नईदिल्ली,19 दिसंबर । वंदे भारत ट्रेन अपनी सुविधाओं और टाइमिंग को लेकर खासी सुर्खियां बटोर रही है। हालांकि अभी देश में दो रूटों पर ही वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है, लेकिन जल्द ही ये कई और रूटों पर दौड़ती दिखाई देगी। भारतीय रेलवे बोर्ड ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई को 45 नई ट्रेन-18 ट्रेनों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। ट्रेन-18 को ही वंदे भारत एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह नई ट्रेनें 2021-22 तक आ जाएंगी। यह 45 नई ट्रेनें 2021-22 तक लॉन्च होंगी, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा। अधिकारी ने कहा कि नई ट्रेनों का निर्माण रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की ओर से मंजूरी किए गए नए परिवर्तित डिजाइन के आधार पर होगा।
नए डिजाइन के अनुसार यह ट्रेनें पहले के मुकाबले वजन में हल्की होंगी और इनमें बिजली की खपत कम होगी। अभी ट्रेन-18 के दो सेट सेट दिल्ली-वाराणसी और दिल्ली-कटरा के बीच चल रहे हैं जिनके डिजाइन को लेकर अकसर विवाद रहता है। पहली ट्रेन-18 या वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 फरवरी को नई दिल्ली से अपने संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए रवाना किया था। दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को 5 अक्टूबर को दिल्ली से कटरा के बीच चलाया गया था।
चमचमाती ट्रेन-18 में यात्रियों को कई प्रकार की विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलती हैं जिनमें हाई-स्पीड ऑन बोर्ड वाई-फाई, जीपीएस आधारित पैसेंजर इंफोर्मेशन सिस्टम, टच फ्री बायो वैक्यूम टॉयलेट्स, एलईडी लाइट्स, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स और क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम जो तापमान को अपने आप एडजस्ट कर देता है। ट्रेन-18 में कुल 16 कंपार्टमेंट हैं जिसमें दो एक्जीक्यूटिव कंपार्टमेंट होते हैं जिनमें 52 सीटें होती हैं। अन्य कोच में प्रत्येक में 78 सीटें होती हैं। एक्जीक्यूटिव कोच में घूमने वाली सीटें होती हैं जिनको किसी भी दिशा में घुमाया जा सकता है।
नईदिल्ली,19 दिसंबर । निजी क्षेत्र की विमानन सेवा कंपनी इंडिगो ने बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों के जाम फंसने के कारण अपनी 19 उड़ानों को रद्द कर दिया और 16 उड़ानों के निर्धारित समय में बदलाव किया गया।
इंडिगो ने यहां बताया कि सडक़ों पर पर लगी जांच चौकियों के कारण दिल्ली से शुरु होने वाली उड़ानों के समय में बदलाव किया गया है। दिल्ली से चलने वाली लगभग 10 प्रतिशत उड़ानें इससे प्रभावित हुई हैं। कंपनी का कहना है कि स्थिति से निपटने के लिए कदम उठायें जा रहे हैं। दिल्ली - गुडगांव सीमा के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग -8 पर वाहनों की जांच के लिए लगी चौकियों के कारण भारी यातायात जाम और अन्य बाधाओं के कारण 16 उड़ानों के निर्धारित कार्यक्रम में देरी हुई है और 19 उड़ाने रद्द की गयी है। सूत्रों के अनुसार चालक दल के सदस्य जाम में फंस गये और समय पर हवाई अड्डे नहीं पहुंच सके।
नईदिल्ली,19 दिसंबर । बीते नौ दिनों की स्थिरता के बाद गुरुवार को डीजल के दाम में फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई जबकि पेट्रोल के दाम में स्थिरता बनी रही। डीजल दिल्ली और कोलकाता में 15 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 16 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम पूर्ववत क्रमश: 74.63 रुपये, 77.29 रुपये, 80.29 रुपये और 77.58 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है।
लेकिन चारों महानगरों में डीजल की कीमत बढक़र क्रमश: 66.19 रुपये, 68.60 रुपये, 69.43 रुपये और 69.97 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
पेट्रोल के दाम में लगातार दूसरे दिन स्थिरता रही जबकि उससे पहले लगातार छह दिनों तक पेट्रोल के दाम घटने से उपभोक्ताओं को राहत मिली।
0-टाटा संस को एनसीएलएटी का झटका
नईदिल्ली,18 दिसंबर । नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि साइरस मिस्त्री को टाटा संस के एग्जिक्युटिव चेयरमैन के पद पर बहाल किया जाए। आदेश के मुताबिक मिस्त्री फिर से नियुक्त किए जाएं।ट्र्बि्यूनल ने एन. चंद्रशेखरन की इस पद पर नियुक्ति को गैरकानूनी बताया। हालांकि, न्यायाधिकरण ने कहा कि बहाली आदेश चार सप्ताह बाद अमल में आएगा। टाटा संस को अपील करने के लिए यह समय दिया गया है। यह साइरस मिस्त्री के लिए यह एक बड़ी जीत है। वह तीन साल के बाद फिर से टाटा संस के चेयरमैन बनेंगे।
चंद्रशेखरन फरवरी 2017 में चेयरमैन बने थे। एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अपील के लिए टाटा संस ने 4 सप्ताह का वक्त मांगा। एनसीएलएटी ने इसकी मंजूरी दे दी। इससे पहले मिस्त्री ने अपनी बर्खास्तगी को एनसीएलटी में चुनौती दी थी, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। एनसीएलटी की मुंबई पीठ के नौ जुलाई के आदेश के विरुद्ध अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई। दरअसल टाटा ग्रुप ने कहा था कि साइरस मिस्त्री को इसलिए निकाला गया क्योंकि बोर्ड उनके प्रति विश्वास खो चुका था। ग्रुप ने आरोप लगाया था कि मिस्त्री ने जानबूझकर और कंपनी को नुकसान पहुंचाने की नीयत से संवेदनशील जानकारी लीक की. इसकी वजह से ग्रुप की मार्केट वैल्यू में बड़ा नुकसान हुआ।
नईदिल्ली,18 दिसंबर । टैक्स और निवेश प्लेटफार्म क्लियरटैक्स को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तकनीकी ढांचे के कार्यान्वयन का प्रबंधन करने वाले जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) के लिए लाइसेंस प्रदान किया है। कंपनी ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि नई जीएसटी व्यवस्था में करदाताओं को जीएसटी अनुपालना के लिए आवश्यक सेवाएं देने के वास्ते वित्तीय और आईटी क्षमता का मूल्यांकन के बाद उसे यह लाइसेंस दिया गया है। जीएसपी चालान अपलोड करने और रिटर्न दाखिल करने के लिए एपीआई तक पहुंच प्रदान कर करदाताओं को जीएसटी और ई-वे बिल नेटवर्क की सुविधा दिलाता है।
क्लियरटैक्स अभी 6 लाख व्यवसायों, 1000 से अधिक बड़े उद्यमों और 60 हजार चार्टर्ड अकांउटेंटों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में मदद कर रहा है। जीएसपी लाइसेंस क्लियरटैक्स प्लेटफॉर्म को इन-हाउस टेक्नोलॉजी को मजबूत बनायेगा। इसके अलावा क्लियरटैक्स व्यवसाय को रिटर्न दाखिल करने के लिए इंटेलिजेंट एपीआई की सुविधा देने की योजना पर काम रहा है।
क्लियरटैक्स के संस्थापक एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्चित गुप्ता ने कहा कि वर्तमान एप्लिकेशन सर्विस प्रोवाइडर (एएसपी) के कारोबार में जीएसपी लाइसेंस जुडऩे को लेकर बेहद खुश हैं। इससे कंपनी के भविष्य के विकास के लिए खुद को बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद मिलेगी।
नईदिल्ली,18 दिसंबर । डोमिनोज को कैरी बैग के लिए 13 रुपये चार्ज करना भारी पड़ा है। कोर्ट ने डोमिनोज पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी कंपनी पर जुर्माना लग चुका है। डोमिनोज ने चंडीगढ़ के वकील पंकज से वर्ष 2018 में कैरी बैग के लिए पैसे लिए थे। डोमिनोज ने कंज्यूमर कोर्ट के फैसले को स्टेट कमिशन में चुनौती दी थी। पहले भी डोमिनोज पर एक मामले में जुर्माना हुआ था। अब दोनों मामलों में उसपर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना हुआ है।
कमिशन ने डोमिनोज को चार लाख 90 हजार रुपए पीजीआई के पेशेंट वेलफेयर फंड में देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 10 हजार रुपए कमिशन को देने के साथ-साथ शिकायतकर्ता को 1500 रुपए देने के भी निर्देश दिए। स्टेट कमीशन ने दो मामलों में अलग-अलग ये आदेश जारी किए हैं। इस तरह डोमिनोज कंपनी पर कुल दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। इस पर कंपनी ने अपने पक्ष में दलील दी कि वो पिज्जा को पहले से कार्डबोर्ड के बॉक्स में पैक कर उपभोक्ता (ग्राहक) को देते हैं। ऐसे में वो किसी को कैरीबैग देने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
स्टेट कमीशन ने डोमिनोज की इस दलील को नहीं माना। बता दें कि जूते-चप्पल-सैंडल बनाने वाली मशहूर कंपनी बाटा को एक ग्राहक से कैरी बैग के लिए 3 रुपये वसूलना बहुत महंगा पड़ा था। चंडीगढ़ की उपभोक्ता अदालत ने बाटा इंडिया लिमिटेड को 9,000 रुपये का जुर्माना चुकाने के लिए कहा था। बाटा इंडिया ने कस्टमर को जूतो का बॉक्स रखने के लिए 3 रुपये चार्ज किए थे जिस पर उपभोक्ता अदालत ने 9000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा अदालत ने कंपनी को सभी ग्राहकों को कैरी बैग मुफ्त देने का आदेश दिया है।