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अब आरसी और डीएल को मोबाइल नंबर से लिंक कराना अनिवार्य
Posted Date : 07-Dec-2019 1:13:19 pm

अब आरसी और डीएल को मोबाइल नंबर से लिंक कराना अनिवार्य

नईदिल्ली,07 दिसंबर । वाहन चलाने वाले लोगों के लिए यह खबर काम की हो सकती है खबर है कि सरकार एक ऐसा नियम लेकर आ रही है जिसके तहत वाहन के दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) से मोबाइल नंबर लिंक करना होगा। यह नियम एक अप्रैल 2020 से लागू होगा। इस संबंध में केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस पर लोगों की राय मांगी है। इस संबंध में लोग 30 दिन के अंदर यानी 29 दिसंबर तक अपने सुझाव सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज सकते हैं। यह मामला उस समय सामने आया, जब बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दी।
इस बिल का मकसद पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों के लिए पर्सनल डेटा को रेगुलेट करने की व्यवस्था करना है। माना जा रहा है कि वाहन के दस्तावेजों से मालिक के मोबाइल नंबर के लिंक होने से गाड़ी चोरी होने की जानकारी जुटाने में मदद मिलेगी। वाहन दस्तावेजों के साथ मोबाइल नंबर लिंक होने से गाड़ी की चोरी, खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इस नियम के तहत एक मोबाइल नंबर पर पांच वाहनों को ही रेजिस्टर कराया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त वाहन डाटा बेस में मोबाइल नंबर दर्ज होने से जीपीएस के अलावा मोबाइल नंबर की मदद से किसी भी व्यक्ति की लोकेशन का पता किया जा सकता है। इसमें विशेषकर सडक़ दुर्घटना, अपराध को अंजाम देने के बाद पुलिस उक्त व्यक्ति का तुरंत पता लगा सकती है और भ्रष्टाचार से भी राहत मिलेगी। साथ ही केंद्र सरकार और अन्य सरकारी संस्थाओं के पास सभी वाहनों और ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा डाटा, मोबाइल नंबर सहित उपलब्ध होगा। अगर जरूरत पड़ी तो पुलिस, आरटीओ या कोई अन्य एजेंसी आसानी से वाहन चालक या उसके मालिक से संपर्क कर सकती है। जबकि बड़े महानगरों में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट को लागू किया जा सकेगा।

आरबीएल बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन से जुटाए 2,025 करोड़
Posted Date : 06-Dec-2019 1:40:59 pm

आरबीएल बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन से जुटाए 2,025 करोड़

नयी दिल्ली,06 दिसंबर । आरबीएल बैंक ने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से 2,025.27 करोड़ रुपये की राशि जुटायी है। बैंक इसका उपयोग अपनी कारोबार वृद्धि में करेगा। आरबीएल बैंक ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उसने क्यूआईपी के माध्यम से सफलतापूर्वक 2,025 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसके लिए प्रति शेयर निर्गम मूल्य 351 रुपये रखा गया इसमें 341 रुपये का प्रीमियम भी शामिल है। बैंक ने इसके लिए कुल 5.77 करोड़ शेयर जारी किए हैं। क्यूआईपी में सूचीबद्ध कंपनियां म्यूचुअल फंड या विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों समेत अन्य पात्र संस्थागत निवेशकों को शेयर, डिबेंचर और अन्य प्रकार की प्रतिभूतियां जारी कर कोष जुटाती है।

अब बीएसएनएल का यूजर्स को बड़ा झटका, बंद किए 3 स्पेशल प्लान
Posted Date : 06-Dec-2019 1:40:38 pm

अब बीएसएनएल का यूजर्स को बड़ा झटका, बंद किए 3 स्पेशल प्लान

2 प्लान्स की वैलिडिटी भी घटाई 
नईदिल्ली,06 दिसंबर । जियो और वोडाफोन के बाद अब बीएसएनएल ने अपने यूजर्स को बड़ा झटका दिया है। बीएसएनएल ने अपने 29 रुपये और 47 रुपये वाले अपने दो प्रीपेड प्लान की वैलिडिटी कम कर दी है। साथ ही कंपनी ने 7, 9 और 192 रुपये वाले तीन एसटीवी (स्पेशल टैरिफ वाउचर) बंद कर दिए। बीएसएनएल का 29 रुपये वाला प्लान सबसे बेस्ट वीकली प्लान में से एक था। अब कंपनी ने इसकी वैलिडिटी घटाकर सिर्फ 5 दिन कर दी है। बीएसएनएल के 29 रुपये वाले प्लान में अनलिमिटेड ऑन-नेट और ऑफ-नेट कॉलिंग मिलती है, लेकिन इसमें 250 मिनट की लिमिट है। इसके अलावा इस प्लान में 1 जीबी डेटा और 300 एसएमएस मिलते हैं। अब इसकी वैलिडिटी 5 दिन कर दी गई है, जबकि पहले इस पैक के साथ 7 दिन की वैलिडिटी मिलती थी। 47 रुपये वाले एसटीवी में भी यही बेनिफिट्स मिलते हैं, लेकिन इसकी वैलिडिटी 7 दिन है। हालांकि, पहले इस पैक के साथ 9 दिन की वैलिडिटी मिलती थी, जिसे अब कंपनी ने 2 दिन घटा दिया है। 
बीएसएनएल ने 7, 9 और 192 रुपये वाले स्पेशल टैरिफ वाउचर बंद कर दिए हैं। 7 रुपये वाले प्लान में एक दिन के लिए 1 जीबी डेटा मिलता था। वहीं, 9 रुपये वाले वाउचर में एक दिन के लिए 250 मिनट की लिमिट के साथ अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग, 100 एमबी डेटा और 100 एसएमएस मिलते थे।
बंद किए गए 192 रुपये वाले वाउचर 
इनके अलावा बंद किए गए 192 रुपये वाले वाउचर में 28 दिन की वैलिडिटी, रोज 3 जीबी डेटा, प्रतिदिन 100 एसएमएस, अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग (रोज 250 मिनट की लिमिट) फ्री पीआरबीटी (पर्सनलाइज्ड रिंगबैक टोन) और रोज फ्री डिस्काउंट कूपन जैसे बेनिफिट्स मिलते थे।

पाकिस्तान में महंगाई नौ वर्ष के उच्चतम स्तर पर
Posted Date : 05-Dec-2019 1:39:04 pm

पाकिस्तान में महंगाई नौ वर्ष के उच्चतम स्तर पर

इस्लामाबाद,05 दिसंबर । पाकिस्तान में महंगाई का बुरा हाल है। टमाटर, आलू, दाल-दलहन और दूध जैसी रोजमर्रा के इस्तेमाल की आवश्यक वस्तुओं के महंगा होने से महंगाई की दर नवंबर माह में नौ वर्ष के उच्चतम स्तर 12.7 प्रतिशत पर पहुंच गई।
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो(पीबीएस) की तरफ से बुधवार को जारी महंगाई के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर पीबीएस की गणना विधि के लिए नया आधार वर्ष 2015..16 निर्धारित करने पर यह एक माह पहले की तुलना में 1.3 प्रतिशत बढ़ गई। पहले महंगाई की गणना के लिए 2007..08 आधार वित्त वर्ष था। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी संक्षिप्त बयान में दावा किया गया है कि अगले महीने से इसमें गिरावट आयेगी हालांकि यह नहीं बताया गया है कि यह कितनी रहेगी।
पीबीएस के आंकड़ों के अनुसार नवंबर में महंगाई बढऩे की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं का महंगा होना था। बयान में यह भी कहा गया है शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में आवश्यक वस्तुओं के दाम अधिक हैं। नवंबर में शहरी क्षेत्रों में खाद्य महंगाई वार्षिक और मासिक आधार पर क्रमश: 16.6 और 2.4 प्रतिशत बढ़ी। ग्रामीण क्षेत्रों में इजाफा क्रमश:19.3 और 3.4 प्रतिशत रहा।
शहरी क्षेत्रों में टमाटर की कीमत में 149.41 प्रतिशत का बड़ा उछाल आया। मिलीजुली दालें 11.72 प्रतिशत महंगी हुई। मूंग दाल में 7.79 और गेहूं 6.86 प्रतिशत महंगा हुआ। आलू और आटा के दाम क्रमश: 6.72 तथा 4.74 प्रतिशत बढ़ गए। प्याज 3.82 और दूध 1.42 प्रतिशत बढ़ गया। वहीं ताजी सब्जियों के दाम 11.52, चिकन 2.28 और चीनी 1.18 प्रतिशत सस्ते भी हुए।
ग्रामीण क्षेत्रों में टमाटर के दाम 189.76 और प्याज के 13.83 प्रतिशत उछले। गेहूं और मूंग दाल क्रमश: 10.85 तथा 8.55 प्रतिशत महंगे हुए। बींस, गेहूं का आटा, ताजे फाल, आलू, मसूर दाल, सूखे फल, सूती कपड़ा , चना साबुल, अंडा, मछली, तैयार खाद्य पदार्थ, चावल और चना दाल भी ग्रामीण क्षेत्रों में मंहगे हुए। शहरी क्षेत्रों में गैर खाद्य पदार्थ की महंगाई वार्षिक आधार पर 9.6 और ग्रामीण इलाके में नौ प्रतिशत बढ़ी।

आरबीआई लॉन्च करेगा प्रीपेड पेमेंट कार्ड, 10 हजार तक की कर सकेंगे खरीदारी
Posted Date : 05-Dec-2019 1:38:44 pm

आरबीआई लॉन्च करेगा प्रीपेड पेमेंट कार्ड, 10 हजार तक की कर सकेंगे खरीदारी

नईदिल्ली,05 दिसंबर । डिजिटल इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आज प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लॉन्च करने का ऐलान किया है। इसका इस्तेमाल 10 हजार रुपये मूल्य तक का सामान और सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है। आज रिजर्व बैंक की तरफ से मॉनिटरी पॉलिसी का भी ऐलान किया गया।
आरबीआई की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि पीपीआई कार्ड को बैंक अकाउंट से रिचार्ज करवाया जा सकता है। इस कार्ड का इस्तेमाल बिल पेमेंट करने और अन्य तरह की खरीदारी के लिए किया जा सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि वह इस संबंध में विशेष जानकारी 31 दिसंबर 2019 तक उपलब्ध करवाएगा। पीपीआई को बैंक में नकद जमा कर रिचार्ज करवाया जा सकता है या डेबिट कार्ड की मदद से रिचार्ज करवाया जा सकता है। क्रेडिट कार्ड बैलेंस से भी इसे रिचार्ज कर सकते हैं या दूसरे पीपीआई की मदद से, एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये तक रिचार्ज करवाया जा सकता है।
आज सेंट्रल बैंक की तरफ से मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया गया। उम्मीद से हटकर रिजर्व बैंक ने इस बार रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। 2019 में अब तक लगातार पांच बार रिजर्व बैंक रीपो रेट में कटौती कर चुका है। अभी रीपो रेट 5.15 फीसदी है, बैंक रेट 5.40 प्रतिशत और रिवर्स रीपो रेट 4.90 प्रतिशत है। इसके अलावा ग्रोथ का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।

आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 5.15 प्रतिशत पर बरकरार
Posted Date : 05-Dec-2019 1:37:56 pm

आरबीआई ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 5.15 प्रतिशत पर बरकरार

नईदिल्ली,05 दिसंबर । भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव न करके लोगों की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। जी हां.. भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। इस बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की उम्मीद की जा रही थी। वहीं आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई के फैसले के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। दोपहर 11.30 बजे सेंसेक्स 113.43 अंकों की तेजी के साथ 40,963.72 पर और निफ्टी लगभग इसी समय 26.05 अंकों की तेजी के साथ 12,069.25 पर कारोबार कर रहे थे। लेकिन आरबीआई के ऐलान के बाद सेंसेक्स 40 अंक लुढक़ कर 40 हजार 800 के स्तर पर आ गया।
इस साल अबतक पांच बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1.35 की कटौती की थी। इसका मतलब ये हुआ कि इस साल हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट की दर घटाई गई है। इससे पहले रेपो रेट में आखिरी कटौती 0.25 फीसदी की अक्टूबर 2019 में हुई थी।
इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 फीसदी पर पहुंच गया। हालांकि उम्मीद के मुताबिक बैंकों ने ग्राहकों तक इसका फायदा नहीं पहुंचाया है। आस्ट्रेलिया की ब्रोकरेज कंपनी मच्ैरी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान बैंकों ने सिर्फ 0.29 फीसदी कटौती ही आगे ग्राहकों तक पहुंचाई है।
केंद्रीय बैंक आरबीआई रेपो रेट के आधार पर ही बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट जितना कम होता है, बैंकों के लिए उतना ही फायदेमंद होता है। रेपो रेट कटौती होने के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनता है। आरबीआई हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है।