सैन फ्रांसिस्को । माइक्रोसॉफ्ट ने 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही के दौरान 62 बिलियन डॉलर का राजस्व और 21.9 बिलियन डॉलर की शुद्ध आय दर्ज की। राजस्व में 18 प्रतिशत और शुद्ध आय में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई। माइक्रोसॉफ्ट ने 13 अक्टूबर, 2023 को गेमिंग कंपनी एक्टिविजन ब्लिजार्ड का अधिग्रहण पूरा किया था।
एक्सबॉक्स कंटेंट और सर्विस के राजस्व में 61 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक्टिविजन अधिग्रहण से 55 अंक के शुद्ध प्रभाव से प्रेरित है।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि एक्टिविजन ब्लिजर्ड अधिग्रहण से राजस्व में शुद्ध प्रभाव 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा था। माइक्रोसॉफ्ट ने इस महीने की शुरुआत में अपने गेमिंग डिवीजन में 1,900 कर्मचारियों को भी निकाल दिया, जो मुख्य रूप से एक्टिविजन ब्लिजर्ड कर्मचारियों को प्रभावित किया।
प्रोडक्टिविटी और बिजनेस प्रक्रियाओं में राजस्व 19.2 बिलियन डॉलर था और तिमाही के लिए 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
लिंक्डइन का राजस्व 9 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि, तिमाही के दौरान डिवाइस के राजस्व में 9 प्रतिशत की कमी आई।
माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने कहा, हम एआई को बड़े पैमाने पर लागू करने की ओर बढ़ गए हैं। हम टेक स्टैक की हर लेयर में एआई को शामिल कर नए कस्टमर्स बना रहे हैं और हर क्षेत्र में नए लाभ और प्रोडक्टिविटी बढ़ा रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के कार्यकारी उपाध्यक्ष और सीएफओ एमी हुड ने कहा, हमारी सेल्स टीम और पार्टनर्स के मजबूत एग्जीक्यूटिव से माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड का राजस्व 33.7 बिलियन डॉलर हो गया, जो साल-दर-साल 24 प्रतिशत अधिक है।
माइक्रोसॉफ्ट 365 कंज्यूमर सबस्क्राइबर्स अब 78.4 मिलियन तक पहुंच गए हैं, जो साल-दर-साल लगभग 16 प्रतिशत अधिक है।
नई दिल्ली । फरवरी के महीने का आगमन होने वाला है। देश में 1 फरवरी से 8 नियम बदलने जा रहे हैं। ये नियम सीधे आम आदमी की जेब पर असर डालेंगे। ऐसे में आपको इन नियमों के बारे में पहले से जानकारी होना जरूरी है। आप अपने जरूरी काम इसी महीने की अंतिम तारीख तक फटाफट जरूर निपटा लें। चलिए विस्तार से जानते हैं इस बारे मेंज्
फास्टैग केवाईसी-
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने कहा कि वह उन फास्टैग को बैन या ब्लैकलिस्ट कर देगा जिनके केवाईसी पूरा नहीं हुआ है। फास्टैग केवाईसी अपडेट करने की समय सीमा 31 जनवरी है।
नेशनल पेंशन सिस्टम के बदले नियम-
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत पेंशन निकासी के नियमों में 12 जनवरी को बदलाव किया था। जो कि एक फरवरी 2024 से लागू होंगे। नए नियम के तहत अकाउंट होल्डर अपने पेंशन खाते के कंट्रीब्यूशन का 25 % तक निकाल सकते हैं।
फंड ट्रांसफर का नियम-
अब आपको अगर किसी को पैसा तुरंत ट्रांसफर करना हो तो आप एक फरवरी से बिना बेनिफिशरी का नाम जोड़े सीधे बैंक अकाउंट में 5 लाख तक का पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं वो भी एक मिनट में, इसके लिए आपको बस बेनिफिशरी का फोन नंबर और अकाउंट नंबर एड करना होगा।
सीएनजी और पेट्रोल-डीजल के दाम-
हर महीने की पहली तारीख को पेट्रोल और डीजल के रेट अपडेट किए जाते हैं इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी नए रेट जारी होंगे। तो वहीं मई 2022 से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार पेट्रोल के रेट को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है।
एलपीजी के दाम-
हर महीने की पहली तारीख को रुक्कत्र के दाम भी अपडेट किए जाते हैं। नए साल के पहले दिन 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम हुए थे। कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1.50 रुपये से लेकर 4.50 रुपये तक सस्ता हुई थी। हालांकि घरेलू 14 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया था, उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी ये चेंज हो सकता है।
बल्क ईमेल- गूगल बल्क ईमेल भेजने के लिए प्रमाणीकरण के नियम में बदलाव करने जा रहा है, जो कि एक फरवरी से लागू हो जाएगा। इसके तहत अब 5000 मेल को एक साथ भेजना संभव नहीं होगा।
एसबीआई होम लोन- एसबीआई की तरफ से स्पेशल होम लोन कैंपेन चलाया जा रहा है, जिसके तहत बैंक के ग्राहक 65 बीपीएस तक के होम लोन पर छूट का लाभ उठा सकते हैं। प्रोसेसिंग फीस और होम लोन पर रियायत की आखिरी तारीख 31 जनवरी, 2024 है। यह डिस्काउंट सभी होम लोन के लिए मान्य है।
पंजाब और सिंध विशेष एफडी- पंजाब एंड सिंध बैंक के ग्राहक ‘धन लक्ष्मी 444 दिन’ एफडी की सुविधा का फायदा 31 जनवरी 2024 तक ले सकते हैं।
नई दिल्ली। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने घोषणा की है कि उनकी मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस कंपनी न्यूरालिंक ने अपना पहला मानव मस्तिष्क प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक कर लिया है, और यह अच्छी तरह से रिकवर हो रहा है। मस्क ने कहा कि कंपनी का पहला उत्पाद, जिसे टेलीपैथी कहा जाता है, केवल सोचने से फोन या कंप्यूटर पर नियंत्रण ला देगा। न्यूरालिंक को पिछले साल मानव परीक्षण के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की मंजूरी मिली थी और सितंबर में कहा गया था कि वह छह साल के शुरुआती परीक्षण के लिए अपने पहले परीक्षण विषयों की तलाश कर रहा था।
मस्क ने देर रात एक्स पर पोस्ट किया, पहले इंसान को कल न्यूरालिंक से इम्प्लांट मिला और वह ठीक हो रहा है। उन्होंने कहा, प्रारंभिक परिणाम आशाजनक न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाते हैं। मस्क ने बताया कि पहले न्यूरालिंक उत्पाद को टेलीपैथी कहा जाता है।अरबपति के अनुसार, यह आपके फोन या कंप्यूटर और उनके माध्यम से लगभग किसी भी डिवाइस को केवल सोचने मात्र से नियंत्रित करने में सक्षम होगा। मस्क ने कहा, शुरुआती उपयोगकर्ता वे होंगे, जिन्होंने अपने अंगों का उपयोग खो दिया है। कल्पना कीजिए कि स्टीफन हॉकिंग एक स्पीड टाइपिस्ट या नीलामीकर्ता की तुलना में तेजी से संवाद कर सकते हैं, यही लक्ष्य है।
यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को दी गई फाइलिंग के अनुसार, पिछले साल नवंबर में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी ने उद्यम पूंजी में अतिरिक्त 43 मिलियन डॉलर जुटाए थे। फाइलिंग से पता चला कि कंपनी ने पीटर थिएल के फाउंडर्स फंड के नेतृत्व में अपनी पिछली किश्त को अगस्त की शुरुआत में 280 मिलियन डॉलर से 323 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया था। फाइलिंग के अनुसार, बत्तीस निवेशकों ने इस दौर में भाग लिया। न्यूरालिंक, जिसे 2016 में स्थापित किया गया था, ने एक सिलाई मशीन जैसा उपकरण विकसित किया है, जो मस्तिष्क के अंदर अति पतले धागे को प्रत्यारोपित करने में सक्षम है।
धागे इलेक्ट्रोड के साथ एक कस्टम-डिज़ाइन किए गए चिप से जुड़ते हैं, जो न्यूरॉन्स के समूहों से डेटा पढ़ सकते हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा, प्राइम अध्ययन (सटीक रोबोटिक रूप से प्रत्यारोपित मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस का संक्षिप्त रूप) का उद्देश्य हमारे प्रत्यारोपण (एन1) और सर्जिकल रोबोट (आर1) की सुरक्षा का मूल्यांकन करना और पक्षाघात से पीडि़त लोगों को अपने विचारों से बाहरी उपकरणों को नियंत्रित करने में सक्षम करने के लिए हमारे वायरलेस मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफ़ेस की प्रारंभिक कार्यक्षमता का आकलन करना है।
नई दिल्ली। स्पाइसजेट ने 744 करोड़ रुपये के अलावा, इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के जरिए 160 करोड़ रुपए भी सुरक्षित किए हैं, जिसके पास अब 900 करोड़ रुपये का पर्याप्त बैंक बैलेंस है। एयरलाइन सूत्र ने बताया। पिछले हफ्ते, स्पाइसजेट ने पहली किश्त में कुल 744 करोड़ रुपये के शेयर और वारंट आवंटित किए थे। यह फैसला कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा 25 जनवरी को लिया गया, जो स्पाइसजेट की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सूत्र ने आगे कहा कि एयरलाइन के सीएमडी अजय सिंह व्यक्तिगत रूप से सभी प्रमुख खर्चों की निगरानी करेंगे। सूत्रों ने कहा, प्रत्येक रुपये की सावधानीपूर्वक जांच की जाएगी, मंजूरी के बिना किसी भी व्यय की अनुमति नहीं होगी। सिंह ने स्पष्ट किया कि खराब प्रदर्शन करने वालों को स्पाइसजेट में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। एक एयरलाइन अधिकारी ने कहा कि फंड इन्फ्यूजन के साथ, कंपनी फ्लीट अपग्रेड, टाइम परफॉर्मेंस को बढ़ाने और कस्टमर्स को प्राथमिकता देगी।
इसके अलावा, संचालन को सुव्यवस्थित करने और दक्षता बढ़ाने के लिए लागत में कटौती के उपायों की एक श्रृंखला लागू की जाएगी। कंपनी को उम्मीद है कि फाइनेंसिंग के लिए वह पर्याप्त पूंजी जुटाएगी। स्पाइसजेट को शेष सब्सक्राइबर्स से इक्विटी/वारंट जुटाने की एक और किश्त पूरी करनी है और उन्होंने मौजूदा तरजीही मुद्दे के तहत प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अतिरिक्त समय का अनुरोध किया है, जैसा कि 10 जनवरी, 2024 को कंपनी के शेयरधारकों द्वारा अनुमोदित किया गया था।
नईदिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर की कीमत सोमवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई जिससे देश की सबसे बड़ी कंपनियों में एक का मार्केट कैप 19 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया।
तीस शेयरों वाले बीएसई सेंसेक्स पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का शेयर 4.19 प्रतिशत का जोरदार उछाल लेकर 2,824 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई पर कंपनी का शेयर 4.35 फीसदी की बंपर तेजी के साथ 2,824 रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया।
निफ्टी-50 इंडेक्स पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर शीर्ष टॉप परफॉर्मर बना हुआ है। निफ्टी-50 में देखी जा रही वृद्धि में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने लगभग 89 अंकों का योगदान दिया। निफ्टी-50 इंडेक्स 303.70 अंक या 1.42 प्रतिशत बढक़र 21,656.30 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज 19 लाख करोड़ रुपये के मार्किट कैप को पार करने के साथ भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी बन गई है।
पिछले एक महीने में रिलायंस के शेयरों में लगभग 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि तीन महीनों में आरआईएल के शेयर में 24 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। रिलायंस के शेयरों पर तीन साल का रिटर्न 53 फीसदी से ज्यादा है।
तेल से दूरसंचार तक के कारोबारों से जुड़ी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का नेट प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 9.3 फीसदी बढ़ गया। कंपनी के ऊर्जा कारोबार में जो नरमी आई, उसकी भरपाई रिटेल और दूरसंचार कारोबार की तेज रफ्तार वृद्धि ने कर दी।
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में आरआईएल का शुद्ध मुनाफा पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर के मुकाबले 9.3 फीसदी बढक़र 17,265 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कंपनी की आय 3.9 फीसदी बढक़र 2.25 लाख करोड़ रुपये रही।
आरआईएल ने कहा कि उपभोक्ता कारोबार में निरंतर इजाफे से उसकी आय बढ़ी है। रिलांयस की रिटेल इकाई की आय चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 74,373 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि से 23.8 फीसदी अधिक है।
नईदिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के फायदों की जानकारी देने के लिए ‘निर्यात संवर्द्धन समिति’ बनाने की योजना बना रहा है। इस पैनल या दल में उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल होंगे। इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक सरकार मुक्त व्यापार समझौतों का निर्यातकों को ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए रणनीति बना रही है।
निर्यातकों को कुछ एफटीए के कारण चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार निर्यातकों की मदद करने के लिए ‘डिजिटल ढांचा’ तैयार करने पर भी विचार कर रही है।
इस मामले के जानकार व्यक्ति ने बताया कि इससे निर्यातकों को मदद मिलेगी और वे एफटीए में उपलब्ध संभावनाओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाएंगे। भारत ने विदेशी नीति को बेहतर बनाने के लिए अपने शीर्ष कारोबारी साझेदारों के साथ कई एफटीए पर बातचीत की है। इसके मद्देनजर यह घटनाक्रम हुआ है।
अभी तक भारत ने अपने कारोबारी साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से तीन व्यापार समझौते 2021 के बाद मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए हैं। अभी भारत ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन (ईयू), ओमान, पेरू और यूरोपियन मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) देशों के साथ समझौता करने के लिए बातचीत कर रहा है।
एक दर्जन से ज्यादा समझौता करने के बावजूद भारत के निर्यातक इनका कम ही फायदा उठा पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि इनमें से कई समझौते 10-15 वर्ष पुराने हैं। इन समझौतों में जापान, दक्षिण कोरिया, आसियान सहित कई एफटीए साझेदार देशों को भारत को होने वाले आयात की तुलना में निर्यात कम होता है।
निर्यात की तुलना में आयात अधिक होने के अलावा भी कारोबारी घाटा अधिक होने के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण यह भी है कि निर्यातक एफटीए के तहत उपलब्ध रियायती शुल्क का भी इस्तेमाल नहीं कर पाए।
निर्यातकों को उद्गम के प्रमाणपत्र के लिए जटिल मानवीय प्रक्रिया और उससे संबंधित प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसी तरह उद्योग में एफटीए, गैर शुल्कीय बाधाओं और चुनिंदा मानदंडों के पालन को लेकर कम जागरूकता है। लिहाजा ऐेसे में एफटीए का फायदा उठाने के लिए नई रणनीति की जरूरत है।
इस क्रम में नया डिजिटल मंच शुरू किया जाएगा। इस डिजिटल मंच से भारत के निर्यातकों और उद्यमियों को मार्केट की पहुंच के विभिन्न विनियामकों, क्षेत्रों, निर्यात रुझानों और एफटीए के अंतर्गत कारोबारी सुगमता के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
इस मामले के एक जानकार व्यक्ति ने बताया, ‘सरकार एफटीए के बारे में सूचनाओं को उचित ढंग से साझा करना चाहती है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों के बारे में लोगों की राय जानने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा।’