व्यापार

चाइनीज ब्रैंड्स ने घटाई भारतीय मोबाइल कंपनियों की आमदनी
Posted Date : 09-Apr-2019 12:15:51 pm

चाइनीज ब्रैंड्स ने घटाई भारतीय मोबाइल कंपनियों की आमदनी

कोलकाता,09 अपै्रल । मोबाइल फोन बनाने वाली देश की शीर्ष 3 कंपनियों की आमदनी में वित्त वर्ष 2018 में भारी गिरावट देखी गई है और इनकी कुल आमदनी राइवल चाइनीज कंपनियों की आमदनी के एक चौथाई से भी कम है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में माइक्रोमैक्स, इंटेक्स और लावा की कुल आमदनी में 22 पर्सेंट की कमी आई है। इसके उलट शीर्ष 3 चाइनीज ब्रैंड- शाओमी, ओपो और वीवो की आमदनी वित्त वर्ष 2017 के मुकाबले लगभग दोगुनी हुई है। इन आंकड़ों को बिजनस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म वेराटेक इंटेलिजेंस ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से जुटाया है।
मार्केट में कड़े मुकाबले के कारण भारतीय कंपनियों को प्रॉफिट मार्जिन कम करना पड़ा, जिसका असर उनके मुनाफे पर पड़ा। भारतीय मोबाइल कंपनियों को कुल 187 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ, जो इसके पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 70 पर्सेंट कम है। इसके मुकाबले सिर्फ शाओमी ने 293 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि ओपो को 358 करोड़ रुपये और वीवो को 120 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
फीचर फोन कैटेगरी में सस्ते डेटा पैक के चलते रिलायंस जियो का 4जी फीचर फोन तेजी से मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जबकि स्मार्टफोन कैटेगरी में चाइनीज कंपनियों को दबदबा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वित्त वर्ष 2019 में भारतीय मोबाइल कंपनियों की आमदनी में और ज्यादा गिरावट देखने को मिल सकती है। 
हांगकांग की काउंटरप्वाइंट टेक्नोलॉजी मार्केट रिसर्च के एनालिस्ट, कर्ण चौहान ने बताया, चाइनीज ब्रांड्स से तगड़े मुकाबले के चलते भारतीय स्मार्टफोन ब्रैंड के मार्केट शेयर में कमी आई है और वित्त वर्ष 2019 में यह ट्रेंड जारी रहेगा। हालांकि माइक्रोमैक्स और लावा दो ऐसे ब्रैंड हैं, जो एंट्री लेवल स्मार्टफोन सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। रिलायंस जियो भी ऐसा ही एक घरेलू ब्रैंड है, जिस पर नजर रखे जाने की जरूरत है।

एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदनेवालों को बड़ी राहत
Posted Date : 08-Apr-2019 11:47:10 am

एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदनेवालों को बड़ी राहत

मुंबई ,08 अपै्रल । एक घर बेचकर दूसरा घर खरीदने वाले टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच के हालिया फैसले से फायदा होने वाला है। ट्राइब्यूनल ने कहा है कि घर पर कब्जा उसके अलॉटमेंट डेट से माना जाएगा। उसने स्पष्ट किया कि होल्डिंग पीरियड अलॉटमेंट डेट से शुरू होगा, न कि रजिस्ट्रेशन डेट से।
लॉन्ग-टर्म कैपिटल ऐसेट की बिक्री से प्राप्त लाभ को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है। वही घर इस कैटिगरी में आते हैं जिनका होल्डिंग पीरियड कम कम-से-कम 24 महीने हो। यानी, किसी टैक्सपेयर ने किसी घर को 24 महीने अपने मालिकाना हक में रखने के बाद बेचा हो, तो उसे इस बिक्री से हुए मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा। हालांकि, वित्त वर्ष 2017-18 से पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस के लिए समयसीमा 36 महीने की थी।
ट्राइब्यूनल का यह फैसला इसलिए मायने रखता है क्योंकि टैक्सपेयर को इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 54 एफ के तहत एक घर बेचने से प्राप्त एलटीसीजी पर टैक्स से मुक्ति मिल जाती है, अगर वह निश्चित समय सीमा के अंदर दूसरा घर खरीद ले। दूसरी ओर, अगर घर की बिक्री से हुए लाभ को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस माना जाता है तो दूसरा घर खरीदने के बावजूद टैक्स छूट नहीं मिलेती है।
अब जब अपीलेट ट्राइब्यूनल ने स्पष्ट किया है कि होल्डिंग पीरियड की शुरुआत अलॉटमेंट डेट से माना जाना चाहिए तो टैक्सपेयर्स फायदा होना तय है क्योंकि रजिस्ट्रेशन, घर आवंटित होने के बहुत बाद होता है। बहरहाल, इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल की मुंबई बेंच के पास जो मामला आया, उसमें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा था कि अलॉटमेंट पेपर महज एक ऑफर है और प्रॉपर्टी का अधिकार अग्रीमेंट पर दस्तखत करने और स्टांप लगने के बाद मिलता है।

टैक्स छूट का दुरुपयोग करने वाली चाइनीज कंपनियों पर सरकार सख्त
Posted Date : 08-Apr-2019 11:46:14 am

टैक्स छूट का दुरुपयोग करने वाली चाइनीज कंपनियों पर सरकार सख्त

मुंबई ,08 अपै्रल । भारत ने चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की निगरानी बढ़ा दी है, जो कस्टम ड्यूटी, गुड्स और सर्विस टैक्स से बचने के लिए कानूनी रियायतों का गलत फायदा उठाती हैं। इस मामले से वाकिफ दो सूत्रों ने बताया कि सरकार ने टैक्स और कस्टम ऑफिसर्स को पत्र लिखने के बाद अब पोस्ट ऑफिस और कूरियर कंपनियों से चीन से आने वाले शिपमेंट्स पर नजर रखने के लिए कहा है।
एक सूत्र ने बताया, ‘अभी तक कस्टम डिपार्टमेंट को सख्त कार्रवाई के लिए कहा गया था, लेकिन अब पोस्ट ऑफिस से ऐसी खरीदारी पर करीबी नजर रखने का निर्देश दिया गया है।’ डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने एक पत्र लिखकर कहा है कि अगर किसी भी बंदरगाह पर गिफ्ट वाला शिपमेंट आता है तो उसकी पूरी तहकीकात की जाए। सूत्रों ने बताया सरकार मुंबई के जरिए गुड्स इंपोर्ट बंद कर चुकी है और वह चेन्नई, कोलकाता समेत देशभर के दूसरे बंदरगाहों पर भी इस तरह का कदम उठाने की योजना बना रही है।
भारतीय ग्राहक कई चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीदारी करते हैं। चाइनीज कंपनियां उन प्रॉडक्ट्स को ‘गिफ्ट’ बताकर देश के अलग-अलग शहरों में डिलीवर करती हैं। स्थानीय कानून के मुताबिक, अगर किसी भी भारतीय को 5,000 रुपये तक गिफ्ट मिलता है तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। सूत्रों का कहना है कि क्लब फैक्टरी, अलीएक्सप्रेस और शीन जैसे चाइनीज ऑनलाइन मार्केटप्लेस इस टैक्स छूट का गैरकानूनी तरीके से फायदा उठा रहे थे। सरकार की जांच के मुताबिक, अधिकांश चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म खरीदारी को उपहार बताकर टैक्स को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सरकार ने हाल ही में सभी चाइनीज ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए डोमेस्टिक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि इससे उन्हें भारतीय कानून के तहत लाने में मदद मिलेगी।

भारतीय यूजर्स को नेटफ्लिक्स का तोहफा, पेश किया अब तक का सबसे सस्ता प्लान
Posted Date : 08-Apr-2019 11:45:39 am

भारतीय यूजर्स को नेटफ्लिक्स का तोहफा, पेश किया अब तक का सबसे सस्ता प्लान

नई दिल्ली ,08 अपै्रल । कंटेंट स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स 65 रुपये प्रति सप्ताह के मोबाइल-ऑनली प्लान का परीक्षण कर रहा है। नेटफ्लिक्स ने विशेषरूप से भारत में अब तक का सबसे सस्ता प्लान पेश किया है। पिछले सप्ताह आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोबाइल-ऑनली प्लान के तहत यूजर्स को उनके स्मार्टफोन या टेबलेट पर कंटेंट देखने की सुविधा देता है।
नेटफ्लिक्स इंडिया की वेबसाइट की सूचीबद्ध नए प्लानों में साप्ताहिक मोबाइल-ऑनली प्लान 65 रुपये में, मूल प्लान 125 रुपये में, स्टेंडर्ड प्लान (दो स्क्रीन की अनुमति) 165 रुपये और अल्ट्रा प्लान (4के में चार स्क्रीन) 200 रुपये में है।
हालांकि मोबाइल-ऑनली प्लान शोज को एचडी या 4के गुणवत्ता में सपोर्ट नहीं करता है। सबसे किफायती प्लान लाने के बावजूद नेटफ्लिक्स अभी भी भारत मेंओवर द टॉप (ओटीटी) कंटेंट स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है। दुनिया में सबसे सस्ते डाटा चार्ज के साथ दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन मार्केट भारत अंतर्राष्ट्रीय कंटेंट और म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स की योजनाओं का मुख्य केंद्र है।
हाल ही में, एप्पल म्यूजिक ने अपने पूर्ववर्ती 120 रुपये प्रति महीने के प्लान को घटाकर 99 रुपये का कर दिया था।

संकट में फंसी जेट एयरवेज के लिए एसबीआई ने बोली मंगाई
Posted Date : 08-Apr-2019 11:44:42 am

संकट में फंसी जेट एयरवेज के लिए एसबीआई ने बोली मंगाई

0-10 अप्रैल तक का समय
नई दिल्ली ,08 अपै्रल । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज में हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की है। सार्वजनिक सूचना के अनुसार, एसबीआई जेट एयरवेज के प्रबंधन और नियंत्रण में बदलाव पर विचार कर रहा है। स्टेट बैंक, एयरलाइन को कर्ज देने वाले ऋणदाताओं के समूह की अगुवाई कर रहा है। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स बोली प्रक्रिया में कर्जदाताओं की सहायता करेगी और परामर्श देगी। बोलियां 10 अप्रैल तक जमा की जा सकती हैं।
उल्लेखनीय है कि ऋण समाधान योजना के तहत ऋणदाताओं के समूह ने जेट एयरवेज का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल द्वारा 25 मार्च को मंजूर कर्ज समाधान योजना के तहत कर्जदाताओं ने एयरलाइन में बहुलांश हिस्सेदारी ली और उसमें 1,500 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की तैयारी में हैं। इसके अलावा एयरलाइन के संस्थापक और प्रवर्तक नरेश गोयल के साथ उनकी प प्रतिशती अनीता गोयल ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया। 
गोयल की हिस्सेदारी भी 51 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत पर आ गई है। बीते सप्ताह कर्जदाताओं के समूह ने कहा था कि वे मौजूदा कानूनी तथा नियामकीय रूपरेखा के तहत समयबद्ध तरीके से समाधान योजना को आगे बढ़ाएंगे।

फेसबुक ने किया कानून का उल्लंघन, यूजर के घर पहुंच किया फिजीकल वेरीफिकेशन
Posted Date : 08-Apr-2019 11:43:58 am

फेसबुक ने किया कानून का उल्लंघन, यूजर के घर पहुंच किया फिजीकल वेरीफिकेशन

नई दिल्ली ,08 अपै्रल । भारत में चुनावी गर्मी के बीच फेसबुक कुछ ऐसा करने में व्यस्त है जो इससे पहले कभी सुना तक नहीं गया है। फेसबुक ने अपने एक प्रतिनिधि को यूजर के घर यह जानने के लिए भेजा है कि राजनीतिक विषय पर लिखी गई उसकी पोस्ट क्या वास्तव में उसी ने लिखी है।
नई दिल्ली में एक ऐसे ही फेसबुक यूजर से संपर्क किया गया जिनके पास हाल ही में फेसबुक का एक प्रतिनिधि यूजर की फेसबुक पोस्ट से संबंधित सत्यापन (फिजिकल वरिीफिकेशन) के लिए आया था। उस व्यक्ति ने नाम गोपनीय रखते हुए कहा, मुझे लगा कि पासपोर्ट के सत्यापन के लिए पुलिस मेरे घर आई है। फेसबुक प्रतिनिधि ने मुझे खुद को साबित करने के लिए मेरा आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांगा जिससे यह सत्यापित हो सके कि वह राजनीतिक पोस्ट मैंने ही किया था।
यूजर फेसबुक के प्रतिनिधियों को सिर्फ एक पोस्ट के बारे में पूछताछ करने के लिए उसके घर आने से सकते में रह गया। यूजर ने सवाल किया, यह मेरे लिए स्तब्धकारी था। एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपने यूजर के साथ ऐसा कैसे कर सकता है? यूजर की निजता का क्या मतलब रहा? मैं कहीं भी ऐसी किसी घटना के बारे में नहीं सुना। क्या यह सरकार के आदेश पर हुआ? 
विधि विशेषज्ञों के अनुसार, किसी यूजर की फिजीकल वेरीफिकेशन तो अजीब है। उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
देश के शीर्ष साइबर कानून विशेषज्ञ और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता पवन दुग्गल ने कहा, यह घटना, अगर सच है तो स्पष्ट रूप से किसी यूजर की निजता का उल्लंघन करती है। यूजर की फिजीकल वेरीफिकेशन के लिए प्रतिनिधि भेजना उसकी निजता पर जबरदस्ती हमला है। सिर्फ सरकार उचित नियमों के अंतरगत यह कर सकती है। दुग्गल ने कहा कि फेसबुक इससे अच्छा उस पेज, ग्रुप को हटा सकता है या पोस्ट को डिलीट कर सकता है या पहले की तरह यूजर का अकाउंट डिलीट कर सकता है।