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प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी पर सीबीडीटी सख्त
Posted Date : 28-Mar-2019 12:36:14 pm

प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी पर सीबीडीटी सख्त

नईदिल्ली ,28 मार्च । केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट को लेकर चिंता जतायी और आयकर विभाग को बड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। दरअसल , प्रत्यक्ष कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से 15 प्रतिशत कम है और वित्त वर्ष खत्म होने में एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है। सीबीडीटी की सदस्य (राजस्व) नीना कुमार ने 26 मार्च को विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को लिखे पत्र में कहा कि कर संग्रह आंकड़ों की  समीक्षा  की गई है। इसमें देखा गया है कि बजट में कर संग्रह का लक्ष्य 12,00,000 करोड़ रुपये रखा गया था लेकिन 23 मार्च तक 10,21,251 करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए हैं। यह बजट लक्ष्य का 85.1 प्रतिशत है। देशभर में आयकर विभाग के कर संग्रह पर नजर रखने वाले अधिकारी ने उन क्षेत्रों को रेंखाकित किया जहां व्यक्तिगत , कॉरपोरेट और अग्रिम कर श्रेणियों से मिलने वाले प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट आई है। कुमार ने पत्र में कहा ,  श्रेणीवार विश्लेषण में नियमित कर संग्रह में कमी का रुख दिख रहा है। यह पिछले सप्ताह इसमकें 5.2 प्रतिशत की गिरावट आयी थो जो अब बढक़र 6.9 प्रतिशत पर आ गयी है । यह एक चिंताजनक स्थिति है , जिसकी तरफ तुरंत ध्यान देने की जरूरत है।  अधिकारी ने इस स्थिति पर निराशा जतायी और कर अधिकारियों से कमर कस लेने तथा प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोडऩे को कहा है। सीबीडीटी , आयकर विभाग के लिए नीतियां तैयार करती है और उसको नियंत्रित करने वाली इकाई भी है। कुमार ने पत्र में कहा कि नियमित कर आकलन प्रदर्शन का पैमाना (बेंचमार्क) है और यह कर मांग की गुणवत्ता पर आधारित होता है , जिसे आगे वास्तविक संग्रह में तब्दील किया जा सकता है।

1 अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में मिल जाएंगे देना बैंक और विजया बैंक
Posted Date : 28-Mar-2019 12:35:13 pm

1 अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा में मिल जाएंगे देना बैंक और विजया बैंक

नई दिल्ली ,28 मार्च । बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय 1 अप्रैल से प्रभावी हो जाएगा। यानी, देना और विजया बैंक के ग्राहको के बैंक खाते अब बैंक ऑफ बड़ौदा में ट्रांसफर हो जाएंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा के निदेशक मंडल ने विजया बैंक और देना बैंक के शेयरधारकों को बैंक ऑफ बड़ौदा के इच्टिी शेयर जारी और आवंटित करने के लिए रिकॉर्ड डेट 11 मार्च तय की है। विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयर पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 इच्टिी शेयर मिलेंगे। इसी तरह देना बैंक के शेयरधारकों को प्रत्येक 1,000 शेयरों पर बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर ही मिलेंगे।
विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। अभी 45.85 लाख करोड़ रुपये मूल्य के कारोबार के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पहले, 15.8 लाख करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी बैंक दूसरे और 11.02 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ आईसीआईसीआई बैंक तीसरे स्थान पर है। नए बैंक ऑफ बड़ौदा का कारोबार 15.4 लाख करोड़ रुपये का होगा। इस तरह आईसीआईसीआई को पछाडक़र बीओबी देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर तथा दो नॉन-लिस्टेड बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के साथ-साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में विलय कर दिया गया था।

अमेरिका में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ा, गोल्ड में निवेश करने का सही समय!
Posted Date : 28-Mar-2019 12:34:17 pm

अमेरिका में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ा, गोल्ड में निवेश करने का सही समय!

मुंबई,28 मार्च । अमेरिका में साल 2007 के बाद पहली बार यील्ड कर्व नीचे की ओर मुड़ गया है, जिसे देखते हुए इन्वेस्टर्स गोल्ड में निवेश बढ़ा सकते हैं। यील्ड कर्व में बदलाव को मंदी का संकेत माना जा रहा है और अनिश्चितता के समय गोल्ड निवेश का सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। मोतीलाल ओसवाल के असोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटीज) किशोर नार्ने ने कहा, यह एक व्यापक आर्थिक सुस्ती है। साथ ही यील्ड कर्व भी अब नीचे की ओर मुड़ गया है। ऐसे में यह गोल्ड खरीदने के लिए सही संकेत है।
नार्ने को अगले एक साल में गोल्ड की घरेलू कीमतों के 38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐनालिस्टों का कहना है कि 10 साल के अमेरिकी बॉन्ड के रेट के तीन महीने के रेट से भी कम होने से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी का खतरा बढ़ गया है और इस लिहाज से गोल्ड ज्यादा आकर्षक बन गया है।
नार्ने ने कहा कि पिछले तीन हफ्ते से गोल्ड की कीमतें चढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि डॉलर कमजोर हो रहा है और ब्रेग्जिट को लेकर अनिश्चितता के अलावा ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती के डर के कारण इन्वेस्टमेंट डिमांड बढ़ रही है। पिछले हफ्ते के अमेरिकी डेटा के मुताबिक, वहां मार्च में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि अप्रत्याशित रूप से सुस्त रही है और पूरे यूरोजोन में बिजनस उम्मीद से कम रहा है। यह ग्लोबल ग्रोथ के लिए बढ़ती चिंता की ओर इशारा करता है।

एचएमटी जैसी बीमार कंपनियों से 18000 निवेशकों को मुक्ति
Posted Date : 28-Mar-2019 12:33:36 pm

एचएमटी जैसी बीमार कंपनियों से 18000 निवेशकों को मुक्ति

मुंबई ,28 मार्च । सरकार घाटे में चल रही पब्लिक सेक्टर कंपनियों के शेयर बायबैक करने की तैयारी कर रही है। इसके बाद वह उन्हें डीलिस्ट कराएगी। कई छोटे निवेशक लंबे समय से इन कंपनियों में फंसे हुए हैं। सरकार के बायबैक से उन्हें इन कंपनियों से निकलने का मौका मिलेगा। एचएमटी और स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (एसटीसी) सहित कम से कम आधा दर्जन कंपनियों को डीलिस्ट कराया जा सकता है क्योंकि वे मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (एमपीएस) नियमों का पालन नहीं कर पाई हैं। यह जानकारी एक आला सरकारी अधिकारी ने दी है। मार्केट रेग्युलेटर सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सभी कंपनियों से अक्टूबर 2020 तक पब्लिक शेयरहोल्डिंग नॉर्म्स का पालन करने को कहा है।
सरकारी अधिकारी ने बताया, हम सेबी से पब्लिक शेयर होल्डिंग नॉर्म्स पूरा करने के लिए और एक्सटेंशन नहीं चाहते। पब्लिक सेक्टर की ज्यादातर कंपनियों के लिए हम इस मामले में कंफर्टेबल हैं क्योंकि निवेशकों की उनमें काफी दिलचस्पी है। हालांकि, घाटे में चलने वाली सरकारी कंपनियों का विनिवेश मुश्किल है, इसलिए हम उन्हें बंद करना चाहते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट ऐंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट (दीपम) घाटे वाली इन कंपनियों को डीलिस्ट कराने के लिए रोडमैप तैयार करेगा। पिछले कई साल से इन कंपनियों का शेयर बाजार में प्रदर्शन खराब बना हुआ है। मिसाल के लिए, एचएमटी का शेयर 2008 के 104 रुपये के पीक से अभी 20 रुपये पर आ गय है। इस कंपनी के 94 पर्सेंट शेयर सरकार के पास हैं और इसमें 18 हजार रिटेल इनवेस्टर्स फंसे हुए हैं।

बोइंग ने खामी ठीक करने के लिए मैक्स737 का उड़ान परीक्षण किया
Posted Date : 27-Mar-2019 12:48:31 pm

बोइंग ने खामी ठीक करने के लिए मैक्स737 का उड़ान परीक्षण किया

वाशिंगटन ,27 मार्च । बोइंग 737 मैक्स विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाओं के बाद अब अमेरिकी विमानन अधिकारी सांसदों के सामने बुधवार को नए विमानों को दिए जाने वाले प्रमाणन तरीकों का बचाव करेंगे। मामले से जुड़े दो सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि बोइंग ने दुर्घटना के संभावित कारणों का पता लगाने और प्रणालीगत खामियों को ठीक करने के मूल्यांकन के लिए 737 मैक्स विमानों का उड़ान परीक्षण किया। उल्लेखनीय है कि इथियोपियाई एयरलाइंस विमान हादसे के बाद से बोइंग आलोचनाओं का सामना कर रही है और कई देशों ने बोइंग मैक्स 737 विमानों का परिचालन रोक दिया है। कंपनी ने सोमवार को सिस्टम अपग्रेड (प्रणाली में किए गए सुधार) का परीक्षण किया। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि बोइंग को मैक्स फिर से परिचालन शुरू करने से पहले फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) से अनुमति लेने की जरूरत होगी। हालांकि कंपनी ने अभी तक सॉफ्टवेयर में ठीक गई खामी के बारे में एफएए को जानकारी नहीं सौंपी है। सीनेट की वाणिज्य समिति बुधवार को एफएए के कार्यवाहक एडमिनिस्ट्रेशन डेनियल एल्वेल और परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर जनरल केल्विन स्कवेल से सवाल - जवाब करेगी। अधिकारियों को उम्मीद है कि सांसदों द्वारा 737 मैक्स के एफएए प्रमाणन पर सवाल पूछा जा सकता है।

आरबीआई ने तय की बड़ी कंपनियों के लिए बैंक लोन की नई लिमिट
Posted Date : 27-Mar-2019 12:47:47 pm

आरबीआई ने तय की बड़ी कंपनियों के लिए बैंक लोन की नई लिमिट

मुंबई ,27 मार्च । बिजनस ग्रुप की कंपनियों को 1 अप्रैल से रिजर्व बैंक की एक कंपनी के लिए बैंक लोन की तय सीमा से तालमेल बिठाना होगा। नए रूल्स की वजह से रिलायंस, टाटा, बजाज और आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनियों को फंड जुटाने के लिए बैंकों के अलावा दूसरे जरिये तलाशने होंगे। आरबीआई ने नए नियम में कहा है कि जिन कंपनियों पर 10 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है, वे उससे ऊपर की 50 पर्सेंट रकम का इंतजाम बॉन्ड या शेयर बाजार से करें।
रिजर्व बैंक ने बैंकिंग सिस्टम का जोखिम घटाने के लिए यह नियम बनाया है। उसका मानना है कि एक ही ग्रुप की कंपनियों को अधिक कर्ज दिए जाने से बैंकों के लिए जोखिम काफी बढ़ गया है। रिजर्व बैंक ने इस रिस्क को घटाने की शुरुआत वित्त वर्ष 2017-18 में की थी। उस समय उसने एक एंटिटी के लिए 25 हजार करोड़ की लिमिट तय की थी। वित्त वर्ष 2018-19 में इसे घटाकर 15 हजार करोड़ रुपये किया गया और नए वित्त वर्ष से इसे 10 हजार करोड़ किया जा रहा है।
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर सोमशेखर वेमुरी ने बताया कि इस नियम का असर 60 बड़ी कंपनियों पर होगा, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ये सारी कंपनियां बाजार से फंड जुटाने में सक्षम हैं। वेमुरी ने कहा, ऐसी कंपनियों की संख्या 60 है और उन्हें इन्वेस्टमेंट ग्रेड से ऊपर की रेटिंग मिली हुई है। इसलिए मार्केट से फंड जुटाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने यह भी बताया कि सिंगल एंटिटी के लिए अधिकतम कर्ज की सीमा में पिछले दो वित्त वर्ष से कमी की जा रही थी। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि कंपनियों पर इसका कोई असर होगा।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर बैंकों ने किसी कंपनी को कर्ज देने के साथ उसके बॉन्ड भी खरीदे हैं तो ओवरऑल लिमिट में उसे भी जोड़ा जाएगा। अगर बॉन्ड के साथ कर्ज की रकम रिजर्व बैंक की तय सीमा से अधिक होती है तो बैंकों को उसे मार्च 2021 तक तय लिमिट के अंदर लाना होगा।