0-सर्वे में खुलासा
नई दिल्ली,10 अपै्रल । न्यूज ऐप इनशॉर्ट के एक सर्वेक्षण के अनुसार देश के 80 प्रतिशत युवा विवादित चीनी वीडियो ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में हैं। पिछले सप्ताह मद्रास उच्च न्यायालय ने इस दलील के साथ केंद्र सरकार से इस ऐप को प्रतिबंधित करने की सलाह दी थी कि इससे युवाओं में अश्लीलता बढ़ रही है। न्यायालय के अनुसार टिकटॉक की मालिक एक चीनी टेक कंपनी बाईटडांस है, जो युवाओं को अनुचित कंटेंट उपलब्ध करा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार का यह कर्तव्य है कि वह इस पर रोक लगाए।
वहीं, टिकटॉक के अधिकारियों का कहना है कि ऐप सभी स्थानीय नियम व कानूनों को मानने के प्रति प्रतिबद्ध है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2011 का पूरी तरह से पालन किया है। फिलहाल वे मद्रास उच्च न्यायालय के आधिकारिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद वे इसकी समीक्षा करेंगे
कुछ बड़े शहरों में किए गए सर्वेक्षण में 18 से 35 आयुवर्ग के करीब 30 हजार लोगों से पूछा गया कि क्या वे चाहते हैं कि भारत में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगना चाहिए इसके जवाब में अस्सी फीसदी प्रतिभागियों ने हां में और 20 प्रतिशत लोगों ने नहीं में जवाब दिया।
मुंबई ,10 अपै्रल । भारतीय स्टेट बैंक तथा इंडियन ओवरसीज बैंक ने कर्ज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया है। ऐलान के तहत एसबीआई ने अपनी ऋण की ब्याज दरों में 0.05 प्रतिशत की मामूली कटौती की है। कटौती के बाद की नई दरें 10 अप्रैल से प्रभावी होंगी। बैंक ने बयान में कहा कि संशोधित कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर को 8.55 से घटाकर 8.50 प्रतिशत किया गया है। अब ग्राहकों पर होम लोन और कार लोन की ईएमआई का बोझ घटेगा। इसके अलावा एसबीआई ने 1 मई से बचत खातों की जमा दरों को रेपो रेट से लिंक करने की घोषणा की है।
एसबीआई ने 30 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर भी ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है। इसके साथ अब 30 लाख रुपये से कम के आवास ऋण पर नई ब्याज दर 8.60 से 8.90 प्रतिशत होगी, जो अभी तक 8.70 से 9 प्रतिशत है। उधर, एसबीआई ने बचत की जमा दरों में कटौती की है। एक लाख रुपये से अधिक के डिपॉजिट पर एसबीआई ने जमा दरों में 0.25 फीसद की कटौती की है। इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) द्वारा दो और तीन साल के कर्ज पर एमसीएलआर क्रमश: 8.75 प्रतिशत तथा 8.85 प्रतिशत होगी।
पेरिस,09 अपै्रल । फ्रांस के सांसदों ने सोमवार को फेसबुक और एपल जैसी दिग्गज कंपनियों पर एक नए कर को मंजूरी दी। इसके चलते उसे अमेरिका की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले मायरा ने कहा कि फ्रांस को इस तरह का कदम उठाने पर गर्व है। अमेरिका ने फ्रांस से इस योजना को टालने का आग्रह किया था। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि यह योजना अमेरिकी कंपनी और फ्रांस के नागरिकों दोनों को प्रभावित करेगा , जो इन मंचों का इस्तेमाल करते हैं। नेशनल एसेंबली में इस प्रस्ताव को 55 मत के साथ मंजूर किया जबकि इसके विरोध में 4 मत पड़े। 5 सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसे कानून बनने से पहले सीनेट या उच्च सदन में मतदान के लिए रखा जाएगा। इस कानून को गाफा (गूगल , अमेजन , फेसबुक और एपल) नाम दिया है। यह ऐसे समय आया है जब दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से कुछ कंपनियों को कम कर का भुगतान करने की वजह से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस के वित्त मंत्री ने संसद में मतदान से पहले कहा , फ्रांस को इस तरह विषयों पर अगुवाई करने में गर्व महसूस हो रहा है। यह मसौदा 21 वीं सदी के लिए अधिक प्रभावी और निष्पक्ष कर प्रणाली की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि डिजिटल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां उपभोक्ताओं के आंकड़ों से भारी मुनाफा कमाती है लेकिन फ्रांस में होने वाले लाभ पर विदेश में कर लगाया जाता है।
वॉशिंगटन,09 अपै्रल । विदेश से अपने देश में पैसे भेजने के मामले में भारतीय एक बार फिर सबसे आगे रहे हैं। 2018 में प्रवासी भारतीयों ने 79 अरब डॉलर भारत में भेजे हैं। विश्वबैंक ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। विश्वबैंक की माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ रिपोर्ट के नवीन संस्करण के मुताबिक , भारत के बाद चीन का नंबर आता है। चीन में उनके नागरिकों द्वारा 67 अरब डॉलर भेजा गया है। इसके बाद मैक्सिको (36 अरब डॉलर), फिलिपीन (34 अरब डॉलर) और मिस्त्र (29 अरब डॉलर) का स्थान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक बार फिर पहले पायदान पर रहने में कामयाब रहा है। पिछले तीन वर्ष में विदेश से भारत को भेजे गए धन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। यह 2016 में 62.7 अरब डॉलर से बढक़र 2017 में 65.3 अरब डॉलर हो गया था। विश्वबैंक ने कहा, भारत को भेजे गए धन में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। केरल में आई बाढ़ के चलते प्रवासी भारतीयों के अपने परिवारों को ज्यादा आर्थिक मदद भेजने की उम्मीद है। सऊदी अरब से पूंजी प्रवाह में कमी के कारण पाकिस्तान में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन में गिरावट आई है। वहीं , बांग्लादेश में उनके प्रवासियों द्वारा भेजे गए धन में 2018 में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
नई दिल्ली ,09 अपै्रल । फैंटसी स्पोर्ट्स प्लैटफॉर्म ड्रीम11 ने देश का तेजी से बढ़ता यूनिकॉर्न क्लब जॉइन कर लिया है। इससे पहले मुंबई की डोमेस्टिक स्टार्टअप कंपनी स्टीडव्यू कैपिटल ने सेकंडरी रूट से इसमें निवेश किया था। हॉन्ग कॉन्ग और लंदन की कंपनी द्वारा इस तरह किया गया यह अपनी तरह का पहला निवेश है जिससे एक भारतीय गेमिंग कंपनी निजी ग्राहकों के एलीट क्लब और टेक्नॉलजी वेंचर्स में बंट गई है। अब इसकी वैल्यू 1 बिलियन डॉलर या उससे ज्यादा है।
इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ड्रीम11 के तीन मौजूदा निवेशकों में घरेलू वेंचर कैपिटल कलारी कैपिटल, प्राइवेट इच्टिी फर्म मल्टीपल्स ऑल्टरनेट ऐसेट मैनेजमेंट और सैन फ्रांसिस्को की थिंक इन्वेस्टमेंट शामिल हैं। इन्होंने एक दशक पुरानी कंपनी में अपने स्टेक्स का एक हिस्सा बेच दिया है, जिससे इसकी वेल्यू 1-1.5 बिलियन डॉलर हो गई है। सूत्रों ने कहा कि सेकंडरी डील 60 मिलियन डॉलर के करीब है।
स्टीडव्यू कैपिटल द्वारा ड्रीम11 में किया गया यह निवेश पिछले 4 महीनों में तीसरा ट्रांजैक्शन है। इससे पहले जनवरी में ओला ने 74 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। पिछले साल दिसंबर में कंपनी ने अर्बनक्लैप में 50 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट किए थे। ड्रीम11 की शुरुआत बेंटले यूनिवर्सिटी के ऐलुमनी भवित सेठ और यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिसेल्वनिया ऐंड कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ऐलुमनी हर्ष जैन ने की।
मुंबई ,09 अपै्रल । अगर दिवाला कानून के तहत रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) से लोन रिकवरी की प्रक्रिया शुरू होती है तो स्वीडन की टेलिकॉम इच्पिमेंट कंपनी एरिक्सन को उससे मिले 550 करोड़ रुपये लौटाने पड़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एरिक्सन को आरकॉम ने यह बकाया रकम लौटाई थी।
फरवरी में अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम ने नैशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (एनसीएलएटी) में अपील दायर करके खुद के खिलाफ उस आवेदन पर स्टे लगाने को कहा था, जिसे पिछले साल एनसीएलटी ने स्वीकार किया था। एनसीएलएटी ने कहा था कि अगर आरकॉम, एरिक्सन का बकाया 550 करोड़ रुपये लौटा देती है तो उसके खिलाफ दिवाला कानून के तहत कार्यवाही नहीं होगी।
एस जे मुखोपाध्याय की अगुवाई वाले दो सदस्यीय अपीलेट ट्राइब्यूनल ने सोमवार को कहा, अगर हम आरकॉम के खिलाफ इस अपील को खारिज करते हैं तो एरिक्सन को पैसा वापस करना होगा। आरकॉम को कर्ज देने वाले बैंक जब रिकवरी के लिए परेशान हैं, तब एरिक्सन को पैसा क्यों मिलना चाहिए?