व्यापार

डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई पर स्पष्टीकरण जारी करेगा डीपीआईआईटी
Posted Date : 25-Dec-2019 2:08:48 pm

डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई पर स्पष्टीकरण जारी करेगा डीपीआईआईटी

नयी दिल्ली,25 दिसंबर । उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) जल्द डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को लेकर स्पष्टीकरण जारी कर सकता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कुछ अंशधारकों ने सरकार के डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति के फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं। समझा जाता है कि डीपीआईआईटी इस पर स्पष्टीकरण जारी करेगा। इस उद्योग की कंपनियों और विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल मीडिया क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 26 प्रतिशत रखने से कई ऐसे सवाल खड़े हुए हैं जिनपर स्थिति को साफ किया जाना जरूरी है। इनमें से कई कंपनियां कोष जुटाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन 26 प्रतिशत की सीमा की वजह से उनके समक्ष कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। मुख्य रूप से दो प्रमुख मुद्दे हैं। क्षेत्र के लिए एफडीआई नीति समाचार प्रसारकों को किस रूप में देखती है। दूसरा यह कि जिन डिजिटल मीडिया कंपनियों में एफडीआई पहले से 26 प्रतिशत से अधिक है, उनका क्या होगा। एक सूत्र ने बताया कि विभाग जल्द इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी करेगा।

जॉनसन एंड जॉनसन पर 230 करोड़ रुपए का जुर्माना
Posted Date : 25-Dec-2019 2:07:59 pm

जॉनसन एंड जॉनसन पर 230 करोड़ रुपए का जुर्माना

0-जीएसटी घटने पर भी ग्राहकों को सस्ता नहीं बेचा सामान
नईदिल्ली,25 दिसंबर । नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने जॉनसन एंड जॉनसन पर 230.41 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना कंपनी पर इसलिए लगाया गया क्योंकि कंपनी ने जीएसटी में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं दिया और ग्राहकों को महंगा सामान बेचना जारी रखा। 
अथॉरिटी के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जॉनसन एंड जॉनसन ने टैक्स कटौती के बाद अपने उत्पादों की कीमतें तय करने का आकलन गलत तरीके से किया। 15 नवंबर 2017 को कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की गई तो जॉनसन एंड जॉनसन ने ग्राहकों को फायदा नहीं दिया। इस मामले में एनएए के सोमवार को जारी आदेश की जानकारी बुधवार को सामने आई। जॉनसन एंड जॉनसन को तीन महीने में जुर्माने की रकम जमा करने के आदेश दिए गए हैं। कंपनी से जनवरी में जवाब मांगा गया था। 
जॉनसन एंड जॉनसन भारत में कंज्यूमर हेल्थकेयर, मेडिकल डिवाइस और फार्मा प्रोडक्ट के कारोबार में है। इसके बेबी ऑयल, क्रीम, पाउडर और सेनिटरी नैपकिन (स्टेफ्री) जैसे प्रोडक्ट काफी इस्तेमाल होते हैं। जेएंडजे के लिए भारत एक बड़ा बाजार है। देश के 4,000 करोड़ रुपए के बेबी केयर मार्केट में 2018 के आखिर तक जेएंडजे का 75 प्रतिशतशेयर होने का अनुमान था। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत में कंपनी का रेवेन्यू 5,828 करोड़ रुपए और मुनाफा 688 करोड़ रुपए रहा था।

राज्य स्तरीय समिति करेगी जीएसटी शिकायतों का निपटारा
Posted Date : 25-Dec-2019 2:07:26 pm

राज्य स्तरीय समिति करेगी जीएसटी शिकायतों का निपटारा

नईदिल्ली,25 दिसंबर । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए जोनल / राज्य स्तरीय समिति समिति बनाई जा रही है जिसमें राज्य और केन्द्र सरकार के पदाधिकारियों के साथ उद्योग, व्यापार और कर सलाहकार शामिल होंगे। जीएसटी परिषद की गत 18 दिसंबर को हुई 38वीं बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर इस संबंध में केन्द्रीय कर एवं जीएसटी से जुड़े सभी प्रमुख मुख्य आयुक्त , सभी राज्यों के मुख्य आयुक्तों एवं आयुक्तों को पत्र भेजकर शिकायत निपटारा समिति बनाने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि जीएसटी के तहत सभी करदाताओं की इससे जुड़ी शिकायतों के निपटारे के लिए तंत्र बनायी जानी चाहिए। इसके लिए जीएसटी परिषद ने जोनल/ राज्य स्तर पर शिकायत निपटारा समिति बनाने का अनुमोदन किया है जिसमें केन्द्र और राज्य के अधिकारियों के साथ ही उद्योग और व्यापार से जुड़े प्रतिनिधि और जीएसटी हितधारक शामिल होंगे।
जोनल प्रमुख मुख्य आयुक्त या मुख्य आयुक्त केन्द्रीय कर इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे। राज्य कर के मुख्य आयुक्त या आयुक्त भी सह अध्यक्ष होंगे। विभिन्न ट्रेड एसोसियेशन के अधिक 12 प्रतिनिधि होंगे। चार्टर्ड अंकाउटें, कर अधिवक्ता, कर पेशेवर जैसे कर के जानकारों के प्रमुख संघों के अधिकतम चार सदस्य होंगे। इसमें आईटीजीआरसी के केन्द्रीय कर और राज्य कर के नोडल अधिकारी भी शामिल होंगे। राज्य या जोनल स्तर पर जीएसटीएन से जुड़े प्रतिनिधि, सह अध्यक्ष की अनुमति से कोई अन्य सदस्य आदि इस समिति में होंगे। प्रत्येक राज्य में एक राज्य स्तरीय समिति होगी और जिस राज्य में एक से अधिक जोन है वहां जोनल स्तरीय समिति होगी।
इस समिति का कार्यकाल दो वर्षों का होगा और इसी आधार पर प्रत्येक मनोनित सदस्य का कार्यकाल भी दो वर्ष का ही होगा। जो काई भी सदस्य बगैर किसी उचित कारण के समिति की लगातार तीन बैठकों से अनुपस्थित रहेंगें उनकी सदस्यता समाप्त हो जायेगी और उनके स्थान पर दूसरे सदस्य का मनोनयन किया जायेगा। समिति की हर तिमाही बैठक होगी और सह अध्यक्ष की अनुमति पर अगल से भी बैठक बुलायी जा सकती है।

मुकेश अंबानी की दौलत में इस साल 16.5 अरब डॉलर का इजाफा
Posted Date : 25-Dec-2019 2:06:04 pm

मुकेश अंबानी की दौलत में इस साल 16.5 अरब डॉलर का इजाफा

नईदिल्ली,25 दिसंबर । देश के सबसे बड़े धनकुबेर और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी की दौलत में इस साल 16.5 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और उनकी संपत्ति का कुल मूल्य 60.8 अरब डॉलर हो गया है। यह आकलन ब्लूमबर्ग बिलनेयर इंडेक्स पर आधारित है। पेट्रोलियम से लेकर टेलीकॉम क्षेत्र के टाइकून मुकेश अंबानी की दौलत का कुल मूल्य मंगलवार को करीब 61 अरब डॉलर होने के बाद वह दुनिया के 12वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
आरआईएल के शेयरों के मूल्य में हाल के दिनों में लगातार तेजी रही है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के अनुसार, आरआईएल के शेयर के मूल्य में बीते एक साल में 41 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आरआईएल का शेयर मंगलवार को हालांकि पिछले सत्र के मुकाबले 26.90 रुपये यानी 1.71 फीसदी की गिरावट के साथ 1,544.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।

साल 2019 में 17 अरब डॉलर बढ़ी मुकेश अंबानी की संपत्ति, 40 प्रतिशत का हुआ इजाफा
Posted Date : 24-Dec-2019 2:06:37 pm

साल 2019 में 17 अरब डॉलर बढ़ी मुकेश अंबानी की संपत्ति, 40 प्रतिशत का हुआ इजाफा

नईदिल्ली,24 दिसंबर। एशिया के सबसे बड़े धनकुबेर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के मालिक मुकेश अंबानी की संपत्ति में वर्ष 2019 में 17 अरब डॉलर की बड़ी बढ़ोतरी हुई है और यह करीब 61 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से 2019 बेशक से अच्छा नहीं रहा हो किंतु एशिया के सबसे बड़े धनकुबेर मुकेश की लिए साल बहुत फलदायक रहा। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स सूचकांक के मुताबिक इस वर्ष अंबानी की संपत्ति 17 अरब डॉलर बढक़र 23 दिसंबर को 60.8 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
अंबानी की संपत्ति में इजाफे में अहम भूमिका आरआईएल के शेयर की रही जिसकी कीमत में इस वर्ष 40 प्रतिशत की जोरदार बढ़ोतरी थी। अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा (अब सेवानिवृत्त) की शुद्ध परिसंपत्ति में इस वर्ष 11.3 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई जबकि अमेरिका के इंटरनेट और अंतरिक्ष क्षेत्र के उद्यमी जेफ बेजास की संपत्ति साल के दौरान 13.2 अरब डॉलर घट गई।
आरआईएल की वर्ष 2021 के प्रारंभ में समूह के कर्ज को शून्य पर लाने की योजना है। उसकी योजना अपने रसायन कारोबार का हिस्सा सऊदी अरब की तेल कंपनी को बेचने की है। इसके अलावा समूह दूरसंचार और खुदरा कारोबार को पाँच वर्ष के भीतर शेयर बाजारों में भी सूचीबद्ध करायेगा।
आरआईएल ने 05 सितंबर 2016 को रिलायंस जियो के जरिये दूरसंचार क्षेत्र में कदम रखा और फ्री कॉल तथा सस्ता डाटा उपलब्ध कराकर तहलका मचा दिया। इसके चलते भारी कर्ज के बोझ के तले दबी दूरसंचार कंपनियाँ या तो इस कारोबार से बाहर निकल गई अथवा दूसरे के साथ विलय कर लिया। जियो ने महज तीन वर्ष में ही दूरसंचार क्षेत्र में 35 करोड़ ग्राहक बना लिये।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर का मूल्य वर्ष 2016 के बाद से अब तक लगभग तीन गुना हो चुका है। देश की दस लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूँजीकरण का श्रेय हासिल करने वाली आरआईएल का बाजार पूँजीकरण 9,85,334.10 लाख करोड़ रुपये का है और जो भारतीय कंपनियों में सर्वाधिक है। 

सेबी ने रोसलैब्स फाइनेंस पर ढाई करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया
Posted Date : 24-Dec-2019 2:06:15 pm

सेबी ने रोसलैब्स फाइनेंस पर ढाई करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया

नयी दिल्ली,24 दिसंबर। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को बाजार नियमों का उल्लंघन करने पर रोसलैब्स फाइनेंस लिमिटेड पर ढाई करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। गुजरात अर्थ लिमिटेड के शेयरों में धोखाधड़ी पूर्ण व्यापार करने पर कंपनी पर यह जुर्माना लगाया गया। सेबी ने गुजरात अर्थ के शेयरों में अक्टूबर 2003 से जनवरी 2004 के बीच किये गये सौदों की जांच पड़ताल करने के बाद यह जुर्माना लगाया। सेबी ने इस बात पर गौर किया है कि रोसलैब्स और गुजरात अर्थ के अन्य प्रवर्तकों ने विभिन्न मौकों पर भ्रामक कार्पोरेट घोषणायें करने का काम किया। सेबी ने कंपनी के शेयरों में किये गये सौदों की जांच के बाद कहा कि रोसलैब्स फाइनेंस सहित कंपनियों और उनके साथ काम करने वाले प्रवर्तकों और व्यक्तियों ने बाजार में भ्रामक घोषणायें किये जाने के आसपास ही शेयरों की बिक्री की। इन घोषणाओं से कंपनी के शेयरों में सौदे बढ़ते थे और उसके शेयर मूल्यों पर असर पड़ता था जिससे निवेशकों को चूना लगाया गया। नियामक ने इस जांच के बाद रोसलैब्स फाइनेंस पर 2.53 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया।