मुंबई ,16 नवंबर। कैब सेवा देने वाली कंपनी ऊबर इंडिया ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि उसकी ईंधन मूल्य से जुड़ी किराया व्यवस्था से उसके ड्राइवरों की सकल आय एक रुपये प्रति किलोमीटर बढ़ेगी। इससे ड्राइवरों को आठ घंटे तक ड्राइविंग के आधार पर मासिक 2,200 रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी।
एक दिन पहले कंपनी ने अपने ड्राइवर भागीदारों को आश्वस्त किया था कि ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी शुद्ध आमदनी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने कहा था कि राष्ट्रीय ईंधन मूल्य सूचकांक शुरू कर रही है।
इससे उनकी आमदनी का ईंधन कीमतों में बदलाव से जुड़ी होगी। कुछ दिन पहले ही ड्राइवरों ने 18 और 19 नवंबर को हड़ताल की चेतावनी दी थी। पिछले महीने ड्राइवरों ने 12 दिन की हड़ताल की थी।
मुंबई ,16 नवंबर। करोड़ों के घर तो दूर की बात, अब लाखों वाले घरों की भी बिक्री नहीं हो पा रही है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, एमएमआर रीजन (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) में 2013 के बाद लॉन्च हुए 54 प्रतिशत घर 80 लाख रुपये से कम के बजट वाले हैं। बावजूद इसके 2 लाख घर अभी भी ग्राहकों के इंतजार में हैं। 2013 की तुलना में सितंबर, 2018 तक स्टॉक के घरों में 56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के 7 बड़े शहरों में कुल स्टॉक में से एमएमआर रीजन का हिस्सा 56 प्रतिशत है। साफ जाहिर है कि मार्केट में नकदी के संकट और खरीदारों के भाव गिरने का इंतजार बिल्डरों की धडक़न बढ़ा रहा है।
खरीदार खिसक रहे मुंबई के बाहर
मुंबई में घरों के ऊंचे भाव के चलते खरीदार अब वेस्टर्न लाइन पर विरार-पालघर की ओर जबकि सेंट्रल लाइन पर कल्याण-बदलापुर-टिटवाला की ओर बढ़ रहे हैं। मध्यमवर्गीय परिवार मुंबई में घर खरीदने का सपना लगभग छोड़ चुके हैं। 2013 के बाद से इन इलाकों में 1.8 लाख नए घर लॉन्च किए जा चुके हैं। नए लॉन्च होने वाले तमाम प्रॉजेक्ट अब एमएमआर रीजन में ही आ रहे हैं। प्रस्तावित एयरपोर्ट और ट्रांस-हार्बर लिंक के चलते नवी मुंबई में नए लॉन्च में तेजी देखने को मिली है। नवी मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में भी इस दौरान बढ़ोतरी देखने को मिली है।
हालांकि, बिक्री के लिहाज से देखें तो 2013 के अंत तक सेंट्रल इलाकों में 20,600 घरों का स्टॉक बीते सितंबर में बढक़र 34,400 हो गया जबकि वेस्टर्न इलाकों में यह समान अवधि में 32 प्रतिशत घट गया।
लॉन्च कम करके तो हो भला
2015 के पहले तक बिल्डरों ने लगातार नए प्रॉजेक्ट शुरू कर मार्केट में स्टॉक बढ़ा दिया, लेकिन ग्राहकों की उदासीनता देख 2015 के बाद से लॉन्च में भारी गिरावट देखने को मिली। जिसके फलस्वरूप स्टॉक कुछ हद तक कम हो सका।
बिल्डर पस्त!
मुंबई में 3-5 करोड़ रुपये के घर बनाने वाले ज्यादातर बिल्डर केवल ग्राहकों के इंतजार में हैं। एक सूत्र ने बताया कि बिक्री कम होने की वजह से मोटी पगार पर रखे गए स्टाफ की छुट्टी कर कम पगार वालों को खोजा जा रहा है। बीएमसी के डिवेलपमेंट प्लान विभाग में पहले की तुलना में चहलकदमी भी कम हो गई है।
कोलकाता ,16 नवंबर । देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स के लिए टेलीकॉम टावर कंपनी भारती इंफ्राटेल संभावित बायर के तौर पर उभर सकती है। वोडाफोन आइडिया 25,000 करोड़ रुपये की इच्टिी फंडिंग भी जुटा रही है। इसके साथ ही फाइबर एसेट्स की बिक्री से मिलने वाली रकम से उसकी बैलेंस शीट मजबूत होगी और वह कैपिटल एक्सपेंडिचर कर रिलायंस जियो और भारती एयरटेल को टक्कर दे सकेगी।
मार्केट के जानकारों का कहना है कि इच्टिी फंडिंग में वोडाफोन आइडिया के प्रमोटर शेयरहोल्डर्स- ब्रिटेन का वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप- के 18,000 करोड़ रुपये से अधिक लगाने से यह संकेत मिल रहा है कि कंपनी लंबी अवधि तक दौड़ में बने रहना चाहती है और इससे प्राइस वॉर भी जारी रह सकती है।
ब्रोकरेज हाउस क्रेडिट सुइस और बीएनपी पारिबा ने कहा कि आने वाले समय में वोडाफोन आइडिया के फाइबर एसेट्स के लिए भारती इंफ्राटेल एक संभावित बायर के तौर पर सामने आ सकती है। भारती इंफ्राटेल देश की दूसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल की लिस्टेड टावर यूनिट है।
बीएनपी पारिबा ने बताया, यह भारती इंफ्राटेल के लिए अच्छा है क्योंकि वोडाफोन आइडिया के लॉन्ग-टर्म के लिए बिजनेस में रहने के इरादे से मार्केट के दो कंपनियों के बीच सिमट जाने का जोखिम कम होगा।
एनालिसिस मैसन के पार्टनर और हेड (इंडिया एंड मिडल ईस्ट) रोहन धमीजा ने वोडाफोन आइडिया के फाइबर नेटवर्क की वैल्यू लगभग 3,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान जताया। हालांकि, इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि यह वैल्यू इससे अधिक हो सकती है। वोडाफोन आइडिया के पास 1,56,000 किलोमीटर का फाइबर नेटवर्क है।
इस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि डेटा सर्विसेज की डिमांड बढऩे से भारती इंफ्राटेल के लिए वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल के फाइबर एसेट्स खरीदना फायदेमंद हो सकता है।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच के डायरेक्टर (कॉरपोरेट्स) नितिन सोनी ने कहा, फाइबराइज्ड टावर नेटवर्क से 4 जी डेटा नेटवर्क में अच्छी बढ़ोतरी होती है और देश के 5 जी नेटवर्क लॉन्च करने की तैयारी के साथ यह बहुत जरूरी है।
भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स अपने मर्जर को अगले वर्ष मार्च तक पूरा करने की उम्मीद कर रही हैं। इससे ऐसी संयुक्त टावर कंपनी बनेगी जिसका कंट्रोल एयरटेल और वोडाफोन के पास होगा और दोनों कंपनियों की इसके बोर्ड में समान हिस्सेदारी रहेगी।
एनालिस्ट्स ने कहा कि एयरटेल एक अलग फाइबर कंपनी में भी हिस्सेदारी बेचेगी और उससे मिलने वाले फंड का इस्तेमाल अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने में करेगी।
नई दिल्ली ,16 नवंबर । इंडोनेशिया की कंपनी डर्मोजोन भारतीय बाजार में जल्द ही एक ऐसी दवा लाने जा रही है, जो जख्मों को भरने में कारगर साबित होगी। कंपनी ने 18 साल के सतत अनुसंधान के बाद प्लस डालेथाइन नामक एक यौगिक (कंपाउंड) की खोज की है, जो जख्मों को भरने की औषधि के क्षेत्र में पथप्रदर्शक साबित होगा। डर्मोजोन के संस्थापक व अध्यक्षक कयापन सत्य दर्शन ने कहा, भारत में तीन साल तक बाजार का गहन अध्ययन व अनुसंधान करने के बाद हम प्लस डालेथाइन से बनी डर्मोजोन के उत्पाद लांच करने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, शुरुआत में अस्पतालों और चिकित्सकों द्वारा काफी प्रतिकियाएं मिल रही हैं, क्योंकि ये उत्पाद डायबेटिक फुट अल्सर, केक्यूबिटस अल्सर, गहरे घाव, जलन के जख्म और ऑपरेशन के बाद के घाव के इलाज में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मधुमेह से पीडि़त मरीजों के जख्मों को भरने समेत कई मामलों में उनके उत्पाद जीवन रक्षक साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि डेलिथाइन नैदानिक रूप से परीक्षण किया गया यौगिक है, जो जैतून के तेल में मौजूद प्रचुर वसा अम्ल से तैयार किया गया है और इसमें एंटी माइक्रोबियल, फंगसाइडल व एंटीवायरल गुण होते हैं।
नई दिल्ली ,16 नवंबर। खाद्य,आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा है कि केन्द्र जल्दी ही उद्योगों के लिए सोने के आभूषणों और गिन्नी पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाएगा। पासवान ने यहां भारतीय मानक ब्यूरो के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में सोने के आभूषणों पर हालमार्किंग का काम शुरू किया गया है लेकिन सरकार इसे उद्योगों के लिए सोने के आभूषणों पर अनिवार्य बनाना चाहती है।
पासवान ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती है लेकिन संस्थायें बनी रहती हैं। सरकार नियम-कानून बनाती हैं लेकिन उसे लागू करने का काम भारतीय मानक ब्यूरो जैसी संस्थान करती हैं। सरकारें बदलती रहती है लेकिन संस्थायें बनी रहती है और उसे अपना काम करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रही है और ऐसे में भारत को पुरानी तकनीकों को त्याग कर नयी प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए जिससे वह अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता एवं मानक के अनुरुप वस्तुओं को उपलब्ध करा सके।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के दौरान पुराने मानक ब्यूरो कानूनो में बदलाव के लिए अनेक निर्णय किये गये हैं ताकि उसे अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरुप बनाया जा सके। देश किसी चुनौती का सामना करने को तैयार है और वह इसका नेतृत्व भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि उद्योग प्रतियोगी मानक अपना सकते हैं लेकिन इस मानक को रेहड़ी पटरी वालों के लिए नहीं लागू किया जा सकता है। हालांकि उन्हें खानपान में स्वच्छता और गुणवत्ता का ध्यान रखना चाहिए।
देश में गरीबी को कम करने और विकास का फायदा गरीबों तक पहुंचाने के लिये उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करना जरूरी है। वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बचत एवं खुदरा बैंकों के 25वें विश्व सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि विकास की बाट जोह रहा कोई समाज जीवन की गुणवत्ता में सुधार और विकास का फल गरीबों तक पहुंचाने के लिए अनिश्चितकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकता है।
जल्द दिखेगा आर्थिक वृद्धि का प्रभाव
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए उच्च आर्थिक वृद्धि दर आवश्यक है। हम उच्च आर्थिक वृद्धि के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को गरीबी के गर्त से उबारना और उनका जीवन सुधारना चाहते हैं। लेकिन हम विकास और प्रगति का फायदा कुछ लोगों तक सीमित रह जाने और बाकी के उससे वंचित होने के जोखिम को लेकर भी सजग है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि का प्रभाव निश्चित रूप से दिखेगा लेकिन यह एक धीमी प्रक्रिया है और विकास की बाट जोह रहा समाज अनिश्चितकाल तक इसका इंतजार नहीं कर सकता है।
सरकार का उद्देश्य लोगों को बैंक से जोडऩा
जेतली ने नरेंद्र मोदी सरकार में चलाये गये वित्तीय समावेश अभियान पर बोलते हुये कहा कि हमारा उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं से नहीं जुड़े लोगों को बैंक से जोडऩा, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना और पूंजीहीन लोगों को वित्त पोषित करना और जिन क्षेत्रों में सेवाएं नहीं थी, वहां सेवाएं पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि भारत में अब भी अधिकांश लोगों के पास बीमा और पेंशन की सुरक्षा नहीं है। जन धन योजना खातों के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के तहत सस्ती प्रीमियम पर लोगों के लिये बीमा की पेशकश की गयी है। कुल 14.1 करोड़ लोगों का दुर्घटना बीमा किया गया है जबकि 5.5 करोड़ लोगों को जीवन बीमा दिया गया है।