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भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस को मिला फिक्की क्लेम्स एक्सिलेंस अवार्ड
Posted Date : 23-May-2019 2:11:58 pm

भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस को मिला फिक्की क्लेम्स एक्सिलेंस अवार्ड

मुंबई ,23 मई । इंश्योरेंस कंपनी भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस को फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा क्लेम्स एक्सिलेंस अवार्ड दिया गया। फिक्की इंश्योरेंस इंडस्ट्री अवार्ड में 30 कंपनियों ने हिस्सा लिया। यह अवार्ड घरेलू इंश्योरेंस के परिदृश्य में लाईफ तथा नॉन-लाईफ इंश्योरेंस कंपनियों को प्रभावशीलता, उत्कृष्टता एवं उनके योगदान के लिए सम्मानित करता है।
भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ विकास सेठ ने कहा, फिक्की क्लेम्स एक्सिलेंस अवार्ड जीवन की अनिश्चितताओं के प्रति सुरक्षा और जरूरत के समय परिवार एवं ग्राहक को समय पर सहयोग प्रदान करने के हमारे संकल्प का सम्मान है। पिछले कुछ सालों में हमने क्लेम्स सैटेलमेंट में बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड कायम रखा। हम अपनी प्रथम जिम्मेदारी के रूप में तीव्र क्लेम सैटेलमेंट करते रहेंगे।
भारत में सबसे बड़े और सबसे पुराने एपेक्स बिजनेस संस्थान-फिक्की ने बुधवार को आयोजित 20वीं वार्षिक इंश्योरेंस कॉन्फ्रेंस फिनकॉन 2019  में भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस को अपनी कस्टमर-फ्रेंडली क्लेम सेवाओं के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया, जिनमें लाईफ इंश्योरेंस सेक्टर में सर्वश्रेष्ठ क्लेम सैटेलमेंट अनुपात और समर्पित क्लेम्स हैंडलर शामिल हैं।
क्लेम प्रक्रियाओं को आसान बनाने की गतिविधियों में सूचना से लेकर डिस्बर्समेंट तक प्रभावशाली क्लेम्स सैटेलमेंट टर्न-अराउंड-टाईम और बेहतर क्लेम सैटेलमेंट अनुपात जैसी विशेषताओं के कारण भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस ने यह प्रतिष्ठित सम्मान जीता। 
भारती एक्सा लाईफ इंश्योरेंस ने अपना व्यक्तिगत क्लेम सैटेलमेंट अनुपात, यानि प्राप्त किए गए क्लेम तथा अदा किए गए क्लेम का अनुपात बेहतर बनाया है और यह 2017-18 में 96.85 प्रतिशत हो गया। 

माल्या, नीरव मामलों की जांच करने वाला अपीलेट ट्राइब्यूनल विवादों में फंसा
Posted Date : 23-May-2019 2:11:24 pm

माल्या, नीरव मामलों की जांच करने वाला अपीलेट ट्राइब्यूनल विवादों में फंसा

 नई दिल्ली ,23 मई । विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे संदिग्ध आर्थिक अपराधियों से जुड़े मामलों की जांच करने वाला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का अपीलेट ट्राइब्यूनल खुद विवादों में फंस गया है। अपीलेट ट्राइब्यूनल यानी के एक जज ने उसके चेयरमैन मनमोहन सिंह पर नाइंसाफी का आरोप लगाया। ट्राइब्यूनल की जज और इंडियन रेवेन्यू सर्विसेज की ऑफिसर अनन्या सेन का आरोप है कि  चेयरमैन ने अपने अधिकारक्षेत्र से बाहर जाकर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुकदमा झेल रहे बॉलीवुड के दो प्रोड्यूसर्स की संपत्ति जब्त करने से रोकने वाला आदेश जारी किया है। कई लीगल एक्सपर्ट्स ने इस घटना को अभूतपूर्व करार दिया है। 
सेन एक ऑर्डर में इससे असहमति दर्ज कराई है, जिसे ईटी के संवाददाता ने देखा है। सेन ने मोनिका मलूका और रॉबिनसन दुग्गल के एसेट्स जब्त करने के अपने आदेश पर सिंह की तरफ से गलत तरीके से रोक लगाए जाने का आरोप लगाया है। सेन का आरोप है कि सिंह ने यह जानते हुए भी उनके आदेश रोक लगाई कि उन्होंने उसी दिन मामले में रोक हटाते हुए ईडी को जब्ती की कार्रवाई आगे बढ़ाने की इजाजत दी थी। 
सेन ने अपने कमेंट में लिखा है, मनमोहन सिंह ने सभी कानूनों और विधिक प्रक्रिया का खुल्लमखुला उल्लंघन करते हुए ऑर्डर/नोटिस (जिसे चुनौती दी गई हो) पर रोक लगाकर अपीलेंट (फिल्म प्रोड्यूसर्स) को लाभ दिया, जबकि उन्हें दूसरे बेंच के ऑर्डर को खारिज करने का कानूनन कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने यह जानते हुए भी ऐसा किया कि रोक को उसी दिन कुछ समय पहले मेरी तरफ से खारिज किया गया था। 
इस मामले में खबर लिखे जाने तक सेन से ईटी की बात नहीं हो पाई थी जबकि दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मनमोहन सिंह ने रिपोर्टर से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया। मनमोहन सिंह तीन साल के लिए क्करूरु्र के अपीलेट ट्राइब्यूनल चेयरमैन बनाए गए हैं। सिंह ने कहा, मैंने ऑर्डर इसलिए दिया कि रोक को खारिज करने वाला पिछला ऑर्डर फाइल में उपलब्ध नहीं था। 

4 करोड़ 90 लाख इंस्टाग्राम यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक, आप भी रहे सतर्क
Posted Date : 22-May-2019 1:24:45 pm

4 करोड़ 90 लाख इंस्टाग्राम यूजर्स का पर्सनल डेटा लीक, आप भी रहे सतर्क

नई दिल्ली ,22 मई । डेटा चोरी के कई मामलों से फेसबुक के जूझने के बाद अब इसकी फोटो-शेयरिंग सेवा इंस्टाग्राम भी मुश्किल में घिरती दिख रही है। लाखों सिलेब्रिटीज और प्रभावशाली व्यक्तियों का पर्सनल डेटा इंस्टाग्राम के जरिए लीक हो गया है। मुंबई की सोशल मीडिया मार्केटिंग फर्म चैटरबॉक्स ने इस डेटाबेस को ट्रेस किया है।
सबसे पहले टेक क्रंच ने एक रिपोर्ट में कहा कि डेटाबेस में कई हाई-प्रोफाइल प्रभावशाली व्यक्तियों के 4 करोड़ 90 लाख रिकॉर्ड शामिल थे, जिनमें प्रमुख फूड ब्लॉगर्स, मशहूर हस्तियां और अन्य सोशल मीडिया के प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है, हर रिकोर्ड में पब्लिक डाटा है जिसमें जानकारी, प्रोफाइल फोटो, फॉलोअर्स की संख्या, लोकेशन और प्राइवेट कॉन्टेक्ट नंबर शामिल हैं। इंस्टाग्राम के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं कि क्या किसी तीसरे पक्ष ने अपनी नीतियों का उल्लंघन करते हुए अनुचित तरीके से इंस्टाग्राम डेटा संग्रहीत किया है। इंस्टाग्राम के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, यह भी स्पष्ट नहीं है कि चैटरबॉक्स के डेटाबेस में फोन नंबर और ईमेल इंस्टाग्राम से आए हैं या नहीं।
कंपनी ने कहा है, उपयोगकर्ता के डेटा को गलत तरीके से लेने वाले तीसरे पक्ष की संभावना कुछ हो सकती है, जिसे हम गंभीरता से ले रहे हैं, यही कारण है कि हम जल्दी से यह समझने के लिए काम कर रहे हैं कि हुआ क्या है। चैटरबॉक्स एक वेब डेवलपमेंट कंपनी है जो कंटेंट को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्रभावितों को भुगतान करती है।

लाखों ग्राहकों पर पडऩे वाला है असर, पीएनबी में विलय हो सकते हैं तीन बड़े बैंक
Posted Date : 22-May-2019 1:24:28 pm

लाखों ग्राहकों पर पडऩे वाला है असर, पीएनबी में विलय हो सकते हैं तीन बड़े बैंक

नई दिल्ली ,22 मई । दो दिन बाद देश में नई केंद्र सरकार के गठन को लेकर पिक्चर क्लीयर हो जाएगी। इसके बाद देश में राजनीतिक, आर्थिक तौर पर कईबदलाव देखे जा सकते हैं। एक बदलाव बैंकिंग सेक्टर में देखने को मिल सकता है।उम्मीद है कि केंद्र सरकार देश के चार बड़े बैंकों के विलय पर मुहर लगा सकती है।अगर ऐसा होता है तो चारों सरकारी बैंकों के विलय से ग्राहकों पर असर पड़ेगा।मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक में ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय हो सकता है। नई केंद्र सरकार पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और आंध्रा बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय करने जा रही है। अगर ऐसा होता है लाखों ग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा क्योंकि जब भी बैंकों का विलय होता है तो चेकबुक, एटीएम, बैंकों की शाखाओंऔर नाम आदि पर भी बदलाव देखने को मिलता है।इस साल की शुरुआत में पहली बार सरकार ने देना बैंक और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में किया था। इस विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा भारतीय स्टेट बैंक के बाद दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया है। इससे पहले एसबीआई ने अपने 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था।फरवरी में सरकार ने 12 सरकारी बैंकों को आरबीआई की त्वरित सुधार कार्रवाई (पीसीए) से बाहर निकालने के लिए 48,239 करोड़ रुपए के पुर्नपूंजीकरण की घोषणा की थी। पीसीए में रखे जाने के बाद आरबीआई ने इन सभी बैंकों को नया कर्ज देने से रोक दिया था।

टाटा मोटर्स को चौथी तिमाही में बड़ा झटका, शुद्ध लाभ 49 प्रतिशत घटकर 1,109 करोड़ रुपये पर
Posted Date : 21-May-2019 12:42:13 pm

टाटा मोटर्स को चौथी तिमाही में बड़ा झटका, शुद्ध लाभ 49 प्रतिशत घटकर 1,109 करोड़ रुपये पर

मुंबई ,21 मई । वाहन बनाने वाली घरेलू कंपनी टाटा मोटर्स का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त चौथी तिमाही में 49 प्रतिशत घटकर 1,108.66 करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से आमदनी घटने तथा ब्रिटिश इकाई जगुआर लैंड रोवर के कारोबार से जुड़े कुछ विशेष प्रावधान की वजह से उसका मुनाफा घटा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की इसी तिमाही में कंपनी ने 2,175.16 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ कमाया था।मार्च तिमाही में कंपनी की कुल एकीकृत आय 87,285.64 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2017-18 की चौथी तिमाही में 91,643.44 करोड़ रुपये थी। इस तरह कंपनी की आय 4.75 प्रतिशत घटी। तिमाही के दौरान जेएलआर ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति कार्यक्रम चलाय जिसके लिए 1,367.22 करोड़ रुपये के खर्च का विशेष प्रावधान करना पड़ा। 
पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी को 28,724.20 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ जबकि इसके पूर्व वित्त वर्ष में 9,091.36 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इसमें मुख्य रूप से 27,837.91 करोड़ रुपये के निवेश के नुकसान का बड़ा हाथ है। कंपनी की कुल आय आलोच्य वित्त वर्ष में 3,04,903.71 करोड़ रुपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2017-18 में 2,96,298.23 करोड़ रुपये थी। 
टाटा मोटर्स के मुख्य वित्त अधिकारी पी बी बालाजी ने कहा, तीसरी तिमाही में घाटे के बाद चौथी तिमाही में हम फिर मुनाफे में आए हैं। रिवाइवल 2.0 ने घरेलू कारोबार की दृष्टि से हमारे लिए बेहतर परिणाम दिया है। एकल आधार पर 2018-19 में कंपनी का शुद्ध लाभ 2,398.93 करोड़ रुपये रहा जबकि इससे पूर्व वित्त वर्ष में उसे 946.92 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था।

जीवन बीमा : रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म प्लान बेहतर विकल्प
Posted Date : 21-May-2019 12:41:52 pm

जीवन बीमा : रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म प्लान बेहतर विकल्प

बेंगलुरू ,21 मई ।   जीवन में अनिश्चितता होना ही लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए पर्याप्त कारण है। एक टर्म प्लान अपनी तरह की एकमात्र इंश्योरेंस पॉलिसी है जो इसलिए खरीदनी चाहिए क्योंकि इसमें सबसे कम कीमत पर अधिकतम सुरक्षा कवर मिलता है। अब तो 99 प्लस वर्ष की उम्र तक के लिए भी टर्म इंश्योरेंस खरीदे जा सकते हैं जो कि कुछ साल पहले तक संभव नहीं था।
पॉलिसीबाजार के सहसंस्थापक और सीईओ यशीष दहिया यहां रिटर्न ऑफ प्रीमियम के साथ टर्म इंश्योरेंस पर जानकारी दे रहे हैं - 
टर्म इंश्योरेंस के अंतर्गत एक लोकप्रिय विकल्प है रिटर्न ऑफ प्रीमियम इंश्योरेंस। इसका मतलब यह हुआ कि बीमाधारक व्यक्ति ने जितने भी प्रीमियम चुकाए हैं, वह उसे परिपच्ता लाभ के रूप में वापस कर दिए जाएंगे। यह उत्पाद उन लोगों के लिए काफी अच्छा है जो एक इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त उसका एक गारंटीकृत नकद मूल्य भी चाहते हैं। एक पॉलिसी ग्राहक के रूप में आप ऐसी अवधि चुन सकते हैं जो आपकी विशिष्ट जरूरतों के अनुकूल रहे। 
भारतीय ग्राहक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से कुछ न कुछ रिटर्न मिलने की उम्मीद जरूर करते हैं और यह कम से कम उतना तो होना ही चाहिए जितना पॉलिसी में निवेश किया गया हो। जो निवेशक रिटर्न की इच्छा रखते हैं उनके लिए यह एक पैसा वसूल पॉलिसी है। 
पॉलिसी की अवधि 
एक निवेशक के रूप में आप अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से पॉलिसी की अवधि तय कर सकते हैं। आमतौर पर यह पॉलिसी 20, 25, 30 और 40 वर्षो के लिए मिलती है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास एक 20 वर्ष की अवधि का लोन है तो आप एक 20 वर्षीय टर्म लाइफ प्लान खरीद सकते हैं। दुर्भाग्य से अगर इस अवधि के दौरान आपको कुछ हो जाए, तो आपको यह लोन चुकाने की चिंता नहीं करनी होगी। अगर आप इस अवधि के बाद भी जि़ंदा रहते हैं तो आपको चुकाए गए प्रीमियम का 100 फीसदी वापस मिल जाता है। 
परिपच्ता लाभ 
रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान में मिलने वाले परिपच्ता लाभ एक सामान्य टर्म पॉलिसी से काफी अलग होते हैं। इस प्लान में पॉलिसी धारक व्यक्ति को जितने साल का बीमा हासिल है उतना ही प्रीमियम वापस मिलता है। कई प्लान में बीमा कंपनी द्वारा ग्राहक के चुकाए गए प्रीमियम से अधिक भुगतान किया जाता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तो को पूरा करना होगा। इसके साथ ही पॉलिसी धारक व्यक्ति को मिलने वाली पूरी परिपच्ता राशि टैक्स मुक्त होती है। 
प्रीमियम का भुगतान 
ग्राहकों की सुविधा के लिए बीमा कंपनियों ने प्रीमियम भुगतान के विभिन्न विकल्प शुरू किए हैं। अब आप अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार एकभुगतान विकल्प चुन सकते हैं। फिलहाल बाजार में उपलब्ध सामान्य प्रीमियम भुगतान विकल्प हैं - वार्षिक, अर्ध-वार्षिक, त्रैमासिक और मासिक। कुछ बीमा कंपनी एक सिंगल प्रीमियम भुगतान का विकल्प भी देती हैं जिसके तहत आप पूरी पॉलिसी अवधि का प्रीमियम भुगतान एक बार में ही कर सकते हैं।