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ड्रग्स मामले में फंसे प्रीति जिंटा के पूर्व पति मशहूर कारोबारी नेस वाडिया
Posted Date : 30-Apr-2019 1:34:09 pm

ड्रग्स मामले में फंसे प्रीति जिंटा के पूर्व पति मशहूर कारोबारी नेस वाडिया

> दो साल की सजा  
टोक्यो  । मशूहर भारतीय कारोबारी और अभिनेत्री प्रीति जिंटा के पूर्व पति नेस वाडिया को ड्रग्स रखने के जुर्म में जापान में दो वर्ष की सजा सुनाई गई है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक वाडिया के पास 25 ग्राम नशीला पदार्थ मिला था। मार्च में उन्हें गिरफ्तार किया गया था और 20 मार्च को केस दायर हुआ था। इसके बाद सुनवाई चली और अब वाडिया को दो साल की सजा सुनाई गई। नेस वाडिया भारत के सबसे अमीर कारोबारी घरानों में शुमार वाडिया समूह के वारिस और नुस्ली वाडिया के बेटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नेस वाडिया के पास से जापान के होक्काइदो द्वीप स्थित न्यू चितोसे एयरपोर्ट पर 25 ग्राम ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था।
सबसे बड़ी बात ये कि जब वाडिया को ड्रग्स के बारे में पूछा गया तो उन्हें ड्रग्स के इस्तेमाल की बात कबूल की थी।  आपको बता दें कि इससे पहले साल 2014 में अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने नेस वाडिया पर एक मैच के दौरान प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। इस मामले में चार साल बाद मुंबई पुलिस ने फरवरी 2018 में चार्जशीट फाइल की थी। हालांकि बाद में प्रीति जिंटा ने केस वापस ले लिया था। नेस, वाडिया ग्रुप के चेयरमैन नुस्ली वाडिया के बड़े बेटे हैं। ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और गो एयर वाडिया ग्रुप की कंपनियां हैं। ग्रुप की कंपनियों का वैल्यूएशन 13.1 अरब डॉलर (91,700 करोड़ रुपए) है। नुस्ली वाडिया की नेटवर्थ 7 अरब डॉलर (49,000 करोड़ रुपए) है। ब्रिटानिया शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है। इसलिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने नेस वाडिया की सजा की खबर पर ब्रिटानिया से सफाई मांगी है। कारोबार के दौरान बीएसई पर ब्रिटानिया के शेयर में 2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई।

 

यस बैंक पर मैक्वयरी ने मानी गलती, टारगेट 40 प्रतिशत घटाया
Posted Date : 30-Apr-2019 1:33:50 pm

यस बैंक पर मैक्वयरी ने मानी गलती, टारगेट 40 प्रतिशत घटाया

मुंबई । मैक्वयरी कैपिटल सिक्यॉरिटीज ने यस बैंक के बिजनेस को समझने में अपनी गलती मानी है। ब्रोकरेज हाउस यस बैंक पर पिछले 8 साल से कंस्ट्रक्टिव था। हालांकि, अब एक साथ दो डाउनग्रेड करते हुए उसने इसे अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है। मैक्वायरी ने यस बैंक का टारगेट प्राइस 40 पर्सेंट घटाकर 165 रुपये कर दिया है। यह मॉर्गन स्टैनली के बाद यस बैंक के लिए दूसरा सबसे कम टारगेट प्राइस है। अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म ने यस बैंक के लिए 125 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। मैचयरी के मुताबिक, उसे यस बैंक के स्ट्रक्चर्ड फाइनैंस बिजनस के तेजी से बढऩे की उम्मीद थी। ब्रोकरेज फर्म में फाइनैंशल सर्विसेज रिसर्च के हेड सुरेश गणपति ने भी माना कि ऐनालिस्ट के तौर पर यस बैंक को लेकर उन्होंने प्रफेशनल लाइफ की सबसे बड़ी गलती की। गणपति ने कहा, आज हम अपनी गलती पर शर्मसार हैं। हम मानते हैं कि बैंक के स्ट्रक्चर्ड फाइनैंस बिजनस को समझने में हमसे भूल हुई। हमने बैंक को लेकर गलत अनुमान लगाए थे। ब्रोकरेज हाउस ने पहले यस बैंक के स्टॉक को आउटपरफॉर्म रेटिंग दी थी। बैंक ने पिछले शुक्रवार को मार्च तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था, जिसमें उसे 1,507 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक को पहली बार किसी तिमाही में घाटा हुआ है। साल भर पहले की इसी तिमाही में यस बैंक ने 1,180 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था।  यस बैंक ने मार्च क्वॉर्टर में 3,662 करोड़ रुपये की नॉन-टैक्स प्रविजनिंग की, जो एक साल पहले के 400 करोड़ रुपये की तुलना में 9 गुना अधिक और दिसंबर 2018 तिमाही के 550 करोड़ रुपये की तुलना में करीब सात गुना अधिक है। 

अब मान्य नहीं होगा प्लास्टिक आधार कार्ड: यूआईडीएआई
Posted Date : 30-Apr-2019 1:33:31 pm

अब मान्य नहीं होगा प्लास्टिक आधार कार्ड: यूआईडीएआई

 नई दिल्ली । अगर आपने प्लास्टिक का आधार कार्ड बनवाया है या फिर बनवाने जा रहे हैं तो पहले इस खबर को ध्यान से पढि़ए। स्मार्ट आधार कार्ड को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने लोगों को सावधान किया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट आधार कार्ड की वजह से आपकी जानकारी चोरी हो सकती है। बता दें कि आधार कार्ड जारी करने वाली अथॉरिटी यूआईडीएआई ने ट्वीट कर चेतावनी जारी की है कि प्लास्टिक आधार या आधार स्मार्ट कार्ड/ पीवीसी कार्ड वैलिड नहीं है।
क्या हैं प्लास्टिक आधार कार्ड के नुकसान
फरवरी 2018 में यूआईडीएआई ने प्लास्टिक आधार कार्ड के नुकसान बताते हुए एक बयान जारी किया था। इस बयान में अथॉरिटी ने कहा था कि प्लास्टिक आधार या फिर स्मार्ट आधार कार्ड का इस्तेमाल न करें। ऐसे कार्ड से आपकी आधार डिटेल्स की प्राइवेसी पर खतरा है। यूआईडीएआई का कहना है कि प्लास्टिक आधार कार्ड कई बार काम नहीं करता है। इसकी वजह है कि प्लास्टिक आधार की अनऑथराइज्ड प्रिन्टिंग के चलते क्यूआर कोड डिस्फंक्शनल हो जाता है। साथ ही आधार में मौजूद आपकी पर्सनल डिटेल्स के बिना आपकी अनुमति के शेयर किए जाने का भी खतरा है।
ये आधार भी है वैलिड
यूआईडीएआई ने अपने बयान में इस बात पर भी जोर दिया है कि ओरिजनल आधार के अलावा एक साधारण पेपर पर डाउनलोड किया हुआ आधार और एमआधार पूरी तरह से वैलिड हैं। इसलिए आपको स्मार्ट आधार के चक्कर में पडऩे की जरूरत नहीं है। यहां तक कि आपको कलर्ड प्रिन्ट की भी जरूरत नहीं है। साथ ही आपको अलग से आधार कार्ड के लैमिनेशन या प्लास्टिक आधार कार्ड की जरूरत नहीं है।

 

मुंबई में मतदान के कारण शेयर बाजार बंद
Posted Date : 29-Apr-2019 1:26:03 pm

मुंबई में मतदान के कारण शेयर बाजार बंद

नई दिल्ली,29 अपै्रल । लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में सोमवार को मतदान होने के कारण शेयर बाजार और कमोडिटी वायदा बाजार का कारोबार बंद रहेगा।
चौथे चरण के मतदान के तहत मुंबई वेस्ट, मुंबई नॉर्थ वेस्ट, मुंबई नॉर्थ ईस्ट, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, मुंबई साउथ सेंट्रल और मुंबई साउथ में मतदान जारी हैं।

सरकारी पोर्टल पर निकालना पड़ेगा जीएसटी ई-चालान
Posted Date : 29-Apr-2019 1:25:31 pm

सरकारी पोर्टल पर निकालना पड़ेगा जीएसटी ई-चालान

0-टैक्स चोरी पर नकेल
नईदिल्ली,29 अपै्रल । माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए ई- चालान निकालना होगा। इससे कर चोरी की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकेगी। शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई- चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी। 
एक अधिकारी ने बताया कि इन नंबर का मिलान बिक्री रिटर्न और चुकाये गए कर के इनवॉइस से किया जा सकेगा। आगे चलकर कंपनियों को बिक्री के पूरे मूल्य पर पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कर चालान या ई-इनवॉइस निकालना होगा। अधिकारी ने बताया कि एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा जो जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा। इससे ई-चालान निकाला जा सकेगा। सीमा का निर्धारण चालान के मूल्य के आधार पर तय किया जा सकेगा। 
एक अधिकारी ने कहा, ई- चालान निकालने की अनिवार्यता पंजीकृत व्यक्ति के कारोबार या चालान मूल्य के आधार पर तय होगी। वैसे विचार यह है कि यह कारोबार की सीमा पर आधारित हो, ताकि वह बिक्री बिलों को अलग अलग बांट नहीं सकें। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपये तय किया जाता है तो इस बात की संभावना रहेगी कि कंपनियां इसे कई बिलों में बांट दें जिससे चालान आधारित सीमा से बचा जा सके।

डेटा संग्रह की भारत की मांग जोखिमपूर्ण : जुकरबर्ग
Posted Date : 28-Apr-2019 12:41:54 pm

डेटा संग्रह की भारत की मांग जोखिमपूर्ण : जुकरबर्ग

नईदिल्ली,28 अपै्रल । फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि डेटा को स्थानीय स्तर पर संग्रहित करने की भारत की मांग समझी जा सकती है, लेकिन यदि एक देश के लिए ऐसा किया गया तो अधिनायकवादी देशों की ओर से भी इसकी मांग की जा सकती है। उनका कहना है कि ऐसे देश अपने नागरिकों के डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं। 
इतिहासकार व लेखक युवल नोआ हरारी से शुक्रवार को बातचीत में जुकरबर्ग ने कहा कि स्थानीय रूप से डेटा संग्रह के पीछे का जो मकसद व इरादा है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जुकरबर्ग ने एक सवाल के जवाब में कहा, मुझे लगता है कि मंशा महत्व रखती है और निस्संदेह हममें से कोई भी भारत को अधिनायकवादी देश नहीं मानता है।
उनसे पूछा गया था कि क्यों भारतीय नागरिकों का डेटा अमेरिका में संग्रहित करना सुरक्षित है और भारत में नहीं, जबकि वे खुलेआम कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ अपनी चिंता है। फेसबुक के सीईओ ने कहा, डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा रुख खतरे को लेकर है, क्योंकि अगर किसी बड़े देश में हमें ब्लॉक किया जाता है तो इससे हमारे समुदाय और हमारे कारोबार पर असर पड़ेगा। लेकिन डेटा लोकलाइजेशन पर हमारा सिद्धांत नया नहीं है, बल्कि इसको लेकर हमेशा खतरा रहा है।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देश के अनुसार, गूगल पे, व्हाट्सएप व अन्य जैसे सभी डिजिटल भुगतान कंपनियों को अपने कारोबार के लिए डेटा का संग्रह अवश्य स्थानीय रूप से करना चाहिए।