इंस्ट्रूमेंट रेटिंग की प्रक्रिया भी हुई ऑनलाइन
नईदिल्ली । कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए अब ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की नई वेबसाइट की ई-प्रशासन सेवाओं का पहला चरण ईजीसीए के नाम से आज लॉन्च किया गया। नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने डीजीसीए तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इसे लॉन्च किया।
इसके साथ ही कमर्शियल पायलट लाइसेंस के साथ ही फ्लाइट रेडियो टेलीफोनी ऑपरेटर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया और इंस्ट्रूमेंट रेटिंग की प्रक्रिया भी ऑनलाइन हो गई है। आवेदक अब डीजीसीए के पोर्टल पर पंजीकरण कराकर अपनी उड़ानों का विवरण भर सकेंगे। महानिदेशालय द्वारा उसका सत्यापन होने के बाद वे लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इससे पायलटों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में लगने वाला समय कम होगा। देश में हर साल तकरीबन 700 पायलट कमर्शियल लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं। ईजीसीए के जरिये पायलट मेडिकल एसेसमेंट के रिन्यूअल के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। डीजीसीए की योजना अगले चरणों में अन्य सेवाओं को भी ऑनलाइन उपलब्ध कराने की है।
नई दिल्ली । आम्रपाली की लग्जरी कारों और अनसोल्ड प्रॉपर्टी की नीलामी 7 जनवरी से शुरू होगी। पहले दिन लग्जरी कारों को नीलाम किया जाएगा। इसके अगले दिन अनसोल्ड प्रॉपर्टी की बोली लगेगी। महज एक रुपये जमा कर लग्जरी कारों की नीलामी में शामिल हो सकते हैं। फ्लैट के लिए एक लाख और कमर्शल प्रॉपर्टी के लिए 50 लाख रुपये जमा कराने होंगे। एमएसटीसी की वेबसाइट पर ई-नीलामी होगी। इसमें हिस्सा लेने के लिए वेबसाइट पर पहले से लॉग-इन आईडी बनानी होगी। इसके लिए वेबसाइट पर लिंक लाइव कर दिया गया है। एमएसटीसी के ई-वॉलेट में रुपये जमा कराने के बाद बोली लगा सकेंगे। नीलामी से जो रुपये मिलेंगे, उन्हें नैशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड को ग्रुप के अधूरे प्रॉजेक्ट पूरे करने के लिए दिए जाएंगे।
7 जनवरी को सबसे पहले लग्जरी कारों की नीलामी होगी। पहले चरण में 15 कारों को इसमें रखा गया है। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ई-नीलामी में बोली लगा सकते हैं। कारों के मॉडल नंबर समेत अन्य जानकारियां वेबसाइट पर डाल दी गई हैं। 2010 से लेकर 2014 तक के मॉडल की कारें मौजूद हैं।
मुंबई । देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्ज के लिए बाह्य मानकों पर आधारित अपनी ब्याज दर (ईबीआर) को 0.25 प्रतिशत कम कर 7.80 प्रतिशत करने की सोमवार को घोषणा की। अभी यह दर 8.05 प्रतिशत थी। नयी दर पहली जनवरी 2020 से प्रभावी होगी।बैंक के इस निर्णय से उसके आवास ऋण पर ब्याज कम हो जाएगा और उससे ईबीआर के आधार पर कर्ज लेने वाले सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों पर भी ब्याज के बोझ में प्रति सैकड़ा 25 पैसे की कमी हो जाएगी।बैंक नए आवास रिण वार्षिक 7.90 प्रतिशत की दर से पेश करेगा। अब तक यह दर 8.15 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक ने पहली अक्टूबर 2019 से ईबीआर आधारित ब्याज की व्यवस्था लागू की है। बैंक ने इसके तहत 1 अक्टूबर 2016 से सूक्षम, लघु और मझोले उद्यमों, आवास खरीदारों तथा खुदरा ग्राहकों के लिए परिवर्तनशील दर पर लिए गए कर्जों का ब्याज रिजर्व बैंक की रेपो दर में घट बढ़ के आधार पर समायोजित करने का निर्णय लागू किया है। इसके तहत बैंक तीन माह एक बार अपने कर्ज की ब्याज दरों को समायोजित कर सकते हैं।भारतीय रिजर्व बैंक ने इस वर्ष फरवरी से कुल मिला कर रेपो दर 1.35 प्रतिशत कम की है।
नईदिल्ली,29 दिसंबर । अगर आप किसी सर्विस सर्विस टैक्स या एक्साइज ड्यूटी संबंधित विवाद से जुड़े हैं तो आपके लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। बेहतर होगा कि 31 दिसंबर 2019 से पहले इसके समाधान के लिए रजिस्ट्रेशन करा लें। मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वित्त मंत्रालय सबका विश्वास स्कीम की अंतिम अवधि आगे नहीं बढ़ाएगा। बता दें कि सबका विश्वास स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को लंबित टैक्स पर 40 से 70 फीसदी तक की छूट मिलती है। साथ ही ब्याज और जुर्माने के भुगतान में भी राहत मिलती है।
बता दें कि ऐसे विवादों का निपटारा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने इस स्कीम को शुरू किया था, जिसकी अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट में इस स्कीम की शुरुआत की थी। इस योजना के पीछे मंत्रालय का मकसद था कि बकाया राशि वालों को कुछ आंशिक छूट देकर इस तरह के सभी विवादों का निपटारा किया जाए। सरकार ने इस योजना को 1 सितंबर 2019 से केवल 4 महीनों के लिए ही लागू किया था।
इस स्कीम की अवधि में अब लगभग खत्म होने वाली है, ऐसे में अब अधिकारियों के हवाले से कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इस स्कीम की अवधि नहीं बढ़ाएगी। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आपके पास 31 दिसंबर 2019 तक ही अंतिम तारीख है।
इस स्कीम के तहत सरकार को अभी तक कुल 55,693 आवेदन को मिले हैं, जिनमें कुल 29,557.3 करोड़ रुपये का टैक्स विवाद जुड़ा है। जब वित्त मंत्रालय ने इस योजना को लॉन्च किया था तब, इससे जुड़े कुल 1.83 लाख टैक्स विवाद जुड़े हुए थे, जिनमें करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये फंसे पड़े हैं।
नयी दिल्ली,29 दिसंबर । देश में अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों की बिक्री दिसंबर में करीब 10 प्रतिशत घटकर 5.04 लाख यूनिट रह गयी। एक साल पहले इसी महीने में यह 5.59 लाख यूनिट के लिये की गई थी। आपूर्ति कम रहने की वजह से हरित प्रमाणपत्रों की बिक्री में गिरावट आयी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) और पावर एक्सचेंज आफ इंडिया (पीएक्सआईएल) दो ऐसे बिजली एक्सचेंज हैं, जो अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्रों (आरईसी) तथा बिजली का कारोबार करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में आईईएक्स पर कुल 3.6 लाख आरईसी का कारोबार हुआ। एक साल पहले इसी महीने में यह 3.83 लाख था। वहीं पीएक्सआईएल पर आरईसी की बिक्री 1.44 लाख रही, जो दिसंबर 2018 में 1.76 लाख इकाई थी। आईईएक्स के आंकड़ों के अनुसार, सौर आरईसी तथा अन्य आरईसी दोनों की आपूर्ति कम हुई है। कम भंडारण की वजह से खरीद बोलियां बिक्री बोलियों से अधिक रही हैं। आईईएक्स में दिसंबर में आरईसी की खरीद के लिए 13.43 लाख और बिक्री के लिए 4.12 लाख बोलियां आयीं। इसी तरह पीएक्सआईएल पर 5.74 लाख खरीद और 1.49 लाख बिक्री बोलियां मिलीं। अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता (आरपीओ) के तहत बिजली वितरण कंपनियां, निजी उपयोग के लिये बिजली संयंत्र लगाने वाले जैसे थोक खरीदारों को नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र खरीदने की जरूरत होती है।
नईदिल्ली,28 दिसंबर । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकारी बैंकों को अपने अधिकारियों के खिलाफ लंबित सतर्कता मामलों को निपटाने के निर्देश दिए गए हैं और जो सही एवं विवेक से लिए गए मामले हैं उनके लिए बैंकों को सीबीआई, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से डरने की आवश्यकता नहीं है। बैंकों की बिना इजाजत के कोई भी मामला अब सीबीआई के पास नहीं जाएगा। वित्त मंत्री का कहना है कि सीबीआई निदेशक इस संबंध में देश के बैंकों के शीर्ष अफसरों से मुलाकात कर उन्हें आश्वस्त करेंगे।
हालांकि, अब बैंकों को शिकायतों पर विभागीय कार्रवाई तेजी से करनी होगी। श्रीमती सीतारमण ने सरकारी एवं निजी बैंक प्रमुखों के साथ बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि पहली बार बैठक में सीबीआई निदेशक एवं संयुक्त निदेशक भी शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व खुफिया निदेशालय और आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ भी ऐसी बैठक करेंगी और उन्हें भी बैंक अधिकारियों को धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में सतर्कता बरतने के बारे में बताने की अपील करेंगी।
उन्होंने कहा कि बैंकरों को आश्वस्त किया गया है कि विवेक से लिए गए वाणिज्यिक निर्णय की संरक्षा की जाएगी और उसके लिए किसी भी बैंकर को डरने की जरूरत नहीं है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि आयकर विभाग द्वारा नोटिस भेजने के लिए बनाए गए तंत्र की तरह सीबीआई भी एक तंत्र विकसित करेगा जिससे केन्द्रीय जांच एजेंसी के सभी नोटिस पर एक पंजीयन नंबर होगा जिससे अनाधिृकत पत्राचार और किसी तरह के उत्पीडऩ की आशंका समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्रवाई के दौरान सीबीआई को उचित वाणिज्यिक निर्णय और दोषपूर्ण निर्णय के बीच अंतर करना चाहिए।
सरकारी बैंक धोखाधड़ी से जुड़े प्राथमिक रिपोर्ट (एफआईआर) से सीबीआई को एक विशेष ईमेल से अवगत करायेंगे। इसके साथ ही सीबीआई भी एक विशेष फोन नंबर जारी करेगा जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति जांच मशीनरी के उत्पीडऩ के बारे में सूचना दे सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों को फोरेंसिक ऑडिटर चयन के मानकों को कड़ाई से पालन करने और सीबीआई से फोरेंसिक ऑडिटरों को प्रशिक्षित कराने के लिए कहा गया है। सीबीआई भी बैंक अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षित करेगा।