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अल्फाबेट के नए नवेले सीईओ सुंदर पिचई को मिलेगा कुल 1,722 करोड़ का पैकेज
Posted Date : 22-Dec-2019 1:10:35 pm

अल्फाबेट के नए नवेले सीईओ सुंदर पिचई को मिलेगा कुल 1,722 करोड़ का पैकेज

नई दिल्ली,22 दिसंबर । गूगल की पैरंट कंपनी अल्फाबेट का सीईओ पद संभालने वाले भारतीय मूल के सुंदर पिचई को अगले तीन साल के लिए कुल 1,722 करोड़ रुपये (24.6 करोड़ डॉलर) का पैकेज मिलेगा। किसी भी सर्च इंजन कंपनी के अधिकारी के लिए यह अब तक का सबसे भारी-भरकम पैकेज है। इस पैकेज में 1,680 करोड़ रुपये (24 करोड़ डॉलर) के कंपनी के शेयर तथा 42 करोड़ रुपये (60 लाख डॉलर) की टेक होम सैलरी शामिल है।
कंपनी द्वारा शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक, पिचई को साल 2020 से हर साल 14 करोड़ रुपये (20 लाख डॉलर) की सालाना सैलरी मिलेगी। पिचई से पहले अल्फाबेट के सीईओ लैरी पेज थे, जो केवल 1 डॉलर (लगभग 70 रुपये) की सैलरी लेते थे।
अधिकारियों को मिलने वाली सैलरी पर नजर रखने वाली कंपनी इक्विलर के मार्केटिंग मैनेजर अमित बातिश कहते हैं, 'सीईओ को मिलने वाले वेतन की तुलना करें तो सुंदर पिचई एप्पल के सीईओ टिम कुक से कुछ ही कद दूर हैं। टीम कुक जब ऐपल के सीईओ बने थे तो उन्हें कुल 2,632 करोड़ रुपये (37.6 करोड़ डॉलर) की सैलरी मिली थी।' गूगल के फाउंडर्स के बेहद विश्वासप्रद पिचई बीते 15 साल से कंपनी में काम कर रहे हैं और वर्तमान में वह कंपनी के सबसे बड़े चेहरे हैं। प्राइवेसी से लेकर मोनोपॉली जैसे कई मुद्दों पर पिचई अमेरिकी सांसदों के निशाने पर हैं और कई बार आलोचनाएं झेल चुके हैं।

बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 377 परियोजनाओं की लागत 3.94 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
Posted Date : 22-Dec-2019 1:10:16 pm

बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 377 परियोजनाओं की लागत 3.94 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

नयी दिल्ली,22 दिसंबर । बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली 377 परियोजनाओं के पूरा होने में देरी तथा अन्य कारणों से इनकी लागत तय अनुमान से 3.94 लाख करोड़ रुपये बढ़ गयी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत की परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में लागत बढऩे की जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की 1,635 परियोजनाओं में से 565 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं, जबकि 377 परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। मंत्रालय ने सितंबर 2019 के लिये जारी हालिया रिपोर्ट में कहा, ‘‘इन 1,635 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 19,47,462.67 करोड़ रुपये थी, जिसके बढक़र 23,41,784.84 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इनकी लागत मूल लागत की तुलना में 20.25 प्रतिशत यानी 3,94,322.17 करोड़ रुपये बढ़ी है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त तक इन परियोजनाओं पर 9,96,613.94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 42.55 प्रतिशत है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समय सीमा के हिसाब से देखें तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 495 पर आ जाएंगी। मंत्रालय ने कहा कि देरी से चल रही 565 परियोजनाओं में 182 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 129 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 140 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की तथा 114 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं। इन परियोजनाओं की देरी का औसत 38.41 महीने है।

मोदी सरकार का टैक्स नहीं भरने वालों पर शिकंजा, इनकम छुपाई तो होगी बड़ी कार्रवाई
Posted Date : 21-Dec-2019 1:07:04 pm

मोदी सरकार का टैक्स नहीं भरने वालों पर शिकंजा, इनकम छुपाई तो होगी बड़ी कार्रवाई

नईदिल्ली,21 दिसंबर । वित्त मंत्रालय उन टैक्सपेयर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है, जो जीएसटी रिफंड ज्यादा क्लेम करते हैं लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न में कमाई कम दिखाते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय एक मुहिम चलाएगी जिसके तहत ऐसे टैक्सपैयर्स की पहचान की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय आय छुपाने वाले करदाताओं पर कार्रवाई करेगा, जिसके लिए वित्त मंत्रालय एक मुहिम चलाएगा.
सूत्रों के मुताबिक इसके लिए राजस्व विभाग की ओर एफ को निर्देश दिए गए हैं. टैक्स चोरों की पहचान डेटा एनालिटिक्स के जरिए की जाएगी. इससे टैक्स कलेक्शन टारगेट हासिल करने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि इनडायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन का लक्ष्य 13.5 लाख करोड़ रुपये है.
अगर आपने इस साल 31 दिसंबर तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा तो आपको भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. 2017 के बजट में सरकार ने यह ऐलान किया था कि इनकम टैक्स के सेक्श 234 एफ के तहत फाइनेंशियल ईयर 2017-18 (असेसमेंट ईयर 2018-19) से इनकम टैक्स रिटर्न डेडलाइन के बाद भरने वालों को जुर्माना देना होगा.

एआई को सरकार ने 500 करोड़ देगी केंद्र सरकार
Posted Date : 21-Dec-2019 1:06:37 pm

एआई को सरकार ने 500 करोड़ देगी केंद्र सरकार

नईदिल्ली,21 दिसंबर । सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही एअर इंडिया के लिये 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है. इससे एयरलाइन को परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये ताजा कोष हासिल करने में मदद मिलेगी.
घाटे में चल रही एअर इंडिया ने पिछले सप्ताह मुख्य रूप से परिचालन जरूरतों को पूरा के लिये कोष जुटाने को लेकर 2,400 करोड़ रुपये की गारंटी मांगी थी. एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, सरकार ने एयर इंडिया को 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है। यह एयरलाइन को बुधवार को दिया गया.
उसने कहा कि सरकारी गारंटी से एयरलाइन को कुछ कोष हासिल करने में मदद मिलेगी. एअर इंडिया बैंकों के साथ पहले से कोष को लेकर बातचीत कर रही है. यह गारंटी 7,600 करोड़ रुपये की गारंटी का हिस्सा है जो चालू वित्त वर्ष में एयरलाइन को उपलब्ध करायी जाएगी.
अस्थायी अनुमान के अनुसार एयर इंडिया को 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. पिछले महीने नागर विमाान राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में कहा था कि अगर एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ जाएगा.

गेहूं की 90 प्रतिशत बुवाई पूरी, रकबा 278 लााख हेक्टेयर हुआ
Posted Date : 21-Dec-2019 1:05:18 pm

गेहूं की 90 प्रतिशत बुवाई पूरी, रकबा 278 लााख हेक्टेयर हुआ

नयी दिल्ली,21 दिसंबर । रबी की फसलों में गेहूं बुवाई का रकबा 278 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो इस फसल की सामान्य बुवाई क्षेत्र का लगभग 90 प्रतिशत है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल की समान अवधि में गेहूं बुवाई का रकबा 250 लाख हेक्टेयर था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से गेहूं खेती का रकबा अधिक होने सूचना दी गई है। गेहूं के अलावा रबी के धान का रकबा भी बढक़र 12.35 लाख हेक्टेयर हो गया है। दलहनों की बुवाई 131.46 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है जो एक साल पहले लगभग इसी स्तर पर थी। मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा 43.70 लाख हेक्टेयर में थोड़ा अधिक है, जबकि यह रकबा पिछले साल 40.10 लाख हेक्टेयर था। तिलहन खेती का रकबा 71.79 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 73.08 लाख हेक्टेयर था। कुल रबी फसलों की बुवाई का रकबा चालू रबी मौसम में 537.21 लाख हैक्टेयर है जो पिछले रबी सत्र में 504.69 लाख हैक्टेयर था। सामान्यत: रबी का क्षेत्र 634 लाख हेक्टेयर रहता है।

पावर ग्रिड सबस्टेशन को दुरूस्त करने में करेगा 180 करोड़ का निवेश
Posted Date : 21-Dec-2019 1:05:01 pm

पावर ग्रिड सबस्टेशन को दुरूस्त करने में करेगा 180 करोड़ का निवेश

नयी दिल्ली,21 दिसंबर । पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल ने कानपुर, भिवानी ओर वर्धा सब-स्टेशन को दुरूस्त करने के लिये 180 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी है। कंपनी ने शुक्रवार को बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में यह जानकारी दी। पावर ग्रिड के निदेशक मंडल ने 19 दिसंबर 2019 को 180 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह उत्तरी क्षेत्र में कानपुर और भिवानी सबस्टेशन और पश्चिम क्षेत्र में वर्धा सबस्टेशन को दुरूस्त करने के लिये है। इन परियोजनाओं को निवेश मंजूरी तारीख से क्रमश: 18 और 27 महीनों में पूरा किया जाना है।