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चंदा कोचर को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया गया
Posted Date : 02-Mar-2019 10:47:11 am

चंदा कोचर को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया गया

0-वीडियोकॉन लोन केस
नई दिल्ली ,02 मार्च । वीडियोकोन लोन केस में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को अपने ऑफिस बुलाया है। ये पूछताछ ईडी के मुंबई स्थित ऑफिस में होगी। ऐसे आरोप हैं कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर समेत उनके परिवार के सदस्यों को कर्ज पाने वालों की तरफ से वित्तीय फायदे पहुंचाए गए। ऐसे में शनिवार को ईडी चंदा कोचर से कई घंटे पूछताछ कर सकता है, जिसमें कई अहम खुलासे होने की संभावना है। 
इससे पहले शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने चंदा कोचर और विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें मुंबई और औरंगाबाद की कुछ जगहें शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले जनवरी में सीबीआई ने महाराष्ट्र में चंदा के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई एवं अन्य जगहों पर कम से कम पांच कार्यालय और आवासीय परिसर में यह छापेमारी की गई है। 
ईडी ने एक बयान में कहा, ‘धनशोधन रोकथाम कानून (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) के प्रावधानों के तहत मुंबई में कोचर और औरंगाबाद में धूत के परिसरों की तलाशी की गई है।’ ईडी ने इस महीने की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धुत एवं अन्य के खिलाफ के मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। 
बता दें कि ये मामला विडियोकॉन ग्रुप को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के लोन का है। यह लोन कुल 40 हजार करोड़ रुपये का एक हिस्सा था जिसे विडियोकॉन ग्रुप ने एसबीआई के नेतृत्व में 20 बैंकों से लिया था। वहीं विडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत पर आरोप है कि उन्होंने 2010 में 64 करोड़ रुपये न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और दो अन्य रिश्तेदारों के साथ मिलकर खड़ा किया था। आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक से लोन मिलने के 6 महीने बाद धूत ने कंपनी का स्वामित्व दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है और अब देखना ये होगा कि ईडी द्वारा चंदा कोचर से शनिवार को होने वाली पूछताछ में क्या निकलकर सामने आता है।

15 हजार रुपये प्रति माह से ज्यादा सैलरी वाले पर लागू नहीं होगा पीएफ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Posted Date : 01-Mar-2019 12:46:53 pm

15 हजार रुपये प्रति माह से ज्यादा सैलरी वाले पर लागू नहीं होगा पीएफ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली,01 मार्च । भविष्य निधि (प्रविडेंट फंड) में एंप्लॉयर्स और एंप्लॉयीज के योगदान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उनपर कोई असर नहीं होगा जिनका प्रति माह मूल वेतन (बेसिक सैलरी) और विशेष भत्ता (स्पेशल अलाउंसेज) 15 हजार रुपये से ज्यादा है। हालांकि, भारत में काम कर रहे विदेशियों को इसका फायदा जरूर मिलेगा। पूर्व सेंट्रल प्रविडेंट फंड कमिश्नर ने बताया, पीएफ कॉन्ट्रिब्यूशन का आदेश 15 हजार रुपये तक की बेसिक सैलरी और अलाउंसेज वालों के लिए ही लागू होगा। इससे ज्यादा वेतन वालों के लिए पीएफ में योगदान अनिवार्य नहीं है।
एक अन्य पूर्व सीपीएफसी के. के. जालान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इसलिए आया है क्योंकि कई एंप्लॉयर्स वैधानिक न्यूनतम वेतन (15 हजार रुपये प्रति माह) वालों का पीएफ नहीं जमा करवा रहे थे। उन्होंने कहा, इसलिए, हमने वैसे मामलों में पीएफ डिडक्शन लागू करने का नियम लागू करने का सुझाव दिया जिनमें कुल वेतन ज्यादा, लेकिन मूल वेतन कम है जिससे पीएफ डिडक्शन का आधार बनता है। नतीजतन, कुछ एंप्लॉयीज की टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। हालांकि, इनकी संख्या बहुत कम रहेगी।
कंसल्टिंग फर्म पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर कुलदीप कुमार ने मराठवाड़ा ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच के एक वाकये का उदाहरण दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीएफ अथॉरिटीज 15 हजार रुपये के न्यूनतम वेतन की वैधानिक सीमा के ऊपर के मामले में एंप्लॉयर पर पीएफ डिडक्शन का दबाव नहीं बना सकती है और न ही इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती है।
उन्होंने कहा, इस आदेश से स्पष्ट हो गया कि पीएफ कंट्रिब्यूशन के लिए वेरिऐबल या इंसेंटिव आदि के रूप में मिलने वाले विशेष भत्तों को वेतन की परिभाषा से बाहर नहीं रखा जा सकता। इस आदेश से स्पष्ट है कि ऐसे भत्तों को वेतन में शामिल माना जाएगा। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे भत्ते और मूल वेतन को मिलाकर प्रति माह वेतन 15 हजार रुपये से अधिक होने पर भी एंप्लॉयर्स से पीएफ का पैसा काटने को कहा जाएगा? मई 2014 में पीएफ अथॉरिटीज ने अपने फील्ड ऑफिसरों को निर्देश दिया था कि वे मराठवाड़ा ग्रामीण बैंक केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर 15 हजार रुपये की वैधानिक मंथली सैलरी से ऊपर वालों के लिए पीएफ डिडक्शन के लिए एंप्लॉयर पर दबाव नहीं डाला जाए। 
कई कर्मचारियों के लिए विशेष भत्ते परेशानी के सबब हैं जिन्हें लगता है कि उनके पीएफ पेमेंट्स और रिटायरमेंट के बाद की सेविंग्स पर इनका असर पड़ता है जबकि कुछ पीएफ में ज्यादा पैसे जमा करवाना चाहते हैं। ऐसे लोगों की टेक होम सैलरी कम हो जाएगी।

बड़ी स्टील कंपनियों पर लंबे समय के लिए दांव लगाने का मौका!
Posted Date : 01-Mar-2019 12:46:34 pm

बड़ी स्टील कंपनियों पर लंबे समय के लिए दांव लगाने का मौका!

मुंबई ,01 मार्च । इंडियन स्टील सेक्टर के लिए आने वाला समय बेहतर दिख रहा है। प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने टारगेट प्राइस बढ़ा दिए हैं और शेयरों को अपग्रेड कर दिया है। उन्होंने स्टील की दमदार डिमांड और कीमतों में तेजी के आधार पर ऐसा किया है। पिछले कुछ दिनों में मॉर्गन स्टैनली ने जिंदल स्टील की रेटिंग अंडरवेट से अपग्रेड कर ओवरवेट कर दी है।
मॉर्गन स्टैनली ने जिंदल स्टील की टारगेट प्राइस भी 174 रुपये से बढ़ाकर 188 रुपये कर दिया है। उसने जेएसडब्ल्यू स्टील और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड की रेटिंग भी अपग्रेड कर अंडरवेट से इच्लवेट कर दिया है। उसने जेएसडब्ल्यू स्टील का टारगेट प्राइस 278 रुपये से बढ़ाकर 296 रुपये और सेल का 53 रुपये से बढ़ाकर 54 रुपये कर दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने भी जेएसडब्ल्यू स्टील की रेटिंग्स न्यूट्रल से अपग्रेड कर बाय कर दी है और 315 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।
अल्फा इन्वेस्को के सीआईओ चेतन फाल्के ने कहा, इंडियन स्टील इंडस्ट्री कई साल की तेजी के मुहाने पर है। देश में स्टील की ऊंची कीमतों, उत्पादन क्षमता के बढ़ रहे उपयोग, बैलेंस शीट पर कर्ज में कमी और साल 2022 तक सरकार के एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने को देखते हुए यह कॉन्ट्रेरियन दांव लगाने का समय है।
जिंदल स्टील ऐंड पावर, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल ने पिछले सालभर में सेंसेक्स के मुकाबले 15 से 50 प्रतिशत तक कमजोर प्रदर्शन किया है। भारत में डिमांड दमदार है, लेकिन एक्सपोर्ट्स में सुस्ती के कारण प्रॉडक्शन पर असर पड़ा है। रेटिंग एजेंसी इकरा ने हाल में कहा था कि इंडियन स्टील डिमांड 7 प्रतिशत से ज्यादा की दर से बढ़ेगी, वहीं वर्ल्ड स्टील असोसिएशन ने 2019 में भारत में ग्रोथ का अपना अनुमान पिछले साल 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। 
सरकारी कदमों और ठोस देसी मांग के कारण स्टील की कीमतों में तेजी आई है, जबकि इंटरनैशनल प्राइसेज में भी रिकवरी दिखी है। मंथली प्रॉडक्शन ग्रोथ लंबे समय के ठहराव के बाद पिछले दो महीनों में बढ़ी है। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि रिस्क-रिवॉर्ड का हाल अनुकूल दिखने के कारण अपग्रेड किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के चेयरमैन और 2 निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेजा
Posted Date : 01-Mar-2019 12:46:17 pm

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के चेयरमैन और 2 निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेजा

नई दिल्ली ,01 मार्च । सुप्रीम कोर्ट ने कई बार निर्देश देने के बाद भी पुलिस जांच में सहयोग नहीं करने पर गुरुवार को आम्रपाली समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अनिल शर्मा और दो अन्य निदेशकों को पुलिस हिरासत में भेज दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इन तीनों ही लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने की अनुमति दी थी। इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है।
इन तीनों ही लोगों पर निवेशकों के धन के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि घर खरीदने वाले अभी तक अपना फ्लैट नहीं पा सके हैं। कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस अपराध में शामिल कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाएगा। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा आम्रपाली के निदेशक शिव प्रिय और अजय कुमार को भी इस मामले में गिरफ्तार कर सकती है। 
अदालत ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश पुलिस की निगरानी में एक होटल में हिरासत में रखे गए किसी भी निदेशक को गिरफ्तार करने से किसी एजेंसी को कभी नहीं रोका। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा के दक्षिणी दिल्ली स्थित बंगले समेत निजी प्रॉपर्टी को भी अटैच करने के निर्देश दिए। कोर्ट के इस फैसले से यह भी स्पष्ट हो गया कि आम्रपाली ग्रुप के बाकी दो निदेशकों की प्रॉपर्टी को भी अटैच किया जा रहा है।
सर्वोच्च अदालत ने करीब 200 लोगों और कंपनियों को नोटिस जारी किया। इन लोगों पर अदालत द्वारा नियुक्त किए गए फोरेंसिक ऑडिटर्स के साथ सहयोग न करने के आरोप हैं। ये फोरेंसिक ऑडिटर्स आम्रपाली के घर खरीदने वाले लोगों के पैसों की जानकारी को ट्रैक कर रहे हैं। ये कंपनियां और लोग आम्रपाली के साथ आर्थिक लेनदेन में शामिल रहे हैं।

बैंक खाते से लिंक नहीं है पैन कार्ड तो होगा बड़ा नुकसान
Posted Date : 28-Feb-2019 12:44:24 pm

बैंक खाते से लिंक नहीं है पैन कार्ड तो होगा बड़ा नुकसान

0-लागू होगा नया नियम
नईदिल्ली, 28 फरवरी । इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सिर्फ ई-रिफंड्स ही जारी करेगा और यह भी उन्हीं बैंक अकाउंट्स में जारी किए जाएंगे जो पैन (पैन) से जुड़े होंगे. 1 मार्च 2019 से आईटी डिपार्टमेंट ई-मोड के जरिए रिफंड जारी करेगा. टैक्स रिफंड पाने के लिए टैक्सपेयर्स को अपने बैंक अकाउंट को पैन करना होगा. अगर आपका पैन आपके बैंक अकाउंट से नहीं जुड़ा है तो इनकम टैक्स रिफंड पाने के लिए आपको अपने बैंक ब्रांच को जल्दी जरूरी डिटेल देने होंगे.
बुधवार को जारी एडवाइजरी के मुताबिक, टैक्सपेयर को अपना बैंक अकाउंट पैन से लिंक करना अनिवार्य है. इससे उनको टैक्स रिफंड सीधे बैंक अकाउंट में मिल जाएगा जो सुरक्षित है. फिलहाल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को रिफंड उनके बैंक अकाउंट या अकाउंट पे चेक के द्वारा करता है.
31 मार्च तक पैन को आधार से जोडऩा अनिवार्य
इससे पहले, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आदेश जारी कर कहा था कि पैन कार्ड को आधार से लिंक अनिवार्य है. सीबीडीटी ने इसके लिए 31 मार्च तक की डेडलाइन तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आईटीआर फाइल करने के लिए आधार को पैन से जोडऩा ही पड़ेगा. इसके अनुसार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों को 31 मार्च, 2019 से पहले पैन कार्ड को आधार से जोडऩा अनिवार्य है.

 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चीनी युआन कमजोर
Posted Date : 28-Feb-2019 12:43:50 pm

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चीनी युआन कमजोर

बीजिंग, 28 फरवरी । अमेरिकी डॉलर के मुकाबले चीन की मुद्रा युआन में गुरुवार को गिरावट रही। डॉलर के मुकाबले युआन 44 आधार अंकों की गिरावट के साथ 6.6901 पर है। 
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के हाजिर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में युआन को प्रत्येक कारोबारी दिन केंद्रीय समता मूल्य से अधिकतम दो फीसदी कमजोर होने या मजबूत होने दिया जा सकता है।
डॉलर के मुकाबले युआन का केंद्रीय समता मूल्य प्रत्येक कारोबारी दिन अंतरबैंक बाजार खुलने से पहले बाजार के विविध घटकों द्वारा पेश मूल्य के भारित औसत के बराबर होता है।