नईदिल्ली,07 जुलाई । वाडिया समूह की किफायती विमान सेवा कंपनी गोएयर ने कुवैत, दुबई और बैंकॉक के लिए उड़ानें शुरू करने की घोषणा की है।
कंपनी ने रविवार को बताया कि 19 जुलाई से वह मुंबई और दिल्ली से अबुधाबी, मुंबई से मस्कट, दिल्ली और मुंबई से बैंकॉक तथा कन्नूर से दुबई और कुवैत के लिए उड़ानें शुरू करेगी। कुवैत, दुबई और बैंकॉक उसके नेटवर्क में शामिल होने वाले नये अंतरराष्ट्रीय गंतव्य हैं।
नई दिल्ली ,06 जुलाई । बजट में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क और उपकर बढ़ाए जाने के बाद शनिवार को पेट्रोल का दाम 2.40 रुपये और डीजल का दाम 2.36 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019-20 का बजट पेश करते समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में गिरावट के रुख को देखते हुए घरेलू स्तर पर दोनों ईंधनों पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सडक़ एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस में एक-एक रुपये की वृद्धि कर दी। इससे दोनों ईंधनों के दाम प्रति लीटर दो-दो रुपये बढ़ गए।
इसके ऊपर राज्यों में वैट भी लगता है। दोनों कर शनिवार से प्रभाव में आ गए। इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढक़र 72.96 रुपये लीटर हो गया जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढक़र 78.57 रुपये प्रति लीटर रही। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन ने इस संबंध में मूल्य अधिसूचना जारी की है।
कोलकाता में पेट्रोल का दाम 2.40 रुपये लीटर बढक़र 75.15 रुपये लीटर और चेन्नई में 2.57 रुपये लीटर बढक़र 75.76 रुपये लीटर हो गया। शुल्क वृद्धि के बाद दिल्ली में डीजल 2.36 रुपये बढक़र 66.69 रुपये लीटर और मुंबई में 2.50 रुपये लीटर बढक़र 69.60 रुपये लीटर हो गये। राज्यों में स्थानीय कर अथवा मूल्य वर्धित कर (वैट) अलग-अलग होने की वजह से पेट्रोल, डीजल के दाम में अंतर रहता है।
इसके अलावा भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंपों पर कुछ पैसे का अंतर भी रखा जाता है। बजट में शुल्क बढ़ाने से पहले पेट्रोल पर कुल उत्पाद शुल्क 17.98 रुपये प्रति लीटर था। इसमें 2.98 रुपये मूल उत्पाद शुल्क, 7 रुपये विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और आठ रुपये सडक़ एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस लगा था। बजट के बाद विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक रुपये बढक़र 8 रुपये और सडक़ एवं अवसंरचना उपकर आठ से बढक़र 9 रुपये प्रति लीटर हो गया। इससे कुल उत्पाद शुल्क दो रुपये बढक़र 19.98 रुपये लीटर हो गया।
इसी प्रकार बजट से पहले डीजल पर कुल उत्पाद शुल्क 13.83 रुपये लीटर था। इसमें मूल उत्पाद शुल्क 4.83 रुपये, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक रुपये और सडक़ उपकर आठ रुपये प्रति लीटर था। उत्पाद शुल्क और सडक़ उपकर एक- एक रुपये बढऩे के बाद कुल शुल्क 15.83 रुपये लीटर हो गया। इन शुल्कों के ऊपर राज्यों में वैट लगाया जाता है। दिल्ली में पेट्रोल पर 27 प्रतिशत और डीजल पर 16.75 प्रतिशत की दर से वैट वसूला जाता है।
नईदिल्ली,06 जुलाई । आम बजट में बढ़ाए गए सीमा शुल्क के कारण सोने के दामों में बढ़ोतरी हो गई है। आज सोने का रेट 1300 रुपये बढक़र 35470 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। पहले ये रेट 34 हजार के करीब था। सोने के रेट में ये वृद्धि उन लोगों के लिए मुसीबत का कारण जिन्होंने विवाह के लिए गहने बनवाने हैं। दरअसल शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सोने और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। सरकार ने यह प्रस्ताव ऐसे समय में दिया है जबकि घरेलू आभूषण उद्योग आयात शुल्क में कटौती की मांग कर रहा था। पूर्व में वाणिज्य मंत्रालय भी आयात शुल्क में कटौती की सिफारिश कर चुका है।
इससे पहले बजट में सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर दो-दो रुपये शुल्क बढ़ाने से शनिवार को इनकी कीमत करीब ढ़ाई रुपये बढ़ गयी।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 2.45 रुपये बढक़र 72.96 रूपये प्रति लीटर पर पहुंच गया यह आठ मई के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कारर्पोरेशन से मिली जानकारी के अनुसार यहां डीजल भी 2.36 रुपये महंगा होकर 66.69 रुपये प्रति लीटर हो गया जो चार मई के बाद का इसका उच्चतम स्तर है। सरकार ने पेट्रोल डीजल पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क एक-एक रुपये और सडक़ एवं ढांचागत उपकर एक-एक रुपये बढ़ाया है। इससे देश के अन्य हिस्सों में भी दोनों जीवाश्म ईधनों के दाम बढ़े है।
विदेशों में सप्ताहांत पर सोने में रही बड़ी गिरावट भी स्थानीय बाजार में पीली धातु को बढ़त में जाने से नहीं रोक सकी। लंदन एवं न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को सोना हाजिर 23.10 डॉलर लुढक़कर 1,399.65 डॉलर प्रति औंस रह गया। अगस्त का अमेरिकी सोना वायदा 19.70 डॉलर की गिरावट के साथ बाजार बंद होते समय 1,401.20 डॉलर प्रति औंस पर रहा। बाजार विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिका में रोजगार के मजबूत आँकड़े आने से सोने पर दबाव रहा। वहाँ जून में एक बार फिर बेरोजगारी में अच्छी गिरावट आयी है। शुक्रवार को जारी इस आँकड़े से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हुई है और सोने पर दबाव बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्ताहांत पर चाँदी हाजिर भी 0.34 डॉलर लुढक़कर 14.97 डॉलर प्रति औंस रह गयी।
नईदिल्ली,06 जुलाई । स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष का बज़ट इस्पात उद्योग तथा उसके सहायक उद्योगों को मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा तथा उनका संगठन नये भारत के निर्माण में अपनी हर तरह की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
चौधरी ने शनिवार को यहाँ कहा कि सरकार की तरफ से बुनियादी ढाँचा योजनाओं में हर साल करीब 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश पर बल दिया गया है, जो निश्चित रूप से इस्पात की खपत को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। इससे न केवल देश में इस्पात उद्योग बल्कि सहयोगी उद्योगों को काफी मजबूती मिलेगी। सरकार ने अगले पाँच वर्ष में 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य तय किया है, जो देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने का काम करेगा।
उन्होंने कहा कि बजट में वर्ष 2030 तक रेलवे के ढाँचागत विकास को बेहतर करने के लिए करीब 50 लाख करोड़ रुपये की ज़रूरत बताई है। इसके साथ ही सरकार ने सडक़ परिवहन को और अधिक सुदृढ़ करने पर बल दिया है। इस बजट में इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर, भारतमाला, सागरमाला, उड़ान और प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना जैसी परियोजनाओं में और अधिक निवेश के संकेत दिये गये हैं। सरकार ने बिजली आपूर्ति को मिशन मोड में लिया है तथा ‘वन नेशन, वन ग्रिड’ का लक्ष्य तय किया है। इससे निश्चित ही देश की बड़ी परियोजनाओं और निर्माणों में इस्पात की खपत में बड़ी बढ़ोत्तरी होगी।
बजट में सरकार का फोकस प्रधानमंत्री आवास योजना - शहरी और ग्रामीण के तहत लोगों को आवास देने, जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक जल पहुँचाने और गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर है, इससे न केवल शहरों में बल्कि गाँवों में भी इस्पात खपत में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि सेल नये भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है। वह पिछले 60 वर्ष की तरह ही देशवासियों की आशाओं, उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने करने लिए हर तरह से प्रतिबद्ध है।
0-नीरव मोदी को एक और झटका
नईदिल्ली ,06 जुलाई । भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) पुणे ने आज भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को झटका देते हुए उसे और उसके सहयोगियों को पीएनबी को ब्याज के साथ 7300 करोड़ रुपये की राशि चुकाने को एक आदेश पारित किया है।
इससे पहले सिंगापुर उच्च न्यायालय ने नीरव मोदी को झटका देते हुए ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में पंजीकृत पवेलियन प्वाइंट कॉर्प कंपनी के खाते को फ्रीज करने का आदेश दिया था। यह खाते नीरव मोदी के बहन-बहनोई के है और इनमें 44.41 करोड़ रुपये मौजूद हैं। अदालत ने यह आदेश ईडी के उस अनुरोध पर दिया जिसमें कहा गया था कि इस खाते में मौजूद राशि जालसाजी और अपराध से अर्जित है. ईडी ने जानकारी दी थी कि इस खाते में रकम पंजाब नेशनल बैंक से किए गए घोटाले के जरिए अवैध तौर पर भेजी गई है।
गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने नीरव मोदी के खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग मामले में कार्रवाई करते हुए 27 जून को नीरव और उसकी बहन के चार स्विस खातों पर लेनदेन से रोक लगा दी थी। बताया गया कि इन खातों में कुल 283.16 करोड़ रुपये जमा हैं।
नईदिल्ली,05 जुलाई । भारत की आयातित पेट्रोलियम पदार्थों पर बढ़ती निर्भरता को घटाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने आम बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों को विभिन्न तरह से प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। इनमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लिए गये कर्ज पर डेढ़ लाख रूपये तक के ब्याज पर अतिरिक्त आयकर कटौती का प्रस्ताव शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लोकसभा में पेश आम बजट में इन उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘ हम ऐसे भारत की परिकल्पना करते हैं कि जो इलेक्ट्रिक वाहन में वैश्विक निर्माण केन्द्र बने।’’ उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक वाहनों की खरीद के लिए कर्ज की ब्याज अदायगी पर डेढ़ लाख रूपये तक के अतरिक्ति आयकर कटौती का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने देश में पेट्रोल एवं डीजल पर लागने वाले उपकर में एक-एक रूपये प्रति लीटर की वृद्धि की है। पेट्रोलियम उत्पादों के बढ़ते आयात को हतोत्साहित करने के परोक्ष उद्येश्य से ये कदम उठाए गए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत में अप्रैल मार्च 2018-19 के दौरान तेल आयात 140.47 अरब अमेरिकी डालर (9,83,147.76 करोड़ रूपये) था, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 108.66 अरब अमेरिकी डालर (7,00320.81 करोड़ रूपये) था। डालर के लिहाज से तेल आयात में 29.27 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।