल्यू ग्रुप अकेले ही आने वाले दशक में इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रिक वाहन सामग्री बनाने में 30 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेंगे, जिसमें से लगभग 10 अरब डॉलर दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया (एसएसईए) में होगा।
दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के रूप में भारत के पास अपार संभावनाएं हैं। विशाल बाजार है जो ईवी से जुड़े निवेश को आकर्षित करता है।
समय के साथ भारत में ईवी अपनाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी क्योंकि ऐसे मॉडल लॉन्च किए जाएंगे जो आईसीई मॉडल की कीमतों के अनुरूप होंगे और इसके साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा यह भी मानना है कि हाइब्रिड और सीएनजी से चलने वाले वाहन, हल्के वाहन और यात्री वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में ईवी के साथ-साथ महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल करेंगे।
सरकार ने हाल ही में पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू की है, जिसका वित्तीय परिव्यय दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये है।
पीएम ई-ड्राइव योजना ईवी अपनाने में तेजी लाने और देश भर में महत्वपूर्ण चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आईसीई से ट्रांजिशन प्योर इलेक्ट्रिफिकेशन के बजाय दूसरे वैकल्पिक फ्यूल की ओर होगा। आयात और विदेशी निवेश पर सरकार की नीतियां भारत के वाहन इलेक्ट्रिफिकेशन को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
भारत कोरियाई कंपनियों हुंडई मोटर और किआ के लिए लगातार महत्वपूर्ण बना हुआ है। जो संयुक्त रूप से भारत में दूसरे सबसे बड़े कार निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाते हैं। भारतीय बाजार (वर्ष 2023 में) इस समूह की वैश्विक बिक्री मात्रा का 12 प्रतिशत हिस्सेदार था। हुंडई भारत में निवेश की योजना पर काम कर रहा है, जिसमें लोकल ईवी उत्पादन को भी शामिल किया गया है। कंपनी भारत में बना अपना पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मॉडल जनवरी 2025 में पेश करेगी।
कंपनी ने हाल ही में भारत में आईपीओ पेश किया है। इससे प्राप्त राशि का एक हिस्सा कंपनी के विकास को आगे बढ़ाने और बाजार में उत्पाद सुधार के लिए किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, हमारा मानना है कि टाटा मोटर्स के पास अपने क्रेडिट मेट्रिक्स में ईवी निवेश करने के लिए पर्याप्त वित्तीय गुंजाइश है। सितंबर 2024 में, फर्म ने दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में एक नए ईवी प्लांट में लगभग 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की।
इसकी मूल कंपनी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर-पश्चिमी राज्य गुजरात में 20 गीगावाट घंटे की शुरुआती क्षमता वाले लिथियम-आयन बैटरी प्लांट में निवेश की भी घोषणा की है। यह प्लांट उस क्षेत्र में ईवी सप्लाई चेन के विकास में मददगार होगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि प्रमुख कार निर्माता अगले कुछ वर्षों में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन पर 20 अरब डॉलर से अधिक खर्च करेंगे।