मुंबई ,11 मार्च । रिलायंस जियो इन्फोकॉम देश में अपने ऑप्टिक फाइबर एसेट्स में हिस्सेदारी बेचकर कर्ज घटाना चाहती है। इसके लिए ग्लोबल पेंशन, सॉवरेन वेल्थ फंड्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने वाले लॉन्ग ओनली फंड्स से संपर्क किया गया है। कंपनी ने अमेरिका, पश्चिम एशिया और ऑस्ट्रेलिया में संभावित निवेशकों से संपर्क करने के लिए मोएलिस, सिटी और आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज को इन्वेस्टमेंट बैंकिंग का काम सौंपा है। यह जानकारी इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने दी है।
रिलायंस फाइबर एसेट्स को अलग करके एक कंपनी बनाना चाहती है, जो सेल और लीजबैक या इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) मॉडल के तहत इससे फंड जुटाएगी। कंपनी इनविट का स्पॉन्सर बने रहना चाहती है और नई कंपनी में कम से कम 15 पर्सेंट हिस्सेदारी रखना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो 85 पर्सेंट बची हुई हिस्सेदारी पांच ग्लोबल इनवेस्टर्स को बेची जाएगी। कहा जा रहा है कि इसके लिए कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी), सीडीपीक्यू, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, कुवैत इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, किंगडम होल्डिंग्स, खजाना, आलियांज और मैचयरी सहित दूसरे निवेशकों से संपर्क किया गया है। जियो के फाइबर एसेट्स की कीमत 6-7 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
निवेशकों से अभी शुरुआती स्तर की बातचीत हो रही है और मैनेजमेंट मीटिंग्स आने वाले कुछ हफ्तों में होने की उम्मीद है। कंपनी नए वित्त वर्ष के मध्य तक इस डील को पूरा करना चाहती है। इस खबर को लेकर पूछे गए सवालों पर जियो के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
दिसंबर 2018 च्ॉर्टर के रिजल्ट के बाद जनवरी में रिलायंस के अधिकारियों ने फाइबर और टावर बिजनस को अलग करके जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस जियो इन्फ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाने की बात कही थी। इसे फाइबर और टावर एसेट्स से सेल एंड लीजबैक मॉडल या इनविट के जरिए फंड जुटाने का कदम माना गया था। खबर है कि रिलायंस जियो इन्फ्राटेल को कनाडा की निवेशक ब्रुकफील्ड को बेचा जा सकता है।
दुनिया की सबसे बड़ी ऑल्टरनेट एसेट्स मैनेजर में से एक ब्रुकफील्ड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, रसेल मेहता के फैमिली ऑफिस, पूनावाला फैमिली के साथ मिलकर अंबानी की ईस्ट वेस्ट पाइपलाइन को 2 अरब डॉलर में खरीद रही है। वह इस एसेट को एक अलग इनविट में ट्रांसफर करेगी। रिलायंस के जॉइंट चीफ फाइनैंशल ऑफिसर (सीएफओ) श्रीकांत वेंकटचारी ने जनवरी में रिपोर्टर्स को बताया था, हम अलग-अलग निवेशकों को जोडऩा चाहते हैं, जो इन कंपनियों को चला सकें। इसका मतलब यह भी है कि ये एसेट्स रिलायंस की बैलेंस शीट से हट जाएंगी, जिससे हमारी देनदारी कम होगी।
नई दिल्ली,11 मार्च । एक जगह से नौकरी छोडऩे के बाद दूसरी कंपनी ज्वाइन करने पर अकसर श्रमिकों के लिए अपने पीएफ को दूसरी जगह ट्रांसफर करवाने के लिए कई कुछ करना पड़ता है। लेकिन आने वाले दिनों में ये काम भी आसान हो जाएगा। अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पीएफ धारकों के लिए एक खास सुविधा लाने जा रहा है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों को अगले वित्त वर्ष से नौकरी बदलने पर ईपीएफ हस्तांतरित करने के लिए आवेदन नहीं करना होगा। श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, यह ईपीएफ के हस्तांतरण की प्रक्रिया अपने आप हो जाएगी। बता दें कि ईपीएफओ के सदस्यों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) रखने के बाद भी पीएफ अमाउंट के ट्रांसफर के लिए अलग से अनुरोध करना पड़ता है। अधिकारी के मुताबिक ईपीएफओ ने पेपरलेस वर्क के लिए लगातार काम कर रहा है। अभी 80 प्रतिशत वर्क ऑनलाइन हो रहे हैं। लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में नौकरी बदलने पर पीएफ अमाउंट का ऑटोमेटिक ट्रांसफर महत्वपूर्ण है। ईपीएफओ को हर साल ईपीएफ हस्तांतरण के करीब 8 लाख आवेदन मिलते हैं। श्रम मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि जैसे ही नए नियोक्ता मासिक ईपीएफ रिटर्न दायर करेंगे जिसमें नये कर्मचारी का यूएएन भी शामिल होगा। वैसे ही पहले के ईपीएफ योगदान और उसपर मिले ब्याज का ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाएगा। सभी खाताधारकों के लिए यह सुविधा अगले वित्त वर्ष में किसी समय शुरू हो सकती है।
0-60 हजार यूजर्स का डाटा किया लीक
सैन फ्रांसिस्को ,11 मार्च । यूक्रेन के रहने वाले दो युवकों ने एक ऑनलाइन च्जि के माध्यम से 60 हजार से ज्यादा फेसबुक यूजर्स को ब्राउजर स्थापित करने का लालच लेकर उनका प्रोफाइल डेटा लीक कर दिया। कंपनी ने दायर अपने मुकदमे में इस बात की जानकारी दी। द डेली बीस्ट ने एक रिपोर्ट में बताया कि एंड्रयू गोब्रेकोव और ग्लेब स्लच्ेस्की ने फेसबुक न्यूज फीड पर अपने खुद के विज्ञापन दिखाने के लिए ब्राउजर एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया।
फेसबुक ने शुक्रवार को दायर अपने मुकदमे में बताया कि कीव में रहने वाले उद्यमियों ने कैलिफोर्निया और एंटी हैकिंग कानूनों का उल्लंघन किया है और इनके ऊपर फेसबुक के नियमों का उल्लंघन करने के लिए मुकादमा चलाया जाएगा। इसी के साथ कंपनी ने ये भी आरोप लगाया कि इन आरोपियों ने खासतौर पर रूसी भाषी लोगों को टारगेट किया है।
कंपनी ने लिखा है कि एक्सटेंशन इंस्टॉल करने के दौरान एप यूजर्स ने खुद के ब्राउजर के साथ समझौता किया। एक्सटेंशन को इस तरह तैयार किया गया था कि जब एप यूजर्स फेसबुक या अन्य किसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर जाएं तो उस दौरान उनकी जानकारी लीक हो जाए और उन्हें अनाधिकृत विज्ञापन नजर आएं।
ये दोनों अभियुक्त वेब सन ग्रुप नामक कंपनी से ताल्लुक रखते हैं। कंपनी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि कुल मिलाकर इन दोनों अभियुक्तों ने फेसबुक यूजर्स द्वारा लगभग 63 हजार ब्राउजरों का इस्तेमाल किया और फेसबुक को 75 हजार पाउंड का नुकसान पहुंचाया। कंपनी ने इस तरह की चीजों को जड़ से खत्म करने की बात भी कही है।
हाल ही में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक यूजर्स के लिए प्राइवेसी फोकस को ध्यान में रखते हुए काम करने के लिए एक नोट पोस्ट किया था। जुकरबर्ग ने अपने नोट में लिखा, मेरा मानना है कि हमें एक ऐसी दुनिया के लिए काम करना चाहिए, जहां पर लोग निजी तौर पर बात कर सकें और इस बात को लेकर बिलकुल आजाद रहें कि उनकी जानकारी सिर्फ वही देखेगा जिसे वह दिखाना चाहेंगे।
नई दिल्ली ,11 मार्च । सरकारी टेलिकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अपने ग्राहकों के लिए धमाकेदार ऑफर लेकर आई है। बीएसएनएल अपने वार्षिक प्लान पर 25 फिसदी कैशबैक दे रही है। जी हां.. दिसंबर के महीने में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अपने नए और पुराने लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड और ब्रॉडबैंड वाई-फाई सब्सक्राइबर्स के लिए नया कैशबैक ऑफर पेश किया था। ये कैशबैक ऑफर 21 दिसंबर को ही खत्म हो जाना था। लेकिन अब डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया है।
इस ऑफर के तहत जो बीएसएनएल सब्सक्राइबर्स एनुअल ब्रॉडबैंड प्लान्स लेंगे उन्हें 25 प्रतिशत कैशबैक का फायदा मिलेगा। ये कैशबैक अमाउंट ग्राहकों के अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा। इस अमाउंट का उपयोग ग्राहक भविष्य में किए जाने वाले रिचार्ज के लिए कर पाएंगे। बीएसएनएल ने एक्सटेंशन की घोषणा ट्विटर पर की थी।
ट्विटर पर कंपनी ने कहा कि अब एनुअल प्लान्स पर 25 प्रतिशत कैशबैक ऑफर सारे नए और पुराने ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए लागू होगा। बीएसएनएल ब्रॉडबैंड ग्राहकों को बीएसएनएल ब्रॉडबैंड कनेक्शन के जरिए इंटरनेट से जुडऩे पर उनके पीसी या मोबाइल स्क्रीन पर इंफॉर्मेशन बैनर नजर आएगा, जहां 25 प्रतिशत कैशबैक स्कीम की जानकारी नजर आएगी।
जैसे ही ग्राहक एग्री बटन पर क्लिक कर स्कीम को सब्सक्राइब करने के लिए राजी होंगे, उन्हें सर्विस आईडी डालनी होगी। ये लैंडलाइन या एफटीटीएच ब्रॉडबैंड नंबर होगा। इसके बाद ग्राहकों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। इस ओटीपी के जरिए वैलिड होने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और बाकी जानकारियां भी नजर आ जाएंगी।
यदि ग्राहक 25 प्रतिशत कैशबैक के लिए प्लान को बदलना चाहते हैं, तो वे सबमिट पर क्लिक कर सकते हैं या चेंज नहीं चाहने पर कैंसिल पर क्लिक करें। यदि ऑर्डर सक्सेसफुल होता, तो एक मैसेज प्लान चेंज रिच्ेस्ट के साथ दिखाई देगा. ये कैशबैक स्कीम सारे बीएसएनएल सर्किलों के लिए वैलिड है। यदि ऑर्डर सक्सेसफुल नहीं होता है तब भी संबंधित मैसेज दिखा दिया जाएगा।
नई दिल्ली ,11 मार्च । पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सऊदी अरब के ऊर्र्जा मंत्री खालिद अल-फलीह के साथ बैठक में कच्चे तेल के दाम बढऩे से घरेलू तेल की कीमतों में पडऩे वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई। धर्मेद्र प्रधान ने शनिवार को अल फलीह से बात करते हुए पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपोक और अन्य तेल निर्यातकों द्वारा कच्चे तेल की सप्लाई में कटौती के मद्देनजर भारत को कच्चे तेल और एलपीजी की निर्बाध सप्लाई को लेकर बातचीत की।
अल फलीह की यात्रा सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की इस साल फरवरी में भारत दौरे के बाद पहली यात्रा है। बयान में ये भी कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने भूराजनीतिक घटनाक्रमों का वैश्विक तेल बाजार पर प्रभाव को लेकर भी चर्चा की।
इसी के साथ इन दोनों मंत्रियों ने भारत के तेल और गैस क्षेत्र में सऊदी के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की, जिसमें महाराष्ट्र में वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी संयुक्त उपक्रम और पेट्रोकेमिलकल प्रोजेक्ट शामिल है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 44 अरब डॉलर है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी।
दोनों नेताओं ने भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियन रिजर्व (एसपीआर) प्रोग्राम में सऊदी अरब की भागीदारी पर भी बात की। सऊदी अरब भारत को कच्चा तेल और एलपीजी निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। 2017-18 में भारत में सऊदी अरब से 3.68 करोड़ टन (एमएमटी) कच्चा तेल आयात किया जो कि कुल आयात का 16.7 प्रतिशत था।
नईदिल्ली ,10 मार्च । खूबसूरत दिखने के लिए दुनियाभर में महिलाएं ही नहीं पुरूष भी तरह तरह के सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करते हैं। क्रीम, फाउंडेशन, शैंपू और हेयर कलर जैसे उत्पादों से उनकी खूबसूरती कितनी बढ़ती है, यह तो कोई नहीं जानता, लेकिन इन तमाम लोगों की जेब से निकलने वाले पैसे ने फ्रांस की सौंदर्य प्रसाधन बनाने वाली कंपनी लॉरियल की मालकिन को दुनिया की सबसे अमीर महिला जरूर बना दिया है। आज आलम यह है कि इस कंपनी की मालकिन की संपति 51 अरब डालर पर पहुंच चुकी है। भारतीय टेलीविजन के विज्ञापनों में कभी ऐश्वर्या राय तो कभी सोनम कपूर लड़कियों को लॉरियल के विभिन्न सौंदर्य प्रसाधन, शैंपू, कंडीशनर या हेयर कलर लगाने की सलाह देती हैं। शहरों में ही नहीं बल्कि गांव देहात की लड़कियों में भी इन सुंदरियों की तरह दिखने की चाहत इतनी ज्यादा है कि देश में भी ऐसे तमाम उत्पादों पर दिल खोलकर पैसा खर्च किया जाता है। फोर्ब्स द्वारा हाल ही में जारी दुनिया के रईस लोगों की सूची में फ्रांस की कॉस्मेटिक कंपनी लॉरियल की वारिस फ्रांस्वा बेटनकोर्ट को 15वां स्थान मिला है। चूंकि इस सूची में उनसे ऊपर सभी पुरूष हैं इसलिए उन्हें दुनिया की सबसे अमीर महिला माना गया है। यह सच है कि फ्रांस्वा को यह दौलत उनकी मेहनत से नही बल्कि किस्मत से मिली है, लेकिन पिछले दो साल में उन्होंने कंपनी और अपनी संपति में इजाफा किया है। वह लिलियन बेटनकोर्ट की पुत्री हैं, जिनकी 2017 में मौत होने के बाद तमाम संपति इकलौती बेटी फ्रांस्वा को मिली। इस परिवार का फोर्ब्स की सूची में आना कोई नई बात नहीं है। फ्रांस्वा से पहले उनकी मां लिलियन दुनिया की सबसे अमीर महिला और दुनिया की 14वीं सबसे अमीर शख्स थीं और 2017 में उनकी संपत्ति 44.3 अरब डॉलर थी। 2005 में फोर्ब्स ने लिलियन को दुनिया की 39वीं सबसे ताकतवर महिला बताया था। लिलियन बेटनकोर्ट का जन्म पेरिस में हुआ था और वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं। उनके पिता यूगेन शूलर ने साल 1909 में लॉरियल की शुरुआत की थी। लिलियन मात्र 5 साल की थीं जब उनकी मां का देहांत हो गया। वह अपने पिता के बहुत नजदीक रहीं और बहुत कम उम्र में कंपनी के कामों में उनका हाथ बंटाने लगीं। समय के साथ कंपनी बढ़ती रही और साल 1950 में लिलियन ने राजनीतिज्ञ आंद्रे बेटनकोर्ट से शादी कर ली। उनके यहां 10 जुलाई 1953 को फ्रांस्वा बेटनकोर्ट का जन्म हुआ। फ्रांस्वा को इस कंपनी की सर्वेसर्वा होने के अलावा बाइबल पर टिप्पणियों और यहूदी-ईसाई संबंधों पर उनकी सशक्त लेखनी के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने ज्यां पियरे मीयर्स से विवाह किया और दोनों के दो बच्चे हैं, जिनकी उन्होंने यहूदी परंपरा के अनुसार परवरिश की है। 2017 में कंपनी की कमान संभालने वाली फ्रांस्वा की उपलब्धियों की बात करें तो बेटनकोर्ट के नेतृत्व में लॉरियल कंपनी ने वर्ष 2018 में बिक्री का रिकार्ड बनाते हुए पिछले एक दशक में बिक्री में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की। वह 1997 से लॉरियल के बोर्ड में शामिल रही हैं और कंपनी की चेयरपर्सन हैं। वह अपने परिवार के समाज सुधार के कार्यों में भी बढ़ चढक़र हिस्सा लेती हैं और उनके द्वारा चलाये जा रहे फाउंडेशन ने देश में विज्ञान और कला की प्रगति में उल्लेखनीय योगदान दिया है। देश में सौंदर्य प्रसाधनों का कारोबार जिस तेजी से बढ़ रहा है और अब तो पुरूषों ने भी इस क्षेत्र में महिलाओं को टक्कर देना शुरू कर दिया है। ऐसे में कोई आश्चर्य नहीं अगर यह कंपनी आने वाले दशकों में भी बिक्री में वृद्धि के नये रिकार्ड कायम करे और फ्रांस्वा की कमाई इसी तरह बढ़ती रहे।