मुंबई। मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (एमओपीडब्ल्यू) की शनिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक गति में सुधार होने की उम्मीद है, जो चुनावों के बाद सरकारी पूंजीगत व्यय में उछाल, ग्रामीण खपत में सुधार और त्योहारी सीजन की मांग जैसे कारकों की वजह से संभव हो पाया है।
अल्फा स्ट्रैटेजिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास स्थिर बना हुआ है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढऩे वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है, जिसमें उम्मीद से कम अस्थिरता और स्थिर विकास है।
बेंचमार्क इंडेक्स में 10-12 प्रतिशत के सुधारात्मक चरण के बाद इक्विटी बाजार अब कंसोलिडेशन फेज में हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि हालिया बाजार सुधार के साथ, लार्ज-कैप वैल्यूएशन अट्रैक्टिव बने हुए हैं। निवेशक हाइब्रिड, लार्ज और फ्लेक्सी-कैप फंडों के लिए एकमुश्त स्ट्रैटेजी अपना सकते हैं, जबकि चुनिंदा मिड- और स्मॉल-कैप रणनीतियों के लिए तीन महीने में चरणबद्ध दृष्टिकोण अपना सकते हैं।
38 कारोबारी सत्रों के बाद एफआईआई ने 9,947 करोड़ रुपये का निवेश कर शुद्ध खरीदार का रुख अपनाया।
रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में बनी हुई है और धीरे-धीरे विकास के पटरी पर लौटने के संकेत दिख रहे हैं। इसलिए, हम दीर्घावधि के नजरिए से इक्विटी बाजारों पर सकारात्मक बने हुए हैं।
इसने निवेशकों को संतुलित और लचीली रणनीति अपनाकर सावधानी से आगे बढऩे की सलाह दी।
रिपोर्ट के अनुसार, हाल के सुधारों को ध्यान में रखते हुए, यदि इक्विटी अलोकेशन वांछित स्तरों से कम है, तो निवेशक हाइब्रिड, लार्ज और फ्लेक्सीकैप रणनीतियों के लिए एकमुश्त निवेश स्ट्रैटेजी लागू कर सकते हैं और सार्थक सुधार की स्थिति में तुरंत डेप्लॉयमेंट के साथ चुनिंदा मिड और स्मॉल-कैप रणनीतियों के लिए 3 से 6 महीने की अवधि लागू करके आवंटन बढ़ा सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, विकसित ब्याज दर परिदृश्य के साथ, निश्चित आय पोर्टफोलियो को उपार्जन रणनीतियों पर अधिक ध्यान देना चाहिए तथा अवधि रणनीतियों पर तटस्थ होना चाहिए।
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मुंबई। कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. सुबह 11 बजे के करीब बीएसई पर सेंसेक्स 1ज17 अंकों की गिरावट के साथ 80,272.64 पर कारोबार कर रहा है. वहीं, एनएसई पर निफ्टी 1.34 फीसदी की गिरावट के साथ 24,219.70 पर कारोबार कर रहा है.
कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शेयर बाजार लाल निशान पर खुला. बीएसई पर सेंसेक्स 122 अंकों की गिरावट के साथ 81,167.72 पर ओपन हुआ. वहीं, एनएसई पर निफ्टी 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 24,498.35 पर खुला. लगभग 1177 शेयरों में बढ़त हुई, 1169 शेयरों में गिरावट आई और 133 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
बाजार खुलने के साथ ही निफ्टी पर बीपीसीएल, पावर ग्रिड कॉर्प, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, अडानी एंटरप्राइजेज, एलएंडटी के शेयर बढ़ोतरी के साथ कारोबार कर रहे, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, इंफोसिस, हिंडाल्को और ब्रिटानिया के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे.
कारोबारी सप्ताह के चौथे दिन शेयर बाजार रेड जोन में बंद हुआ. बीएसई पर सेंसेक्स 236 अंकों की गिरावट के साथ 81,289.96 पर क्लोज हुआ. वहीं, एनएसई पर निफ्टी 0.34 फीसदी की गिरावट के साथ 24,558.30 पर बंद हुआ.
कारोबार के दौरान निफ्टी पर अडाणी एंटरप्राइजेज, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल, अडाणी पोर्ट्स के शेयर टॉप गेनर के लिस्ट में शामिल रहे. जबकि एनटीपीसी, हीरो मोटोकॉर्प, एचयूएल, कोल इंडिया और टाटा कंज्यूमर के शेयर टॉप लूजर के लिस्ट में शामिल रहे.
आईटी को छोडक़र बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार किए. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई.
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक धमकी भरा ईमेल मिला. रूसी भाषा में लिखे इस ईमेल में केंद्रीय बैंक को उड़ाने की योजना की चेतावनी दी गई है.
मुंबई पुलिस के जोन 1 डीसीपी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर एक धमकी भरा ईमेल आया है. ईमेल रूसी भाषा में था, जिसमें बैंक को उड़ाने की चेतावनी दी गई थी. माता रमाबाई मार्ग (एमआरए मार्ग) पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच जारी है.
16 नवंबर को आरबीआई के कस्टमर केयर नंबर पर बम की धमकी मिली थी, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को “लश्कर-ए-तैयबा का सीईओ” बताया था. कॉल के दौरान, कथित तौर पर आरोपी ने धमकी देने से पहले फोन पर एक गाना भी गाया था. लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी समूह ने 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था, जो भारत में सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक था.
मुंबई पुलिस ने इन लगातार धमकियों के मद्देनजर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है और सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. किसी भी संभावित खतरे को कम करने के लिए आरबीआई कार्यालयों और आसपास के इलाकों में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं.
नईदिल्ली। भारत ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है, क्योंकि सदी की शुरुआत से पहली बार देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 1 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 84,800 अरब रुपये) तक पहुंच गया है।उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2024 तक एफडीआई की संचयी राशि 1,033.40 अरब डॉलर (लगभग 87,650 अरब रुपये) रही है।यह दर्शाता है कि भारत विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बना हुआ है।
यह उपलब्धि भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति को भी दर्शाती है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2024 में 3.89 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है, जो 2014 में 2 लाख करोड़ डॉलर था। एफडीआई के इस प्रवाह ने भारत को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित किया है। यह निवेश भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है और भविष्य में और अधिक निवेश आकर्षित करने की संभावना को मजबूत करता है।
भारत में सबसे अधिक एफडीआई मॉरीशस से आया है, जो सभी एफडीआई का 25 प्रतिशत हिस्सा है। इसके बाद सिंगापुर 24 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है। अमेरिका 10 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।अन्य महत्वपूर्ण निवेशक देशों में नीदरलैंड (7 प्रतिशत), जापान (6 प्रतिशत), यूनाइटेड किंगडम (5 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (3 प्रतिशत) और केमैन आइलैंड, जर्मनी और साइप्रस (2-2 प्रतिशत) शामिल हैं।
भारत में सबसे अधिक निवेश कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, निर्माण, बुनियादी ढांचा, ऑटोमोबाइल, रसायन और फार्मास्यूटिकल्स जैसे सेवा और संबद्ध क्षेत्रों में हुआ है।1,033 अरब डॉलर में से 667.4 अरब डॉलर 2014 से 2024 के बीच आए, जो पिछले दशक की तुलना में 119 प्रतिशत अधिक है।भारत ने अपनी नीतियों को और आकर्षक बनाया, जिससे एफडीआई प्रवाह में वृद्धि हुई। मेक इन इंडिया पहल के तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 69 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है।
भारत में अधिकांश क्षेत्रों में ऑटोमैटिक मार्ग से एफडीआई की अनुमति है।हालांकि, दूरसंचार, मीडिया, फार्मास्यूटिकल्स और बीमा जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों को सरकारी मंजूरी चाहिए। ऑटोमैटिक मार्ग के तहत, निवेश के बाद भारतीय रिजर्व बैंक को सूचित करना होता है।कुछ क्षेत्रों में एफडीआई प्रतिबंधित है, जैसे लॉटरी, जुआ, सट्टेबाजी, चिट फंड, रियल एस्टेट व्यवसाय और तंबाकू उत्पादों का निर्माण। इन क्षेत्रों में निवेश के लिए अनुमति नहीं है।
नईदिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है।टेस्ला और स्पेस- एक्स जैसी कंपनियों के मालिक मस्क 40,000 करोड़ डॉलर (करीब 33.94 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति (नेटवर्थ) तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं।ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, उनकी संपत्ति 44,700 करोड़ डॉलर हो गई है। यह दुनिया के दूसरे सबसे अमीर अमेजन के प्रमुख जेफ बेजोस की संपित्त से करीब 20,000 करोड़ डॉलर ज्यादा है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक ही दिन में एलन मस्क की संपित्त में 6,280 करोड़ डॉलर का इजाफा देखने को मिला है, जिसके बाद उनकी संपत्ति 40,000 करोड़ डॉलर को पार करते हुए 44,700 करोड़ डॉलर हो गई है।यह उछाल स्पेस- एक्स के शेयर में बिकवाली चलते आया है। इस बिकवाली के बाद एलन मस्क की संपत्ति में 5,000 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है।साल 2024 में ही उनकी संपत्ति में 21,800 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी आई है।
अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही एलन मस्क की संपत्ति में लगातार उछाल देखा जा रहा है। उनकी संपत्ति में 183 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है।दूसरी ओर टेस्ला के शेयरों में 4 दिसंबर के बाद से 72 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है।इसके अलावा शेयर बिक्री से स्पेस- एक्स का कुल मूल्यांकन लगभग 35,000 डॉलर हो गया।
नई दिल्ली। संसद को दी गई जानकारी के अनुसार, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में एमएसएमई और गैर-एमएसएमई द्वारा 3,998 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश (प्रतिबद्ध निवेश 4,014 करोड़ रुपये) हुआ है।
संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स के लिए पीएलआई योजना के तहत 31 अक्टूबर तक कुल 42 लाभार्थियों को मंजूरी दी गई है।
टेलीकॉम प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 2021 में टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स के लिए पीएलआई को 12,195 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ अधिसूचित किया।
जून, 2022 में योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया, जिसमें देश में डिजाइन, विकसित और निर्मित उत्पादों के लिए 1 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन की पेशकश की गई।
इससे पहले, सरकार ने बताया कि टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स के लिए पीएलआई योजना के तहत निर्यात 30 सितंबर तक 12,384 करोड़ रुपये पहुंच गया।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, सितंबर तक आवेदक कंपनियों ने कुल 65,320 करोड़ रुपये की बिक्री की थी।
योजना की मुख्य विशेषताओं में 33 टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, 4 से 7 प्रतिशत तक के प्रोत्साहन, पहले 3 वर्षों के लिए एमएसएमई के लिए अतिरिक्त 1 प्रतिशत प्रोत्साहन और ‘भारत में डिजाइन’ उत्पादों के लिए अतिरिक्त 1 प्रतिशत प्रोत्साहन शामिल हैं।
इस बीच, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए पीएलआई योजना 2020 में अधिसूचित की गई थी।
स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देकर, पीएलआई योजना ने आयातित टेलीकॉम सामानों पर देश की निर्भरता को काफी हद तक कम कर दिया है। सरकार के अनुसार, भारतीय निर्माता वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, प्रतिस्पर्धी कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद पेश कर रहे हैं।