नईदिल्ली ,06 मार्च । इस समय देशभर में इस बात की चर्चा है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35ए को खत्म करने पर विचार कर रही है. इस बीच नेशनल कांफ्रेंस का कहना है कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 35ए और 370 के संरक्षण के लिए हर तरह की लड़ाई लड़ेगी. वह कोर्ट के बाहर और अंदर दोनों जगहों पर प्रयास करेगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट बुधवार को संविधान के अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर सकता है.
इससे पहले अनुच्छेद 35ए को लेकर पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा था, आग से मत खेलो, 35ए से छेड़छाड़ मत कीजिए. अगर ऐसा हुआ तो वह होगा जो 1947 से आज तक नहीं हुआ है. मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के लोग मजबूर होकर तिरंगे की जगह कौन सा झंडा उठा लेंगे.
क्या है आर्टिकल 35ए?
35ए भारतीय संविधान का वह अनुच्छेद है जिसमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा को लेकर विशेष प्रावधान है. यह अनुच्छेद राज्य को यह तय करने की शक्ति देता है कि वहां का स्थाई नागरिक कौन है? वैसे 1956 में बने जम्मू-कश्मीर के संविधान में स्थायी नागरिकता को परिभाषित किया गया था. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर में ऐसे लोगों को कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने या उसका मालिक बनने से रोकता है, जो वहां के स्थायी नागरिक नहीं हैं.
0-एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस का ऐलान
मुंबई,05 मार्च । अब आप एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस (एलआईसीएचएफएल) से होम लोन लेकर इसे 75 वर्ष की उम्र होने तक चुकता कर सकते हैं। इसके लिए कंपनी ने इंडिया मॉर्गेज गारंटी कॉर्पोरेशन (आईएमजीसी) के साथ भागीदारी की है। आईएमजीसी डिफॉल्ट्स के मामले इंश्योरेंस मुहैया कराती है।
एलआईसीएचएफएल के एमडी और सीईओ विनय शाह ने बताया कि आईएमजीसी के साथ पार्टनरशिप से हम उन लोगों को लंबी अवधि का होम लोन दे पाएंगे जिन्हें वेतन नहीं मिलता। उन्होंने कहा, इससे हमें लोन के एवज में ऊंचे स्तर का मॉर्गेज भी मिल पाएगा।
छोटे प्रीमियम पेमेंट के लिए आईएमजीसी कुल बकाया लोन का 20 प्रतिशत की रीपेमेंट गारंटी देगी। यह गारंटी कम-से-कम छह ईएमआई के बराबर होगी। इससे कर्ज फंसने की सूरत में एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस को बिना नुकसान के घर की कीमत लगाने का वक्त मिल जाएगा। लोन का वन टाइम प्रीमियम 0.9 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत होगा। इसे लोन लेने वाले को चुकाना होगा जिसे ईएमआई में अजस्ट किया जा सकेगा।
शाह के मुताबिक, एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस इस भागीदारी से होम लोन के क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ा पाएगी क्योंकि वह वैसे लोगों को भी लोन देगी जिन्हें वेतन नहीं मिलने और कोई कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने के कारण दूसरे कर्जदाता तवज्जो नहीं देते हैं।
मुंबई,05 मार्च । पिछले एक हफ्ते में जेट एयरवेज की सैकड़ों फ्लाइट्स रद्द होने से किराया उछल गया है। वहीं, इंडिगो की 40 से ज्यादा फ्लाइट्स रोज रद्द होने से स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई है। मामले से वाकिफ तीन लोगों ने बताया कि किराये 60 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि खासतौर से देश के छोटे शहरों वाले रूट पर किराया ज्यादा बढ़ा है।
एक व्यक्ति ने बताया कि जेट ने 123 विमानों के अपने बेड़े में से एक तिहाई से ज्यादा विमान सेवा से हटा लिए हैं और वह रोज 100 फ्लाइट्स कैंसल कर रही है। इंडिगो ने कहा है कि वह अगले कुछ हफ्तों तक 30 डेली फ्लाइट्स कैंसल करेगी। हालांकि इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि यह आंकड़ा 40 से ज्यादा का है। सामान्य दिनों में ये दोनों एयरलाइंस 1,700-2,000 डेली फ्लाइट्स ऑपरेट करती हैं।
एक अन्य व्यक्ति ने बताया, मेट्रो (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, हैदराबाद और बेंगलुरु) से नॉन-मेट्रो शहरों, खासतौर से उत्तर पूर्व के शहरों को जोडऩे वाले रूट्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। इन रूट्स पर जेट ने उड़ानें लगभग बंद कर दी हैं। दिल्ली से कोलकाता और चेन्नै की उड़ान का किराया भी काफी बढ़ा है। किराये में औसतन 25 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और कुछ सेक्टरों में बढ़ोतरी 60 प्रतिशत तक है। उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई रूट पर हालांकि असर नहीं पड़ा है, जो देश में सबसे व्यस्त एयर रूट है। उन्होंने कहा, अब भी लीन सीजन ही चल रहा है। मार्च के बाद किराये और बढ़ेंगे।
एक प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन के सीनियर एग्जिक्युटिव ने कहा, रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम्स की नजर इस बात पर होती है कि सीटें कितनी तेजी से बिक रही हैं और वे ट्रैवल डेट के कितने करीब होकर बिक रही हैं। उसी के मुताबिक वह किराया अजस्ट करता है। लिहाजा जिन रूट्स पर एयरलाइंस ने कैंसलेशन किए हैं, उन पर किराये आमतौर पर बढ़ते ही हैं।
वित्तीय संकट में फंसी जेट ने लीज रेंटल पेमेंट्स पर डिफॉल्ट किए हैं, जिसके कारण लीज पर विमान देने वाली कंपनियों ने अपने विमानों का इस्तेमाल नहीं करने का नोटिस जेट को दिया था। एयरलाइन लोन रीपेमेंट्स पर भी डिफॉल्ट कर गई है। सूत्रों के मुताबिक, फाउंडर और चेयरमैन नरेश गोयल के बोर्ड से हटने पर राजी होने से रेजॉलुशन की गुंजाइश बनती दिख रही है। पिछले हफ्ते गोयल ने कर्मचारियों को भेजी गई मेल में कहा था कि वह एयरलाइन और उनके लिए कोई भी कुर्बानी करने को तैयार हैं और उन्हें रेजॉलुशन प्लान पर अपडेट 18 मार्च तक मिल जाएगा।
0-आरबीआई ने किया सावधान
नई दिल्ली,05 मार्च । देश में आज ज्यादातर पैसों का ट्रांजेक्शन ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है। इसका फायदा तो हो रहा है तो दूसरी तरफ इसका नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ रहा है। हर दिन ऑनलाइन ठगी के कई मामले दर्ज हो रहे है। जिस पर लगाम लगाने के लिए रिजर्व बैंक इंडिया (आरबीआई) ने एक एप से जुड़ी अडवाइजरी वार्निंग जारी की है।
इस ऐप का नाम एनीडेस्क है और यह आसानी से हैकर को रिमोट ऐक्सेस दे देती है। जिस कारण ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले आपके अकाउंट में सेंध लगा सकते हैं। एस ऐप के जरिए वॉलेट और यूपीआई अकाउंट्स से पैसे उड़ाना ठगी करने वालों के लिए आसान हो जाता है। आरबीआई के अनुसार, फ्रॉड करने वाले सबसे पहले अलग-अलग तरीकों और सोशल इंजिनियरिंग की मदद से यूजर्स को एनीडेस्क डाउनलोड करने के लिए ट्रिक करते हैं। फ्रॉड करने वाले बैंककर्मी होने और रिवार्ड देने की बात कहते हैं या फिर ऐप डाउनलोड न होने पर कार्ड ब्लॉक हो जाएगा, यह कहकर यूजर से ऐप डाउनलोड करवाते हैं। असली लगने के लिए स्कैमर आपकी सामान्य जानकारी जैसे-जन्मतिथि या आधार नंबर वेरिफाई भी करते हैं। एक बार डिवाइस में एनीडेस्क रे इंस्टॉल होने और रन करने के बाद स्कैमर को टारगेट डिवाइस का पूरा कंट्रोल मिल जाता है। इसके बाद अटैकर यूजर से ऐप पर जेनरेट 9-डिजिट का कोड मांगता है और रिवार्ड प्रोसेस के तहत कुछ परमिशंस देने के लिए फंसाता है। जिस के बाद आपके फोन का पूरा कंट्रोल इस ऐप के पास आ जाता है, यहां तक कि आपके फोन में रखी गई हर प्रकार की जानकारी ऐप के पास पहुंच जाती है। जिससे यूजर्स आनलाइन ठगी का शिकार हो रहे है। इस लिए अगर आप आनलाइन ट्रांजेक्शन करते है तो सावधान रहे। किसी भी कॉल पर भरोसा न करें क्योंकि कोई भी बैंक यूजर्स से ऐप डाउनलोड करने के लिए नहीं कहते और ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है। आप इस ऐप को अपने फोन में इंस्टाल न करें। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान सावधान रहे और किसी के साथ जानकारी शेयर न करें।
नई दिल्ली ,05 मार्च । एयर इंडिया ने यात्रियों को परोसे जाने से बचा हुआ खाना और अन्य राशन की कथित चोरी के आरोप में अपने चार कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।
अगस्त 2017 में एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने एक आंतरिक सर्कुलर जारी कर कहा था कि ग्राउंड स्टाफ और अधिकारी विमान के पहुंचने पर अक्सर बचा हुआ खाना और राशन अपने निजी इस्तेमाल के लिए ले जाते हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि इस चोरी में लिप्त पाए गए अधिकारियों को निलंबन किया जाए।
अधिकारी ने बताया कि अगस्त 2017 में जारी सर्कुलर के बाद से एयर इंडिया ने खानपान विभाग के दो कर्मचारियों और केबिन क्रू के दो सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की है। कैटरिंग डिपार्टमेंट के सहायक प्रबंधक और एक वरिष्ठ सहायक को दोषी पाए जाने पर क्रमश: 63 और तीन दिनों के लिए निलंबित किया गया है। पिछले मार्च में दिल्ली-सिडनी उड़ान के केबिन क्रू के दो सदस्यों को भी चेतावनी देकर घरेलू उड़ान में लगा दिया था।
संयुक्त राष्ट्र ,05 मार्च । भारत ने नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद को खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के नए महानिदेशक के पद के लिए नामित किया है। उनके मुकाबले में इस पद के लिए चीन और तीन अन्य देशों के उम्मीदवार होंगे।
एफएओ ने सोमवार को इस पद के चुनाव के लिए नामित उम्मीदवारों की घोषणा की। जून में संगठन के वर्तमान अध्यक्ष ब्राजील के अर्थशास्त्री जोस ग्राजियानो डा सिल्वा के उत्तरीधिकारी का चुनाव किया जाएगा, जो 2011 से दो कार्यकाल के लिए इस पद पर अपनी सेवारत हैं।
इस पद के लिए नामित उम्मीदवारों की सूची में शामिल अन्य उम्मीदवार चीन के क्यू डोंनग्यू, कैमरून के मेडी मोंगुई, फ्रांस के कैथरीन गेसलेन-लेनीले और जॉर्जिया के डैविट किर्वालिड्ज हैं।
एफएओ के 194 सदस्य इसके अगले प्रमुख का चुनाव साधारण बहुमत से करेंगे। अर्थशास्त्री रमेश चंद नीति आयोग के सदस्य हैं और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) से कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी की है और वह नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान संस्थान के निदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
चीन के सहायता और ऋण कार्यक्रमों के जरिए विकासशील देशों पर उसके प्रभाव को देखते हुए चांद को क्यू से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलने की उम्मीद है। एफएओ विशेषज्ञों का हवाला देते हुए संगठन पर करीबी से नजर रखने वाले पब्लिकेशन इटैलियन इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने चीन को अपना उम्मीदवार न उतारने के लिए राजी करने का प्रयास किया था ताकि एशियाई वोट न बंटें।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन से भारी सहायता प्राप्त करने वाले कई अफ्रीकी देश कैमरून के लिए वोट न करने के दबाव में आ सकते हैं जो सभी अफ्रीकी देशों का समर्थन होने का दावा करता है।
अब तक केवल एक ही भारतीय बिनय रंजन सेन ने एफएओ की अध्यक्षता की है, जो 1956 से 1967 तक इसके महानिदेशक रहे थे। अगले महानिदेशक को जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता को क्षति और बढ़ती वैश्विक आबादी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने की चुनौतियों से निपटने में संगठन का नेतृत्व करना होगा।