नईदिल्ली,23 अक्टूबर । जेएसडब्ल्यू स्टील का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 21.51 प्रतिशत बढक़र 2,536 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शेयर बाजार को भेजी नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 2,087 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था। शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार समीक्षावधि में कंपनी की कुल आय घटकर 17,728 करोड़ रुपये रही जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की आय कहीं अधिक 21,608 करोड़ रुपये रही थी। हालांकि, कंपनी का कुल व्यय इस दौरान एक साल पहले के 18,583 करोड़ रुपये से कम होकर 17,025 करोड़ रुपये रहा।
नईदिल्ली,23 अक्टूबर । मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड के मामले में लगातार 21 महीने से बादशाहत बरकरार है। भारतीय दूरसंचार नियामक संस्था (ट्राई) के सितंबर के लिए इस संबंध में प्रकाशित आंकड़ों में दूरसंचार क्षेत्र की अन्य प्रमुख कंपनियां बहुत पीछे हैं। जियो की सितंबर में औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड 21 एमबीपीएस रही। ट्राई के नवीनतम आंकड़ों में सितम्बर के दौरान भारतीय एयरटेल के प्रदर्शन में मामूली सुधार रहा। एयरटेल की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड अगसत के 8.2 एमबीपीएस की तुलना में मामूली सुधार के साथ सितंबर में 8.3 एमबीपीएस रही। अगस्त में कंपनी की स्पीड जुलाई के 8.8 एमबीपीएस से घटकर 8.2 एमबीपीएस रह गई थी। रिलायंस जियो की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड की तुलना में एयरटेल की करीब ढाई गुना कम है। वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर ने कारोबार का विलय कर लिया है और अब यह वोडफोन आइडिया के रुप में काम कर रही हैं। ट्राई दोनों के आंकड़े अलग-अलग दर्शाती है।
वोडाफोन नेटवर्क की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड सितंबर में अगस्त के 7.7 एमबीपीएस से घटकर 6.9 एमबीपीएस ही रह गई। आइडिया की स्पीड में सितंबर में मामूली सुधार दर्ज किया अब कंपनी की 4 जी डाउनलोड स्पीड 6.4 एमबीपीएस रह गई। औसत 4 जी अपलोड स्पीड के मामले में आइडिया एक बार फिर 5.4 एमबीपीएस के साथ अग्रणी है। वोडाफोन और एयरटेल की सितंबर में औसत अपलोड स्पीड सितंबर माह में क्रमश: 5.2 और 3.1 एमबीपीएस रही। सितंबर में वोडाफोन की 4 जी अपलोड स्पीड कम हुई जबकि एयरटेल की स्थिर थी। इस मामले में रिलायंस जियो की स्पीड 4.2 एमबीपीएस रही। ट्राई औसत गति की गणना माईस्पीड एप्लिकेशन की सहायता से एकत्र रियल टाइम आंकडों के आधार पर करती है।
नईदिल्ली,22 अक्टूबर । मोटरसाइकिल बनाने वाली इतालवी कंपनी बेनेली ने मंगलवार को अपनी इंपीरियल-400 को भारतीय बाजार में पेश किया। इसकी शोरूम में कीमत 1.69 लाख रुपये है। बेनेली ने एक बयान में जानकारी दी कि इसमें भारत चरण-4 उत्सर्जन मानक वाला 347 सीसी का इंजन लगा है। कंपनी के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक विकास झाबक ने कहा कि वह इस श्रेणी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। इंपीरियल-400 भारतीय बाजार में पेश करने के साथ कंपनी बाजार में एक अहम हिस्सेदारी हासिल करने को लेकर काफी आश्वस्त है। इसके लिए कंपनी इसे कई डीलरों के यहां भी पेश करेगी। बयान के अनुसार कोई भी ग्राहक 4,000 रुपये का भुगतान कर इसकी बुकिंग करा सकता है।
नयी दिल्ली,22 अक्टूबर । बैंक कर्मचारियों के दो संगठनों के देशव्यापी हड़ताल बुलाने से मंगलवार को देश के कुछ हिस्सों में बैंकिंग सेवाएं प्रभावित चल रही हैं। हड़ताल की वजह से बैंक काउंटर पर नकदी के जमा और निकासी के साथ-साथ चेक भुगतान की सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। देश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की शाखाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। इसकी वजह इन शाखाओं के अधिकारियों का हड़ताल का हिस्सा नहीं होना है। ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयीज एसोसिएशन (एआईबीईए) और बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) के इस हड़ताल बुलाने के बारे में भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही जानकारी दे दी थी। संगठनों ने यह हड़ताल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करने और जमा दर में कमी आने के खिलाफ बुलायी है। एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने कहा कि देश को बैंकों के विलय की बिलकुल जरूरत नहीं है क्योंकि हमें और बैंकिंग सेवाओं की जरूरत है तथा लोगों को सेवाएं देने के लिए और शाखाएं खोलनी हैं। उन्होंने कहा कि विलय के परिणामस्वरूप कई शाखाएं बंद हो जाएंगी, इसलिए यह एक गलत नीति है। भारी मात्रा में फंसे कर्ज की वसूली बैंकों की प्राथमिकता होनी चाहिए और विलय उनकी इस प्राथमिकता को बदल देगा।
नईदिल्ली,22 अक्टूबर । पेट्रोल और डीजल के दाम में मंगलवार को फिर कटौती की गई है। तेल विपणन कंपनियों ने देश के चार प्रमुख महानगरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में पांच पैसे जबकि डीजल के दाम में छह पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में विगत चार दिनों से नरमी बनी हुई है। इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 73.22 रुपये, 75.87 रुपये, 78.83 रुपये और 76.04 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 66.11 रुपये, 68.47 रुपये, 69.29 रुपये और 69.83 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
पेट्रोल के दाम में बीते छह दिनों तक स्थिरता बनी रही। वहीं, डीजल के दाम में एक दिन बाद फिर कटौती की गई है।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के दिसंबर अनुबंध में मंगलवार को 0.08 फीसदी की कमजोरी के साथ 58.91 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दिसंबर डिलीवरी अनुबंध में 0.06 फीसदी की नरमी के साथ 53.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार रहा था।
नईदिल्ली,21 अक्टूबर। नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर है। ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पेंशन से जुड़े एक बड़े नियम में बदलाव की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेंशन के लिए उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल किया जा सकता है। अगर आसान शब्दों में समझें तो मौजूदा समय में अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन पाने के हकदार बन जाते हैं और 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के तौर पर पैसा मिलने लगता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ अब उम्र की सीमा को 58 साल से बढ़ाकर 60 साल कर सकता है। अगले महीने ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ट्रस्ट की बैठक में इस पर विचार हो सकता है। इस फैसले से पेंशन फंड को 30 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी। साथ ही नौकरीपेशा लोगों की रिटायरमेंट उम्र भी 2 साल बढ़ सकती है। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट अप्रूवल के लिए लेबर मिनिस्ट्री को भेजा जाएगा। खबर के मुताबिक, ईपीएफ एक्ट 1952 में बदलाव की तैयारी है। इसे बदलने के पीछे बड़ा कारण दुनियाभर में तय की गई उम्र को बताया जा रहा है। दुनिया के ज्यादातर पेंशन फंड में पेंशन की उम्र 65 साल तय की गई है, इसीलिए इसे बदलने की तैयारी है।
आपको बता दें कि नौकरीपेशा लोगों की सैलरी से कटने वाली रकम दो खातों में जाती है। पहला प्रोविडेंट फंड यानी ईपीएफ और दूसरा पेंशन फंड यानी ईपीएफ होता है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा ईपीएफ में जमा हो जाता है। इसके अलावा कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी ईपीएफ में और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में जमा होता है। ईपीएफ के लिए सैलरी की अधिकतम सीमा अभी 15,000 रुपये प्रति माह है। इसलिए ईपीएस में अधिकतम योगदान 1250 रुपये प्रतिमाह है।