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पाक की अर्थव्यवस्था की कमर टूटी, हर रोज 100 करोड़ का हो रहा नुकसान
Posted Date : 23-Feb-2019 10:13:17 am

पाक की अर्थव्यवस्था की कमर टूटी, हर रोज 100 करोड़ का हो रहा नुकसान

नई दिल्ली ,23 फरवरी । पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को ऐसे करारे झटके दिए हैं जिन्होंने पाक की अर्थव्यवस्था को डगमगाने का काम किया है। जैसे कि सीमा शुल्क में 200 फीसदी ड्यूटी बढ़ाना। इसके साथ ही भारतीय व्यापारियों ने भी पाकिस्तान से आने वाला सामान जैसे कि सीमेंट आयात करना बंद कर दिया है। कई ट्रेडर्स और किसानों ने तो पाक को माल भेजना ही बंद कर दिया है। पाक मीडिया की खबर के अनुसार बाघा बॉर्डर पर करोड़ों का छुहारा पड़ा हुआ है जिसे पाकिस्तान भारत में नहीं भेज पा रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया अब भारत सरकार को जमकर कोस रही है। अब करोड़ों का माल पाकिस्तान के गोदाम, ट्रक और बाघा बॉर्डर पर पड़े-पड़े सड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक ट्रक छुहारे की कीमत जहां करीब 15 लाख रुपए के आसपास होती थी, वह बढक़र 32 लाख रुपए हो गई है। इसके साथ ही लाहौर में टमाटर 180 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं भारत में टमाटर 10 रुपए किलो मिल रहा है। पाकिस्तान की ओर से भारत आने वाले सामान से लदे ट्रक दोगुना टैक्स होने के कारण बॉर्डर से वापस लौट रहे है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, छुआरे से लदे ट्रक भारत बॉर्डर से वापस लौट रहे हैं। इससे अरबों रुपए का व्यापार ठप हो रहा है। इन ट्रकों के लौटने के कारण पाकिस्तान को रोजाना 50 से 60 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

 

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चीफ चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई का लुकआउट सर्कुलर जारी
Posted Date : 22-Feb-2019 12:47:56 pm

आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चीफ चंदा कोचर के खिलाफ सीबीआई का लुकआउट सर्कुलर जारी

मुंबई ,22 फरवरी । सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के मैनेजिंग डायरेक्टर वेणुगोपाल धूत के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। पिछले महीने जांच एजेंसी ने साल 2009 से 2011 के बीच वीडियोकॉन ग्रुप को बैंक से 1,875 करोड़ के छह लोन में कथित तौर पर भ्रष्टाचार के सिलसिले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद तीनों देश से बाहर नहीं जा सकेंगे।
एक अधिकारी ने बताया, ‘सीबीआई के पिछले साल प्रीलिमनरी इंचयरी की रिपोर्ट फाइल करने के बाद दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ सभी एयरपोर्ट को लुकआउट सर्कुलर की जानकारी दी गई थी।
अब इसे फिर से रिवाइव किया गया है।’ हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व चीफ के खिलाफ पहली बार एलओसी जारी किया गया है। सीबीआई की तरफ से 22 जनवरी को दर्ज एफआईआर में उनका नाम था, इसलिए उन्हें भी इसके दायरे में लाने का फैसला किया गया है। 
इस खबर पर चंदा कोचर और धूत की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, ‘एफआईआर के बाद लुकआउट नोटिस फाइल किए गए थे। इस केस में जिस तरह के आर्थिक अपराध के आरोप लगे हैं, उनमें एलओसी किया जाना लाजिमी है। हाल में आरोपियों के ट्रैवल प्लान पर नजर रखना रेगुलेटर्स की प्राथमिकता में शामिल रहा है।’
वहीं, इस केस से वाकिफ एक वकील ने बताया कि सीबीआई को लुकआउट सर्कुलर जारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि चंदा कोचर का आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ के तौर पर ऊंचा प्रोफाइल रहा है। उन्होंने बताया, ‘पहले जो लोग गंभीर आर्थिक अपराध के आरोप के बाद देश से फरार हो गए थे, उनके साथ चंदा कोचर का नाम जोडऩा ठीक नहीं होगा। वह फाइनैंशल सर्किल में जानी-मानी हस्ती हैं। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनमें से अभी तक एक भी सही साबित नहीं हुआ है।’ पिछले कुछ साल में नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसे गंभीर आर्थिक अपराध के आरोपी देश से फरार हो गए थे।

फेसबुक ब्लॉकचेन-आधारित प्रमाणीकरण की इच्छुक : जकरबर्ग
Posted Date : 22-Feb-2019 12:47:34 pm

फेसबुक ब्लॉकचेन-आधारित प्रमाणीकरण की इच्छुक : जकरबर्ग

सैन फ्रांसिस्को ,22 फरवरी । आप जल्द ही फेसबुक में ब्लॉकचेन-आधारित प्रमाणीकरण से लॉग इन कर सकते हैं। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जकरबर्ग ने यह संकेत दिया है। जकबर्ग ने कहा कि वे फेसबुक लॉग इन को ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के माध्यम से करने के इच्छुक हैं। 
जकरबर्ग ने जिट्टरेन से कहा, मैं वापस विकेंद्रीकरण या ब्लॉकचेन प्रमाणीकरण के बारे में सोच रहा हूं। हालांकि मैं इसे लागू करने का तरीका पूरी तरह से विकसित नहीं कर पाया हूं, लेकिन मूल रूप से आपकी जानकारी और विभिन्न सेवाओं तक पहुंच प्रदान कर रहा है।
उनके मुताबिक, ब्लॉकचेन यूजर्स को अधिक शक्ति प्रदान करेगा, जब वे थर्ड-पार्टी के जेटा एक्सेस की अनुमति देंगे। फेसबुक ने पिछले साल अपने एक वरिष्ठ इंजीनियर इवान चेन को पदोन्नत कर अपने हाल में लांच ब्लॉकचेन खंड का इंजीनियरिंग निदेशक नियुक्त किया था। 
इससे पहले मई में फेसबुक ने कंपनी के भीतर ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में संभावना तलाशने के लिए एक समूह का गठन किया था जिसका प्रमुख मैसेंजर के प्रमुख डेविड मारकौस को नियुक्त किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि फेसबुक खुद का क्रिप्टोकरेंसी विकसित कर रहा है। फेसबुक के दुनिया भर में 2.3 अरब यूजर्स हैं और क्रिप्टोकरेंसी लांच करने से वे बिटकॉयन जैसे वर्चुअल करेंसी में भुगतान कर सकेंगे। 

अपने कर्मचारियों की सालाना कमाई के बराबर एक मिनट में कमा लेते हैं वॉलमार्ट के मालिक
Posted Date : 20-Feb-2019 10:23:50 am

अपने कर्मचारियों की सालाना कमाई के बराबर एक मिनट में कमा लेते हैं वॉलमार्ट के मालिक

नई दिल्ली ,20 फरवरी । वॉलमार्ट के एंप्लॉयी की औसत सालाना कमाई इस विशाल रिटेल चेन के मालिकाना हक वाली वॉल्टन फैमिली की एक मिनट की कमाई से कम होती है। 2020 के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने मालिकों और कर्मचारियों की आमदनी में अंतर पर ट्वीट किया तो वॉशिंगटन पोस्ट ने इसके तथ्यात्मक विश्लेषण के लिए आंकड़े जुटाए। वॉल्टन फैमिली की वॉलमार्ट में 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी है जिसका मतलब है कि कंपनी के कुल 2 अरब, 95 करोड़, 24 लाख, 78 हजार 528 शेयरों में से 1 अरब, 59 करोड़, 89 लाख, 65 हजार 874 शेयर वॉल्टन परिवार के पास हैं। अब ध्यान देने वाली बात यह है कि कंपनी ने पिछले वर्ष 2.08 डॉलर प्रति शेयर लाभांश की घोषणा की तो वॉल्टन परिवार को करीब-करीब 3.14 अरब डॉलर सिर्फ लाभांश के रूप में मिल गए।
किसकी कितनी कमाई? 
पांच दिनों तक काम और दो दिनों की छुट्टी के साथ प्रति दिन 8 घंटे के हिसाब से सप्ताह में कुल 40 घंटे का काम होता है। इसके मद्देनजर वॉल्टन फैमिली की प्रति घंटे 15.10 लाख डॉलर, यानी प्रति मिनट 25,149 डॉलर की कमाई होती है। मजेदार बात यह है कि वॉलमार्ट में सप्ताह में 40 घंटे की वजह 34 घंटे का ही फुल टाइम वर्क होता है। वॉलमार्ट यूनियन की वेबसाइट पर बताया गया है कि कंपनी कर्मचारियों को प्रति घंटे 9 डॉलर देती है। इसका मतलब है कि वॉलमार्ट का कर्मचारी 34 घंटे प्रति सप्ताह के हिसाब से साल भर में 16 हजार डॉलर कमाता है। वेतन का तुलनात्मक अध्ययन करने वाली अमेरिकी कंपनी पेस्केल का कहना है कि वॉलमार्ट के औसत एंप्लॉयी प्रति घंटे 12 डॉलर कमाते हैं जिनमें मैनेजर्स भी शामिल हैं। हालांकि, कंपनी औसतन 11 डॉलर प्रति घंटे का दावा करती है। इसके मुताबिक, अगर अमेरिकी कानून के तहत अधिकतम 40 घंटे प्रति सप्ताह के हिसाब से वेतन निर्धारण करें तो वॉलमार्ट एंप्लॉयीज सालाना 22,880 डॉलर कमाते हैं।

टेक, ई-कॉमर्स, डिजिटल प्रफेशनल्स को नौकरी बदलने पर सबसे ज्यादा हाइक
Posted Date : 20-Feb-2019 10:23:18 am

टेक, ई-कॉमर्स, डिजिटल प्रफेशनल्स को नौकरी बदलने पर सबसे ज्यादा हाइक

कोलकाता,20 फरवरी । सैलरी हाइक के लिए प्रफेशनल्स एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जॉब स्विच करने का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि किस सेक्टर में जॉब स्विच करने पर प्रफेशनल्स को सबसे ज्यादा हाइक मिल रही है? रिक्रूटमेंट फर्म्स और हेडहंटर्स ने बताया कि टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स, डिजिटल, फिनटेक, कंज्यूमर, आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रफेशनल्स को 30-40 पर्सेंट सैलरी हाइक ऑफर की जा रही है। जॉब रोल में सायबरसिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, क्लाउड आर्किटेक्ट्स, डेटा साइंटिस्ट, न्यू मार्केट एंट्री/सिटी हेड, एआई एक्सपर्ट्स, ब्लॉकचेन प्रफेशनल्स, सीएफओ और जनरल काउंसल्स की सबसे ज्यादा मांग है। ऐसे रोल के लिए कंपनियां 40 से 50 पर्सेंट तक हाइक दे रही हैं। एक्सपर्ट्स ने बताया कि जो प्रफेशनल्स इन सेक्टर्स से नहीं आते हैं, वे 10 से 12 पर्सेंट सैलरी हाइक की उम्मीद कर सकते हैं।
स्टाफिंग फर्म एक्सफेनो के को-फाउंडर, कमल कारंत ने बताया, इस साल स्टार्टअप, फिनटेक, कंज्यूमर इंटरनेट फर्म्स और आईटी कैप्टिव्स काफी बड़ी संख्या में लोगों को हायर कर रही हैं। आईटी सेक्टर में फुल-स्टेक डिवेलपर्स, साइबरसिक्यॉरिटी, क्लाउड आर्किटेक्ट्स और डेटा साइंटिस्ट को 30-50 पर्सेंट की रेंज में सैलरी हाइक मिल रही है। कंज्यूमर इंटरनेट सेगमेंट, ग्रोथ हैकर्स, न्यू मार्केट एंट्री/सिटी हेड्स और प्रॉडक्ट मैनेजर जॉब स्विच करने पर 30 पर्सेंट से अधिक सैलरी पा रहे हैं। 
मिड मैनेजर लेवल पर सबसे ज्यादा फायदा 
सीआईईएल एचआर सर्विसेज के डायरेक्टर आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया, 4 से 10 साल के अनुभव वाले मिडल मैनेजर लेवल में जॉब स्विच करने पर सबसे ज्यादा हाइक मिल रही है। उन्होंने बताया कि सामाजिक-आर्थिक पहलू और कई बिजनेस के टेक्नॉलजी पर निर्भर होने के चलते आईटी, आउटसोर्सिंग, कंज्यूमर और सर्विस (हॉस्पिटैलिटी, एंटरटेनमेंट, सप्लाई चेन आदि) में दूसरे सेक्टर के मुकाबले 20-30 पर्सेंट ज्यादा सैलरी हाइक दी जा रही है। मिश्रा ने कहा कि सबसे कम हाइक पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और बीएफएसआई सेक्टर में मिल रही है।
कंपनियों को अच्छे टैलेंट आसानी से नहीं मिल रहे हैं, इसलिए उन्हें अधिक सैलरी हाइक ऑफर करनी पड़ रही है। मिड मैनेजर लेवल पर एवरेज हाइक 15 से 30 पर्सेंट की है। प्रोजेक्ट मैनेजर, कस्टमर सर्विसेज मैनेजर, ऑपरेशंस मैनेजर, सप्लाई चेन और डिलीवरी मैनेजर्स के लिए यह 50 पर्सेंट तक है। 
केली सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर, बी थिमैय्या ने बताया कि जॉब स्विच करने पर एवरेज हाइक 10 से 20 पर्सेंट तक है और स्पेशलाइज्ड स्किल्स के लिए यह 25 पर्सेंट और उससे ज्यादा है। सबसे ज्यादा मांग रोबॉटिक प्रोसेस ऑटोमेशन (आरपीए), बिग डेटा, एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ब्लॉकचेन से जुड़े जॉब रोल्स के लिए है। 
सीनियर लेवल पर अच्छा प्रीमियम 
एंसिस्ट कंसल्टिंग के फाउंडर आर सुरेश ने बताया कि मैन्युफैक्चरिंग और फार्मा सेक्टर में भी मिड लेवल मैनेजर को अच्छी हाइक मिल रही है। उन्होंने बताया, फार्मा सेक्टर में रिसर्च से जुड़े टैलेंट की काफी मांग रहती है और कई बार हमें विदेश से टैलेंट लाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें औसतन 30-40 पर्सेंट प्रीमियम ऑफर किया जाता है। 
ट्रांसर्च इंडिया के मैनेजिंग पार्टनर अतुल वोहरा ने बताया कि सीनियर लेवल्स पर टैलेंट की मांग अभी भी मजबूत बनी हुई है। इस लेवल पर टैलेंट की अच्छी खासी कमी है, जिसके चलते इन्हें जॉब स्विच के लिए आसानी से 45 से 50 पर्सेंट की हाइक मिल जाती है। खासतौर से डिजिटल, ई-कॉमर्स, डेटा एनालिटिक्स और एआई सेक्टर में। उन्होंने बताया कि सीएफओ, जनरल काउंसल्स, डेटा साइंस प्रोफेशनल्स और फार्मा आरएंडडी एक्सपर्ट्स सबसे ज्यादा हाइक पाने वालों में शामिल हैं।

इण्डेन की लापरवाही से कंपनी के 58 लाख ग्राहकों के आधार की डिटेल लीक !
Posted Date : 20-Feb-2019 10:22:46 am

इण्डेन की लापरवाही से कंपनी के 58 लाख ग्राहकों के आधार की डिटेल लीक !

नई दिल्ली ,20 फरवरी । सरकारी गैस कंपनी इण्डेन की लापरवाही से इसके करीब 58 लाख से ज्यादा ग्राहकों के आधार नंबर व अन्य डेटा लीक हो गए हैं। इस बात का दावा फ्रांस के एक रिसर्चर ने किया है। रिसर्चर बैपटिस्ट रॉबर्ट ने एलियट एल्डरसन नाम के ट्विटर हैंडल पर बताया कि लोकल डीलर्स के पोर्टल पर सत्यापन नहीं होने की वजह से इण्डेन के ग्राहकों के नाम, पते और आधार नंबर लीक हो रहे हैं।  
रॉबर्ट का कहना है कि पाइथन स्क्रिप्ट नाम के तकनीकी कोड के जरिए उन्होंने 11,000 डीलर्स के लॉगिन आईडी हासिल कर लिए। इनमें से 9,490 डीलर से जुड़े 58 लाख 26 हजार 116 ग्राहकों के डेटा अगले 1-2 दिन में ही एक्सेस हो गए। बाद में इण्डेन ने आईपी एड्रेस ब्लॉक कर दिया था। रिसर्चर के मुताबिक आईपी एड्रेस ब्लॉक होने की वजह से वो बाकी 1,572 डीलर की जांच नहीं कर पाए। लेकिन, इनसे जुड़े ग्राहकों को भी शामिल किया जाए तो कुल 67 लाख 91 हजार 200 ग्राहकों का डेटा लीक हो सकता था।
यह दूसरी बार है जब इण्डेन गैस के ग्राहकों का डेटा लीक हुआ है। इससे पहले मार्च 2018 में भी कंपनी के ग्राहकों की डिटेल लीक हुई थी। वहीं रॉबर्ट पहले भी आधार से जुड़े लीक का खुलासा कर चुके हैं