मुंबई,18 नवंबर । चिकित्सकीय उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनी मेडिकाबाजार ने भारत के साथ साथ बेल्जियम और जापान के निवेशकों से 112 करोड़ रुपये की पूंजी जुटायी है। कंपनी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह पूंजी कारोबार के विस्तार के लिये जुटायी गयी है। उसने कहा कि ये पूंजी हेल्थ क्वैड, बेल्जियम की कंपनियों एकेर्मन्स और वान हैरेन तथा जापानी कंपनियों रीब्राइट पार्टनर्स और टोप्पन प्रिंटिंग कंपनी से जुटायी गयी है। इनके अलावा पहले से निवेश कर रही कंपनियों सीबीसी कंपनी, एलन कॉरपोरेशन, मित्सुई सुमितोमो इंश्योरेंस वेंचर कैपिटल, कोइस इंवेस्ट तथा एंजल निवेशकों सुनील कालरा और अरुण वेंकटचलम ने भी इस दौर के निवेश में हिस्सा लिया। कंपनी ने कहा कि वह चालू वित्त वर्ष के अंत तक राजस्व को पांच गुना बढ़ाकर 10 करोड़ डॉलर करने का लक्ष्य बनाकर चल रही है।
नईदिल्ली,18 नवंबर । टैक्सपेयर्स को मोदी सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। ये राहत टैक्स को अदा करने के मामले में है। सरकार ऐसी योजना पर काम कर रही है जिसके तहत करदाता क्रेडिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और मोबाइल वॉलेट के जरिए इनकम टैक्स का भुगतान कर पाएंगे। मीडिया रिपोट्र्स में राजस्व सचिव अजय भूषण ने पुष्टि की है कि जल्द ही यूपीआई के माध्यम से इनकम टैक्स की भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी और इस पर काम भी चल रहा है। भूषण के मुताबिक आज हम केवल नेटबैंकिंग और डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान कर पाते हैं।
फिलहाल टैक्स का भुगतान नेटबैंकिंग और डेबिट कार्ड से ही हो पाता है। इसके अलावा आप नकद रूप में टैक्स का भुगतान कर पाते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में सरकार ने करदाताओं को एक और राहत देते हुए वित्त वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए जीएसटी वार्षिक रिटर्न भरने की तारीख को बृहस्पतिवार को बढ़ाकर क्रमश : 31 दिसंबर 2019 और 31 मार्च 2020 कर दिया। इसी प्रकार , मिलान ब्योरा जमा करने की तारीख को भी बढ़ाया गया है।
नईदिल्ली,18 नवंबर । सर्दियों के मौसम में कोहरे और धुंध के कारण ट्रेन लेट होने पर रेल यात्रियों को बेवजह घंटों रेलवे स्टेशन पर इंतजार करना पड़ता है। इसे लेकर रेलवे ने बड़ी घोषणा की है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए अब रेलवे यात्रियों को ट्रेनों के बारे में रियल टाइम अपडेट्स उपलब्ध कराएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के जरिये यह जानकारी दी है। गोयल ने अपने ट्वीट में एसएमएस सेवा सुविधा को दिखाने के लिए एक विडियो भी शेयर किया है, जिसमें टैग लाइन है-रेलवे है तैयार, अबकी बार कोहरे पर वार।
हर साल जाड़े के मौसम के दस्तक देने के साथ ही ट्रेनों और विमानों का विलंब होना शुरू हो जाता है। जाड़े के मौसम में कोहरे के कारण देशभर में ट्रेनों तथा विमानों के विलंब होने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसलिए यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए रेलवे एसएमस के माध्यम से यात्रियों को उनके ट्रेन की रियल टाइम जानकारी देगा।
रेल यात्रियों को जल्द ही इस तरह के मेसेज मिलने शुरू हो जाएंगे, अगर उनकी ट्रेन को एक घंटे से अधिक का विलंब होता है। रेलवे की इस एसएमएस सेवा से यात्रियों को काफी फायदा होगा। अगर ट्रेन को एक घंटे का विलंब होता है तो उस ट्रेन के तमाम यात्रियों को एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा। ट्रेन के लेट होने की स्थिति में यात्रियों के मोबाइल पर सूचना, रात को विशेष पेट्रोलिंग, व सिग्नल की जानकारी पॉयलट तक पहुंचाने के लिये फॉग सेफ्टी डिवाइस जैसी अनेकों व्यवस्थायें की गयी हैं।
वॉशिंगटन,18 नवंबर । ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज ऐमजॉन के फाउंडर एवं सीईओ जेफ बेजॉस ने कहा है कि कंपनी भारत में ‘बेहद अच्छा’ प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने भारत में नियामकीय मोर्चे पर स्थिरता की उम्मीद जताई। बेजॉस से पूछा गया था कि डिजिटलीकरण को लेकर भारत की कुछ नीतियां क्या ऐमजॉन के लिए चिंता का विषय हैं।
बेजॉस ने कहा कि हम हमेशा चाहते हैं कि भारत में नियामकीय स्थिरता हो। जो भी नियमन हों समय के साथ उनमें स्थिरता आनी चाहिए। हम इसी की उम्मीद कर रहे हैं। यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत में बेजॉस ने कहा कि ऐमजॉन भारत में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ‘भारत में हमारे कारोबार का प्रदर्शन काफी अच्छा है और यह तेजी से बढ़ रहा है।’’
2020 में व्हाइट हाउस जाने की संभावना खारिज करते हुए बेजॉस ने कहा कि उनके पास करने को काफी कुछ है और फिलहाल वह उस पर ध्यान दे रहे हैं।
नयी दिल्ली,17 नवंबर । उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने औद्योगिक नीति का शुरुआती मसौदा तैयार किया है। इसमें विनिर्माण क्षेत्र में मूल्यवर्धन को 2025 तक 1,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस नीति के तहत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कारोबारी उपक्रम बनाने की है जो रोजगार का सृजन करने वाला और सतत जीवनयापन को प्रोत्साहन देने वाला है। अधिकारी ने कहा कि इस नीति का मकसद नवोन्मेषण, प्रौद्योगिकी, वित्तीय दृष्टि से व्यावहारिक और पर्यावरण अनुकूल उद्योग को आगे बढ़ाना है जिसका लाभ समाज के सभी वर्गों को साझा किया जा सके। नीति के शुरुआती मसौदे को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के पास उनकी राय लेने के लिए भेजा गया है। अधिकारी ने कहा कि यह नीति कुशल भारत मिशन के साथ मिलकर काम करेगी जिससे भविष्य के कार्यबल की रोजगारोन्मुखता बढ़ाई जा सकेगी। साथ ही यह नीति विदेश व्यापार नीति के साथ चलेगी जिससे वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ाया जा सके।
नईदिल्ली,17 नवंबर । देश के खुदरा कारोबारियों के शीर्ष संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा दी जारी भारी छूट के मद्देजनर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को न्यूनतम मूल्य प्रणाली लागू करने का सुझाव दिया है।
कैट ने गोयल को रविवार को भेजे एक पत्र में कहा कि एफडीआई नीति औरर बार बार चेतावनी दिये के बावजूद अमेजऩ एवं फ्लिपकार्ट सहित अनेक ई-कॉमर्स कंपनियों ने कथित अनैतिक और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को अपनाते हुये ई कॉमर्स एवं रिटेल बाज़ार को बुरी तरह खराब कर दिया है। इन परिस्थितियों पर गहरी चिंता जताते हुए कैट ने गोयल को सुझाव दिया है की सरकार ई कॉमर्स और रिटेल बाज़ार को व्यवस्थित करने के लिए न्यनतम मूल्य प्रणाली लागू करे।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी से देश में 7 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायी बेहद परेशान हैं और अत्यधिक निराश हैं क्योंकि इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने सरकारी नीतियों की अनदेखी करते हुये देश के ई कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार पर कब्ज़ा जमाने के लिए कथित अनैतिक रास्ते अपनाये हुए हैं और सुनियोजित तरीके से लागत से भी कम मूल्य और भारी छूट प्रणाली को जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ई कॉमर्स कंपनियों, विनिर्माताओं और बैंक मिलकर वास्तविक बाजार मूल्य की तुलना में काफी कम कीमतों पर माल बेचकर सरकार को जीएसटी राजस्व का नुकसान भी कर रहे हैं। कैट ने अपने पत्र में कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में ई कॉमर्स एवं रिटेल बाजार में एक मूल्य युद्ध है जिसको देखते हुए सरकार को न्यूनतम मूल्य प्रणाली (एमओपी) को लागू करना चाहिए। एमओपी वह मूल्य है जो किसी भी वस्तु के लैंडिंग मूल्य, परिचालन लागत और उचित लाभ मार्जिन को जोडक़र निकाला जाता है और उससे नीचे की कीमत पर कोई उत्पाद नहीं बेचा जा सकता।