नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि 2023 में भारत में 1.88 करोड़ अंतरराष्ट्रीय सैलानी आए थे। इस कारण पर्यटन से विदेशी मुद्रा आय (एफईई) बढक़र 2,31,927 करोड़ रुपये हो गई है।
पर्यटन मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, 2023 के दौरान भारत में फॉरेन टूरिस्ट अराइवल (एफटीए) 95 लाख और डॉमेस्टिक टूरिस्ट विजिट्स (डीटीवी) 2.5 अरब थी।
मंत्रालय ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत 5,287.90 करोड़ रुपये की लागत से कुल 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें से 75 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
23 राज्यों में वैश्विक स्तर के प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास पर पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) स्कीम के तहत 3,295.76 करोड़ रुपये की 40 परियोजनाओं और स्वदेश दर्शन 2.0 पहल के तहत 793.20 करोड़ रुपये की 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी2.0) से नया रूप दिया गया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और डेस्टिनेशन केंद्रित एप्रोच के साथ टिकाऊ और जिम्मेदार गंतव्यों को विकसित करना है।
पर्यटन मंत्रालय ने प्रसाद योजना के तहत 1,646.99 करोड़ रुपये की कुल 48 परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिनमें से 23 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
केंद्रीय एजेंसियों को सहायता योजना के तहत 937.56 करोड़ रुपये की कुल 65 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 38 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
चलो इंडिया अभियान की शुरुआत प्रवासी भारतीयों को दुनिया भर में अपने गैर-भारतीय मित्रों को भारत दिखाने के लिए आमंत्रित करने के लिए की गई थी, अभियान के तहत भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए एक लाख नि:शुल्क ई-वीजा जारी किए गए।
मंत्रालय ने इनक्रेडिबल इंडिया कंटेंट हब का भी अनावरण किया। इसका उद्देश्य ग्लोबल ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री को इनक्रेडिबल इंडिया पर कंटेंट के लिए यूनिफाइड सोर्स देना था।
नई दिल्ली । भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री के लिए 2024 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा। इस दौरान सभी एमएफ स्कीमों के एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़त हुई है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के डेटा के अनुसार, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम नवंबर के अंत में 68 लाख करोड़ रुपये था, जो कि दिसंबर 2023 के आंकड़े 50.78 लाख करोड़ रुपये से 17.22 लाख करोड़ रुपये या 33 प्रतिशत अधिक है।
बीते चार वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एयूएम में करीब 37 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है।
2023 में एयूएम 11 लाख करोड़ रुपये, 2022 में 2.65 लाख करोड़ रुपये और 2021 में करीब 7 लाख करोड़ रुपये बढ़ा था।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम दिसंबर 2023 में 50.78 लाख करोड़ रुपये, दिसंबर 2022 में 40 लाख करोड़ रुपये, दिसंबर 2021 में 37.72 लाख करोड़ रुपये और दिसंबर 2020 में 31 लाख करोड़ रुपये था।
इसके अलावा नवंबर 2024 के अंत में फोलियो की संख्या 22.02 करोड़ थी, जो कि जनवरी में 16.89 करोड़ थी। यह फोलियो की संख्या में 5.13 करोड़ की वृद्धि को दर्शाता है। इसमें दिसंबर 2024 के आंकड़ों को नहीं जोड़ा गया है, क्योंकि वे जनवरी 2025 के पहले हफ्ते में जारी किए जाएंगे।
एम्फी के डेटा के मुताबिक, 2024 में करीब 174 ओपन-एंडेड स्कीम जुड़ी थी। कुल स्कीम की संख्या नवंबर में 1,552 थी। यह जनवरी में 1,378 थी। इस साल इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम में सबसे अधिक 3.76 करोड़ नए फोलियो जुड़े हैं।
इसके बाद इंडेक्स फंड, गोल्ड ईटीएफ, अन्य ईटीएफ और विदेशी फंडों में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड में 1.17 करोड़ फोलियो जुड़े हैं।
इसके अलावा हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में 2024 में 19.42 लाख फोलियो जुड़े हैं। वहीं, सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स में 1.87 लाख फोलियो जुड़े हैं। हालांकि, इस दौरान डेट म्यूचुअल फंड्स में फोलियो की संख्या में 3.11 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।
मुंबई । बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का शेयर जुलाई में अपने उच्चतम स्तर से 23 प्रतिशत फिसल चुका है।
अगर शेयर 2024 के बाकी बचे पांच कारोबारी सत्रों में 5 प्रतिशत बढऩे में असफल रहा, तो कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका होगा, जब आरआईएल के शेयर में मासिक आधार पर इतने लंबे समय तक गिरावट रही है। साथ ही पिछले 10 वर्षों में यह पहला मौका होगा, जब यह नकारात्मक रिटर्न देगा।
आरआईएल के शेयर में लगातार हो रही गिरावट के कारण, इससे देश की सबसे बड़ी निजी कंपनी होने का खिताब छिनने का खतरा मंडरा रहा है।
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, आरआईएल का मार्केट कैप जुलाई के अपने उच्चतम स्तर 21.50 लाख करोड़ रुपये से करीब 5 लाख करोड़ रुपये घटकर 16.50 लाख करोड़ रुपये रह गया।
वहीं, टाटा समूह के स्वामित्व वाली भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी बैंक, आरआईएल को शीर्ष स्थान से हटाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
टीसीएस का मार्केट कैप इस साल जनवरी में 13.72 लाख करोड़ रुपये से बढक़र करीब 15 लाख करोड़ रुपये हो गया है और यह आरआईएल को उसके शीर्ष स्थान से हटाने के सबसे करीब है।
एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप इस साल 12.95 लाख करोड़ रुपये से बढक़र 13.74 लाख करोड़ रुपये हो गया।
टीसीएस और एचडीएफसी बैंक दोनों के शेयरों ने 2024 में अच्छा प्रदर्शन किया। 24 दिसंबर की क्लोजिंग के अनुसार, टीसीएस ने इस साल लगभग 10 प्रतिशत और एचडीएफसी बैंक ने लगभग 7 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी के चलते टीसीएस और एचडीएफसी बैंक को लेकर निवेशक आशावान बने हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ आरआईएल का आय लगातार अनुमान से कमजोर बना हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से अगले वर्ष के लिए आरआईएल की प्रति शेयर आय अनुमान में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की आय में कमी के बावजूद भी ब्रोकरेज शेयर पर बुलिश बने हुए हैं। हाल ही में मॉर्गन स्टेनली ने शेयर पर ओवरवेट की रेटिंग दी है।
नई दिल्ली । जयपुर, इंदौर और कोच्चि जैसे टियर 2 और 3 शहरों की हिस्सेदारी नए घरों के डेवलपमेंट में बढक़र 2025 तक 40 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि टियर 2 और 3 शहरों में तेज वृद्धि के कारण रियल एस्टेट सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढक़र 13 प्रतिशत होने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, शहरी गृह स्वामित्व दर 2025 तक 72 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी, जो 2020 में 65 प्रतिशत थी। इसकी वजह किफायती फाइनेंस विकल्पों का उपलब्ध होना और युवाओं द्वारा नए घर खरीदना है।
अनुमान के मुताबिक, 2030 तक नया घर खरीदने वालों में मिलेनियल्स और जेन जेड की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत होगी।
जेएलएल इंडिया में सीनियर डायरेक्टर और रेजिडेंशियल सर्विसेज और डेवलपर इनिशिएटिव (उत्तर और पश्चिम) के प्रमुख, रितेश मेहता ने कहा कि सस्टेनेबिलिटी, जिसे पहले एक लग्जरी समझा जाता था। आज एक जरूरत बन गई है। हमें उम्मीद है कि 2025 में ग्रीन सर्टिफाइड बिल्डिंग की हिस्सेदारी नए रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में 30 प्रतिशत होंगी। यह आंकड़ा 2020 में 15 प्रतिशत था।
एलईईडी (लीडरशीप इन एनर्जी एंड एनवायरमेंट डिजाइन) जैसे ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन अधिक आम होते जा रहे हैं क्योंकि रियल एस्टेट उद्योग सस्टेनेबिलिटी को प्राथमिकता दे रहा है।
स्मार्ट और टेक्नोलॉजी इंटीग्रेटेड घरों की मांग में तेजी बनी हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार कि भारत में बजट फ्रेंडली हाउसिंग पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सरकारी नीतियों से भी इसे समर्थन मिल रहा है। इसके कारण पहली बार घर खरीदने वाले लोगों को राहत मिल रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद रियल एस्टेट बाजार में लग्जरी की परिभाषा बदल गई है।अब विशाल लेआउट, निजी बाहरी क्षेत्र और स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को ध्यान में रखते हुए वेलनेस सुविधाओं पर अधिक जोर दिया जा रहा है।
जयपुर । भारत के घरेलू वेल्थ टेक ऐप पेटीएम मनी ने पे लेटर मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी शुरू की है, जिससे निवेशक कुल मूल्य का केवल एक अंश अग्रिम भुगतान करके स्टॉक खरीद और उसमें निवेश कर सकते हैं। प्लेटफ़ॉर्म बाकी राशि का भुगतान करेगा और पे लेटर (एमटीएफ) के ज़रिए इसे एग्जीक्यूट किया जाएगा जिस पर हर महीने 1त्न का इंट्रोडक्ट्री इंटरेस्ट लगेगा।
यह निवेशकों की बाजार के अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता को बढ़ाता है और यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक केवल उन फंडों के लिए भुगतान करें जिनका वो असल में इस्तेमाल करते हैं। पेटीएम मनी पर पे लेटर (एमटीएफ) की शुरुआत से ट्रेडर्स और निवेशकों को फायदा होगा, क्योंकि इससे ट्रेडिंग ज़्यादा आसान और लचीली हो जाएगी, खासकर उन लोगों के लिए जो पूरी पूंजी लगाए बिना शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं। इसके अलावा, यह शेयर बाजार में भागीदारी को लोकतांत्रिक बनाता है, जिससे देश भर के खुदरा निवेशकों के लिए यह आसान और अधिक किफायती हो जाता है।
एक आसान अनुभव प्रदान करने के अपने कमिटमेंट के हिस्से के रूप में, पेटीएम मनी ने पे लेटर (एमटीएफ) की एक्टिवेशन प्रक्रिया को सरल और यूजऱ-फ्रेंडली बनाया है। निवेशक सीधे अपनी अकाउंट सेटिंग के ज़रिए कुछ ही मिनटों में पे लेटर (एमटीएफ) को आसानी से एक्टिवेट कर सकते हैं। इसके अलावा, यूजर्स किसी ऐसे स्टॉक, जिनके लिए वो योग्य है का ऑर्डर देते समय मार्जिन विकल्प का चुनाव करके और ऑर्डर पेज पर नियमों और शर्तों से सहमत होकर पे लेटर (एमटीएफ) को एक्टिवेट कर सकते हैं।
पेटीएम मनी के एमडी और सीईओ राकेश सिंह ने कहा, हम निवेश को आसान बनाने और वित्तीय पहुंच बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी पे लेटर (मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी) निवेशकों की खरीदने की शक्ति को बढ़ाती है, खासकर उन लोगों की जो बिना पूरी पूंजी लगाए शेयर बाजार में अपना निवेश बढ़ाना चाहते हैं। यह पहल वित्तीय विकास को लोकतांत्रिक बनाने के हमारे लक्ष्य के अनुरूप है, जिससे शेयर बाजार में निवेश ज़्यादा किफायती और बड़े पैमाने पर लोगों के लिए उपलब्ध हो सकें।
इस प्लेटफॉर्म ने सीमित समय के लिए 1त्न प्रति माह की किफायती ब्याज दर शुरू की है, जो 31 मार्च 2025 तक वैध रहेगी। तकरीबन 1,000 एमटीएफ- इनेबल्ड स्टॉक और प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों (कॉम्टिटिव इंटरेस्ट रेट) के साथ, यह व्यापारियों और निवेशकों को कम पैसों के साथ अपने निवेश के मौकों को ऑप्टिमाइज़ (अनुकूलित) करने में सक्षम बनाएगा। पेटीएम मनी ‘मार्जिन प्लेज’ भी देता है जिसके ज़रिए व्यापारी अपने स्टॉक होल्डिंग्स का इस्तेमाल अपने ट्रेडों के लिए लीवरेज प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।
पे लेटर (एमटीएफ) के साथ, व्यापारियों के पास लीवरेज की शक्ति का इस्तेमाल करने की एक और सुविधा है। इसने अपनी सेवाओं की व्यापक रेंज को भी विस्तार दिया है जिसमें बीएसई फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (बीएसई एफ एंड ओ) ट्रेडिंग सेवा का शुभारंभ शामिल है, जो व्यापारियों को सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का ट्रेड करने का विकल्प देता है उल्लेखनीय रूप से, पेटीएम मनी ने हाल ही में निवेश को आसान बनाने और उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक बड़े बदलाव के साथ एक नया डिज़ाइन किया गया ऐप लॉन्च किया है।
नए सिरे से बनाए गए ऐप में एक सहज इंटरफ़ेस, पर्सनल डैशबोर्ड और हर कदम पर निवेशकों को सशक्त बनाने के लिए स्मार्ट टूल हैं। बेहतर पोर्टफोलियो अंतर्दृष्टि, बेहतर ट्रांजेक्शन फ्लो और स्टॉक व एफ एंड ओ ट्रेडिंग के लिए कार्रवाई योग्य डैशबोर्ड के साथ, नया ऐप मॉर्डन निवेशकों की उभरती ज़रूरतों को पूरा करता है। यहां देखिए कैसे यूजर्स कुछ आसान क्लिक के साथ पे लेटर (एमटीएफ) को एक्टिवेट कर सकता हैं।
बेंगलुरु । निब्रस टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड सर्वेयान इस ब्रांड के तहत जो ड्रोन निर्माण में अग्रणी और नामी फोटोग्रामेट्री सॉफ्टवेयर के डेवलपर है, जिनकी इनोवेटिव ड्रोन तकनीक भारतीय मायनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्रांति लाने जा रही है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और ओडिशा में किए गए प्रभावशाली सर्वेक्षण में यह दिखा है कि ग्राहकों की मांग बढ़ती जा रही है, क्योंकि वहां पर बड़े पैमाने पर संचालन, पर्यावरण निगरानी और नियामक अनुपालन के लिए ड्रोन को अपनाया जा रहा है। भारतीय खनन (मायनिंग) क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 2त्न हिस्सा है।
राजस्थान भारत का तीसरा सबसे बड़ा खनिज उत्पादक राज्य है। राज्य ष्ठरूत्र द्वारा ड्रोन नीतियों ने सर्वेयान इकोसिस्टम जैसे व्यवसायों को उन्नत समाधान पाने के लिए प्रेरित किया है। अकेले राजस्थान में, सर्वेयान 2.8 लाख एकड़ से अधिक भूमि का सर्वेक्षण करके 25 से अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने में सक्षम रहा है, जिससे मायनिंग ऑपरेशन और लैंड मैनेजमेंट में कई गुना सुधार हुआ है।
सर्वेयान का प्रभाव मध्य प्रदेश और ओडिशा तक फैला हुआ है, जहाँ कंपनी के ड्रोन हज़ारों एकड़ में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र और प्राकृतिक नेचुरल रिसोर्सेस) का मैपिंग कर रहे हैं। ओडिशा में, यह खनन गतिविधियों की निगरानी और पर्यावरण आकलन करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इस क्षेत्र में 30 से ज़्यादा ग्राहकों को सेवाएँ दी जा रही हैं। ह्रक्रस््रष्ट (ओडिशा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) में, कंपनी के टाइप सर्टिफाइड माइक्रो कैटेगरी के ड्रोन ने स्थानिक डेटा की एक्यूरेसी में सुधार किया है और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए निर्णय लेने में मदद की है।
सर्वेयान देश के अलग-अलग क्षेत्रों में 1,000 से ज़्यादा परियोजनाओं को ढ्ढक्चरू के माध्यम से एक साथ लाकर राष्ट्रव्यापी स्ह्रक्क की सुविधा प्रदान कर रहा है। उनके पूरी तरह से स्वायत्त (ऑटोनोमस) क्लाउड आधारित फ़ोटोग्रामेट्री सॉफ़्टवेयर ने 10 लाख एकड़ से ज़्यादा क्षेत्र में काम करने में मदद की है।
सह-संस्थापक और निदेशक शुभम बरनवाल ने कहा, ड्रोन तकनीक को खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के साथ मिलाकर, हम संचालन की क्षमता में सुधार कर रहे हैं और पूरे भारत में लगातार विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे समाधान डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि (इनसाइट) के उपयोग के माध्यम से उद्योगों को सशक्त बनाते हैं, साथ ही साथ लंबे समय तक पर्यावरण संरक्षण और कुशल संसाधन प्रबंधन का समर्थन करते हैं।
सर्वेयान इकोसिस्टम ने भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने के लिए विस्तार और नवाचार करना जारी रखा है। यह कुशल संसाधन प्रबंधन और दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रबंधन के माध्यम से भारत के खनन और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में लगातार विकास को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है।