नईदिल्ली। बजट के अगले दिन यानी रविवार को आम आदमी को बड़ी राहत मिली है. रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है. तेल कंपनियों ने रविवार को पेट्रोल की कीमतों में 9 पैसे प्रति लीट की कटौती की है जबकि डीजल का भाव 8 पैसे प्रति लीटर घटा है. राजधानी दिल्ली में अब एक लीटर पेट्रोल के लिए 73.10 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. वहीं. एक लीटर डीजल के लिए 66.14 रुपये चुकाने होंगे. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स अदा करने के दो विकल्प दिए. नए विकल्प में टैक्स की दरें कम हैं लेकिन किसी भी टैक्स छूट का नहीं ले पाएंगे लाभ.
जारी रेट्स के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल के दाम 73.10 रुपये प्रति लीटर पर आ गए हैं. वहीं, डीज़ल की कीमतें गिरकर 66.14 रुपये प्रति लीटर है. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल के दाम 78.74 रुपये प्रति लीटर है. साथ ही, डीज़ल की कीमतें 69.34 रुपये प्रति लीटर है. इसके अलावा कोलकाता में पेट्रोल 75.76 रुपये प्रति लीटर, डीज़ल 68.51 रुपये प्रति लीटर है. दक्षिण भारत के प्रमुख शहर चेन्नई में पेट्रोल के दाम 75.94 रुपये प्रति लीटर पर आ गए है. इसके अलावा डीजल की कीमतें 69.88 रुपये प्रति लीटर है. बता दें कि पेट्रोल-डीजल के दाम रोज़ाना तय किए जाते हैं. सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल का नया दाम लागू हो जाता है. इनकी कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन सब कुछ जोडऩे के बादल इसकी कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है.
नईदिल्ली । घरेलू उद्योग धंधों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में जूता- चप्पल और फर्नीचर संबंधी उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए छोटे उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जूता-चप्पल और फर्नीचरों जैसी मदों पर सीमा-शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों के आयात पर कड़े उपाय करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिन्हें घरेलू उद्योग-धंधे निर्मित करते हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र श्रम आधारित हैं और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घरेलू चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा सृजन पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने पांच प्रतिशत स्वास्थ्य अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया। भारत में तैयार किए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महत्वाकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी ढ़ांचा तैयार करने में इस अधिभार का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा-शुल्क अधिनियम के समुचित प्रावधान लागू किए जा रहे हैं। आगामी महीनों में, विशेषकर कुछ संवेदनशील सामग्रियों के लिए मूल नियमों की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो कि देश की नीति के अनुरूप मुक्त व्यापार समझौतों के बीच तालमेल कायम हो। इसके अलावा शुल्कों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों को भी मजबूत किया जा रहा है।
नईदिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए शनिवार को आम बजट में बैंक जमा पर मौजूदा एक लाख रुपये के बीमा कवर को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का एलान किया। सरकार ने यह फैसला पिछले साल सामने आए पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) घोटाले के बाद लिया है। घोटाले के बाद बैंक के कारोबार को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों जमाकर्ताओं को नुकसान भुगतना पड़ा। एक लाख रुपये की बैंक जमा को बीमा कवर करने की सीमा तय करने को लेकर पिछले कुछ महीनों से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की काफी आलोचना हो रही थी। आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में जमा राशि बीमा के तहत होती है। यह अभी तक एक लाख रुपये थी। इसका अर्थ यह था कि बैंक में ग्राहक का चाहे जितना भी धन जमा हो, बैंक के दिवालिया होने या बंद होने पर उसे महज एक लाख रुपये ही वापस दिया जाना होता था। लेकिन, अब इस राशि को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है अर्थात बैंक के डूबने की स्थिति में ग्राहक को उसकी कुल जमा और ब्याज के आधार पर पांच लाख रुपये तक मिलेंगे।
मुंबई । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के बीच शनिवार को दोपहर के कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 530 अंक टूटकर 40,194.04 अंक पर आ गया। इसी तरह निफ्टी भी 207.20 अंक के नुकसान से 11,754.90 अंक पर चल रहा था। बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढऩे का अनुमान लगाया गया है, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई। दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स 530 अंक टूटकर 40,194.04 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 207.20 अंक के नुकसान से 11,754.90 अंक पर चल रहा था। वित्त मंत्री का बजट भाषण शुरू होने से पहले सेंसेक्स 150 अंक की बढ़त में था। वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहले इसके 3.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया गया था।
नईदिल्ली। उद्योग और वाणिज्य क्षेत्र के लिए 2020-21 के आम बजट में 27300 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना प्रत्येक जिले को निर्यात का केंद्र बनाने की है।
इसके लिए संबंधित व्यवस्था बनाने के लिए 27300 करोड रुपए का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्यात को प्रोत्साहन के लिए सरकार देश भर में संपर्कता बढ़ाने पर जोर देगी। परिवहन की बुनियादी ढ़ांचा विकसित करने के लिए 1.76 लाख करोड़ रुपए व्यय किये जाएगें। जलमार्गों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और वर्ष 2024 तक और 100 हवाई अड्डे बनेंगे। जिलों को बंदरगाहों से जोडऩे के लिए विशेष किसान रेलगाडी चलाने का प्रस्ताव किया गया है जिन्हें निजी सरकारी भागीदारी से संचालित किया जाएगा। इनके जरिए ताजी फल - सब्जियां और अनाज को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक ले जाना संभव होगा।
नईदिल्ली। बजट 20-21 से पहले ही हिंदुस्तान यूनिलीवर ने देश की आम जनता को बड़ा झटका दे दिया है। एफएमसीजी कंपनी ने एलान किया है कि वह चरणबद्ध तरीके से साबुन की कीमतों में 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। घरों इस्तेमाल होने वाले साबुन के दाम बढ़ जाने से इसका सीधा प्रभाव आम आदमी को पडऩे वाला है।
कंपनी का कहना है कि पाम तेल की बढ़ती लागत के मद्देनजर कंपनी यह कदम उठाने जा रही है। जानकारी के लिए बता दें कि कंपनी के पास ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो लोगों के बीच बहुत पॉपुलर हैं।
जानकारी के अनुसार साबुन की कैटेगरी में एचयूएल अग्रणी कंपनी है। कंपनी के पॉपुलर ब्रांड्स में डव, लक्स, लाइफबॉय, पीयर्स, हमाम, लिरिल और रेक्सोना जैसे साबुन शामिल हैं। एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी श्रीनिवास पाठक ने कहा कि पिछले 6 माह में पाम तेल के दाम 25 से 30 फीसदी बढ़े हैं। पाठक ने तिमाही नतीजों की घोषणा के बाद कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि हम अपने पोर्टफोलियो में साबुन की कीमतें बढ़ाएंगे।
इसके तहत कीमतों में 5 से 6 फीसदी की बढ़ोतरी करेंगे। यह बढ़ोत्तरी फेजवाइज तरीके से की जाएगी। दिसंबर, 2019 को समाप्त तिमाही में एचयूएल का शुद्ध लाभ 12.95 फीसदी बढक़र 1,631 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की बिक्री 3.87 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,953 करोड़ रुपये रही है।