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बायोफैच में तंबाकू रहित जैविक सिगरेट रही आकर्षण का केंद्र
Posted Date : 09-Nov-2019 1:52:35 pm

बायोफैच में तंबाकू रहित जैविक सिगरेट रही आकर्षण का केंद्र

नई दिल्ली ,09 नवंबर । धूम्रपान से कैंसर का खतरा अधिक रहता है और ऐसे लोग जो धूम्रपान के आदी हैं और वह इसे छोडऩे के प्रयास में हैं तो उनके लिए तंबाकू रहित जैविक सिगरेट सुरक्षित और अधिक सेहतमंद विकल्प है। शनिवार को समाप्त हुए ग्रेटर नोएडा में तीन दिन के जैविक उत्पाद मेले बायोफैच इंडिया में तंबाकू रहित जैविक सिगरेट में प्रदर्शनी का अवलोकन करने आए दर्शकों की मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।
यह सिगरेट तुलसी, चाय के पौधे (कैमेलिया साइनेंसिस) गुलाब की पंखुडिय़ों, पुदीने की पत्तियों को मिलाकर वर्जिन पेपर पर रोल कर और रुई का फिल्टर लगाकर बनाई गई है। तंबाकू और निकोटिन से मुक्त इस जैविक सिगरेट मेले के अंतिम दिन दर्शकों को खूब भायी।
सात नवंबर से नौ नवंबर तक चला बायोफैच इंडिया मेला नर्नबर्ग मेसे इंडिया और वाणिज्य मंत्रालय के अधीन कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने मिलकर आयोजित किया था ।
तंबाकू रहित सिगरेट को आर्गनिक स्मोक्स शुरू करने वाले पीयूष छाबड़ा ने अपने दो भाइयों गौरव और नितिन के सान्निध्य से तैयार किया। श्री छाबड़ा ने कहा, आर्गनिक स्मोक्स चाय के पौधे कैमेलिया माइनेंसिस से बनी है और 100 प्रतिशत हर्बल है। इसमें कैमेलिया साइनेंसिस के साथ तुलसी का मिश्रण है तथा किसी प्रकार की तंबाकू अथवा निकोटिन नहीं है। इसमें टार आउट फिल्टर है जिससे धूम्रपान भी सेहत भरा हो जाता है और इसका सेवन करने से तनाव, जैट लैग, सर्दी और निकोटिन की तलब से मुक्ति मिलती है और मन भी अच्छा महसूस करता है।
छाबड़ा ने जैविक सिगरेट बनाने के पीछे की कहानी बयां करते हुए कहा कि किसी समय वह स्वयं भी बहुत अधिक धूम्रपान करते थे। उन्होंने कहा, आर्गेनिक स्मोक्स को प्राकृतिक कागज में ढेर सारी सामग्री मिलकार बनाया गया है। इसमें जैविक तरीके से उगाये गये गुलाब की पंखुडिय़ा और पुदीने की पत्तियां हैं, जिन्हें कागज में लपेटा जाता है और एक छोर रुई का फिल्टर तथा टार छोडऩे वाला माउथपीस लगाया जाता है। इस हानिमुक्त मिश्रण के कारण धूम्रपान करने वाले को आम सिगरेट जैसी राहत मिलती है लेकिन सेहत को किसी तरह का खतरा नहीं होता। इससे तनाव दूर होता है, जैट लैग दूर करने में मदद मिलती है। यही नहीं सर्दी-जुकाम से भी बचाव होता है।
एफडीए से प्रमाणित यह निकोटिन मुक्त फार्मूला तीन स्वाद--मेंथाल, माइल्ड और रेग्युलर में मिलता है और 10 जैविक सिगरेट पैक की कीमत 100 से 300 रुपए के बीच है। छाबड़ा ने कहा कि वह जैविक सिगरेट का निर्यात करने की योजना भी बना रहे हैं। मेले के दौरान बांस से बने लकड़ी के टूथब्रश, पुन: इस्तेमाल योग्य स्ट्रा और खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों को भी दर्शकों ने खूब पसंद किया।
एपीडा के अध्यक्ष पवन के बड़ठाकुर ने मेले की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा बायोफैच 2019 में देश और विदेश के निर्यातकों, प्रसंस्करणकर्ताओं, खुदरा श्रखंला उद्योग, प्रमाणन संस्थाओं और उत्पादकों समेत छह से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। मेले में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने जैविक चाय, मसाले,शहद, बासमती चावल, काफी, अनाज, मेवे, सब्जियों, प्रसंस्कृत खाद्य एवं औषधीय पौधों समेत विभिन्न भारतीय जैविक उत्पादों पर वार्ता करके प्रत्यक्ष अनुभव साझा किया।

अयोध्या  फैसले के मद्देनजर सीए की सभी परीक्षाएं स्थगित
Posted Date : 09-Nov-2019 1:52:07 pm

अयोध्या फैसले के मद्देनजर सीए की सभी परीक्षाएं स्थगित

नई दिल्ली ,09 नवंबर । अयोध्या मामले पर अदालत के फैसले के बाद देशभर में स्कूलों व कॉलेजों को बंद रखने की घोषणा की गई है। वहीं, इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने शनिवार को होने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी है। 
आईसीएआई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक नोटिस में बताया कि 09 नवंबर को होने वाली सीए की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। अभी तक किसी नई तिथि की घोषणा नहीं की गई है। वेबसाइट पर कहा गया कि ऑनलाइन माध्यमों में इससे संबंधित खबरों को देखते परीक्षा स्थगित करने का फैसला लिया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों और कॉलेजों के बंद होने की खबर के मद्देनजर आईसीएआई की 09 नवंबर, 2019 को होनी वाली सभी परीक्षाएं फाउंडेशन पेपर 01, फाइनल पेपर 05, आईआरएम पेपर 01, आईएनटीटी एटी और डीआईएसए ईटी पेपर को स्थगित किया जाता है। देश और विदेश में होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित होंगी। इन परीक्षाओं की नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। इस बीच अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और अन्य सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे।

देश में घटी यात्री वाहनों की मांग, मारुति ने लगातार 8वें महीने घटाई प्रोडक्शन
Posted Date : 09-Nov-2019 1:51:46 pm

देश में घटी यात्री वाहनों की मांग, मारुति ने लगातार 8वें महीने घटाई प्रोडक्शन

मुंबई ,09 नवंबर । देश में यात्री वाहनों की मांग न होने के कारण सबसे बड़ी कार विनिर्माता, मारुति सुजुकी ने लगातार 8वें महीने उत्पादन में कटौती की है। पिछले महीने कंपनी ने कुल 1,19,337 वाहन बनाए, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने कंपनी ने 1,50,497 वाहन बनाए थे। यात्री वाहनों का उत्पादन पिछले वर्ष अक्टूबर 148,318 वाहनों के मुकाबले 117,383 वाहनों का रहा, जबकि वैन उत्पादन पिछले साल के अक्टूबर 13,817 वाहनों से लगभग आधा घटकर 7,661 रह गया।
कंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा कि छोटे वाहन खंड में उत्पादन पिछले वर्ष की समान अवधि के 34,295 से घटकर 20,985 रह गया। इस खंड में अल्टो, एस-प्रेसो, पुराना वैगन आर शामिल हैं। काम्पैक्ट सेगमेंट में नई वैगन आर, सेलेरियो, आईजिनिस, स्विफ्ट, बैलेनो, ओईएम मॉडल, डिजायर शामिल हैं, और इस खंड के वाहनों का उत्पादन पिछले वर्ष अक्टूबर के 74,167 से घटकर 64,079 रह गया। सिर्फ जिप्सी, विटारा ब्रेजा, एर्टिगा, एक्सएल-6, एस-क्रॉस जैसे यूटिलिटी वाहनों के उत्पादन में मामूली वृद्धि देखने को मिली, जो पिछले वर्ष अक्टूबर के 22,526 से मामूली बढक़र 22,736 हो गया।

47,600 करोड़ का कर्ज नहीं चुकाने के कारण अनिल अंबानी के खिलाफ मामला दर्ज
Posted Date : 09-Nov-2019 1:51:18 pm

47,600 करोड़ का कर्ज नहीं चुकाने के कारण अनिल अंबानी के खिलाफ मामला दर्ज

नई दिल्ली ,09 नवंबर । तीन चाइनीज बैंक ने अनिल अंबानी के खिलाफ 680 मिलियन डॉलर (करीब 47,600 करोड़) रुपए नहीं चुकाने का मामला लंदन कोर्ट में दर्ज किया है। इंडस्ट्रियल ऐंड कमर्शल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डिवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने 2012 में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स को 925.20 मिलियन डॉलर (करीब 64,750 करोड़ रुपए) का लोन दिया था। उस समय अनिल अंबानी ने कहा था कि वह इस लोन की पर्सनल गारंटी देते हैं, लेकिन फरवरी 2017 के बाद कंपनी लोन चुकाने में डिफॉल्ट हो गई।
निजी संपत्ति को गारंटी नहीं बनाया- अनिल अंबानी
इस मामले पर अनिल अंबानी का कहना है कि उन्होंने पर्सनल कंफर्ट लेटर देने की बात कही थी, उन्होंने निजी संपत्ति को गारंटी बनाने की पेशकश कभी नहीं की। अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि ढ्ढष्टक्चष्ट बैंक लगातार अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स में अंतर नहीं करने की भूल करता रहा।
रिलायंस ग्रुप पर 93 हजार करोड़ का कर्ज
अनिल अंबानी रिलायंस कम्युनिकेशन्स के चेयरमैन हैं और उनका रिलायंस ग्रुप पिछले कुछ समय से कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है। ग्रुप पर कर्ज का बहुत बड़ा बोझ है, जिसकी वजह से परेशानी में है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर तक रिलायंस ग्रुप पर 13.2 अरब डॉलर (करीब 93 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज है।
एरिक्शन के साथ भी था ऐसा विवाद
एरिक्शन के साथ भी इसी तरह का विवाद सामने आया था। रिलायंस कम्युनिकेशन्स को एरिक्शन को 550 करोड़ रुपये चुकाने थे। सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद अनिल अंबानी कर्ज चुकाने के लिए तैयार हुए और इसमें मुकेश अंबानी ने उनकी मदद की।

एपीडा का 2022 तक कृषि उत्पाद निर्यात लक्ष्य 60 अरब डॉलर : बड़ठाकुर
Posted Date : 08-Nov-2019 12:50:38 pm

एपीडा का 2022 तक कृषि उत्पाद निर्यात लक्ष्य 60 अरब डॉलर : बड़ठाकुर

ग्रेटर नोएडा ,08 नवंबर।  कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष पवन कुमार बड़ठाकुर ने कहा है कि नयी कृषि निर्यात नीति के बलबूते 2022 तक देश से कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाकर 60 अरब डॉलर किया जायेगा।
बड़ठाकुर ने शुक्रवार को यहां आयोजित ग्यारहवें जैविक उत्पाद मेले के दूसरे दिन कहा कि नयी कृषि निर्यात नीति की मदद से वाणिज्य और कृषि मंत्रालय के बीच अंतर को कम करने में मदद मिली है जिससे 2022 तक देश का कृषि उत्पादों का निर्यात 60 अरब डॉलर तक करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कह कि यह महत्वकांक्षी लक्ष्य नहीं है। देश की निर्यात बास्केट में मुख्य रुप से मांस, समुन्द्री उत्पाद और बासमती चावल है जिसकी लगातार मांग बढ़ रही है। इसलिए इस लक्ष्य को हासिल कर लेना कोई मुश्किल काम नहीं होगा। वर्तमान में कृषि निर्यात 38 अरब डॉलर का है।
ग्यारहवें बायोफैच मेले में विदेशी खरीदारों की दिलचस्पी का जिक्र करते हुए बड़ठाकुर ने कहा कि भारतीय जैविक खाद्य उत्पादों की मांग बढ़ रही है और जल्द ही टेक्सटाइल और आयुर्वेदिक औषधियों को भी इस श्रेणी में शामिल किया जायेगा। तीन दिन का यह मेला सात नवंबर को शुरु हुआ और नौ नवंबर तक चलेगा।
एपीडा के महाप्रबंधक तरुण बजाज ने मेले में एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि चीन, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, म्यांमार, बंगलादेश, मैक्सिको और यूरोपीय संघ से आए विदेशी खरीदारों ने अपने देशों में जैविक उत्पादों की बढ़ती खपत को पूरा करने के लिए जैविक औषधीय पौधों, सौंदर्य प्रसाधनों, टेक्सटाइल से लेकर ज्वार जैसे मोटे अनाज तक भारतीय जैविक खाद्य उत्पादों में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। एपीडा के निमंत्रण पर विभिन्न देशों से 80 खरीदार आए हैं। मेले में करीब 200 कंपनियों ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं।
बजाज ने कहा विदेशी खरीदार भारतीय जैविक उत्पादों में दिलचस्पी दिखाने के अलावा कंपनियों तथा किसानों से भी संपर्क कर रहे हैं । वे कृषि पद्धतियों के बारे में सूचना, संसाधनों तथा जानकारी का आदान.प्रदान भी कर रहे हैं । विदेशी खरीदारों ने वैश्विक स्तर पर भारतीय जैविक उत्पादों का हिस्सा बढ़ाने के लिए किसानों से तीन पहलुओं--गुणवत्ता, मात्रा तथा कीमत पर ध्यान देने का सुझाव दिया है ।
उन्होंने कहा,दुनिया भर में लोग अब अपने खानपान और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने लगे हैं। इससे जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है और वह रसायनजनित उत्पाद नहीं चाहते हैं। कुल कृषि निर्यात की तुलना में जैविक उत्पादों की हिस्सेदारी बहुत कम है किंतु इसमें जिस रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही है वह बहुत प्रोत्साहित करने वाली है। जैविक उत्पाद की श्रेणी में तिलहन, मोटे अनाज , चीनी, फल जूस कंसेंट्रेट , चाय , मसालों , दालों , मेवों और औषधीय पौधे की मांग सबसे अधिक है।
महाप्रबंधक ने कहा कि भारतीय उत्पादों के बड़े खरीदार अमेरिका, यूरोपीय संघ के सदस्य देश और कनाडा है किंतु अब इजरायल, वियतनाम और मैक्सिकों जैसे कई नये देशों ने भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है। अप्रसंस्कृत उत्पादों को यूरोपीय संघ और स्विट्जरलैंड में समान स्तर का माने जाने ओर यूएसडीए से हरी झंडी मिलने के बाद इन दिशों में निर्यात बढ़ाने में काफी मदद मिली है।
मेले की मुख्य विशेषता पूर्वोत्तर राज्यों में उत्पादित जैविक उत्पादों का प्रदर्शन है। ये राज्य अब भारतीय जैविक कृषि उतपादों के केंद्र बनते जा रहे हैं। असम की चाय, जोहा चावल और नींबू, सिक्किम की बड़ी इलायची और अदरक, मणिपुर से किंग मिर्च, मिजोरम का गन्ना, लोबिया और धान , मेघालय से पैशन फ्रूट और त्रिपुरा का अनानास प्रमुख हैं।

एसबीआई ने दिया ग्राहकों को झटका, फिर एफडी ब्याज दरों में हुई कटौती
Posted Date : 08-Nov-2019 12:50:05 pm

एसबीआई ने दिया ग्राहकों को झटका, फिर एफडी ब्याज दरों में हुई कटौती

मुंबई ,08 नवंबर। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने 42 करोड़ ग्राहकों को झटका दिया है। बैंक ने सभी तरह के फिक्स डिपाजिट में ब्याज दरों पर कटौती करने का फैसला लिया है। ब्याज दरों में 0.05 प्रतिशत तक कटौती करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बैंक ने जमा रकम की ब्याज दरों में 0.15-0.75 तक की भारी कटौती की है। जानकारी के अनुसार बैंक की नई दरें 10 नवंबर से लागू होंगी। बैंक ने चालू वित्त वर्ष में लगातार सातवीं बार कर्ज पर ब्याज दर में कटौती है। स्टेट बैंक ने बयान में कहा कि इस कटौती के साथ एक साल के ऋण का एमसीएलआर कम होकर 8 प्रतिशत पर आ जाएगा। बैंक ने सावधि जमा पर भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। उसने 1 साल से 2 साल तक की अवधि वाले खुदरा सावधि जमा पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है। वहीं , सभी परिपक्वता अवधि की थोक सावधि जमा के लिए ब्याज दरों में 0.30 से 0.75 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। आपको बता दें कि अब एसबीआई 7 से 45 दिन की एफजी स्कीम पर 4.50 प्रतिशत ब्याज देगा जबकि 46 से 179 दिन की एफडी स्कीम पर 5.50 प्रतिशत की दर से ब्याज देगा। अगर हम बात करें 180 से 210 दिन वाली एफडी स्कीम की तो इसमें बैंक 5.80 की दर से ब्याज देगा। जबकि 1 साल की एफडी पर अब बैंक ग्राहकों को मात्र 6.25 फीसदी ब्याज मिलेगा। इसी तरह एक साल से ऊपर और दस साल तक वाली एफडी स्कीम पर खाताधारकों को 6.25 फीसदी ब्याज मिलेगा।
इससे पहले अक्टूबर माह में भी एसबीआई ने एमसीएलआर और टर्म व बल्क डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दरों में बदलाव किया था। तब बैंक ने एक से दो साल की अवधि के रिटेल टर्म डिपॉजिट और बल्क टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कमी की थी। एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी। वहीं बल्क टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर में 30 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी। इस टर्म डिपॉजिट की मियाद भी एक साल से दो साल तक की थी।