जियो ने दिया फिर ऑफर जियो ग्राहकों को; यदि आप जियो सिम का प्रयोग करते हैं तो जाहिर सी बात है कि जियो के ‘डबल धमाका’ प्लान को सुनकर आपका सीना चौड़ा हो गया होगा। आपको बताएं कि जियो हमेशा से ही अपने ग्राहकों को कम दाम में अच्छी सुविधा देने के लिए जाना जाता है और शायद यही कारण है कि लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा जिओ को पसंद किया जाता है।
एक बार फिर से Jio ने अपने ग्राहकों की सीना चौड़ा कर दिया!
Must Read – एक फ़ोन में दो व्हाट्सअप कैसे चलाये; आपको बताएं कि जीवनी अपने ग्राहकों के लिए एक उत्कृष्ट ऑफर फिर से पेश किया गया है जियो के इस के नाम डबल दमाका है। आपको बताएं कि इस शेयर के माध्यम से आप दी 149 या उससे अधिक रिचार्ज कर रहे हैं तो कंपनी की तरफ से 1.5 जीबी डेटा प्रतिदिन एक वाउचर दिया गया। इसके साथ-साथ आप रिचार्जर्स बे बेनिफिट भी दे जायांगे। रिचार्ज के बाद आप इस वाउचर को रिडीम कर सकते हैं। यानी कि आसान भाषा में हम कह सकते हैं कि जियो अब आप 3 जीबी डेटा प्रतिदिन के हिसाब से। यानी कि जो प्लान में आप पहले 1.5 जीबी डेटा प्रतिदिन के हिसाब से मिल थे। उसमें अब 3 जीबी डेटा प्रतिदिन के हिसाब से दिया गया। आप बताओ कि जियो ने यह किया एयरटेल को कड़ी टक्कर देने के लिए पेश किया गया है एयरटेल और जियो के बीच में शुरू से ही कड़ी टक्कर देखने के लिए मिलती है आई। लेकिन हर बार बाजी जिओ ही मारता है। क्योंकि जिओ अपने ग्राहकों को कम दाम में अच्छी सुविधा देता है।
टेलिकॉम कंपनी Airtel लगातार पिछले कुछ समय से Reliance Jio को टक्कर दे रही है। अब कंपनी ने एक प्लान को रिवाइज किया है और उसमें रोजाना की डाटा लिमिट बढ़ा दी है। Airtel ने अपने 149 रुपये के प्लान को बढ़ाया है। कंपनी अब 149 रुपये के प्रीपेड प्लान में पहले के मुकाबले अधिक डाटा यूजर्स को दे रही है।
Airtel 149 Plan के अनुसार, अब यूजर्स को रोजाना 2 GB हाईस्पीड इंटरनेट डाटा दिया जा रहा है। यह डाटा 3G और 4G दोनों ही होगा। इसकी वैधता की बात करें तो इसमें 28 दिनों की वैलिडिटी दी जा रही है। यूजर्स को इस प्लान में कुल 56 GB डाटा मिल रहा है। इस हिसाब से एक जीबी डाटा की कीमत 2.68 रुपये होगी।
कंपनी अपने इस प्लान के अंतर्गत यूजर्स को अनलिमिटेड कॉलिंग जैसे शानदार फायदे भी दे रही है। इसके अलावा रोजाना 100 एसएमएस भी दिए जाएंगे। इस प्लान के बारे में बताया जा रहा है कि यह Jio के 149 रुपये के प्लान से टक्कर लेने के लिए उतारा गया है। Jio के 149 प्लान की वैलिडिटी भी 28 दिनों की है। वहीं, इस प्लान में यूजर्स को 1.5GB डाटा कंपनी दे रही है।
इसके अलावा Jio यूजर्स को रोजाना अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ साथ 100 एसएमएस रोजाना दिए जाएंगे। वहीं, यूजर्स Jio एप के जरिए मिलने वाली सभी सुविधाएं भी मिलेंगी।
नई दिल्ली। ब्रिटिश टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन ने आइडिया सेल्युलर के साथ प्रस्तावित संयुक्त उद्यम में 1 अरब यूरो (लगभग 8,000 करोड़ रुपए) का निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर का आपस में विलय इस माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
ब्रिटिश टेलीकॉम ऑपरेटर को यदि भारत में अतिरिक्त निवेश करने की आवश्यकता हुई तो वह इंडस टॉवर्स में अपनी हिस्सेदारी को बेचने पर विचार करेगी। आदित्य बिड़ला ग्रुप ने प्रस्तावित विलय के बाद बनने वाली इकाई वोडाफोन आइडिया लिमिटेड में अतिरिक्त निवेश करने का फैसला किया है।
आइडिया ने जनवरी 2018 में इक्विटी से 0.8 अरब यूरो जुटाए हैं, विलय पूरा होने पर वोडाफोन ग्रुप को भी इतनी ही राशि देनी होगी। वोडाफोन चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर निक रीड ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में शुद्ध पूंजी निवेश 1 अरब यूरो के आसपास होगा। वोडाफोन और आइडिया का विलय अब अंतिम चरण में है और उसे सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है। नई इकाई में ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की हिस्सेदारी 47.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। विलय के बाद बनने वाली नई इकाई भारत में सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
वोडाफोन ने कहा है कि यदि भविष्य में संयुक्त इकाई भागीदार अतिरिक्त पूंजी निवेश का फैसला लेते हैं तो वोडाफोन ग्रुप इंडस टॉवर्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर विचार करेगा। भारत की सबसे बड़े मोबाइल टॉवर कंपनी इंडस टॉवर्स में वोडाफोन की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 2017-18 में इंडस टॉवर्स ने वोडाफोन ग्रुप को 13.8 करोड़ यूरो का डिविडेंड दिया है।
25 अप्रैल 2018 को वोडाफोन, भारती एयरटेल लिमिटेड और आइडिया ने इंडस टॉवर्स का भारती इंफ्राटेल में विलय करने की घोषणा की है। भारती एयरटेल और वोडाफोन विलय के बाद बनने वाली कंपनी पर संयुक्तरूप से नियंत्रण रखेंगे और वोडाफोन इस संयुक्त कंपनी में 78.31 करोड़ नए शेयर जारी करेगी।
नयी दिल्ली। पेट्रोलिय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार सुधारों के मोर्चे पर कदम वापस किये बिना बिना पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के समग्र समाधान को लेकर काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पेट्रोल और डीजल को आम जनता की पहुंच से बाहर जाने नहीं देंगे। पेट्रोल और डीजल के दाम के रिकार्ड स्तर पर पहुंचने के लिये तेल, रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव तथा स्थानीय करों को जिम्मेदार ठहराया। अपने सरकार की चार साल की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिये बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में प्रधान ने कहा कि सरकार इसको लेकर संवेदनशील है और सुनिश्चित करेगी कि गरीब, मध्यम वर्ग को तकलीफ नहीं हो। हम मसले से निपटेंगे। उन्होंने कहा, ‘सरकार स्थिति से निपटने के लिये समग्र रुख अपनाएगी ताकि पेट्रोलियम की कीमतें तकलीक नहीं दे। सरकार हर संभव कदम उठाएगी।’
यह पूछे जाने पर कि क्या इसके समाधानों में नियंत्रण मुक्त ईंधन कीमत व्यवस्था में कुछ बदलाव शामिल हैं, प्रधान ने कहा कि बिल्कुल नहीं। यह सवाल ही नहीं उठता। सरकार सुधारों की समर्थक है और हमने जो सुधार किया है, उससे पीछे हटने का सवाल नहीं है। सरकार ने जून 2010 में पेट्रोल कीमत को नियंत्रण मुक्त किया और डीजल को अक्तूबर 2014 में। दैनिक आधार पर कीमत समीक्षा की मंजूरी पिछले साल जून में दी गयी। उन्होंने कहा कि हम कीमतों को आम लोगों की पहुंच से बाहर नहीं जाने देंगे। प्रधान ने इस बात से इनकार किया कि जो समाधान तलाशे जा रहे हैं ओएनजीसी जैसी तेल उत्पादक कंपनियों से कुछ बोझ उठाने को कहा जा सकता है ताकि ईंधन को कुछ सस्ता किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘मैं उन समाधानों पर चर्चा नहीं कर सकता, जिस पर विचार किया जा रहा है।’ प्रधान ने कहा कि मुद्रा योजना को कौशल विकास से सम्बद्ध करने के लिए एक रूपरेखा बनाई जा रही है। इसक तहत जुलाई सितंबर की तिमाही में एक लाख युवा लक्षित स्वरोजगार हासिल करेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिन तक विचार-विमर्श करने के बाद रेपो रेट की दरों की घोषणा कर दी है. बुधवार को आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी है. मौद्रिक नीति समिति ने इसमें 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 6.25%. फीसदी हो गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद आम आदमी के लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा होगा. इसके साथ ही ईएमआई पर ब्याज का बोझ भी बढ़ेगा.इसके साथ ही मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में सीपीआई महंगाई के 4.8 से 4.9 के बीच रहने की संभावना जताई है. वहीं, दूसरी छमाही में इसके लिए 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है.भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछली तीन बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया. इस दौरान विशेषज्ञ पहले इसकी संभावन जता चुके थे. इस समय कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और बजट में इकोनॉमी को लेकर की गई घोषणाओं का असर आरबीआई के फैसले पर दिखा. इसकी वजह से ही तय माना जा रहा था दरें नहीं घटेंगी.
इससे पहले रॉयटर्स पोल ने संभावना जताई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक इस बार भी रेपो रेट में कटौती नहीं करेगा. पोल में कहा गया था कि आरबीआई इसे अगस्त के लिए टाल सकता है.इस पोल में 56 अर्थशास्त्री शामिल हुए थे. इनमें से 26 ने संभावना जताई थी कि आरबीआई रेपो रेट में इस बार बढ़ोतरी करेगा. हालांकि अन्य इसकी संभावना से इनकार किया था.फरवरी से पहले दिसंबर और अक्टूबर में भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. दरअसल इस दौरान महंगाई की वजह से यह फैसला लिया गया था. इस वक्त रेपो रेट को 6 फीसदी पर ही रखा गया था.
नई दिल्ली,(आरएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छोटे कारोबारियों के लिए शुरू हुई कंपोजीशन स्कीम व्यापारियों को रास नहीं आ रही है। जीएसटी में अब तक करीब 70 लाख असेसी जुड़ चुके हैं, लेकिन इनमें से मात्र एक लाख व्यापारियों ने ही कंपोजीशन स्कीम का चुनाव किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में इस स्कीम की समीक्षा कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि सरकार यह पता ल"ाने की कोशिश कर रही है कि आखिर लघु उद्यमी कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुनने में हिचक क्यों दिखा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार अभियान भी चला सकती है। स्कीम के तहत 75 लाख रुपये तक सालाना कारोबार वाले व्यापारी इस योजना के तहत पंजीकृत हो सकते हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश और पूवरेत्तर के आठ राज्यों के संबंध में कंपोजीशन स्कीम की सीमा 50 लाख रुपये है। इस योजना के तहत पंजीकृत होने वाले व्यापारियों को एक प्रतिशत, मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को दो फीसद और रेस्टोरेंट को पांच प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना है। हालांकि तंबाकू, पान मसाला और आइसक्रीम कंपनियों को यह सुविधा प्राप्त नहीं है। कंपोजीशन के तहत असेसी को मासिक रिटर्न दाखिल करने के बाद तिमाही आधार पर अपनी खरीद-बिक्री का ब्योरा देना होता है। स्कीम अपनाने वालों को विभिन्न तरह का विवरण भी नहीं रखना होता है। अब तक 70 लाख कारोबारी जीएसटी के तंत्र से जुड़ चुके हैं। इसमें करीब एक लाख कारोबारियों ने कंपोजीशन स्कीम का चुनाव किया है। इस स्कीम को लेकर कारोबारियों का उत्साह फीका रहने की एक वजह यह है कि इसके तहत पंजीकृत व्यापारी अंतरराज्यीय व्यापार नहीं कर सकता। कंपोजीशन स्कीम वाले डीलर से खरीद पर कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा का लाभ भी नहीं मिलेगा।