नई दिल्ली ,20 फरवरी । पट्रोल और डीजल की महंगाई पर छह दिन बाद बुधवार को एक बार फिर विराम लग गया। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर रखी हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली समेत चार प्रमुख महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं दर्ज किया गया है।
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमश: 71 रुपये, 73.11 रुपये, 76.64 रुपये और 73.72 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। चारों महानगरों में डीजल की कीमतें भी क्रमश: 66.17 रुपये और 67.95 रुपये प्रति लीटर, 69.30 रुपये और 69.91 रुपये प्रति लीटर पर यथावत रहीं।
इससे पहले मंगलवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में नौ पैसे, कोलकाता और मुंबई में 10 पैसे और चेन्नई मे 11 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई, जबकि डीजल की कीमतों में दिल्ली और कोलकाता में छह पैसे और मुंबई व चेन्नई में सात पैसे की वृद्धि की गई थी। पिछले छह दिनों में दिल्ली में पेट्रोल 67 पैसे लीटर महंगा हुआ जबकि डीजल के दाम में 55 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई।
पणजी ,20 फरवरी । इजरायल की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन भारत के गोवा और कोच्चि के लिए दो नॉन स्टॉप उड़ानें शुरू करेगी, जिसकी शुरुआत 28 सितंबर से होगी। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इजरायल के भारत और फिलिपींस के लिए पर्यटन मंत्रालय के निदेशक हसन मदाह ने एक बयान में कहा कि अर्किया एयरलाइंस की नई सेवाएं मॉनसून के मौसम को छोडक़र सालों भर उपलब्ध होगी। एयरलाइन तेल अवीव से गोवा और कोच्चि की उड़ान में 220 सीटों वाले एयरबस ए321एलआर विमान का प्रयोग करेगी, जिस पर ऑन बोर्ड फुल फ्लाइट सेवाएं दी जाएगी।
अर्किया गोवा से सप्ताह में एक दिन मंगलवार को और कोच्चि से दो दिन -सोमवार और शुक्रवार को सेवा मुहैया कराएगी, जो एक तरफ की सात घंटों की नॉन स्टॉप उड़ान होगी। मदाह ने कहा, पिछले कुछ सालों से भारत से आनेवाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने अर्किया जैसे इजरायली एयरलाइंस को भारत के लिए सेवाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा, कई इजरायली पर्यटक छुट्टियां बिताने के लिए गोवा जाते हैं, जबकि भारतीय पर्यटकों की संख्या कोच्चि से इजरायल जानेवालों की अधिक होती है, जो वहां धार्मिक यात्रा पर या छुट्टियां बिताने जाते हैं।
0-1.5 अरब का क्रूड खरीदेगा आईओसी
नई दिल्ली ,19 फरवरी । पब्लिक सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का वार्षिक करार किया है। इस साल 1 अप्रैल से वह तेल का आयात वहां से शुरू करेगी। आईओसी की इस पर 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। भारत ने 2017 से अमेरिका से कच्चे तेल का आयात शुरू किया था, लेकिन पहली बार किसी भारतीय रिफाइनिंग कंपनी ने इसके लिए अमेरिका के साथ ऐनुअल अग्रीमेंट किया है।
आईओसी ने बताया, हमने अलग-अलग देशों से क्रूड ऑइल खरीदने की नीति के तहत अमेरिका के साथ 30 लाख टन क्रूड ऑइल खरीदने का समझौता किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट 15 फरवरी को फाइनल हुआ। इससे पहले आईओसी ने कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका के साथ पिछले साल अगस्त में टर्म-टेंडर डील साइन की थी। उस समय नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच डिलीवरी के वादे के साथ कंपनी ने 60 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने का समझौता किया था। यह सौदा सिंगल टेंडर के जरिये हुआ था।
कंपनी ने बताया, 30 लाख टन क्रूड ऑइल खरीदने पर करीब 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। आईओसी पहली पीएसयू है, जिसने यूएस ओरिजिन क्रूड ऑइल ग्रेड के लिए कोई कॉन्ट्रैक्ट फाइल किया है। इससे पहले आईओसी और दूसरी सरकारी रिफाइनरी कंपनियां अमेरिका से स्पॉट मार्केट के जरिये कच्चे तेल की खरीदारी कर रही थीं। यह खरीदारी टेंडर बेसिस पर होती थी। कंपनियां बोर्ड की अनुमति के बगैर खास अवधि या मात्रा में तेल खरीदने का समझौता नहीं कर सकतीं। अभी उन्हें विदेशी कंपनियों के साथ ऐसे कॉन्ट्रैक्ट करने की इजाजत नहीं है।
आईओसी और बीपीसीएल-एचपीसीएल जैसी सरकारी कंपनियां खासतौर पर पश्चिम एशिया की राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ तेल खरीदने के लिए सालाना करार करती हैं। पिछले साल इस परंपरा को तोड़ते हुए आईओसी ने अमेरिका से एक कार्गो क्रूड ऑइल के लिए टेंडर दिया था। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अब बोर्ड ने सालाना करार के आधार पर अमेरिका से तेल खरीदने की इजाजत दे दी है।
भारत ने सबसे पहले अक्टूबर 2017 में अमेरिकी क्रूड ऑइल खरीदा था। उसके बाद से भारतीय कंपनियां टेंडर के आधार पर वहां से तेल खरीद रही हैं। ईरान पर अमेरिका के फिर से आर्थिक पाबंदी लगाने के कुछ महीनों के अंदर भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी बढ़ाई है। ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है। ईरान पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध 4 नवंबर 2018 से लागू हुआ, जिसके बाद भारत ने उससे तेल की खरीदारी घटाई है।
नई दिल्ली ,19 फरवरी । वित्त मंत्रालय ने कैलकुलेशन करके बताया था कि आरबीआई ने रिस्क और रिजर्व के नाम पर वित्त वर्ष 2017 और 2018 में 27,380 करोड़ रुपये अपने पास रखे थे। मंत्रालय चाहता है कि वह इस रकम को भी ट्रांसफर करे। आरबीआई ने सोमवार को अपने बयान में कहा, यह लगातार दूसरा साल है, जब रिजर्व बैंक इंटरिम सरप्लस ट्रांसफर कर रहा है। पिछले वित्त वर्ष में आरबीआई ने मार्च में 10 करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश सरकार को दिया था। इसके साथ वित्त वर्ष 2018 में डिविडेंड की कुल रकम 40,659 करोड़ रुपये पहुंच गई थी।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अगुवाई में आरबीआई के इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क की समीक्षा के लिए एक समिति भी बनाई गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को मीडिया से कहा था, डॉ बिमल जालान के नेतृत्व में बनी समिति ने इस पर काम शुरू कर दिया है। इस मीडिया ब्रीफिंग में दास के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली भी मौजूद थे।
बजट में आरबीआई से अंतरिम लाभांश का अनुमान लगाया गया था। वित्त वर्ष 2019 के संशोधित अनुमान में आरबीआई, सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों से 74,140 करोड़ रुपये मिलने की बात कही गई थी। पहले बजट अनुमान में इसके 54,817 करोड़ रुपये रहने की बात कही गई थी।
अधिक डिविडेंड मिलने से सरकार को गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) कलेक्शन में हुई कमी की भरपाई करने में मदद मिलेगी। 1 फरवरी को पेश बजट में सरकार ने इसके 1 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था। केंद्र को कॉर्पोरेट टैक्स से 50 हजार करोड़ रुपये मिलने की भी उम्मीद है। वहीं, इस वित्त वर्ष में छोटे और सीमांत किसानों को कैश ट्रांसफर स्कीम पर उसे 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। सरकार ने वित्त वर्ष 2019 के संशोधित अनुमान में फिस्कल डेफिसिट के जीडीपी के 3.4 पर्सेंट रहने की बात कही थी, जबकि बजट में इसके लिए 3.3 पर्सेंट का लक्ष्य तय किया गया था।
नई दिल्ली ,19 फरवरी । पेंशन निधि विनियामक व विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष हेमंत कांट्रैक्टर ने सोमवार को कहा कि उन्होंने सरकार से अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की अधिकतक उम्रसीमा 40 साल से बढ़ाकर 50 साल करने का आग्रह किया है। कांट्रैक्टर ने कहा, एपीवाई की अधिकतक उम्रसीमा 40 साल है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए है। हमने इसे बढ़ाने का आग्रह सरकार से किया है।
सरकार हालांकि ने इस पर विचार नहीं किया है, लेकिन पेंशन निधि विनियामक का मानना है कि उम्रसीमा 10 साल बढ़ाने का फायदा बड़ी आबादी को मिलेगा और बुढ़ापे में सुरक्षा बढ़ेगी क्योंकि जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो रही है। 18-40 साल की उम्र वर्ग के लोग जिनके पास बचत खाता है और सक्रिय मोबाइल नंबर है वे एपीवाई खाता खुलवा सकते हैं। इस योजना के तहत उनको 60 साल की उम्र होने पर 1,000 से लेकर 5,000 रुपये मासिक नियमित पेंशन मिलने की गारंटी मिलती है।
नई दिल्ली ,19 फरवरी । 63 मून्स टेक्नलॉजी (पहले यह कंपनी फाइनेंशियल टेक्नॉलजीज के नाम से जानी जाती थी) के अध्यक्ष वेंकटाचारी ने सोमवार को कहा कि उनकी कंपनी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और तत्कालीन फारवर्ड मार्केट कमीशन के अध्यक्ष रमेश अभिषेक और वित्त मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव के. पी. कृष्णन के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपये के नुकसान का मुकदमा दर्ज करेगी।
चारी ने कहा कि कंपनी ने इस संबंध में सोमवार को तीनों लोगों को नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी का मानना है कि इन तीनों ने कंपनी की प्रतिद्वंद्वी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की तरफदारी की, जिससे कंपनी का संकट बढ़ गया और एक्सचेंज के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा। कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि कंपनी पी. चिदंबरम के खिलाफ पद का दुरुपयोग करने का मुकदमा दर्ज करेगी, जिससे कंपनी को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। विशेष रूप से, कंपनी ने पहले ही इन तीनों के खिलाफ सीबीआई के समक्ष आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है और संबंधित दस्तावेज भी सौंपे हैं।
बयान में कहा गया, 63 मून्स ने 4 अगस्त 2018 को इनसे खुली बहस में भाग लेने को कहा था, लेकिन वे हिस्सा लेने नहीं आए। एनएसईएल (नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लि.) के प्रमोटर और वर्तमान में 63 मून्स टेक्नॉलजीज के मेंटर जिग्नेश शाह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कथित 5,600 करोड़ रुपये के एनएसईएल घोटाले को बहुत पहले ही सुलझा लिया जाता, अगर बाजार नियामक, फारवर्ड माकेट्स कमीशन (एफएमसी) ने समय पर कार्रवाई की होती।