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रेशम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए करेंगे हरसंभव मदद: सुषमा
Posted Date : 10-Feb-2019 12:21:22 pm

रेशम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए करेंगे हरसंभव मदद: सुषमा

नई दिल्ली ,10 फरवरी । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वैश्विक बाजारों में रेशम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मंत्रालय को हर संभव मदद देने का शनिवार को आश्वासन दिया। सुषमा ने कहा कि रेशमी कपड़ा उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। उन्होंने कपड़ा मंत्रालय के एक कार्यक्रम सर्जिंग सिल्क में यहां कहा, मैं आपको सुनिश्चित करती हूं कि रेशम को वैश्विक बाजार तक ले जाने में विदेश मंत्रालय सहायक मंत्रालय साबित होगा। उन्होंने कहा, आप उत्पादन बढ़ाएं, बाजार उपलब्ध है।
सुषमा ने देश में निर्मित रेशमी साडिय़ों की लोकप्रियता के बारे में कहा कि संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठकों में उनके समकक्ष इन कपड़ों के रंग, तौर तरीके और डिजाइन की विविधता के बारे में अक्सर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच भले ही राजनीतिक मतभेद हों लेकिन मालाबारी सिल्क पुरस्कार यहां दोनों राज्यों को एक मंच पर खड़ा कर देता है। 
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने इसी कार्यक्रम में कहा कि 2013-14 के बाद से रेशम उत्पादन 41 प्रतिशत बढ़ चुका है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रेशम उद्योग को सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को भी कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया। रेशम के कीड़ों के बीज के लिए गुणवत्ता प्रमाणन को लेकर एक मोबाइल ऐप को भी पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक तथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश का रेशम उत्पादन अभी के 32 हजार टन से बढक़र 2020 तक 38,500 टन पर पहुंच जाने का अनुमान है। उत्पादन बढऩे से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी।

सोना 170 रुपये महंगा, चांदी 410 रुपये की गिरावट
Posted Date : 10-Feb-2019 12:20:42 pm

सोना 170 रुपये महंगा, चांदी 410 रुपये की गिरावट

नई दिल्ली ,10 फरवरी । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों कीमती धातुओं में रही गिरावट के बीच सामान्य वैवाहिक जेवराती मांग रहने से बीते सप्ताह दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना 170 रुपये की साप्ताहिक बढ़त के साथ 34,280 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। इस दौरान सिक्का निर्माताओं के उठाव में आयी कमी और औद्योगिक मांग घटने से चाँदी 410 रुपये की गिरावट के साथ 41,250 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी।
लंदन और न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, गत सप्ताह लंदन का सोना हाजिर 3.05 डॉलर की साप्ताहिक गिरावट के साथ शुक्रवार को सप्ताहांत पर 1,314.30 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अप्रैल का अमेरिकी सोना वायदा भी 3.80 डॉलर की गिरावट के साथ सप्ताहांत पर 1,318.20 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।बाजार विश्लेषकों ने बताया कि वैश्विक स्तर पर पीली धातु ने लगातार दो सप्ताह की तेजी खो दी। 
उन्होंने बताया कि वैश्विक गिरावट के कारण बावजूद स्थानीय बाजार में इसकी चमक तेज रही। हालांकि ऊंचे भाव के कारण घरेलू बाजार में जेवराती खरीद हल्की सुस्त पड़ी है लेकिन वैवाहिक मौसम होने की वजह से ग्राहकी ठीकठाक है। इस बीच विदेशों में चाँदी हाजिर भी 0.05 डॉलर लुढक़कर सप्ताहांत पर 15.80 डॉलर प्रति औंस पर आ गयी।

विदेशी मुद्रा भंडार 18 सप्ताह बाद 400 अरब डॉलर के पार
Posted Date : 10-Feb-2019 12:20:03 pm

विदेशी मुद्रा भंडार 18 सप्ताह बाद 400 अरब डॉलर के पार

मुंबई ,10 फरवरी । देश का विदेशी मुद्रा भंडार 18 सप्ताह बाद एक बार फिर 400 अरब डॉलर के पार पहुँच गया है। रिजर्व बैंक द्वारा गत शुक्रवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, 01 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.06 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 400.24 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इसमें लगातार दूसरे सप्ताह तेजी देखी गयी है। इससे पहले 25 जनवरी को समाप्त सप्ताह में यह 1.50 अरब डॉलर बढक़र 398.18 अरब डॉलर रहा था। यह 28 सितम्बर 2018 के बाद पहला मौका है जब विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डॉलर के पार पहुँचा है।
आरबीआई के अनुसार, 01 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 1.28 अरब डॉलर की वृद्धि हुई और यह 373.43 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 76.49 करोड़ डॉलर बढक़र 22.69 अरब डॉलर हो गया।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि आलोच्य अवधि में 1.12 करोड़ डॉलर बढक़र 2.65 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 62 लाख डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 1.47 अरब डॉलर पर रहा।

कॉल ड्रॉप रोकने के लिए ट्राई ने उठाया बड़ा कदम, चलाएगा विशेष अभियान
Posted Date : 10-Feb-2019 12:19:22 pm

कॉल ड्रॉप रोकने के लिए ट्राई ने उठाया बड़ा कदम, चलाएगा विशेष अभियान

नई दिल्ली ,10 फरवरी । देश भर के कॉल ड्रॉप और नेटवर्क में कमजोरी वाले इलाकों में टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) अगले महीने से विशेष अभियान शुरू करेगा। इसके तहत अलग-अलग जगहों के आंकड़ों को जुटाकर उनकी समीक्षा की जाएगी और समीक्षा में बाद कमी पाए जाने पर उनके सुधार के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे।
इस बारे में जानकारी देते हुए ट्राई चेयरमैन राम सेवक शर्मा ने बताया कि अक्तूबर 2017 से अब तक 126 शहरों में कॉल ड्रॉप के टेस्ट किए हैं। इस पश्चात उन नतीजों की गहन समीक्षा की जाएगी और जरूरत पडऩे पर नए नियम भी बनाए जाएंगे ताकि लोगों को कॉल ड्रॉप से मुक्ति मिले। उन्होंने कहा कि मोबाइल सिग्नल के लिए गैर कानूनी तरीके से लगाए गए सिग्नल बूस्टर भी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। वे कॉल ड्रॉप के साथ साथ इंटरनेट स्पीड को प्रभावित कर रहे हैं। ट्राई प्रमुख के मुताबिक पिछले सवा साल में देशभर के हाईवे और रेलवे नेटवर्क पर रूटवाइज टेस्टिंग चल रही है। बड़े शहरों में कॉल ड्रॉप की दिक्कत को लेकर 5-6 दिन तक लगातार 200-300 किलोमीटर तक टेस्टिंग की जा रही है। इन सभी आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी। 
ट्राई के अधिकारी कॉल ड्रॉप और इंटरनेट स्पीड के आंकड़े तीन तरह से पता करते हैं। इसमें सभी ऑपरेटरों के नेटवर्क में एक मशीन लगी होती है जो किसी भी समय सिस्टम में कॉल ड्रॉप और नेटवर्क की समस्या के आंकड़े विभाग को पहुंचाती है। वहीं दूसरे तरीके में ट्राई का मोबाइल एप स्पीड भी अलग-अलग जगहों के आंकड़े उसे मुहैया कराता रहता है। इसके अलावा तीसरे तरीके से देश भर में ट्राई की टीम एक मशीन कार में लेकर जाती है या ट्रेन में लगाकर चलती है। उस मशीन में 10-12 फोन लगे होते हैं। वह फोन उस इलाके में सिग्नल के हालात बताते रहते हैं। साथ ही कॉल ड्रॉप के आंकड़े भी मशीन दर्ज करती है।  आंकड़ों को परखने के बाद ट्राई उनके लिए जिम्मेदार ऑपरेटर्स पर कार्रवाई भी करता है। साथ ही उन वजहों का भी पता लगाता है जिसके कारण सिग्नल खराब हुए हैं।

एफपीआई- एनआरई रूट के मर्जर पर आरबीआई को ऐतराज
Posted Date : 08-Feb-2019 11:57:10 am

एफपीआई- एनआरई रूट के मर्जर पर आरबीआई को ऐतराज

मुंबई, 08 फरवरी । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को सेबी के प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (एफपीआई) रूट से आनेवाले इनवेस्टमेंट को मिलाने के प्रस्ताव पर ऐतराज है। यह जानकारी मामले से वाकिफ कम-से-कम तीन सूत्रों ने दी है। दोनों रूट को मिलाने का जो प्रस्ताव पेश किया गया है, रिजर्व बैंक उसके खिलाफ इसलिए है क्योंकि दोनों तरह के निवेश के नियम अलग हैं। उसका कहना है कि इसलिए इन्हें मिलाने से रेगुलेशन को लेकर उलझन बढ़ेगी।
प्रवासी भारतीय नॉन-रेजिडेंट एक्सटर्नल रुपी (एनआरई) रूट से भी देश में निवेश करते हैं। आरबीआई के सामने यह सवाल है कि इसे अगर एफपीआई रूट से मिला दिया जाता है तो एनआरई पर कौन से रूल लागू होंगे? एनआरआई और एफपीआई पर अलग-अलग इनवेस्टमेंट लिमिट लगाई गई है। इनवेस्टमेंट रूट को मिलाने पर इस लिमिट की निगरानी की चुनौती भी बढ़ जाएगी। विदेशी निवेशकों की निगरानी जहां सेबी करता है, वहीं एनआरआई निवेश को रिजर्व बैंक रेगुलेट करता है।
आरबीआई ने एच आर खान कमेटी की मीटिंग में ये मुद्दे उठाए हैं। सेबी की बनाई इस समिति की बैठक जनवरी के आखिर में हुई थी। इस खबर के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब खबर लिखे जाने तक आरबीआई से नहीं मिला था। एनआरआई और एफपीआई रूट को मिलाने सहित खान कमेटी के अन्य प्रस्ताव को सेबी ने मंजूर कर लिया है। पिछले साल 10 अप्रैल को सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर एनआरआई निवेश पर सख्ती बढ़ाई थी, जिससे विदेशी फंड्स में घबराहट फैल गई थी। उस समय एनआरआई निवेशकों ने कई सवाल खड़े किए थे, जिन पर विचार करने के लिए खान समिति बनाई गई थी।
एफपीआई अपने कस्टोडियन के मार्फत (इनमें खासतौर पर विदेशी बैंक आते हैं) भारत में शेयर खरीद या बेच सकते हैं, जबकि एनआरआई को चुनिंदा बैंकों के जरिये ही निवेश करने का अधिकार मिला हुआ है। इनका रेगुलेशन आरबीआई की पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट स्कीम (पीआईएस) के जरिये होता है। एनआरई एकाउंट का इस्तेमाल रियल एस्टेट खरीदने और फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा अन्य निवेश में होता है। 
एक सूत्र ने बताया, ‘एफपीआई-एनआरआई मर्जर को लागू करने में कई चुनौतियां आएंगी। इसका असर फिक्स्ड डिपॉजिट और मार्केट में इनवेस्टमेंट करने वाले दो लाख से अधिक एनआरआई पर पड़ेगा।’ उन्होंने बताया, ‘मीटिंग में आरबीआई के अधिकारियों ने इससे जुड़ी कई चिंता जाहिर की थी। उन्होंने खान समिति से इन दिक्कतों को दूर करने के उपाय सुझाने को कहा था।’ 
सूत्र के मुताबिक, आरबीआई अधिकारियों ने कहा कि इन मसलों के सुलझने के बाद ही इस बारे में आगे कोई कदम उठाना ठीक रहेगा। फरवरी के दूसरे हफ्ते में समिति की आरबीआई अधिकारियों के साथ फिर बैठक होगी। उसमें इस बारे में कोई निर्णय किया जा सकता है।

अप्रैल के बाद ही कार, होम लोन सस्ते होंगे
Posted Date : 08-Feb-2019 11:56:29 am

अप्रैल के बाद ही कार, होम लोन सस्ते होंगे

मुंबई, 08 फरवरी ।  घर और कार खरीदने की योजना बना रहे लोग अप्रैल से लोन पर कम इंट्रेस्ट रेट की उम्मीद कर सकते हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अगस्त 2017 के बाद पहली बार बेंचमार्क रीपो रेट में कटौती करने के फैसले के बाद बैंक लोन पर अपने रेट्स घटा सकते हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास की बैंकर्स के साथ होने वाली मीटिंग में पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा कस्टमर्स को देने पर चर्चा की जाएगी। 
आरबीआई ने अपने रेपो रेट में 0.25 पर्सेंट की कमी कर इसे 6.25 पर्सेंट किया है। उसने इन्फ्लेशन के कम रहने के अनुमान का हवाला देते हुए पॉलिसी को लेकर अपनी स्थिति भी बदलकर न्यूट्रल कर दी है। हालांकि, बैंकर्स का कहना है कि लोन पर इंट्रेस्ट रेट्स में तुरंत कमी नहीं हो सकती क्योंकि पहले डिपॉजिट रेट में बदलाव करना होगा।
फेडरल बैंक के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आशुतोष खजूरिया ने कहा, मार्जिनल कॉस्ट ऑफ डिपॉजिट पर बेस्ड लेंडिंग रेट डिपॉजिट रेट को पहले एडजस्ट करना होगा जो मार्च के अंत तक संभव नहीं है, क्योंकि बैंक की एसेट लायबिलिटी कमिटी की मीटिंग तिमाही के अंत में होगी। हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि 10 पर्सेंट की डिपॉजिट ग्रोथ 15 पर्सेंट की क्रेडिट ग्रोथ से कम है, जिससे बैंकों के लिए रेट्स में कमी करने की कम गुंजाइश बचती है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि बैंकों को अगले कुछ वर्षों में डिपॉजिट जुटाने में मुश्किल होगी, क्योंकि क्रेडिट फाइनैंशल ईयर 2019 और 2020 के बीच 14 पर्सेंट के औसत से बढ़ सकता है। क्रिसिल के अनुसार, क्रेडिट ग्रोथ की जरूरत को पूरा करने के लिए बैंकों को इन दो फाइनैंशल ईयर में लगभग 25 लाख करोड़ रुपये जुटाने होंगे। इसमें से 5-6 लाख करोड़ रुपये स्टैच्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो फंड मिलने से उपलब्ध होंगे। बाकी के लगभग 20 लाख करोड़ रुपये नए डिपॉजिट से हासिल करने की जरूरत होगी। 
डिपॉजिट की अधिक डिमांड से बैंकों के फंड हासिल करने के लिए दिए जाने वाले इंट्रेस्ट रेट पर भी दबाव बढ़ेगा। इससे बैंकों के लिए लेंडिंग रेट्स घटाना मुश्किल हो जाएगा। दास ने कहा कि वह बैंकों से फीडबैक लेने और उन्हें रेट्स में कटौती करने के लिए कहने के लिए बैंकर्स के साथ मीटिंग करेंगे। यह देखना होगा कि मीटिंग के बाद बैंक अपने लेंडिंग रेट्स घटाते हैं या नहीं।