नईदिल्ली,23 नवंबर । दिसंबर आने वाला है और इसी के साथ आप न्यू ईयर और क्रिसमस को लेकर एक्साइटेड भी होंगे. ऐसे में अगर आप सर्दियों के लिए वेकेशन प्लान कर रहे है तो आपको बता दें कि रेलवे में टिकट बुक करने को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं. टिकट बुकिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए इंडियन रेलव लगातार काम कर रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने नई सुविधाएं शुरू की हैं. रेलवे के लिए टिकट बुकिंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टुरिज्म कॉरपोरेशन ने अपने वेबसाइट के इंटरफेस में कई बदलाव किया है.
नए बदलाव में ट्रेन टिकट सर्च विकल्प को अब मुख्य वेबसाइट को होम स्क्रीन पर दिया गया है. इसके बाद अब पैसेंजर्स को ट्रेनों के विकल्प को ढूंढने वाले लोगों के लिए लॉग-इन जानकारी नहीं देनी होगी.
आईआरसीटीसी की वेबसाइट में बदलाव के बाद अब बुक इयर टिकट बॉक्स अब आपके स्क्रीन की बायीं तरफ होगा. इसमें आपको अपने यात्रा की डिटेल्स भरनी होगी. इसमें आपको बोर्डिंग स्टेशन और गंतव्य स्टेशन को चुनना है. तारीख भी चुनने का विकल्प होगा. अगला विकल्प सीट/बर्थ चुनने का होगा. सभी जानकारियां भरने के बाद फाइंड ट्रेन के विकल्प पर क्लिक करना होगा. आपको ट्रेनों के बारे में पता लगाने के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉग इन करने जरूरत नहीं होगी. हालांकि, टिकट बुक करते समय आपको लॉग-इन करना होगा.
नईदिल्ली,23 नवंबर । आने वाले समय में 5 स्टार रेफ्रिजरेटर्स की कीमत में इजाफा हो सकता है। नया एनर्जी लेवलिंग नॉर्म्स अगले साल जनवरी से लागू होने वाला है, जिसके बाद फाइव स्टार रेफ्रिजरेटर्स बनाना लगभग 6,000 रुपये तक महंगा हो सकता है। उद्योग संगठन सीईएएमए ने यह जानकारी दी है।
लेवलिंग गाइडलाइंस के लागू होने से मैन्युफैक्चरर्स को फाइव स्टार रेफ्रिजरेटर्स को कूलिंग के लिए पारंपरिक फोम की जगह वैक्यूम पैनल्स की इस्तेमाल करना पड़ेगा, जो उद्योग के लिए एक चुनौती है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने यह बात कही।
कंप्रेसर आधारित उत्पादों जैसे रूम एयर कंडीशनर तथा रेफ्रिजरेटर्स के लिए स्टार रेटिंग लेबल में बदलाव जनवरी 2020 से लागू होगा और फ्री तथा डायरेक्ट कूलिंग वन स्टार में चेंज हो रहा है।
अब इस बदलाव की वजह से उद्योग को फाइव स्टार लेवल रेफ्रिजरेटर्स लाना मुश्किल होगा, क्योंकि जनवरी से एनर्जी एफिसिएंशी नॉर्म्स के टेबल में बदलाव हो रहा है।
मुंबई,22 नवंबर । भारतीय रिजर्व बैंक ने संकट में फंसी आवास ऋ ण कंपनी डीएचएफएल के मामले को औपचारिक रूप से दिवाला कार्रवाई के लिए भेजने से पहले शुक्रवार को एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। यह समिति डीएचएफएल के प्रशासक को सलाह देने का काम करेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के गैर कार्यकारी चेयरमैन राजीव लाल, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी एन एस कन्नन और एसोसिएशंस आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मुख्य कार्यकारी एन एस वेंकटेश को समिति में शामिल किया गया है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने सोमवार को डीएचएफएल के बोर्ड को भंग करते हुए उसे प्रशासक के तहत कर दिया था। डीएचएफएल कामकाज के संचालन में खामी और गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) के पूर्व प्रबंध निदेशक आर सुब्रमण्यकुमार को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
बीजिंग,22 नवंबर । चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था के अनुमान को संशोधित करते हुए 2.1 प्रतिशत बढ़ा दिया है। गणना के नतीजों के बाद चीन ने 2018 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को संशोधित कर 91,930 अरब युआन या 13,100 अरब डॉलर कर दिया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने शुक्रवार को इस संशोधन के बारे में जानकारी दी। इससे चीन के कम्युनिस्ट नेताओं के 2010 से 2020 के दौरान देश की जीडीपी के आकार को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने की संभावना बढ़ गई है। सरकार की योजना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के जीडीपी वृद्धि के संशोधित अनुमान को भी जारी करने की है। हालांकि, सरकार की ओर यह नहीं बताया गया है कि इसे कब जारी किया जाएगा। पिछले अनुमान में 2018 में देश की जीडीपी 90,030 अरब युआन या 12,800 अरब डॉलर आंका गया था। यह 2018 में अमेरिका के 20,500 अरब डॉलर के जीडीपी से काफी पीछे है। हालांकि, 2018 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही थी जो चीन की तुलना में काफी कम है। चालू साल की जुलाई-सितंबर की तिमाही में चीन की वृद्धि दर छह प्रतिशत रही है। यह 1992 की सबसे धीमी वृद्धि है। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के चलते चीन के विनिर्माण क्षेत्र की मांग प्रभावित हुई है। चीन की तेज वृद्धि और 1.4 अरब की आबादी के साथ माना जा रहा है कि वह जल्द अमेरिका को पीछे छोडक़र दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
0-स्पेक्ट्रम भुगतान दो साल के लिए टला
नईदिल्ली,21 नवंबर । सरकार ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिये स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के लिए टालने के प्रस्ताव को बुधवार (20 नवंबर) को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिये स्पेक्ट्रम किस्त भुगतान से छूट दी गई है।
सीतारमण ने कहा कि स्पेक्ट्रम के टले भुगतान को शेष बची किस्तों में बिना समय बढ़ाये बराबर बांटा जायेगा। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम के टले भुगतान पर लागू होने वाले ब्याज का भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार क्षेत्र हालिया कुछ समय से संकटों से जूझ रहा है। बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद सितंबर तिमाही में दो पुरानी दूरसंचार कंपनियों वोडाफोन आइडिया तथा भारती एयरटेल का सम्मिलित घाटा 74 हजार करोड़ रुपये के पार चला गया। वोडाफोन आइडिया को अकेले ही इस तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। यह किसी भी भारतीय कंपनी को अब तक किसी एक तिमाही में हुआ सबसे बड़ा घाटा है।
इसके बाद दूरसंचार क्षेत्र लगातार ही सरकार से राहत देने की मांग कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस फैसले से दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।
नईदिल्ली,21 नवंबर । आने वाले दिनों में देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले क्षेत्र बायोटेक्नोलॉजी पर राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार से तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन शुरू हो रहा है।
इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं व नवोन्मेषकों के साथ-साथ स्टार्टअप और इस क्षेत्र से जुड़ी छोटी-बड़ी कंपनियों को बायो-मैन्युफैक्च रिंग, क्लीनिकल ट्रायल और दवाइयों की खोज के क्षेत्र की संभावनाओं और चुनौतियों पर मंथन करने का अवसर मिलेगा। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आज ग्लोबल बायो-इंडिया समिट 2019 का उद्घाटन करेंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इसकी जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के सहयोग से किया जा रहा है। सम्मेलन में 30 देशों के करीब 3,000 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।