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संजय गुप्ता बने गूगल इंडिया के नए कंट्री मैनेजर और वाइस प्रेसिडेंट, देश को लेकर है बड़ा लक्ष्य
Posted Date : 08-Nov-2019 12:49:46 pm

संजय गुप्ता बने गूगल इंडिया के नए कंट्री मैनेजर और वाइस प्रेसिडेंट, देश को लेकर है बड़ा लक्ष्य

नई दिल्ली ,08 नवंबर। आर्थिक जगत से बड़ी खबर है। गूगल इंडिया ने संजय गुप्ता को अपना नया कंट्री मैनेजर और वाइस प्रेसिडेंट) नियुक्त किया है। एक बायन में गूगल की ओर से कहा गया है कि संजय गुप्ता भारत में इंटरनेट के इकोसिस्टम को बढ़ाने में मदद करेंगे। साथ ही, बिजनेस को बढ़ाने और इंटरनेट को बढ़ावा देने के गूगल की ओर से हो रहे प्रयासों में योगदान करेंगे। बता दें कि संजय गुप्ता इससे पहले डिजनी और स्टार को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजन आनंदन के इस्तीफे के बाद से गूगल इंडिया अपना नया कंट्री मैनेजर और वीपी ढ़ूढ़ रहा था। पिछले 8 महीने से ये पद खाली था। गूगल को छोडऩे के बाद राजन आनंदन ने वेंचर फंड कंपनी सिक्योइया कैपिटल को जॉइन किया है। संजय गुप्ता इससे पहले स्टार और डिज्नी कै मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं. भारत में हॉटस्टार के पॉपुलैरिटी के पीछे इनका अहम रोल बताया जाता है। गूगल के मुताबिक संजय मुंबई में रह कर गूगल की गुडग़ांव और हैदराबाद की टीम के साथ काम करेंगे। अगले साल की शुरुआत से वो अपने इस पद को संभालेंगे। गूगल ज्वाइन करने के पर संजय गुप्ता ने कहा है, ‘गूगल इंडिया को लीड करने को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं। यह भारत की कुछ अनोखी चुनौतियों को हल करने और इंटरनेट को लोगों और समुदायों के लिए आर्थिक विकास का इंजन बनाने के लिए ये अच्छा मौका है।’

जीएसटी को लेकर आज से लागू हुआ ये नया नियम, कारोबारियों पर पड़ेगा सीधा असर
Posted Date : 08-Nov-2019 12:49:29 pm

जीएसटी को लेकर आज से लागू हुआ ये नया नियम, कारोबारियों पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्ली ,08 नवंबर। मोदी सरकार ने इनकम टैक्स के बाद अब जीएसटी में डीआईएन यानी डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर को लागू कर दिया है। देश के बिजनेसमैन के हितों की सुरक्षा के लिए ये कदम उठाया गया है। सीबीआईसी  के आदेश के मुताबिक, डिन का इस्तेमाल उन जीएसटी मामलों में होगा, जिनकी इन्क्वायरी चल रही है और उनमें अरेस्ट और सर्च वारंट जारी हो चुका है। CBIT के मुताबिक, 8 नवंबर के बाद जो भी कागज जारी होगा उस पर डिन देना जरूरी है। 
अब ये होगा
वित्त मंत्रालय की पहल के बाद इसे शुरू किया जा रहा है। अब विभाग से जारी हर नोटिस पर कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) होगा। साथ ही, अब नए फैसले के तहत अब ये नंबर टैक्सपेयर्स को मिले वाले सभी डॉक्युमेंट पर भी जरूरी हो गया है। यह सिस्टम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी। 
क्या है डिन
टैक्स डिपार्टमेंट अब जो नोटिस जारी करता है उसमें DIN कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है। अगर किसी भी नोटिस पर ये नंबर नहीं है तो वो वैलिड नहीं है। 
बिना डिन मान्य नहीं होगा नोटिस
राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय का कहना है कि इनडायरेक्ट टैक्स पर सरकार में सबसे पहले ष्ठढ्ढहृ का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा।
- अब से जीएसटी और सीमा शुल्क अथवा केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में भी होगा। अगर कम्प्यूटर जनरेटेड डिन के बिना ही कोई पत्र-व्यवहार करता है तो वह अमान्य होगा। यह कानूनन गलत होगा अथवा ऐसा समझा जाएगा कि इसे कभी जारी ही नहीं किया गया है। 
- ष्ठढ्ढहृ के फैसले सभी तरह के पत्र-व्यवहार की समुचित ऑडिट जानकारियों को सही तरीके से डिजिटल डायरेक्टरी में स्टोर किया जा सकेगा।
- ष्ठढ्ढहृ वाले सभी निर्दिष्ट पत्र-व्यवहार का सत्यापन ऑनलाइन पोर्टल ष्ड्ढद्बष्स्रस्रद्व.द्दश1.द्बठ्ठ पर हो सकेगा। 5 नवम्बर, 2019 को जारी डिन संबंधी सर्कुलर के अनुसार अगर दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नोटिस जारी नहीं होता है तो वो मान्य नहीं होगा।

ऑयलमील निर्यात अक्टूबर में 55 फीसदी घटा
Posted Date : 08-Nov-2019 12:47:53 pm

ऑयलमील निर्यात अक्टूबर में 55 फीसदी घटा

नई दिल्ली ,08 नवंबर।  भारत का ऑयलमील निर्यात बीते महीने अक्टूबर में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 55 फीसदी कम रहा। भारत ने इस साल अक्टूबर में आयॅलमील यानी खल का कुल निर्यात 1,05,085 टन किया जबकि पिछले साल इसी महीने में ऑयलमील का कुल निर्यात 2,33,867 टन किया था। ऑयलमील निर्यात के ये आंकड़े खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स ऑफ इंडिया ने संकलित किए हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक भारत ने 13,92,564 टन ऑयलमील का निर्यात किया है जबकि पिछले साल इसी अवधि में देश से ऑयलमील का निर्यात 17,32,916 टन हुआ था। इस प्रकार चालू वित्त वर्ष के आरंभिक सात महीने में ऑयलमील के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले 24 फीसदी की गिरावट आई है।
उद्योग संगठन के अनुसार, भारत का ऑयलमील महंगा होने के कारण दुनिया के बाजारों में प्रतिस्पर्धा में नहीं टिक पाता है और इसकी मांग कम हो जाती है।
उद्योग संगठन का कहना है कि खासतौर से सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी ज्यादा होने के कारण भारत के सोयाबीन खल के दाम और दुनिया के अन्य देशों के उत्पादों के दाम में अंतर है जिसके कारण इसके निर्यात में कमी आई है।

आर्थिक मोर्चे पर भारत को एक और झटका, मूडीज ने घटाई रेटिंग
Posted Date : 08-Nov-2019 12:47:34 pm

आर्थिक मोर्चे पर भारत को एक और झटका, मूडीज ने घटाई रेटिंग

मुंबई ,08 नवंबर। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की रेटिंग पर अपना परिदृश्य बदलते हुए इसे स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। पहले के मुकाबले आर्थिक वृद्धि के बहुत कम रहने की आशंका है। एजेंसी ने भारत के लिए बीएए2 विदेशी-मुद्रा एवं स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है। रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा, परिदृश्य को नकारात्मक करने का मूडीज का फैसला आर्थिक वृद्धि के पहले के मुकाबले काफी कम रहने के बढ़ते जोखिम को दिखाता है। मूडीज के पूर्व अनुमान के मुकाबले वर्तमान की रेटिंग लंबे समय से चली आ रही आर्थिक एवं संस्थागत कमजोरी से निपटने में सरकार एवं नीति के प्रभाव को कम होते हुए दिखाती है। जिस कारण पहले ही उच्च स्तर पर पहुंचा कर्ज का बोझ धीरे-धीरे और बढ़ सकता है। इसके पहले अक्टूबर में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 2019-20 में त्रष्ठक्क ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था। मूडीज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पहले के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में जोखिम बढ़ गया है, इसलिए आउटलुक को घटाने का फैसला किया है। आपको बता दें कि दुनिया की अन्य बड़ी रेटिंग एजेंसी फिच और एसएंडपी ने भारत के आउटलुक को स्टेबल रखा है।
अब क्या होगा
कैपिटल सिंडिकेट के मैनेजिंग पार्टनर पशुपति सुब्रमण्यम ने बताया है कि रेटिंग एजेंसी के इस फैसले से खास असर नहीं होगा, क्योंकि अब दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिल रहे है। क्योंकि, ब्याज दरें घटाने के बाद निवेशकों का भरोसा भी लौटा है। इसीलिए शेयर बाजार में तेजी आई है। भारत में विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर महीने में करीब 8595.66 करोड़ रुपये लगाए हैं। वहीं, नवंबर में अभी तक  2,806.10 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल कहते हैं कि मौजूदा तिमाही में भी जीडीपी ग्रोथ पर दबाव रह सकता है। लेकिन अगले साल के शुरुआती महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लौट सकती है। इसके संकेत कंपनियों के तिमाही नतीजों से मिले है। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा है। इसीलिए घरेलू शेयर बाजार पर रेटिंग घटाने का खास असर नहीं है। ऐसे माहौल में निवेशकों के पास अच्छे शेयरों में खरीदारी करने का मौका है। 
भारत की रेटिंग क्च्र्र2
रेटिंग के बारे में जानकारी देते हुए मूडीज ने कुछ चीजों को लेकर चिंताएं जाहिर की है। मूडीज का कहना है कि आर्थिक मंदी को लेकर चिंताएं लंबे समय तक रहेंगी और कर्ज बढ़ सकता है। 
कौन है मूडीज
आपको बता दें कि रेटिंग देने के इस सिस्टम देने की शुरुआत 1909 में जॉन मूडी ने की थी। इसका मकसद इन्वेस्टर्स को एक ग्रेड देना है, ताकि मार्केट में उसकी क्रेडिट बन सके। रूशशस्र4ज्ह्य कॉर्पोरेशन, रूशशस्र4ज्ह्य इन्वेस्टर्स सर्विस की पेरेंट कंपनी है, जो क्रेडिट रेटिंग और रिसर्च का काम करती है। मूडीज की रेटिंग का मतलब मूडीज एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है। ये एजेंसी 100 से भी अधिक आर्थिक विशेषज्ञों के साथ किसी देश की रेटिंग तय करते हैं। हालांकि, इसके लिए कोई भी फॉर्मूला नहीं है। इसमें किसी भी देश पर कर्ज और उसे चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी देश में आर्थिक सुधारों और उसके भविष्य के प्रभाव को भी ध्यान में रखता है।

अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर प्रियंका गांधी ने की सरकार की आलोचना
Posted Date : 07-Nov-2019 3:57:53 pm

अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर प्रियंका गांधी ने की सरकार की आलोचना

नयी दिल्ली ,07 नवंबर । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अर्थव्यवस्था की स्थिति पर भारत सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि देश में सत्ता पर काबिज लोग अपने में ही मस्त हैं, जबकि आम लोग हर मोर्चे पर त्रस्त हैं। प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘देश में अर्थव्यवस्था की हालत एकदम पतली है। सेवा क्षेत्र औंधे मुंह गिर चुका है। रोजगार घट रहे हैं। शासन करने वाला अपने में ही मस्त है, जनता हर मोर्चे पर त्रस्त है।’’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अमेरिका में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम कर रहे हैं जबकि अमेरिकियों ने वहां काम करने की इच्छा रखने वाले भारतीयों को एचबी1 वीजा की संख्या कम कर दी है। प्रियंका ने एक और ट्वीट किया, ‘‘भाजपा सरकार से यह सवाल तो सबको पूछना चाहिए कि उसके कार्यकाल में किसकी भलाई हो रही है। प्रधानमंत्री जी अमेरिका जाकर अपना ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम तो कर आए लेकिन अमेरिका ने वहां काम करने की इच्छा रखने वाले भारतीय लोगों के एच-1बी वीजा खारिज करने में बढ़ोतरी कर दी।’

एयर इंडिया के लिए बोली नहीं लगायेगी कतर एयरवेज : बकर
Posted Date : 07-Nov-2019 1:22:08 pm

एयर इंडिया के लिए बोली नहीं लगायेगी कतर एयरवेज : बकर

नई दिल्ली ,07 नवंबर । कतर की सरकारी विमान सेवा कंपनी कतर एयरवेज ने कहा है कि वह भारतीय सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश में बोली नहीं लगाएगी। कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अकबर अल बकर ने यहाँ इंडिगो के साथ कोड शेयर समझौते के बाद संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा एयर इंडिया को खरीदने में हमारी कोई रुचि नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने करीब 60 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी एयर इंडिया के विनिवेश के लिए दूसरी बार प्रयास शुरू किया है। पहला प्रयास विफल होने के बाद मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में विनिवेश प्रक्रिया दुबारा शुरू करने के लिए नये सिरे से मंत्रियों के समूह का गठन किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिये हैं कि इस बार एयर इंडिया की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए बोली आमंत्रित की जायेगी।
बकर ने कहा कि कतर एयरवेज एयर इंडिया को खरीदने की बजाय भारत में अपने नेटवर्क तथा उड़ानों की संख्या बढ़ाने की इच्छा रखती है। उन्होंने कहा कि अभी दोहा से 13 भारतीय शहरों के लिए प्रति सप्ताह उसकी 102 उड़ानें उपलब्ध हैं। इन शहरों में अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, गोवा, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, कोझिकोड, मुंबई, नागपुर और त्रिवेंद्रम् शामिल हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.5 प्रतिशत की दर से बढऩे का पूर्वानुमान है। ऐसे में विमानन क्षेत्र के लिए ज्यादा अवसर पैदा होंगे तथा यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।
कतर एयरवेज के सीईओ ने कहा हम भारत में अपने गंतव्यों और उड़ानों की संख्या बढ़ाने की कोशिश में हैं। इसके लिए हम भारतीय नियामकों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय को दुनिया के सबसे निषिद्ध विमानन क्षेत्रों में से एक बताते हुये कहा कि इसे और लचीला बनाने की जरूरत है। बकर ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के अतिरिक्त अवसर भी पैदा होंगे।