व्यापार

शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट का वार
Posted Date : 07-Mar-2019 12:03:55 pm

शेल कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर सुप्रीम कोर्ट का वार

मुंबई,07 मार्च । सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग करने और टैक्स देनदारी से बचने के लिए शेल कंपनियों से संदिग्ध डील करने वाली कंपनियों पर कड़ा प्रहार किया है। महज कागजों पर चलने वाली कंपनियों को कैश ट्रांसफर करने का खेल दशकों से चला आ रहा है। कागजी यानी शेल कंपनियां उस रकम को उन्हीं कंपनियों में वापस निवेश कर देती हैं या उन्हें उधार दे देती हैं। इस तरह पहली कंपनी का काला धन वैध हो जाता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की हालिया रूलिंग के अनुसार, अगर टैक्स अधिकारी पर्याप्त जांच के साथ अपने दावे को मजबूत कर लें और शेयर कैपिटल के रूप में फंड पाने वाली कंपनी ऐसी डील को वैध साबित न कर सके तो उसे उस रकम पर टैक्स चुकाना होगा।
मंगलवार को दी गई इस रूलिंग का संबंध इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दिल्ली की कंपनी एनआरए ऑयरन ऐंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक विवाद से है। इस कंपनी ने 19 ऐसी इकाइयों को शेयर जारी किए थे, जिन्होंने या तो गलत पते बताए थे या हासिल निवेश का मकसद नहीं बता सकीं या टैक्स विभाग के सवालों का उन्होंने जवाब नहीं दिया था।
सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट दिलीप लखानी ने कहा, यह निर्णय इसी तरह के फैक्ट्स वाले दूसरे मामलों पर भी लागू होगा। शेयर कैपिटल से जुड़ा सेक्शन 68 असेसमेंट इयर 2013-14 से लागू हुआ था, जबकि मौजूदा मामला असेसमेंट इयर 2008-09 का है।
डेलॉयट के पार्टनर राजेश एच गांधी ने कहा, फैक्ट यह है कि हाई कोर्ट तक सभी अपीलेट अथॉरिटीज ने टैक्सपेयर के पक्ष में रूलिंग दी थी। इसे देखते हुए ताजा रूलिंग अहम हो गई है। टैक्स अथॉरिटीज शेयर इश्यू करने से जुड़ी डील्स की गहराई से जांच करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
इस रूलिंग में एक अहम बात यह है कि निवेशकों के पैन, पते के सबूत, टैक्स रिटर्न और बैंक के जरिए इनवेस्टमेंट होने भर से कोई ट्रांजैक्शन वैध नहीं मान लिया जाएगा और यह निवेशकों के कर्ज दे सकने की क्षमता साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं माना जाएगा। इस मामले में असेसी एआरए ऑयरन ने ऐसी जानकारी दी थी, जिससे टैक्स ट्राइब्यूनल और यहां तक कि हाई कोर्ट भी सहमत हो गए थे और उन्होंने टैक्स विभाग की अपील खारिज कर दी थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स विभाग की इस दलील पर मुहर लगाई कि उसकी ओर से की गई विस्तृत जांच से इनवेस्टर फर्मों (कोलकाता, गुवाहाटी और मुंबई की कंपनियों) पर कई सवाल उठाए, जिन्होंने एनआरए ऑयरन के शेयर सब्सक्राइब किए थे। 
अपनी रूलिंग में जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने कहा, ऐसा लग रहा है कि निचली अपीलेट अथॉरिटीज ने फील्ड इंचयरी और अपने टैक्स ऑफिस के जरिए टैक्स असेसिंग ऑफसर की ओर से की गई जांच के नतीजों को नजरंदाज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनअकाउंटेड रकम को शेयर कैपिटल/प्रीमियम की आड़ में कन्वर्ट करने की हरकत पर सावधानी से नजर रखने की जरूरत है। ऐसा शेयरों के प्राइवेट प्लेसमेंट के मामलों में खासतौर पर किया जाना चाहिए, जिनमें असेसी पर ज्यादा जवाबदेही डालने की जरूरत है क्योंकि उसे पूरी जानकारी होती है।’ 
इस रूलिंग से हालांकि कई स्टार्टअप्स और टैक्स डिपार्टमेंट के बीच चल रहे विवादों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा। टैक्स विभाग ने इन मामलों में इनकम टैक्स एक्ट के एक अन्य सेक्शन का सहारा लेकर स्टॉक सब्सक्रिप्शन प्राइस और स्टार्टअप्स की फेयर वैल्यू पर सवाल किए हैं।

मार्केट में आने वाला है 20 रुपये का सिक्का, बेहद अलग होगा डिजाइन
Posted Date : 07-Mar-2019 12:02:57 pm

मार्केट में आने वाला है 20 रुपये का सिक्का, बेहद अलग होगा डिजाइन

नई दिल्ली ,07 मार्च । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आने वाले कुछ दिनों में 20 रुपये का सिक्का जारी करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह सिक्का मार्केट में चल रहे मौजूदा सिक्कों के डिजाइन से काफी अलग होगा। इसको लेकर वित्त मंत्रालय की तरफ से भी ऐलान कर दिया गया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि 20 रुपये का सिक्का गोलाकार नहीं होगा। यह एक पॉलीगॉन आकार में होगा। इस सिक्के के 12 सिरे होंगे। हालांकि अभी सरकार ने इस सिक्के का डिजाइन जारी नहीं किया है। 
इससे पहले आरबीआई ने  मार्च 2009 में 10 रुपये का पहला सिक्का जारी किया था। इसके बाद किसी और करेंसी का सिक्का जारी नहीं किया गया। हालांकि पहले से चलन में रहे एक, दो, पांच और 10 रुपये के सिक्कों के नए डिजाइन जारी होते रहे। ध्यान रहे कि 10 रुपये के बाजार में करीब 13 अलग-अलग डिजाइन के सिक्के चलन में हैं। ऐसे में लोगों में इन सिक्कों को लेकर के पहले काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। कहीं दुकानदार 10 रुपये का सिक्का लेने से इनकार कर रहे थे, तो कहीं एक रुपया का छोटा सिक्का नहीं लिया जा रहा था। 
इस बारे में रिजर्व बैंक के प्रवक्ता का कहना है कि जो भी सिक्के जारी किए गए हैं, वह रिजर्व बैंक के नियम के तहत जारी किए गए हैं। इसलिए सभी सिक्के वैध हैं। यदि कोई व्यक्ति या बैंक इसे लेने से इनकार करता है तो ऐसा करना अपराध है और उसकी सूचना पुलिस को दी जाए।

पेटीएम ने लॉन्च किया लॉयल्टी प्रोग्राम, यूजर्स को मिलेगा ज्यादा कैशबैक
Posted Date : 06-Mar-2019 1:20:32 pm

पेटीएम ने लॉन्च किया लॉयल्टी प्रोग्राम, यूजर्स को मिलेगा ज्यादा कैशबैक

नई दिल्ली ,06 मार्च । डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम ने लॉयल्टी प्रोग्राम ‘पेटीएम फर्स्ट’ लॉन्च करने की घोषणा की है। कंपनी ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि यह पेटीएम यूजर के लिए एक सबस्क्रिप्शन-आधारित रिवार्ड्स और लॉयल्टी प्रोग्राम है। इसके जरिये कंपनी का लक्ष्य पेटीएम के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। नियमित पेटीएम कैशबैक ऑफर के अलावा कंपनी इसके जरिये अपने यूजरों को विशेष लाभ देगी। उसने कहा कि पहले वर्ष में 30 लाख सबस्क्रिप्शन का लक्ष्य रखा गया है। 
पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक एबॉट ने कहा कि वीडियो और म्युजिक स्ट्रीमिंग,फूड और ट्रैवल, शॉपिंग और लाइफस्टाइल समेत कई सेवाओं में यूजर को रिवॉर्ड्स और विशेष लाभ देने के लक्ष्य से विशेष लॉयल्टी प्रोग्राम लाँच किया गया है।

नेल्को को उड़ान, समुद्री यात्रा में इंटरनेट सेवाएं देने की मंजूरी मिली
Posted Date : 06-Mar-2019 1:20:06 pm

नेल्को को उड़ान, समुद्री यात्रा में इंटरनेट सेवाएं देने की मंजूरी मिली

नयी दिल्ली,06 मार्च । नेल्को लिमिटेड की अनुषंगी टाटानेट सर्विसेज ने बुधवार को कहा कि उसे दूरसंचार विभाग से हाल ही में विमान एवं समुद्री संपर्क (आईएफएमसी) लाइसेंस मिल गया है। नेल्को ने इस संबंध में जारी एक बयान में कहा, ‘‘आईएफएमसी लाइसेंस से देश में विमानों, जहाजों तथा क्रूज लाइनर्स पर यात्रा के दौरान भी सैटेलाइट प्रौद्योगिकी के जरिये निर्बाध वॉयस, डेटा और वीडियो सुविधा मिल सकेगी।’’ उन्होंने कहा कि विमानन तथा नौवहन कंपनियों की कारोबारी उत्पादकता को बेहतर करने में मदद मिलेगी। नेल्को के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.जे.नाथ ने कहा, ‘‘भारतीय जलसीमा और वायुसीमा के दायरे में उड़ान या समुद्री यात्रा के दौरान इंटरनेट और वॉयस कनेक्टिविटी बेहद महत्वपूर्ण जरूरत थी लेकिन अब तक नियामकीय बाधाओं के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका था।’’

आधार के नए प्रचार में होगा पीएम किसान निधि, आईटी रिटर्न फाइलिंग का जिक्र
Posted Date : 06-Mar-2019 1:19:26 pm

आधार के नए प्रचार में होगा पीएम किसान निधि, आईटी रिटर्न फाइलिंग का जिक्र

नई दिल्ली ,06 मार्च । आधार का प्रचार करने वाले नए सरकारी टीवी और रेडियो अभियान में यह बताया जा सकता है कि किस तरह देशभर के करोड़ों किसानों को इसका फायदा मिल सकता है। इसमें बताया जा सकता है कि वे पीएम किसान निधि सम्मान स्कीम के तहत मिलने वाली 6,000 रुपये सालाना की आर्थिक मदद आधार से जुड़े अपने खाते में सीधे पा सकते हैं।
मिनी फिल्म और ऑडियो स्पॉट वाले इस अभियान में फोकस यह बताने पर होगा कि कैसे आधार से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में आसानी हुई है क्योंकि इसके जरिए आईटीआर को चुटकियों में वेरिफाई किया जा सकता है। टैक्स असेसी को अब फाइल की गई रिटर्न की फिजिकल कॉपी को बेंगलुरु के प्रोसेसिंग सेंटर में नहीं भेजना पड़ता। इस साल के आधार अभियान में शामिल होने वाले बिडर्स को ऐसी सूचना दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर पर कई सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म की जा चुकी है। इसके अनिवार्य इस्तेमाल को सरकारी सब्सिडी और सर्विसेज तक सीमित कर दिया गया है। सरकार ने तय किया था कि वह पीएम किसान निधि सम्मान योजना की पहली किस्त बांटने के लिए आधार एनरोलमेंट नंबर को स्वीकार करेगी, लेकिन दूसरी किस्त के लिए आधार नंबर जरूरी होगा। 
यूनियन कैबिनेट ने बेनेफिशियरी के डेटा को आधार से जोडऩे की अनिवार्यता योजना की तीसरी किस्त और उसकी अगली किस्त पर ही लागू करने के लिए 28 फरवरी को संबंधित नियमों को उदार बनाया था। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया था कि किसानों में अंसतोष न पनपे क्योंकि सीडिंग के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन जरूरी होता है। 
पीएम किसान निधि सम्मान योजना के तहत देश के 12 करोड़ किसानों को तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये मिलेंगे और यह रकम सीधे उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में आएगी। आधार वाली शर्त इसलिए रखी गई है कि किसानों के लिए आई अब तक की सबसे बड़ी योजना में फ्रॉड और लीकेज न हो। पीएम-जेएवाई आयुष्मान भारत स्कीम के तहत मेडिकल इंश्योरेंस सर्विसेज के लिए भी आधार को अनिवार्य बनाया गया है। 
यूआईडीएआई के ऑनलाइन डैशबोर्ड के मुताबिक पिछले साल नवंबर में यूजर्स की तरफ से कराए जाने वाले आधार ऑथेंटिकेशन की संख्या साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। 26 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद नवंबर में सिर्फ 82.4 करोड़ ऑथेंटिकेशन हुए थे जो जनवरी 2019 में बढक़र 96.4 करोड़ हो गए लेकिन फरवरी में फिर 86.8 करोड़ पर आ गए। 
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि लोगों ने कई सेवाओं के लिए फिर से आधार का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। शायद इसी वजह से सरकार ने 28 फरवरी को ऐसा अध्यादेश जारी किया जिसमें धारक की इजाजत के साथ उनके आधार नंबर के फिजिकल या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में इस्तेमाल को स्वैच्छिक बना दिया गया। अब टेलीग्राफ एक्ट 1885 और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत केवाईसी डॉक्युमेंट ऑथेंटिकेशन के लिए स्वैच्छिक रूप से आधार का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आरबीआई 12500 करोड़ रुपये की टिकाऊं तरलता डालेगी
Posted Date : 06-Mar-2019 1:18:24 pm

आरबीआई 12500 करोड़ रुपये की टिकाऊं तरलता डालेगी

मुंबई ,06 मार्च । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि तरलता चिंताओं को दूर करने के लिए मुक्त बाजार संचालन (ओएमओ) के जरिए सात मार्च को 12,500 करोड़ रुपये डालेगी। 
आरबीआई ने एक बयान में कहा, मौजूदा तरलता हालात के आकलन के आधार पर और टिकाऊं तरलता की जरूरतें बढऩे के कारण रिजर्व बैंक ने मुक्त बाजार संचालन के तहत 125 अरब रुपये राशि की सरकारी प्रतिभूतियों को मल्टी प्राइज मेथड का इस्तेमाल करते हुए मल्टी सिक्युरिटी ऑक्शन के जरिए सात मार्च, 2019 को खरीदने का निर्णय लिया है।बयान में कहा गया है, सभी प्रतिभूतियों को एकसाथ रखने के लिए 125 अरब रुपये राशि की एक सकल सीमा निर्धारित है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय सेक्टर चार महीनों से तरलता संकट से जूझ रहा है, जब इंफ्रास्ट्रक्च र लीजिंग एंड फायनेंशियल सर्विसिस लिमिटेड (आईएलएंडएफएस) ने अपने भुगतान दायित्यों में दिवालिया बोल दिया। इसके कारण एनबीएफसी सेक्टर को ऋण देने को लेकर ऋणदाता उदासीन हो गए।