व्यापार

 विज्ञापन पारदर्शिता के लिए किया बदलाव
Posted Date : 08-Feb-2019 11:55:33 am

विज्ञापन पारदर्शिता के लिए किया बदलाव

0-आम चुनावों से पहले फेसबुक का बड़ा कदम
नई दिल्ली ,08 फरवरी । भारत में आगामी आम चुनावों से पहले फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापनों में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से कंपनी ने गुरुवार को टूल लांच किया जो इसके यूजर को विशेष राजनीतिक विज्ञापन डालने वाले व्यक्ति और इस पर खर्च की गई रकम की जानकारी उपलब्ध कराएगा। फेसबुक ने कहा कि गुरुवार को शुरू हुए इस टूल से राजनीतिक विज्ञापनों को पब्लिश्ड बाई और पेड फॉर बाई जैसे डिस्क्लेमर्स के साथ देख सकेंगे।
डिस्क्लेमर के लिए अधिकृत विज्ञापन दाता विज्ञापन के लिए अपना नाम, उनके द्वारा संचालित पेज या अन्य संस्था का नाम बता सकते हैं। अगर वे किसी अन्य संस्था का नाम लेते हैं तो फेसबुक उससे फोन नंबर, ईमेल और वेबसाइट या भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिए गए मीडिया प्रमाणीकरण और निगरानी समिति प्रमाण पत्र जैसी अतिरिक्त जानकारी मांग सकता है।
फेसबुक के भारत में पब्लिक पॉलिसी के निदेशक शिवनाथ ठुकराल ने कहा, यह संगठन की प्रमाणिकता जांचने के लिए किया गया है। फेसबुक ने पहले इस योजना की घोषणा पिछले साल दिसंबर में की थी जब विज्ञापनदाता राजनीतिक विज्ञापन चलाने के लिए अपनी पहचान और लोकेशन की पुष्टि मोबाइल पर करने में सक्षम थे। फेसबुक ने कहा कि जहां ये प्रक्रियाएं विज्ञापनदाताओं के लिए अभी भी स्वैच्छिक हैं, नए फीचर्स 21 फरवरी से लागू होंगे।
जब कोई व्यक्ति डिस्क्लेमर पर क्लिक करता है तो वे सर्च की जाने वाली विज्ञापन लाइब्रेरी में पहुंच जाते हैं जहां वे विज्ञापन निर्माण, शुरुआत और समाप्ति तारीख और प्रदर्शन डाटा जिसमें इंप्रेशंस, स्पेंड की रेंज तथा विज्ञापन देखने वालों की जानकारी देख सकते हैं। फेसबुक ने कहा कि डिस्क्लेमर क्रेडेंशियल्स में भी विज्ञापन लाइब्रेरी दिखेगी।

छह पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल के भाव स्थिर
Posted Date : 08-Feb-2019 11:54:32 am

छह पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल के भाव स्थिर

नई दिल्ली ,08 फरवरी । पेट्रोल के दाम में दो दिनों की स्थिरता के बाद शुक्रवार को फिर छह पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है जबकि डीजल के भाव स्थिर रहे। तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को डीजल के दाम बढ़ा दिए थे। उधर, वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण कच्चे तेल के दाम में फिर नरमी का रुख बना हुआ है। 
इंडियन ऑयल की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में शुक्रवार को पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 70.38 रुपये, 72.49 रुपये, 76.02 रुपये और 73.05 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। चारों महानगरों में डीजल के भाव क्रमश: 65.56 रुपये, 67.34 रुपये, 68.65 रुपये और 69.25 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहे। डीजल के दाम में गुरुवार को दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पांच पैसे और चेन्नई में छह पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई थी।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंट क्रूड के अप्रैल डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 0.67 फीसदी की कमजोरी के साथ 61.22 डॉलर बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, न्ययॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के मार्च सौदे में 0.80 फीसदी की गिरावट के साथ 52.22 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

कच्चे तेल में नरमी से रुपये को मिला सपोर्ट
Posted Date : 08-Feb-2019 11:53:54 am

कच्चे तेल में नरमी से रुपये को मिला सपोर्ट

नई दिल्ली ,08 फरवरी । अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में नरमी आने से डॉलर के मुकाबले रुपये में शुक्रवार को भी मजबूती बनी रही। डॉलर के मुकाबले रुपया 71.36 पर बना हुआ था। इससे पहले सत्र की शुरुआत में पिछले सत्र से सात पैसे की बढ़त के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 71.38 पर खुला। 
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट को 0.25 आधार अंक घटा कर 6.25 फीसदी किए जाने के फैसले के बाद गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे की मजबूती के साथ 71.45 पर बंद हुआ था।
उधर, दुनिया की अर्थव्यवस्था में सुस्ती छाने की आशंकाओं से सुरक्षित निवेश के उपकरण के रूप डॉलर की मांग बढऩे से डॉलर इंडेक्स तकरीबन दो सप्ताह की उंचाई पर आ गया है। पिछले सत्र के मुकाबले 0.07 फीसदी की तेजी के साथ डॉलर इंडेक्स 96.36 पर बना हुआ था। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने के संबंध में बातचीत को लेकर असमंजस से भी डॉलर को सपोर्ट मिला है। 

19 करोड़ पैन कार्ड हो सकते हैं कैंसिल
Posted Date : 08-Feb-2019 11:52:59 am

19 करोड़ पैन कार्ड हो सकते हैं कैंसिल

नई दिल्ली ,08 फरवरी । पैन कार्ड से आधार को जोडऩे की समयसीमा 31 मार्च के काफी पास आ जाने के बाद भी अब तक 50 फीसदी पैनकार्ड धारकों ने ही अपने बायोमीट्रिक पहचान को पैन से जोड़ा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बताया कि आयकर विभाग ने अब तक 42 करोड़ स्थायी खाता संख्या आवंटित किया है। इनमें से 23 करोड़ लोगों ने ही पैन से आधार जोड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर रिटर्न दायर करते समय आधार को अनिवार्य कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने पैन और आधार को जोडऩे की समयसीमा 31 मार्च तय किया है। चंद्रा ने एसोचैम का एक कार्यक्रम संबोधित करते हुए यहां कहा, आधार से जोडऩे से हमें यह पता चलेगा कि किसी के पास नकली पैन तो नहीं। यदि इसे आधार से नहीं जोड़ा गया तो हम पैन कैंसिल भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जब पैन से आधार जुड़ जाएगा और पैन बैंक खाते से जुड़ा रहेगा तो आईटी विभाग करदाता के खर्च करने का तरीका तथा अन्य जानकारियां आसानी से पता कर सकेगा। कई अन्य एजेंसियां भी आधार से जुड़ी हुई हैं तो यह भी पता लगेगा कि समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उचित लोगों को मिल रहा है या नहीं।

अंतरिम बजट के बाद आरबीआई ने घटाई ब्याज दरें, लोन लेना हुआ सस्ता
Posted Date : 07-Feb-2019 10:36:51 am

अंतरिम बजट के बाद आरबीआई ने घटाई ब्याज दरें, लोन लेना हुआ सस्ता

नई दिल्ली ,07 फरवरी । भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रीपो रेट में 0.25 प्रतिशत कटौती का फैसला किया। इसके साथ ही, अब रीपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25 प्रतिशत हो गया। इससे आपकी होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे सभी तरह के लोन की ईएमआई घटने के आसार है। रिजर्व बैंक ने पिछली 3 पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। अब रेपो रेट 6.25 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी हो गया है। 
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020 के लिए जीडीपी का लक्ष्य 7.4 फीसदी दिया है। अप्रैल से सितंबर के लिए ग्रोथ का अनुमान 7.2-7.4 फीसदी के बीच रखा गया है। रिजर्व बैंक के दरें घटाने के बाद रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने अपना मत न्यूट्रल कर लिया है। मॉनटरी पॉलिसी कमेटी के 6 सदस्यों में से 4 ने दरों को घटाने के पक्ष में वोट दिया। एमपीसी के छह में से चार सदस्योंं ने रीपो रेट में कटौती का समर्थन किया जबकि दो अन्य सदस्यों, विरल आचार्य और चेतन घाटे रेट कट के पक्ष में नहीं थे। रिजर्व बैंक ने जनवरी से मार्च रिटेल महंगाई 2.8 फीसदी और अप्रैल से सितंबर के दौरान रिटेल महंगाई 3.2 से 3.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
आरबीआई के इस कदम से आम जनता को कर्ज लेना सस्ता पड़ेगा। इससे सभी तरह के कर्ज लेना शामिल हैं। 28 जनवरी को सरकारी बैंकों के साथ बैठक में शक्तिकांत दास ने इस बात के संकेत दिए थे। बैठक के बाद आर्थिक जगत ने उम्मीद जताई है कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती कर सकता है। इससे पहले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर बीते दिसंबर में घटकर 2.19 फीसदी पर आ गई है, जो कि डेढ़ साल का न्यूनतम स्तर है। एमपीसी ने उम्मीद के मुताबिक नीतिगत रुख को नपी-तुली कठोरता बरतने को बदल कर तटस्थ कर दिया। साथ ही कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय चुनौतियों के चलते नीतिगत दर में बदलाव नहीं किए जाने की संभावना है। 5, 6 और 7 फरवरी को चली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। आरबीआई गवर्नर बनने के बाद यह उनका पहली एमपीसी बैठक थी। 

उपभोक्ता के खाते से बिना मंजूरी पैसा निकले तो बैंक जिम्मेदार होंगे: हाईकोर्ट
Posted Date : 07-Feb-2019 10:35:37 am

उपभोक्ता के खाते से बिना मंजूरी पैसा निकले तो बैंक जिम्मेदार होंगे: हाईकोर्ट

कोच्चि ,07 फरवरी । केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि बैंक अपने कस्टमर्स के अकाउंट्स से बिना उनकी अनुमति के रकम निकलने पर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। जस्टिस पी बी सुरेश कुमार ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि अगर कस्टमर एसएमएस अलर्ट का जवाब नहीं देते तो भी बैंक अनधिकृत तौर पर रकम निकलने के लिए जिम्मेदार हैं। उनका कहना था कि किसी कस्टमर की जिम्मेदारी तय करने के लिए एसएमएस अलर्ट आधार नहीं हो सकता। ऐसे अकाउंट होल्डर्स भी हो सकते हैं, जिन्हें नियमित तौर पर एसएमएस अलर्ट देखने की आदत नहीं होती। 
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने केरल हाई कोर्ट में एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ अपील की थी। इस आदेश में अनधिकृत तौर पर रकम निकाले जाने के कारण एक कस्टमर को हुए 2.4 लाख रुपये के नुकसान की भरपाई करने के लिए कहा गया था। कस्टमर ने इस रकम को ब्याज के साथ लौटाने की मांग की थी। 
बैंक का कहना था कि कस्टमर को विवादित विदड्रॉल से जुड़े एसएमएस अलर्ट भेजे गए थे और उन्हें अपना अकाउंट तुरंत ब्लॉक करने के लिए निवेदन देना चाहिए था। बैंक की दलील थी कि कस्टमर ने एसएमएस अलर्ट का जवाब नहीं दिया था और इस वजह से बैंक उन्हें हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है। 
लेकिन कोर्ट ने कहा, कस्टमर के हितों की रक्षा के लिए सावधानी बरतना बैंक का फर्ज है। कस्टमर्स के अकाउंट्स से बिना अनुमति के रकम निकालने को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की जिम्मेदारी बैंक की है। कोर्ट का यह भी कहना था कि कस्टमर्स को नुकसान पहुंचाने वाली सभी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सिस्टम को सुरक्षित बनाना बैंक का दायित्व है। 
अनऑथराइज्ड ट्रांजैक्शंस की जानकारी बैंक को देने और अकाउंट ब्लॉक करने से जुड़े रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के एक सर्कुलर का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह केवल बैंकों को उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी की याद कराता है और इससे कोई नए अधिकार या दायित्व नहीं बनते। कोर्ट ने कहा कि अगर कस्टमर को धोखेबाजों की ओर से की गई ट्रांजैक्शंस से नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक जिम्मेदार है क्योंकि उसने इसे रोकने का सिस्टम नहीं बनाया है।