वाशिंगटन अमेरिकी कंपनी एप्पल की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को हुई। कंपनी की स्थापना स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनियाक और रोनाल्ड वेन ने की थी। शुरुआत में इनका मकसद पर्सनल कंप्यूटर बनाना था। स्थापना के अगले साल 1977 में कंपनी का नाम ‘ऐप्पल इंक’ रखा गया। वक्त तकनीक के साथ एप्पल की पहचान भी समय-समय पर बदली। एप्पल का पहला लोगो आइज़क न्यूटन की तस्वीर थी, जिसमें वो सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे। तस्वीर उस घटना को बयां कर रही थी जिसने न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण खोज के लिए प्रेरित किया। पहले लोगो को तीन सह-संस्थापकों में से एक रोनाल्ड वेन ने 1976 में ही तैयार किया था, लेकिन वे स्थापना के 2 हफ्ते बाद ही कंपनी से अलग हो गए थे। पर स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक ने एक साल तक वही लोगो रखा। फिर 1977 में इसे बदलने का फैसला लिया।कंपनी के लिए नया लोगो खोजते हुए कंप्यूटर वैज्ञानिक ‘एलन ट्यूरिंग’ का ख़्याल आया। ये लोगो उन्हीं को श्रद्धांजली देने के लिए बनाया गया। ‘एलन ट्यूरिंग’ की कहानी तब की है, जब यू.एस. में होमोसेक्सुएलिटी गुनाह था। एलन इसी के चलते दोषी ठहराए गए थे, उनका इलाज करने के मद्देनजर उन्हें केमिकल ट्रीटमेंट देना तय हुआ और सायनाइड इंजेक्टेड एप्पल खाने के लिए दिया गया, जिसे खाने से उनकी मौत हो गई और उनके शव के पास से चखा हुआ ज़हरीला सेब बरामद हुआ था, ये भी कहा जाता है कि सेब ऐसा फल है, जिसकी आकृति थोड़ी सी कटने के बाद भी पहचान नहीं बदलती, इसलिए कंपनी ने इसे अपना लोगो बनाया। 1977 में रॉब जेनिफ ने लोगो तैयार किया। जो स्टीव जॉब्स को चखा हुए सेब पहली ही नजर में भा गया था। जब कंपनी का लोगो बनना कटा सेब तय हुआ तो उसमें रेनबो रंग थे, जो 1977 से लेकर 1998 तक रहा। 1998 में एप्पल के रंग को सुनहरे कर दिया, जिसकी वजह मैक कम्प्यूटर और आईफोन की मेटल बॉडी बनाना थी।
अगले सप्ताह शेयर बाजार की चाल कंपनियों के सितंबर तिमाही नतीजे, आर्थिक आंकड़े, अमेरिकी फेड रिजर्व का ब्याज दरों पर किया जाने वाला फैसला, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के प्रति रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमते मिलकर तय करेंगी.अगले सप्ताह शेयर बाजार दिवाली के दिन बुधवार (7 नवंबर) को और दिवाली वाली प्रतिपदा के दिन गुरुवार (8 नवंबर) को बंद रहेंगे. हालांकि दिवाली के दिन बुधवार को बाजार शाम में मूहूर्त ट्रेडिंग के लिए 5.15 बजे से लेकर 6.30 बजे तक खुलेंगे.
अगले सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे, उनमें बोस, सिप्ला, गेल (इंडिया), पॉवर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया तथा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपनी जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजों की घोषणा सोमवार (5 नवंबर) को करेंगे. आर्थिक मोर्चे पर, निक्केई सर्विसेज पीएमआई का अक्टूबर का आंकड़ा सोमवार (5 नवंबर) को जारी किया जाएगा. निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई सितंबर में चार महीने के निम्नतम स्तर पर 50.9 पर आ गया था, जबकि इसके एक महीने पहले यह 51.5 पर रहा था. इस सूचकांक में 50 से कम का अंक मंदी का तथा 50 से ऊपर का अंक तेजी का संकेत है.
चालू विपणन वर्ष 2018 -19 में देश का चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष से कुछ अधिक 321 लाख टन रह सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने चीनी मिलों के संगठन इस्मा की पिछले कुछ विपणन वर्ष से गलत पूर्वानुमान जारी करने के लिए आलोचना भी की।इस्मा ने 29 अक्टूबर को चीनी उत्पादन पूर्वानुमान संशोधित कर 350 लाख टन से तीन प्रतिशत घटाकर 315 लाख टन कर दिया था। अधिकारी ने कहा, पिछले साल उन्होंने ( इस्मा ) पहले 270 लाख टन का अनुमान जताया और बाद में इसे 320 लाख टन कर दिया। अब इस साल उनका पहला अनुमान अधिक था जिसे बाद में कम कर दिया गया। इससे पता चलता है कि वे महज कयास लगा रहे हैं और किसी तर्क से काम नहीं ले रहे हैं।उसने कहा कि सरकार को कुल चीनी उत्पादन पिछले विपणन वर्ष की तुलना में कुछ अधिक रहने का अनुमान है। अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में गन्ना फसल को नुकसान की खबरें हैं लेकिन अन्य राज्यों में बुवाई अधिक होने से इसकी भरपाई हो जाएगी। उसने कहा कि यदि उत्पादन कुछ कम भी रहा तो चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि पिछले साल का भारी भंडार बाजार की जरूरतों के लिए उपलब्ध रहेगा।
मुंबई| रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) द्वारा प्रवर्तित ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज (जीएसएक्स) ने बुधवार को पैकेटफैब्रिक के साथ साझेदारी का ऐलान किया है, जिसके तहत कंपनी न्यूयॉर्क से लंदन तक एफए-1 नार्थ सबमरीन केबल सिस्टम के माध्यम से 100जी ट्रांस-अटलांटिक सेवा मुहैया कराएगी। जीसीएक्स का एफए-1 नार्थ सबमरीन केबल सिस्टम अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को जोड़ता है।
जीएसएक्स ने एक बयान में कहा कि इस सौदे से पैकेटफैब्रिक को यूरोप में अपनी विस्तार योजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है, “पैकेटफैब्रिक के साथ जुड़कर न्यूयॉर्क से लंदन तक एफए-1 नार्थ सबमरीन केबल सिस्टम के माध्यम से 100जी ट्रांस-अटलांटिक सेवा मुहैया कराएगी।”
बयान के मुताबिक, इस सौदे से जीसीएक्स को अमेरिका में अपनी उपस्थिति और नेटवर्क का विस्तार करने में मदद मिलेगी, जबकि पैकेटफैब्रिक का 18 बाजारों में 150 से ज्यादा पॉइंट ऑफ प्रजेंस (पीओपीज) है। जीसीएक्स यूरोप और अमेरिका के प्रबंध निदेशक स्टेफानो माज्जोतेल्ली ने कहा, “यह पारस्परिक लाभकारी साझेदारी जीसीएक्स के पदचिन्हों का उत्तरी अमेरिका में विस्तार करेगी।”
OnePlus ने हाल ही में 2018 के अपने दूसरे फ्लैगशिप स्मार्टफोन OnePlus 6T को लॉन्च किया था। OnePlus 6 की तरह नए वनप्लस 6टी स्मार्टफोन को मिरर ब्लैक और मिडनाइट ब्लैक रंग में उतारा गया है। लेकिन वनप्लस के पिटारे में कुछ और भी है। इंटरनेट पर लीक हुई जानकारियां तो यही इशारा करती हैं कि OnePlus 6T के थंडर पर्पल वेरिएंट पर काम चल रहा है और इसे महीने के आखिर तक पेश किया जाएगा, लेकिन सीमित संख्या में। याद रहे कि OnePlus 6 के सिल्वर व्हाइट और मार्वल एवेंजर्स लिमिटेड एडिशन वेरिएंट मार्केट में उतारे गए थे।
न्यू यॉर्क में OnePlus 6T के ग्लोबल लॉन्च के बारे में रेडिट पर पोस्ट किए गए थ्रेड में ऑरिजनल अपलोडर के स्क्रीनशॉट से वनप्लस 6टी के थंडर पर्पल वेरिएंट का खुलासा हुआ है। यह वनप्लस के सब्मिट ए टिकट पेज के ड्रॉप डाउन में मौज़ूद था। लिस्टिंग को बाद में हटा लिया गया। अब यह वनप्लस 6टी को सिर्फ मिरर ब्लैक और मिडनाइनट ब्लैक रंग में दिखाता है।
वहीं, ट्विटर पर एक जवाब में Alexander Spengler ने कथित अमेज़न जर्मनी की लिस्टिंग का स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें OnePlus 6T Thunder Purple वेरिएंट के प्री-ऑर्डर का ज़िक्र है। लिस्टिंग के मुताबिक, जर्मनी में इस कलर वेरिएंट की बिक्री 30 नवंबर 2018 से शुरू हो सकती है। इसे 8 जीबी रैम और 128 जीबी स्टोरेज के साथ लिस्ट किया गया है और इसकी कीमत 579 यूरो (करीब 48,300 रुपये) है। यही दाम बाकी दो कलर वेरिएंट का भी है।
फिलहाल, हमें थंडर पर्पल वाले वेरिएंट के लुक के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं पता है। संभव है कि लॉन्च नज़दीक आने पर स्थिति और साफ हो जाए। यह भी नहीं पता है कि इस वेरिएंट को भारत लाया जाएगा या नहीं, लेकिन कंपनी की पुरानी रणनीति तो इसके भारत में भी लाए जाने की उम्मीदों को जगाती है। सिर्फ 8 जीबी रैम और 256 जीबी स्टोरेज वेरिएंट में पेश किया गया OnePlus 6 Marvel Avengers Edition वेरिएंट मिडनाइट ब्लैक रंग वाले वर्ज़न से 1,000 रुपये महंगा था। हम वनप्लस 6टी के थंडर पर्पल वेरिएंट के साथ भी कुछ ऐसी ही बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं।
मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड की ओर से 30 सितंबर 2018 को समाप्त दूसरी तिमाही के अनऑडिटेड वित्तीय परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। यह वित्तीय परिणाम कंपनी के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता। इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में बैंक का शुद्ध मुनाफा 908.88 करोड़ रुपए रह गया है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में बैंक ने 2,058.19 करोड़ रुपए का भारी-भरकम शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था।नेट प्रॉफिट में कमी आने का असर बैंक की सकल आय पर भी हुआ है। इस तिमाही के दौरान बैंक की सकल आय 18,262.12 करोड़ रुपए रही है। पिछले साल की समान अवधि में बैंक को 18,763.29 करोड़ रुपए की नेट इनकम हुई थी। वित्तीय वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक को मुनाफे में 55.8 फीसदी की कमी आई है। यह घटकर 908.9 करोड़ रुपए हो गया है।बीएसई को सूचित करते हुए सीआई ने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक की ब्याज आय हालांकि 12.4 फीसदी बढ़ी है और यह 6,417.5 करोड़ रुपए हो गई है। पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक की ब्याज आय 5,709.1 करोड़ रुपए रही थी। इस तिमाही में बैंक ने 700 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व ब्याज आय के रूप में अर्जित किया है।बैंक ने बताया कि तिमाही आधार पर बैंक ने 30 जून 2018 को ब्याज आय के रूप में 14,722.36 करोड़ रुपए और सितंबर 2017 में 13,577.05 करोड़ रुपए प्राप्त किए थे। छमाही आधार पर बैंक ने इस छमाही में 29,827.98 करोड़ रुपए और 30 सितंबर 2017 की छमाही में 27,036.18 करोड़ रुपए की ब्याज आय अर्जित की थी। सालाना आधार पर बैंक ने 30 मार्च 2018 तक 54,965.89 करोड़ रुपए बतौर ब्याज आय के रूप में हासिल किया था।बैंक की ओर से बताया गया कि तिमाही दर तिमाही आधार पर जुलाई-सितंबर तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का ग्रॉस एनपीए पिछली तिमाही की तुलना में घटकर 8.54 फीसदी रह गई है। 30 मार्च 2018 को समाप्त वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के दौरान बैंक का ग्रॉस एनपीए 8.81 फीसदी रहा था। इसके अलावा तिमाही आधार पर जुलाई – सितंबर तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का नेट एनपीए भी पिछली तिमाही की 4.19 फीसदी की तुलना में घटकर 3.65 फीसदी रह गया है।