नई दिल्ली ,25 मई । पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर लगातार तीसरे दिन भी जारी है। तेल विपणन कंपनियों ने शनिवार को फिर तेल के दाम बढ़ा दिए। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल के दाम 14 पैसे जबकि चेन्नई में 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं। डीजल के दाम में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में 12 पैसे जबकि चेन्नई में 13 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, शनिवार को दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढक़र क्रमश: 71.53 रुपये, 73.6 रुपये, 77.14 रुपये और 74.25 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। डीजल के दाम भी चारों महानगरों में बढक़र क्रमश: 66.57 रुपये, 68.33 रुपये, 69.75 रुपये और 70.37 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। तीन दिनों में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल 36 पैसे, जबकि चेन्नई में 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं, डीजल के दाम तीन दिनों में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में 37 पैसे जबकि और चेन्नई में 40 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं।
वाशिंगटन ,24 मई । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के साथ व्यापार सौदे को लेकर चल रही बातचीत में हुआवेई को शामिल किए जाने की संभावना है। ट्रंप ने अमेरिकी बाजार से हुआवेई को प्रतिबंधित करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिन बाद ये संकेत दिये हैं। हुआवेई सालाना स्तर पर अमेरिकी बाजार से 11 अरब डॉलर के उपकरण खरीदती है। चीन और हुआवेई के संबंध में सवाल पूछे जाने पर ट्रंप ने यहां व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसकी संभावना है (व्यापार वार्ता में हुआवेई को शामिल करने की)। मुझे लगता है कि अच्छी संभावना है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका सुरक्षा के दृष्टिकोण से हुआवेई को लेकर सजग है।
नई दिल्ली ,24 मई । पिछले कुछ बरसों में ऐसे निवेशकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है जिन्होंने टिप और मोमेंटम पर दांव लगाने की आदत छोडक़र इन्वेस्टमेंट को बिजनस वैल्यू और फंडामेंटल ऐनालिसिस से समझना शुरू किया है। लेकिन यह कोई सार्वभौमिक घटना नहीं है और ऐसा लगता है कि मेरे जैसे लोग एक तरह के बुलबुले में रह रहे हैं, जहां बदलाव की रफ्तार बाकी दुनिया से बहुत तेज है, हालांकि ट्रेंड में शिफ्ट तो पक्का हुआ है।
यहां तक कि जो लोग बुलबुलों की तरह तुरंत बैठ जाने वाली अफवाहों और उम्मीदों पर दांव लगाते हैं, वे भी जानते हैं कि बचत की ग्रोथ में तेजी लाने का वह सही तरीका नहीं है। वे इसको लेकर शर्मिंदगी महसूस करते हैं लेकिन इसे फटाफट कमाई का तरीका भी साबित करने की कोशिश करते हैं।
तो क्या इन सबका मतलब यह है कि अगर ज्यादा लोग फंडामेंटल एनालिसिस के हिसाब से इनवेस्टमेंट करते हैं तो उनका रिटर्न दूसरों से ज्यादा होगा और बेहतर रिटर्न पानेवाले निवेशकों का अनुपात बढ़ेगा? इस बात को समझने के लिए एक एक्सपेरिमेंट करके देखते हैं। मान लेते हैं कि ज्यादातर निवेशकों ने बेंजामिन ग्राहम की किताब सिक्योरिटी एनालिसिस के अलावा दूसरे इनवेस्टमेंट गुरुओं की किताबें भी पढ़ी हैं और वे लोग अपने पोर्टफोलियो में मौजूदा और उसमें भविष्य में शामिल किए जाने वाले सभी स्टॉक को फाइनैंशल और ऑपरेटिंग पैमानों पर कसते हैं। पीटर लिंच के मुताबिक, उनकी कड़ी नजर उन कंपनियों के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर रहती है जिनसे उनका रोज साबका पड़ता है। वे फंडामेंटल रिसर्च की ठोस मेथड पर आधारित एडवाइजरी सर्विसेज भी लेते हैं।
तो क्या ऐसे में सभी निवेशकों को शानदार रिटर्न मिलेगा? क्या इन्वेस्टिंग से बेहतर रिटर्न के लिए इतना काफी है? आपका जवाब स्वाभाविक रूप से हां में होगा, लेकिन वह गलत भी हो सकता है और गलत न भी हो तो फंडामेंटल जानकारी के साथ तय किया गया जरूर होगा। इच्टिी म्यूचुअल फंड्स में निवेशक और निवेश का रिटर्न पता करना आसान है, जहां दोनों ही आंकड़े पारदर्शी तरीके से निकाले जा सकते हैं। इसमें देखा जा सकता है कि लॉन्ग टर्म में कुछ इनवेस्टर का रिटर्न ज्यादा बढ़ता है जबकि दूसरों का रिटर्न कम रहता है। ऐसा क्यों? यह गलत आदत नहीं, बल्कि सही जानकारी के साइड इफेक्ट हैं और कई बार इनवेस्टर का रवैया उनकी जानकारी और बुद्धिमता पर भारी पड़ता है।
ट्रेडिंग छोडक़र निवेशक बनने के बाद भी ज्यादातर लोग नॉलेज और स्किल तरफ भागते रहते हैं। उन्हें लगता है कि 1000 कंपनियों की 20 अलग-अलग फाइनेंशियल पैरामीटर पर कसी गई स्प्रेडशीट लगभग 50 स्टॉक्स की बेसिक जानकारी से बेहतर रिटर्न दिला सकती है। आमतौर पर रूस्न इनवेस्टर्स फंड के पोर्टफोलियो या अपने रिटर्न से मिलने वाले डेटा की बारीकी से पड़ताल में बरसों गुजार देते हैं। लेकिन सच से आगे क्या हो सकता है? निवेशकों के लिए सबसे बड़ी चीज धैर्य, बुनियादी सिद्धांतों पर फोकस और अवास्तविक रिटर्न की उम्मीद लगाने से परहेज होती है, लेकिन जो रिटर्न किसी को रियलिस्टिक लगता है, वह दूसरे को अनरियलिस्टिक लग सकता है।
दूसरा बुनियादी सिद्धांत यह है कि अच्छी आदतें और प्रोसेस बड़ी कामयाबी का रास्ता खोल सकते हैं। निवेश में यह बहुत जरूरी है। निवेश की सफलता की अंतिम पैमाइश आपको मिलने वाला रेट ऑफ रिटर्न नहीं होता। इसका पता तो इससे चलेगा कि आपका निवेश रिटायरमेंट तक की वित्तीय जरूरतों को किस तरह पूरा कर पाता है, लेकिन इसके लिए सबसे पहली जरूरत बचत करने की होगी, जल्द बचत शुरू करके ठीक ठाक रकम बचत करने की होगी। कंपाउंड इनवेस्टिंग का हिसाब बताता है और उन लोगों को बड़ी कामयाबी दिलाता है जो करियर की शुरुआत में से ही बचत शुरू कर देते हैं और आमदनी का बड़ा हिस्सा बचाते हैं।
नई दिल्ली ,24 मई । केंद्र की सत्ता में भारी बहुमत से वापसी करने वाली नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए पूरा जोर लगाएगी और इसके लिए वह मसौदा पहले ही तैयार कर चुकी है। नई सरकार अपने वादे के अनुरूप मध्य वर्ग को करों से और राहत देने के लिए भी कदम उठा सकती है, साथ ही जीएसटी का और सरलीकरण किया जा सकता है। सरकार करों का सरलीकरण, अनुपालन को आसान बनाने के साथ-साथ मांग में बढ़ोतरी लाने का हर संभव प्रयास करेगी।
भावी सरकार प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने और मांग में नई जान फूंकने के लिए खाका पहले ही तैयार कर चुकी है, क्योंकि उसे जुलाई में पूर्ण बजट पेश करना है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि चिंता इस बात की है कि अगर उपायों को लागू करने में विलंब होता है तो अर्थव्यवस्था में मौजूदा मंदी का संकट और बढ़ जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, च्वक्त जाया करने का समय नहीं है।ज्
मांग में जान फूंकने की चुनौती
केंद्रीय वित्त मंत्रालय और अन्य विभागों ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए पहले ही एक खाका तैयार कर लिया था, जिसपर नई सरकार को गौर करने की जरूरत होगी। वित्त वर्ष 2018-19 में पूरे साल के लिए सकल घरेलू उत्पाद (त्रष्ठक्क) विकास दर अनुमान 7त्न रहने के मद्देनजर चौथी तिमाही में जीडीपी विकास दर घटकर 6.5त्न रहने की उम्मीद है। हाल के महीनों में निजी निवेश में कमी के बीच कारों और उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में आई गिरावट मांग में कमी के संकेत हैं।
टैक्स का बोझ घटेगा
अधिकारियों ने कहा कि पहली चुनौती मांग में नई जान फूंकने की होगी। आगामी जुलाई में बजट पेश किए जाने की संभावना है और उसमें टैक्स में कमी लाकर मध्य वर्ग को राहत पहुंचाई जा सकती है, जिससे उनके हाथ में ज्यादा पैसा पहुंचेगा, परिणामस्वरूप खर्च के साथ मांग में बढ़ोतरी होगी। दरअसल, अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने मध्य वर्ग के लिए टैक्स में और कटौती करने का वादा किया था। अधिकारियों ने कहा कि नई औद्योगिक नीति का मसौदा भी तैयार है।
बढ़ाना होगा सरकारी निवेश
मेक इन इंडिया मैन्युफेक्चरिंग पहल के साथ-साथ औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भी उत्साहित करना होगा। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी निवेश बढ़ाना होगा, क्योंकि इसमें निजी निवेश बढ़ाने में काफी वक्त लगेगा।
हो सकते हैं जीएसटी के दो स्लैब
वस्तु एवं सेवा कर 2.0 को लेकर भी सरकार में पहले ही चर्चा हो चुकी है। इसके तहत अनुपालन को आसान करना, रेट स्ट्रक्चर की समीक्षा तथा पेट्रोलियम जैसे उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाना शामिल है। जीएसटी के चार स्लैब-5त्न, 12त्न, 18त्न और 28त्न को घटाकर अब दो मुख्य स्लैब किए जा सकते हैं।
सीमेंट, ऑटोमोबाइल पर रेट बरकरार
सीमेंट और ऑटोमोबाइल 28 फीसदी के सबसे ऊंचे स्लैब में बरकरार रह सकता है और इन वस्तुओं पर रेट को जीएसटी से होने वाली आय को स्थिरता प्रदान करने के तौर पर देखा जा सकता है। साथ ही, सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी उपाय करेगी, जिसमें काफी गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनस पर भी ध्यान
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार इस बात पर गौर करेगी कि अबतक क्या हासिल हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनस और स्टार्टअप फ्रेमवर्क में सुधार के उपायों का खाका पहले ही तैयार किया जा चुका है, ताकि उद्यमियों को उद्योग लगाने में आसानी हो।
नई दिल्ली ,24 मई । पेट्रोल और डीजल की महंगाई के झटके फिर लगातार दूसरे दिन लगे। तेल विपणन कंपनियों ने फिर तेल के दाम बढ़ा दिए। दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल के दाम 14 पैसे जबकि चेन्नई में 15 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं। डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 16 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बढक़र क्रमश: 71.39 रुपये, 73.46 रुपये, 77 रुपये और 74.10 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। डीजल के दाम भी चारों महानगरों में बढक़र क्रमश: 66.45 रुपये, 68.21 रुपये, 69.63 रुपये और 70.24 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।
दो दिनों में दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में पेट्रोल 22 पैसे, जबकि चेन्नई में 23 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है। वहीं, डीजल के दाम दो दिनों में दिल्ली और कोलकाता में 25 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में 27 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए हैं।
सैन फ्रांसिस्को ,23 मई । गूगल ने मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए अपने सर्च इंजन में सुधार किया है। मोबाइल उपभोक्ता अब यह अच्छे से समझ पाएंगे कि कौन सी जानकारी कहा से आ रही है और वे किसी चीज को ढूंढ़ रहे हैं।
गूगल के सीनियर इंटरेक्शन डिजाइनर जेमी लीच ने कहा, वेबसाइट और उसके आइकन का नाम हर रिजल्ट कार्ड के टॉप पर दिखाई देगा, इससे हर रिजल्ट को एंकर करने में मदद मिलेगी ताकि आप अधिक आसानी से परिणामों के पेज को स्कैन कर सकें और तय कर सकें कि आगे क्या जानकारी चाहिए।
अब जब उपयोगकर्ता किसी उत्पाद या सेवा की खोज करते हैं और गूगल एक महत्वपूर्ण विज्ञापन प्रदर्शित करता है, तो एक हाइलाइट किया गया विज्ञापन लेबल वेब एडरेस के साथ टॉप पर दिखाई देगा।
लीच ने कहा, यह नया डिजाइन हमें रिजल्ट कार्ड को खोजने के लिए अधिक एक्शन बटन और उपयोगी प्रीव्यू जोडऩे की अनुमति देता है, जबकि इस दौरान आपको सभी वेब पेज के कंटेंट के बारे में भी जानकारी मिलेगी। यह रिडिजाइन सबसे पहले मोबाइलों पर आ रहा है और अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा।