सैन फ्रांसिस्को ,05 मार्च । गूगल ने सऊदी अरब के एक विवादित सरकारी एप एब्शेर को अपने स्टोर से यह कहते हुए हटाने से इनकार कर दिया है कि यह प्ले स्टोर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है। यह एप पुरुषों को महिलाओं की यात्रा पर निगरानी और नियंत्रण करने की सुविधा देता है। बिजनेस इनसाइडर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने एप हटाने की याचिका देने वाले कैलिफोर्निया डेमोक्रेट रिप्रजेंटेटिव जैकी स्पीअर को बताया कि यह एप गूगल के प्ले स्टोर के नियमों का उल्लंघन नहीं करता है।
स्पीअर, इहान उमर, राशिदा तलाइब और 11 अन्य अमेरिकी प्रतिनिधियों ने एप्पल और गूगल से इस एप को हटाने की मांग की। स्पीअर ने गूगल के जवाब को बेहद असंतोषजनक बताया है। स्पीअर के हवाले से कहा गया, एप्पल और गूगल से अब तक मिले जवाब बेहद असंतोषजनक हैं। फिलहाल यह एप एप्पल एप स्टोर तथा गूगल प्ले स्टोर - दोनों पर उपलब्ध है। हालांकि वे इसे आसानी से हटा सकते हैं। एप्पल ने अभी तक अपना निर्णय नहीं सुनाया है।
एब्शेर सऊदी यूजर्स को सरकारी सेवाओं को एक्सेस करने तथा एक फीचर ऑफर करता है, जिसके तहत सऊदी पुरुषों को महिलाओं को यात्रा की अनुमति देने या उसे रद्द करने की सुविधा दी जा सकती है और महिलाओं द्वारा पासपोर्ट का उपयोग करने के समय उनके पास एसएमएस अलर्ट पहुंच जाता है। इससे पहले एक रिपोर्ट आई थी, जिसके अनुसार, सऊदी पुरुष उन पर आश्रित महिलाओं पर नियंत्रण करने के लिए एप का उपयोग कर सकते हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे मानवाधिकार संगठनों ने भी गूगल और एप्पल को अपने प्लेटफॉर्म पर एप चलाने के लिए उनकी आलोचना की है।
मुंबई ,05 मार्च । भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) ने चार स्विफ्ट से जुड़े परिचालन नियंत्रणों में देरी को लेकर कर्नाटक बैंक पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। स्विफ्ट प्रणाली वैश्विक स्तर पर वित्तीय संस्थानों और बैंकों द्वारा संदेश प्राप्त करने और भेजे जाने के लिए एक मैसेजिंग नेटवर्क है।
इसके जरिए वित्तीय लेन-देन दिशानिर्देशों को प्राप्त या भेजा जाता है। कर्नाटक बैंक ने बीएसई में अपने नियामकीय फाइलिंग में कहा, भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 और 47ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए चार स्विफ्ट से जुड़े परिचालन नियंत्रणों में देरी को लेकर बैंक पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। स्विफ्ट प्रणाली 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले के बाद प्रकाश में आया था, जोकि कथित रूप से इस मैसेजिंग सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग की वजह से हुआ था। फरवरी 2018 में इस धोखाधड़ी के सामने आने के बाद, आरबीआई ने बैंकों के सभी तरह के लेन-देन के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है।
नयी दिल्ली ,04 मार्च । जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने सोमवार को कहा कि उसकी अनुषंगी जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) ने अपनी उड़ान इकाई को पूरी तरह बेच दिया है। हालांकि कंपनी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह सौदा कितनी राशि का है। जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने शेयर बाजारों को दी गयी जानकारी में कहा है, जीएचआईएएल...ने एक अज्ञात राशि पर एशिया पैसिफिक फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी लिमिटेड (एपीएफटीएएल) नामक अपनी अनुषंगी के 100 प्रतिशत शेयरों को एक तीसरे पक्ष को बेच दिया है। कंपनी ने कहा है कि इस बिक्री के साथ ही एपीएफटीएएल अब जीएचआईएल और जीआईएल की अनुषंगी नहीं रह गयी।
0-रिपोर्ट में खुलासा
मुंबई,04 मार्च । कुछ सरकारी एजेंसियों और पब्लिक यूटिलिटी के लिए डिजिटल पेमेंट पर बैंक चार्ज ग्राहकों से ही वसूले जा रहे हैं जबकि मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने के लिए ग्राहकों को इससे राहत देने का निर्देश दिया था। कुछ मामलों में न केवल बैंक चार्ज अवैध तरीके से ग्राहकों पर थोपे जा रहे हैं बल्कि अनुमति से ज्यादा रकम वसूली जा रही है। डिजिटल पेमेंट्स पर सरचार्जेज का अध्ययन करने वाले आईआईटी बॉम्बे में गणित विभाग के आशीष दास के मुताबिक, पिछले वर्ष में सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट्स पर 200 करोड़ रुपये अनधिकृत वसूली की गई है।
दिल्ली में यूपीआई के जरिए बिजली बिल पेमेंट करने वालों को बिल अमाउंट से 1त्न ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है। मुंबई में टाटा पावर के ग्राहकों का बिजली बिल 2 हजार रुपये से ज्यादा जबकि दिल्ली में 5 हजार रुपये से ज्यादा होने पर सरचार्ज देना पड़ता है। इसी तरह, आईआरसीटीसी से टिकट बुक करते वक्त यूपीआई से 2 हजार रुपये से ज्यादा के पेमेंट पर अतिरिक्त 10 रुपये और जीएसटी देना पड़ रहा है। ये तो कुछ चुनिंदा उदाहरण हैं जबकि ऐसे मामले भरे पड़े हैं।
आशीष दास ने डिजिटल पेमेंट्स पर विभिन्न सरचार्ज के अध्ययन में पाया कि बैंक ग्राहकों से लगातार सरचार्ज वसूल रहे हैं जबकि आरबीआई ने इसके खिलाफ स्पष्ट निर्देश जारी कर रखा है। दास ने अपनी रिपोर्ट में कहा, गैर-कानूनी तौर पर सरचार्ज वसूले जाने से डिजिटल पेमेंट करने वालों पर अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ रहा है। 2018 में सिर्फ ऑनलाइन पेमेंट्स पर ही अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।
नई दिल्ली ,04 मार्च । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोबाइल सिम कार्ड लेने तथा बैंक खाता खुलवाने में पहचान पत्र के तौर पर आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यता देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। अध्यादेश शनिवार को जारी कर दिया गया। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया जिसकी वजह से सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा। मंत्रिमंडल ने आधार तथा दो अन्य विधेयकों में प्रस्तावित बदलावों को अमल में लाने के लिये पिछले सप्ताह अध्यादेश लाने को मंजूरी दे दी थी। संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड का प्रावधान है।
अध्यादेश में किसी व्यक्ति द्वारा प्रमाणन के लिये दी गयी जैविक पहचान की सूचनाएं और आधार संख्या का सेवा प्रदाता द्वारा अपने पास जमा रखने को प्रतिबंधित किया गया है। अध्यादेश के जरिये आधार कानून में यह बदलाव भी किया गया है कि कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है।
अध्यादेश में यह भी सुनिश्चित हो गया है कि बैंक खाता खोलना हो या मोबाइल फोन सिम कार्ड लेना हो, आधार पेश नहीं करने की स्थिति में किसी भी सेवा से उपभोक्ता को इंकार नहीं किया जा सकता है। इसमें प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निकायों पर एक करोड़ रुपए तक का आर्थिक जुर्माना तथा अनुपालन नहीं करना जारी रखने की स्थिति में प्रति दिन 10 लाख रुपए के अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान है। आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में तीन साल तक की कैद और 10 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। यदि अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी हुई तो जुर्माना एक लाख रुपए तक हो सकता है। अध्यादेश के जरिये आधार कानून की धारा 57 को हटा दिया गया है। यह धारा निजी कंपनियों, इकाइयों द्वारा आधार के इस्तेमाल से जुड़ी है।
नई दिल्ली ,04 मार्च । साइबर हमलों से निपटने के लिए भारत सरकार तैयारी कर रही है। सरकारी कंपनी टेलीकॉम कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) जल्द ही आईपीओ लेकर आने वाली है। वह इससे 1500 करोड़ रुपए जुटाएगी। इसमें से करीब 600 करोड़ रुपए कंपनी के विस्तार पर खर्च किए जाएंगे। विस्तार के तहत साइबर अकादमी खोली जाएगी और भारत नेट प्रोजेक्ट जैसे कई प्रोजेक्ट को पूरा कर भारत को मजबूत किया जाएगा। साइबर अकादमी में प्रशिक्षण की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित आईपीओ इस साल के मध्य में बाजार में आने की संभावना है। टीसीआईएल छह केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में से एक है जिसे सरकार पब्लिक इश्यु के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रख रही है। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में इसकी मंजूरी दी है। सरकार की आईपीओ में लगभग 900 करोड़ रुपये तक की हिस्सेदारी के लिए 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना है। इसके अलावा टीसीआईएल 10 फीसदी के नए शेयर जारी करना चाहती है जिससे कंपनी को 600 करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं।