व्यापार

जीएसटी दरें घटने के बावजूद मकान सस्ता नहीं होने की चेतावनी दे रहे हैं डिवेलपर्स
Posted Date : 15-Mar-2019 12:26:39 pm

जीएसटी दरें घटने के बावजूद मकान सस्ता नहीं होने की चेतावनी दे रहे हैं डिवेलपर्स

नई दिल्ली, 15 मार्च । अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों पर जीएसटी की दरों में भारी कटौती के बावजूद इनकी कीमतों में बहुत ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं की जा रही है। इनपुट टैक्स क्रेडिट से वंचित रियल एस्टेट सेक्टर ने जहां सीमेंट और स्टील जैसे इनपुट मटीरियल पर जीएसटी की ऊंची दरों पर चिंता जताई है, वहीं अब तक उपलब्ध क्रेडिट के 1 अप्रैल को लैप्स होने से पहले कैरी फॉरवर्ड करने की मांग की है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की ओर से रियल एस्टेट में इनपुट क्रेडिट की विसंगतियों पर गुरुवार को आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में इंडस्ट्री ने शीर्ष अधिकारियों से कहा कि अगर ये मुद्दे हल नहीं हुए, तो आम ग्राहक को सस्ते मकान दिलाने की कोशिशें रंग नहीं लाएंगी। काउंसिल की पिछली बैठक में अंडर-कंस्ट्रक्शन मकानों पर जीएसटी दरें बिना क्रेडिट के 5त्न और अफोर्डेबल हाउसिंग पर 1त्न कर दी गईं थीं। यानी कच्चे माल की खरीद पर चुकाए गए टैक्स का क्रेडिट नहीं मिलेगा।
उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि लागत के सबसे बड़े हिस्से सीमेंट पर जीएसटी रेट 28त्न है। अगर क्रेडिट नहीं मिलेगा तो बिल्डर इसका बोझ ग्राहक पर डालेंगे। मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की डेफिनिशन पर भी सवाल उठाए गए और कहा गया कि दिल्ली-मुंबई में 45 लाख में 60 वर्गमीटर तक मकान देना मुश्किल है।
सीबीआईसी के मेंबर जॉन जोसेफ ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था अंतिम नहीं है और जीएसटी को तर्कसंगत बनाने का काम चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अगर टैक्स कलेक्शन में स्थिरता आती है तो हायर स्लैब में और कटौती हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी लागू होने के डेढ़ साल के भीतर करीब 90त्न वस्तुएं प्री-जीएसटी रिजीम के लोअर रेट तक आ गई हैं। रियल्टर्स ने अनुमान लगाया कि नॉन-अफोर्डेबल सेग्मेंट में करीब 13,000 करोड़ की इन्वेंटरी पड़ी है। उन्होंने पुराने क्रेडिट के लिए 5 साल के विंडो की मांग की।

यूके ने पीएचडी लेवल के वर्क वीजा की सीमा खत्म की, भारतीयों को होगा फायदा
Posted Date : 15-Mar-2019 12:25:48 pm

यूके ने पीएचडी लेवल के वर्क वीजा की सीमा खत्म की, भारतीयों को होगा फायदा

लंदन,15 मार्च । यूके सरकार विदेशी पीएचडी डिग्रीधारकों को अपने यहां काम करने के लिए वीजा की संख्या की सीमा खत्म करने जा रही है। इससे बड़े पैमाने पर उच्च डिग्रीधारी भारतीय पेशेवरों को फायदा मिलेगा। यूके के चांसलर फिलिप हैमंड ने एक बजट अपडेट में ऐलान किया कि इसी वर्ष से उच्च शिक्षा आधारित नौकरियों के लिए ब्रिटेन में आने वाले लोगों की संख्या की सीमा नहीं रहेगी।
हैमंड ने हाउस ऑफ कॉमन्स को अपने संबोधन में बताया, ब्रिटेन को तकनीकी क्रांति के अगुआ बनाए रखना हमारी योजना का प्रमुख स्तंभ है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हो रहा है। और, इस लक्ष्य को साधने लिए पतझड़ के मौसम से हम पीएचडी लेवल की नौकरियों के लिए वीजा की संख्या की सीमा खत्म कर देंगे।
उन्होंने अपने बयान में कहा, ऑटम 2019 से पीएचडी स्तर की नौकरियों को टियर 2 (जनरल) की सीमा से मुक्त कर देंगे और उसी वक्त 180 दिनों की अनुपस्थिति से संबंधित आव्रजन कानून (इमिग्रेशन रूल्स) भी बदल दिए जाएंगे ताकि विदेशों में फील्डवर्क करने वाले रिसर्चर यूके में रहना चाहें तो उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
यूके के गृह मंत्रालय के बिल्कुल ताजातरीन आंकड़ों के मुताबिक 2018 में उच्च कौशल की नौकरियों के लिए 54 प्रतिशत टियर 2 (जनरल) श्रेणी के वर्क वीजा भारतीयों को दिए गए थे। पिछले साल भारतीयों को इस कैटिगरी के वीजा की स्वीकृति में भी सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़े बताते हैं कि 2017 के मुकाबले 2018 में भारतीयों को 6 प्रतिशत यानी 3,023 ज्यादा वीजा मिले।

रिलायंस जियो ने इस मामले में फिर मारी बाजी, सभी कंपनियों को पिछे छोड़ा
Posted Date : 15-Mar-2019 12:25:11 pm

रिलायंस जियो ने इस मामले में फिर मारी बाजी, सभी कंपनियों को पिछे छोड़ा

नई दिल्ली, 15 मार्च । मुकेश अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने 4जी डाउनलोड स्पीड के मामले में अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के मुकाबले फरवरी 2019 में भी अव्वल स्थान बनाये रखा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की तरफ से जारी नवीनतम आँकडों के अनुसार, फरवरी माह में जियो की औसत डाउनलोड स्पीड जनवरी के 18.8 एमबीपीएस की तुलना में बढक़र 20.9 एमबीपीएस पर पहुँच गई जो इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों की तुलना में दुगने से भी अधिक है। वर्ष 2018 में पूरे साल रिलायंस जियो इस मामले में अग्रणी रही थी।
ट्राई के आँकडों के अनुसार, भारती एयरटेल की डाउनलोड स्पीड फरवरी में जनवरी के 9.5 एमबीपीएस की तुलना में घटकर 9.4 एमबीपीएस रह गई। वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर के कारोबार का विलय हो चुका है और अब यह वोडाफोन-आइडिया के रूप में काम कर रही है किंतु ट्राई ने डाउनलोड और अपलोड स्पीड में दोनों का प्रदर्शन अलग-अलग दर्शाया है।
वोडाफोन नेटवर्क की औसत 4जी डाउनलोड स्पीड जनवरी के 6.7 एमबीपीएस की तुलना में मामूली बढक़र फरवरी में 6.8 एमबीपीएस हो गई। आइडिया की फरवरी में पहले के 5.5 एमबीपीएस की तुलना में 5.7 एमबीपीएस पर पहुंच गई।
4 जी अपलोड स्पीड के मामले में वोडाफोन ने आइडिया को पीछे छोडक़र अग्रणी स्थान हासिल किया। वोडफोन की 4जी अपलोड स्पीड जनवरी के 5.4 एमबीपीएस से बढक़र फरवरी में छह एमबीपीएस हो गई। आईडिया और एयरटेल नेटवर्क की औसतन 4जी अपलोड स्पीड जनवरी की तुलना में मामूली गिरावट से फरवरी में क्रमश 5.6 और 3.7 एमबीपीएस रह गई। रिलायंस जियो ने इस क्षेत्र में भी पहले की तुलना में सुधार किया और फरवरी में उसकी 4जी अपलोड स्पीड 4.5 एमबीपीएस हो गई।

 रेलवे ने यात्रियों को दिया होली का तोहफा, तत्काल टिकट बुकिंग में किया बड़ा बदलाव
Posted Date : 15-Mar-2019 12:24:36 pm

रेलवे ने यात्रियों को दिया होली का तोहफा, तत्काल टिकट बुकिंग में किया बड़ा बदलाव

नई दिल्ली, 15 मार्च । रंगों का त्योहार होली पर घर जाने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने बड़ा तोहफा दिया है।रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में बदलाव किया है, जिसके बाद यात्रियों को तत्काल टिकट बुक कराना आसान हो जाएगा। आईआरसीटीसी ने तत्काल टिकट बुकिंग की अवधि को कम कर दिया है और इसमें कुछ बदलाव भी किए हैं।
आईआरसीटीसी के मुताबिक, ट्रेन के चलने की जगह से सफर के दिन को छोडक़र तत्काल टिकट बुकिंग की एडवांस रिजर्वेशन पीरियड को दो दिनों से घटाकर एक दिन किया जा रहा है। अब ट्रेन के प्रस्थान करने की तारीख से एक दिन पहले तत्काल ट्रेन टिकट बुक किया जा सकता है। एसी क्लास के लिए तत्काल टिकट विंडो सुबह 10 बजे खुलती है, जबकि स्लीपर क्लास के लिए तत्काल विंडो सुबह 11 बजे खुलती है।
आईआरसीटीसी के तत्काल टिकटों को एक पीएनआर से अधिकतम चार यात्रियों के लिए बुक किया जा सकता है। भारतीय रेलवे महिला और सामान्य कोटा के साथ तत्काल कोटा और ट्रेन टिकट की अनुमति नहीं देता है। साथ ही फर्स्ट एसी और एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए ये टिकट बुक नहीं किए जा सकते हैं।
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट के तहत स्लीपर क्लास के लिए ट्रेन टिकट बुक करने के लिए कम से कम 100 रुपये और अधिकतम 200 रुपये का शुल्क तय किया है। एसी चेयर कार टिकट के लिए भारतीय रेलवे द्वारा लगाए गए शुल्क 125-225 रुपये हैं। आप तत्काल टिकट को आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अलावा रिजर्वेशन काउंटर से भी बुकिंग कर सकते हैं।

14 वर्ष से मार्क जकरबर्ग के खास सिपहसालार रहे क्रिस कॉक्स ने दिया इस्तीफा
Posted Date : 15-Mar-2019 12:23:39 pm

14 वर्ष से मार्क जकरबर्ग के खास सिपहसालार रहे क्रिस कॉक्स ने दिया इस्तीफा

कैलिफॉर्निया, 15 मार्च । फेसबुक के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर क्रिस कॉक्स ने इस्तीफा दे दिया है। कंपनी के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। कॉक्स फेसबुक के उन प्रमुख अधिकारियों में से एक थे जो जकरबर्ग के काफी खास व भरोसेमंद थे। जकरबर्ग का कहना है कि कॉक्स ने फेसबुक के न्यूज फीड जैसे प्रमुख प्रोडक्ट पर काम किया था। उन्होंने फेसबुक ऐप की जिम्मेदारी भी संभाली थी। हाल ही में वो कंपनी के सभी ऐप्स की स्ट्रैटजी देख रहे थे।
कॉक्स कंपनी के शुरुआती 15 इंजीनियरों में से एक थे। उन्होंने फेसबुक की शुरुआत के एक साल बाद यानी 2005 में फेसबुक ज्वॉइन की थी। कॉक्स के इस्तीफे की वजह फिलहाल साफ नहीं हो पाई है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि कंपनी की नीतियों को लेकर कॉक्स के जकरबर्ग से मतभेद हो सकते हैं। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए कंपनी की नई योजना को लेकर लिखा है कि यह बड़ा प्रोजेक्ट होगा और हमें ऐसे लीडर्स की जरूरत होगी जो नई दिशा-निर्देशों के लिए उत्साहित हों।

 गेहूं का उत्पादन बढऩे से किसान चिंतित, भाव कम मिलने का अंदेशा
Posted Date : 15-Mar-2019 12:22:07 pm

गेहूं का उत्पादन बढऩे से किसान चिंतित, भाव कम मिलने का अंदेशा

नई दिल्ली, 15 मार्च । सर्दी के मौसम में विस्तार और मार्च के शुरू में बारिश ने इस साल गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन होने की उम्मीद जगाई है, मगर किसान इस बात से चिंतित है कि उत्पादन ज्यादा होने से उनको फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा। कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 10.5 करोड़ टन हो सकता है। 
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास फरवरी में 239.31 लाख टन गेहूं का भंडार था जबकि पिछले साल फरवरी में एजेंसी के भंडार में 175.47 लाख टन गेहूं था। इस साल भंडार ज्यादा होने से गेहूं की सरकारी खरीद को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई। अगर, सरकारी खरीद कम होती है तो गेहूं का बाजार भाव लुढक़ जाएगा जिससे किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पाएगा। 
केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2018-19 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल से 105 रुपये बढ़ाकर 1,840 रुपये प्रति च्ंि टल तय किया है। 
पंजाब के मानसा जिला स्थित बरेटा के किसान नजर सिंह ने कहा, अगर, सरकार ने समय पर खरीद शुरू नहीं की तो हमें बाजार भाव पर गेहूं बेचना पड़ेगा जोकि आपूर्ति ज्यादा होने कम हो सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है और अप्रैल के पहले सप्ताह से देशभर में गेहूं की कटाई शुरू हो जाएगी। 
किसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि मौजूदा बाजार भाव के अनुसार बेहतर दाम मिलने की उम्मीद की जा सकती है लेकिन आपूर्ति बढऩे पर आमतौर पर व्यापारियों की रणनीति बदल जाती है, इसलिए कीमतों में गिरावट आ सकती है। 
कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा ने कहा कि किसान ज्यादा फसल उपजाते हैं तो उतनी आय नहीं मिलती है जितनी वह उम्मीद करते हैं इसलिए सही दाम पाने के लिए उनको उत्पादन में कटौती करनी पड़ती है। उन्होंने कहा, अगर वे लाभकारी मूल्य चाहते हैं तो उनको उत्पादन में कम से कम 10 फीसदी कटौती करनी चाहिए। यह राष्ट्रविरोधी नहीं है। आखिर उनको आजीविका के लिए जद्दाजहद करनी पड़ती है।
भारतीय गेहूं व जौ अनुसंधान केंद्र के निदेशक जी.पी. सिंह ने कहा कि इस साल 10 करोड़ टन से ज्यादा गेहूं का उत्पादन होने का सपना पूरा होगा। उन्होंने कहा, सर्दी के मौसम में विस्तार और मार्च के पहले सप्ताह में बारिश होने से गेहूं के लिए मौसमी दशा अनुकूल हो गई, जिससे ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि इस साल 10.5 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हो सकता है। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से पिछले महीने जारी फसल वर्ष 2018-19 की प्रमुख फसलों के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, इस साल गेहूं का उत्पादन 991.2 लाख टन हो सकता है। 
चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। पिछले साल के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में गेहूं का उत्पादन 971.1 लाख टन था। पिछले साल सरकारी एजेंसियों ने 358 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।