नयी दिल्ली,09 दिसंबर । लोढ़ा डेवलपर्स के एम पी लोढ़ा और उनके परिवार को देश के रीयल एस्टेट क्षेत्र का सबसे अमीर उद्यमी आंका गया है। उनकी कुल संपत्तियां 31,960 करोड़ रुपये हैं। इस सूची में डीएलएफ के राजीव सिंह दूसरे और एम्बैसी ग्रुप के संस्थापक जितेंद्र विरवानी तीसरे स्थान पर हैं। हुरुन रिपोर्ट और ग्रोही इंडिया ने सोमवार को ‘ग्रोही हुरुन इंडिया रीयल एस्टेट रिच लिस्ट 2019’ का तीसरा संस्करण जारी किया। इस रिपोर्ट में देश के रीयल एस्टेट क्षेत्र के अमीरों के बारे में जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 31,960 करोड़ रुपये की संपदा के साथ मंगल प्रभात लोढ़ा और मैक्रोटेक डेवलपर्स का परिवार (पुराना नाम लोढ़ा डेवलपर्स) सूची में पहले स्थान पर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोढ़ा परिवार की संपदा 2019 में 18 प्रतिशत बढ़ी है। सूची में शामिल 99 अन्य भारतीयों की कुल संपदा का 12 प्रतिशत लोढ़ा परिवार के पास है। इस सूची में डीएलएफ के राजीव सिंह 25,080 करोड़ रुपये की संपदा के साथ दूसरे स्थान पर हैं। 2019 में उनकी संपत्तियां 42 प्रतिशत बढ़ीं। पिछले साल वह इस सूची में तीसरे स्थान पर थे।
नईदिल्ली,09 दिसंबर । भारती टेलिकॉम ने सिंगापुर की सिंगटेल और अन्य विदेशी कंपनियों से 4,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए सरकार से अनुमति मांगी है। इस कदम से देश की सबसे पुरानी निजी क्षेत्र की यह दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी एक विदेशी इकाई बन जाएगी। भारती टेलिकॉम, भारती एयरटेल की प्रोमोटर कंपनी है। मामले से जुड़े एक अधिकारिक सूत्र ने बताया कि इस पूंजी निवेश से भारती टेलिकॉम में विदेशी हिस्सेदारी बढक़र 50 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी, जिससे यह एक विदेशी स्वामित्व वाली इकाई बन जाएगी।
वर्तमान में सुनील भारती मित्तल और उनके परिवार की भारती टेलिकॉम में करीब 52 प्रतिशत हिस्सेदारी है। भारती टेलिकॉम की भारती एयरटेल में करीब 41 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूत्र ने कहा कि भारती टेलिकॉम ने कंपनी में 4,900 करोड़ रुपये के निवेश के लिए आवेदन किया है। इसमें सिंगटेल और कुछ अन्य विदेशी निवेशकों की ओर से होने वाला निवेश शामिल है। इसके साथ ही भारती टेलिकॉम विदेशी इकाई बन जाएगी क्योंकि इसकी ज्यादा हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों के पास होगी।
दूरसंचार विभाग द्वारा इसी महीने इस निवेश को मंजूरी देने की उम्मीद है। दूरसंचार विभाग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में भारती एयरटेल के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आवेदन को खारिज कर दिया था, क्योंकि कंपनी ने विदेशी निवेश के बारे में स्पष्ट नहीं किया था। सूत्र ने कहा कि वर्तमान में भारती एयरटेल में कुल विदेशी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत है। प्रवर्तक इकाई भारती टेलिकॉम के विदेशी इकाई बन जाने के साथ ही कंपनी (भारती एयरटेल) में विदेशी हिस्सेदारी बढक़र 84 प्रतिशत के पार हो जाएगी।
नयी दिल्ली,08 दिसंबर । देश के प्रमुख 12 प्रमुख बंदगाहों पर माल की ढुलाई (माल को चढ़ाना या उतारना) इस साल अप्रैल से नवंबर के दौरान 0.34 प्रतिशत बढक़र 4,630.7 लाख टन पर पहुंच गयी। भारतीय बंदरगाह संगठन (आईपीए) ने इसकी जानकारी दी।इन बंदरगाहों ने पिछले साल की समान अवधि में 4,614.8 लाख टन माल की ढुलाई की थी।इन प्रमुख 12 बंदरगाहों में दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोर्मुगाव, न्यू मेगलुरु, कोच्चि, चेन्नई, कमरजार (पूर्ववर्ती एन्नोर), वी.ओ. चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत) शामिल हैं।आईपीए के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान लौह अयस्क की ढुलाई 30.24 प्रतिशत बढक़र 339.5 लाख टन पर पहुंच गयी। हालांकि बिजली उत्पादन के कोयले की ढुलाई 17.82 प्रतिशत गिरकर 581.7 लाख टन पर आ गयी।कोकिंग कोल एवं अन्य कोयले की ढुलाई 1.95 प्रतिशत बढक़र 371.7 लाख टन पर पहुंच गयी। तैयार उर्वरकों की ढुलाई 24.08 प्रतिशत बढ़ी जबकि अपरिष्कृत उर्वरक की ढुलाई 3.12 प्रतिशत गिर गयी। इस दौरान कंटेनरों की ढुलाई 3.36 प्रतिशत बढ़ी।आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान दीनदयाल बंदरगाह ने सर्वाधिक 822 लाख टन की ढुलाई की। इसके बाद पारादीप ने 732.5 लाख टन, विशाखापत्तनम ने 470.5 लाख टन, जेएनपीटी ने 449.3 लाख टन, कोलकाता ने 412.5 लाख टन, मुंबई ने 408.8 लाख टन, चेन्नई ने 321.4 लाख टन तथा न्यू मेंगलुरु ने 241.7 लाख टन माल की ढुलाई की।ये 12 प्रमुख बंदरगाह देश के कुल कार्गो का 60 प्रतिशत ढोते हैं।
नयी दिल्ली,07 दिसंबर । बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी ने शनिवार को कहा कि उसने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ पांच हजार करोड़ रुपये के सावधि ऋण का एक करार किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस ऋण की ब्याज दर बैंक के तीन महीने के सीमांत लागत आधारित कोष की दर से जुड़ी होगी और इस्तेमाल किए गए कर्ज को वापस करने की कुल अवधि 15 साल होगी। कंपनी ने कहा कि इस ऋण से प्राप्त राशि का इस्तेमाल पूंजीगत जरूरतों के वित्तपोषण में किया जाएगा।
नईदिल्ली,07 दिसंबर । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संकेत दिया कि सरकार आयकर में बदलाव कर सकती है। सीतारमण ने यहां एक समिट को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कई कदमों पर विचार कर रही है और आयकर में कमी करना भी इन्हीं में एक हो सकता है। इस सवाल के जबाव में कि आम लोगों को कितनी जल्दी आयकर में कटौती का तोहफा मिल सकता है वित्त मंत्री ने कहा कि बजट तक का इंतजार कीजिए। आगामी वित्त वर्ष का बजट फरवरी में पेश किया जाना है। देश की अर्थव्यवस्था में वर्तमान में सुस्ती की गिरफ्त में है। हाल में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के सकल घरेल उत्पाद(जीडीपी) के आंकड़े आए जिसमें अर्थव्यवस्था की रफ्तार जनवरी-मार्च 2013 के बाद के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर रह गई।
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्वैमासिक मौद्रिक नीति में 2019.20 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर पाँच प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार निरंतर कदम उठा रही है। दूर-दराज के क्षेत्रों में खपत बढ़ाने के लिए सार्वजिनक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले दो माह के दौरान पाँच लाख रुपये का ऋण वितरित किया है। बुनियादी सुविधा ढांचे पर जोर दिया जा रहा है जिससे श्रमिक वर्ग तक लाभ पहुंचाया जा सके। इसके अलावा पिछले कुछ माह के दौरान शेयर बाजार से लाभ पर प्रभार बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया गया और कंपनी कर को घटाया गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करने समेत कई और निर्णय लिए गए जिससे कि अर्थव्यवस्था को गति दी जा सके।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैबों के बदलाव के संबंध में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस पर कोई भी फैसला जीएसटी परिषद करेगी। मीडिया में ऐसी रिपोर्टें हैं कि जीएसटी की सबसे निचली दर पाँच प्रतिशत को बढ़ाने के साथ ही इसके दायरे में ऐसी वस्तुओं को लाया जा सकता है जिन पर फिलहाल जीएसटी नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सामाजिक दायित्वों पर भी पूरा जोर दे रही है। उसका लक्ष्य प्रत्येक नागिरक के पास अपना घर और बिजली पहुंचाने के साथ ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है।
नईदिल्ली,07 दिसंबर । डिजिटल लेन-देन की दिशा में आरबीआई ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हुए कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण प्रणाली (एनईएफटी) के जरिए 24 घंटे ट्रांजेक्शन की सुविधा शुरू की जा रही है। ये सुविधा 16 दिसंबर से शुरू होगी। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि अब एनईएफटी के तहत लेन-देन की सुविधा अवकाश समेत सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगी। एनईएफटी लेन-देन का निस्तारण सामान्य दिनों में सुबह आठ बजे से शाम सात बजे के दौरान तथा पहले एवं तीसरे शनिवार को सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक घंटे के आधार पर किया जाता है।
रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि एनईएफटी लेन-देन को चौबीसों घंटे, सातों दिन शुरू करने का निर्णय लिया गया है। रिजर्व बैंक ने सभी सदस्य बैंकों को नियामक के पास चालू खाते में हर समय पर्याप्त राशि रखने को कहा है ताकि एनईएफटी लेन-देन में कोई व्यवधान नहीं हो। केंद्रीय बैंक ने कहा कि सभी बैंकों को सुचारू तरीके से एनईएफटी लेन-देन सुनिश्चित करने के लिये सभी आवश्यक बुनियादी संरचनाएं दुरुस्त रखने का निर्देश भी दिया गया है। उसने कहा कि बैंक एनईएफटी में किये गये बदलाव के बारे में उपभोक्ताओं को सूचित कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक पहले ही एनईएफटी तथा आरटीजीएस लेन-देन पर शुल्क समाप्त करने का निर्णय ले चुका है।