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भारती इंफ्राटेल में हिस्सेदारी घटाएगी भारती एयरटेल
Posted Date : 13-Mar-2019 9:55:27 am

भारती इंफ्राटेल में हिस्सेदारी घटाएगी भारती एयरटेल

मुंबई ,13 मार्च । टेलीकॉम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, भारती एयरटेल, नेटल इंफ्रास्ट्रकचर इनवेस्टमेंट्स को करीब 32 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर भारती इंफ्राटेल में अपनी 18.3 फीसदी हिस्सेदारी घटाएगी। इंफ्राटेल ने एक नियामकीय फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी। नियामकीय फाइलिंग में कहा गया है कि भारती एयरटेल के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नेटल इंफ्रास्ट्रकचर की इंफ्राटेल में 3.2 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस हस्तांतरण के बाद इसकी हिस्सेदारी बढक़र 35.2 फीसदी हो जाएगी। 
भारती एयरटेल की वर्तमान में टेलीकॉम टॉवर कंपनी में 50.3 फीसदी की हिस्सेदारी है। इंफ्राटेल के मुताबिक, यह अधिग्रहण 18 मार्च को या उसके बाद होगा। सौदे के लिए शेयरों की कीमत अधिग्रहण के वक्त पर होने वाले बाजार मूल्य पर या उसके आस-पास होगी।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि हिस्सेदारी के इस हस्तांतरण से तीसरे पक्ष के शेयरों की बिक्री होगी और भारतीय एयरटेल को पैसे जुटाने में मदद मिलेगी। घोषणा के परिणास्वरूप, भारती एयरटेल के शेयरों में दिन के कारोबार के दौरान चार फीसदी से ज्यादा की वृद्धि देखी गई। अपराह्न् 2:02 बजे बीएसई में भारती एयरटेल के शेयर की कीमत 347 रुपये थी, जो पिछले दिन के मुकाबले 3.99 फीसदी या 13.30 रुपये ज्यादा है। 

जीएसटी काउंसिल में चीजे सस्ती करने के लिए चुनाव आयोग जल्द दे सकता है मंजूरी!
Posted Date : 13-Mar-2019 9:54:59 am

जीएसटी काउंसिल में चीजे सस्ती करने के लिए चुनाव आयोग जल्द दे सकता है मंजूरी!

नईदिल्ली ,13 मार्च । जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक 19 मार्च को होनी है. सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने रेट कटौती के फैसले को लेकर बैठक के लिए इलेक्शन कमीशन से मंजूरी मांगी है. आपको बता दें कि देश में आम चुनावों की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में आचार संहिता लागू हैं. लिहाजा कोई फैसला लेने से पहले अब चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी.
सूत्रों की माने तो राज्यों के रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी कटौती का फायदा घर खरीदारों को देने की रूपरेखा तय की जाएगी.

जरूरत पडऩे पर बोइंग पर ‘तत्काल’ कार्रवाई कर सकता है अमेरिका
Posted Date : 12-Mar-2019 11:42:17 am

जरूरत पडऩे पर बोइंग पर ‘तत्काल’ कार्रवाई कर सकता है अमेरिका

वाशिंगटन,12 मार्च । अमेरिका का विमानन क्षेत्र नियामक बोइंग को उसके 737 मैक्स-8 में सुधार करने के आदेश देगा। इन सुधारों में इंजन के अचानक से बंद होने से रोकने के लिए ‘एंटी-स्टॉलिंग सॉफ्टवेयर’ लगाना शामिल है। फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन प्राधिरकरणों से कहा कि ‘‘डिजाइन में इन बदलावों को अप्रैल से पहले-पहले हर हाल में करना होगा।’’ हालांकि अमेरिका ने अभी तक बोइंग के विमानों के परिचालन पर रोक नहीं लगायी । बोइंग भी बदलावों के हिसाब से अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और चालक दल के सदस्यों के दिशा-निर्देशों को अद्यतन करने के लिए तैयार है। इससे पहले एफएए ने कहा था कि वह समय-समय पर अमेरिकी वाणिज्यिक विमानों के सुरक्षा प्रदर्शन का आकलन और समीक्षा करता रहता है। एफएए के बयान के मुताबिक यदि उन्हें सुरक्षा से जुड़ी कोई खामी मिलती है तो वे उस पर तत्काल और उचित कार्रवाई करते हैं। एफएए ने वैश्विक नागर विमानन नियामकों को सूचित किया कि वह जल्द ही बोइंग के 737 मैक्स-8 से जुड़ी सुरक्षा जानकारियों को साझा कर सकता है। गौरतलब है कि रविवार की सुबह इथोपिया के अदीस अबाबा में एक बोइंग का 737 मैक्स-8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें सवार सभी 157 लोगों की मौत हो गई। इससे पहले अक्टूबर 2018 में इंडोनिशकया में भी बोइंग का यही विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें 189 लोगों की मौत हो गई थी।

गूगल ने यौन उत्पीडऩ के आरोपी पूर्व भारतीय कार्यकारी को हटने के लिए दिया 4.5 करोड़ डॉलर का पैकेज
Posted Date : 12-Mar-2019 11:40:44 am

गूगल ने यौन उत्पीडऩ के आरोपी पूर्व भारतीय कार्यकारी को हटने के लिए दिया 4.5 करोड़ डॉलर का पैकेज

सैन फ्रांसिस्को ,12 मार्च । गूगल यौन उत्पीडऩ के आरोपी एक पूर्व भारतीय कार्यकारी को कंपनी से हटने के लिए 4.5 करोड़ डॉलर का पैकेज देने पर सहमत हुआ। यह मामला भारत में जन्मे अमित सिंघल से जुड़ा है जिन पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगा था और इसके चलते 2016 में उन्हें कंपनी से इस्तीफा देना पड़ा था।
रिपोर्ट के अनुसार पहले इस पैकेज के बारे में सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं थी। सिंघल कंपनी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। उनके पास 2016 तक गूगल के सर्च परिचालन की जिम्मेदारी थी। सिंघल पर गूगल की एक कर्मचारी ने बाहर के एक कार्यक्रम के दौरान उसे पकडऩे का आरोप लगाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक यह जानकारी गूगल की मातृ कंपनी एल्फाबेट के एक शेयरधारक द्वारा दायर कानूनी वाद के बाद सोमवार को सामने आयी। इस वाद में इस रकम का खुलासा किया गया है। शेयरधारक ने कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्यों पर आरोप लगाया कि बोर्ड के सदस्यों ने उत्पीडऩ के आरोपी कार्यकारी को कंपनी से बाहर निकालने के बजाय इतनी मात्रा में भुगतान करके अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं किया है। यह वाद जनवरी में कैलिफोर्निया सुपीरियर अदालत में दायर किया गया था। सोमवार को इसका एक संशोधित संस्करण अदालत में दाखिल किया गया। संशोधित वाद के मुताबिक गूगल सिंघल को दो साल के लिए हर साल 1.5 करोड़ डॉलर की राशि देने पर सहमत हुआ था और तीसरे साल में उन्हें 50 लाख डॉलर से 1.5 करोड़ डॉलर की राशि दी जानी थी। सिंघल ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सिंघल का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी में हुआ और उन्होंने आईआईटी रुडक़ी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। वह 15 साल तक गूगल के सर्च की अहम टीम का हिस्सा रहे।

एसबीआई ने रिलीज करने से इनकार किया आरकॉम का आईटी रिफंड
Posted Date : 12-Mar-2019 11:39:38 am

एसबीआई ने रिलीज करने से इनकार किया आरकॉम का आईटी रिफंड

0-अनिल अंबानी के जेल जाने का खतरा
मुंबई ,12 मार्च । रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को स्वीडन की टेलिकॉम गीयर कंपनी एरिक्सन का 453 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है, लेकिन लेंडर्स ने इसके लिए कंपनी का इनकम टैक्स रिफंड रिलीज करने से इनकार कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल में दी इंडिपेंडेंट पिटीशन में कहा है कि जब तक सभी पार्टियों में एक राय न बन जाएगी, कोई फंड रिलीज नहीं किया जाएगा।
आरकॉम को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है लेकिन फाइनैंशल क्रेडिटर्स के फंड रिलीज करने से मना करने से वह बड़ी मुश्किल में फंस जाएगी। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार 12 मार्च को होगी। एसबीआई आरकॉम से बकाया वसूल करने की कोशिश में जुटे 37 बैंकों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के कंसॉर्शियम का लीड बैंकर है। एरिक्सन कंपनी का ऑपरेशनल क्रेडिटर है।
मामले में आरकॉम का पक्ष रख रहे सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने एनसीएलएटी को सोमवार को बताया कि टेलिकॉम कंपनी को 19 मार्च तक एरिक्सन का बकाया चुकाना है। उन्होंने कहा कि एसबीआई ने लगभग 260 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स रिफंड रोका हुआ है जिसे सीधे स्वीडन की कंपनी के पास जमा कराया जाना चाहिए।
जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की दो मेंबर वाली बेंच ने यह कहकर एसबीआई की आलोचना की है कि अपीलेट ट्राइब्यूनल ने आरकॉम और एरिक्सन के बीच तय कंसेंट टर्म्स किए जाने की इजाजत दी थी क्योंकि बैंक ने अपनी अपील में अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी की सुंदर तस्वीर पेश करते हुए कहा था कि उसके ऐसेट्स को रिलायंस जियो खरीदने जा रही है। इस पर एसबीआई ने अपनी अपील में कहा कि फंड रिलीज करने से पहले सभी लेंडर्स की इजाजत लेना जरूरी है। अदालत में मौजूद एक लीगल सोर्स ने कहा, लेंडर्स के प्रतिनिधियों का कहना है कि वे सिक्योर्ड लेंडर्स हैं और उन्हें अब तक सबकी मंजूरी नहीं मिली है।

ऐमजॉन ने भारतीय ग्लोबल स्टोर से लगभग सारे प्रॉडक्ट्स हटाए
Posted Date : 11-Mar-2019 11:16:24 am

ऐमजॉन ने भारतीय ग्लोबल स्टोर से लगभग सारे प्रॉडक्ट्स हटाए

बेंगलुरु ,11 मार्च । अब ऐमजॉन पर ग्लोबल स्टोर से सीधे अमेरिका से किसी भी सामान की खरीदना मुश्किल हो गया है। ऐसा एफडीआई के नए नियम की वजह से हुआ है, यह नियम पिछले महीने लागू किए गए हैं। ग्लोबल स्टोर को 2016 में लॉन्च किया था, लेकिन अब एफडीआई के नए नियम की वजह से इसका अस्तित्व संकट में है। इस प्लैटफॉर्म पर उपलब्ध सामानों में काफी तेजी से गिरावट देखी जा रही है।
ऐमजॉन एक्सपोर्ट्स सेल्स एलएलसी इस ग्लोबल स्टोर का संचालन करता है। इसपर फरवरी से पहले कम से कम 60 लाख प्रॉडक्ट्स उपलब्ध थे, लेकिन पिछले महीने लागू हुए नए नियम की वजह से फरवरी में इनकी संख्या केवल 6000 ही रह गई। ऑनलाइन मार्केटप्लेस डेटा की जानकारी रखने वाले मार्केटप्लेस पल्स ने इसकी जानकारी दी है। 
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, कंपनी की तरफ से जल्दबाजी भारत के बिजनस को बचाने की थी। पिछले कुछ हफ्तों में ग्लोबल स्टोर एक तरह से अस्तित्व में नहीं है। एफडीआई का नया नियम किसी मार्केटप्लेस का इच्टिी इंटरेस्ट रखने वाले सेलर को उसी प्लैटफॉर्म पर सामानों की बिक्री से रोकता है। इस वजह से पिछले महीने ऐमजॉन को अपनी सेलर फर्म्स क्लाउडटेल और अप्पारियो में स्टेक कम करना पड़ा था।
चीन और मैक्सिको के बाद ऐमजॉन द्वारा अमेरिका से सीधे सामान खरीदने की सुविधा वाला भारत तीसरा देश है। पिछले सालों में भारतीय उपभोक्ताओं ने अमेरिका में चलने वाले ब्लैक फ्राइडे समेत अन्य सेल्स पर जमकर खरीदारी की थी। इसके लिए एक अलग पेज ऐमजॉन ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बनाया था, टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार अब यह पेज मौजूद नहीं है। 
हालांकि ऐमजॉन की अमेरिकी साइट से सामान अब भी खरीदे जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए पेमेंट का तरीके समेत कई तरह की पाबंदियां है। ग्लोबल स्टोर ने भारतीय खरीदारों को स्थानीय करंसी में शॉपिंग करने का ऑप्शन दिया था। नई एफडीआई पॉलिसी का एक और नियम ऐमजॉन जैसी कंपनियों के लिए मुश्किल खड़ी करने वाला है, इसके अनुसार हर सेलर को भारत में रजिस्टर कराना जरूरी है।