नई दिल्ली ,27 जुलाई । रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि करंसी पॉलिसी को बनाए रखना किसी एक देश की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका जैसे किसी एक देश द्वारा दूसरे देश पर एक्सचेंज रेट में साठगांठ करने का आरोप लगाना आधिपत्य जमाने जैसा दिखाई देता है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत और चीन पर करंसी एक्सचेंज रेट को मजबूत बनाए रखने के लिए साठगांठ करने का आरोप लगाते रहे हैं। ट्रंप तो यहां तक भी कहते रहे हैं कि रिजर्व बैंक का बाजार से डॉलर की खरीदारी करना एक्सचेंज रेट को एक स्तर पर बनाए रखना जैसा करतब है।
नई दिल्ली में आईएमएफ पर केंद्रित एक किताब के विमोचन के मौके पर आरबीआई गवर्नर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार में नरमी को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच दुनियाभर में नरमी के प्रभावों को कम करने के लिए मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों में करीबी समन्वय का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में दुनियाभर में वित्तीय क्षेत्र में सहयोग घटा है। दास ने दुनिया के विकसित देशों में कम ब्याज दर की दशकों पुरानी नीति को भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौती बताया।
अहमदाबाद ,27 जुलाई । केंद्रीय वित्त मंत्री के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (सीईए) ने शुक्रवार को वर्ष 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर वाली विशाल अर्थव्यवस्था बनने का भरोसा जताते हुए कहा कि यह उच्च लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त करने योग्य है।
उनका यह बयान लगातार घटते वृद्धि के आंकड़ों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहराते संकटों के बीच आया है। इन संकटों में चेतावनी दी गई है कि 2008 में अमेरिका में सब-प्राइम संकट के कारण आई मंदी की तुलना में दुनिया कहीं अधिक गहरी मंदी का शिकार हो सकती है।
यह बयान ऐसे समय में भी आया है जबकि कॉर्पोरेट बिक्री और लाभ कम हो रहे हैं और इसकी छाया बैंकिंग क्षेत्र में गहराते संकट में भी दिखती है। सीईए ने कहा, 2025 के लिए 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त करने योग्य है। उन्होंने इस सिद्धांत में विश्वास व्यक्त किया है कि अगर लक्ष्य को 10 से 15 फीसदी बढ़ा दिया जाए तो इससे अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में मदद मिलती है।
नई दिल्ली,27 जुलाई । कारोबार शुरू करने के महज तीन साल के भीतर ही रिलायंस जियो 33.13 करोड़ ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बन गई है। जियो ने इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी वोडाफोन आइडिया को पछाडक़र यह मुकाम हासिल किया है, जिसने शुक्रवार को बताया कि जून 2019 में उसके ग्राहकों की तादाद घटकर 32 करोड़ रही।
पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा जारी वित्तीय नतीजों के मुताबिक, उसकी सहायक कंपनी रिलायंस जियो के ग्राहकों की तादाद जून 2019 में 33.13 करोड़ रही।
ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली दूरसंचार कंपनी जियो मई में 32.29 करोड़ ग्राहकों तथा 27.80 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ एयरटेल को पछाडक़र देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई थी। उस वक्त एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 32.038 करोड़ और बाजार हिस्सेदारी 27.6 फीसदी थी।
वोडाफोन आइडिया ने शुक्रवार को बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में उसके ग्राहकों की संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई, जो मार्च तिमाही में 33.41 करोड़ पर थी।
वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा, पिछली तिमाहियों में सर्विस वैलिडिटी वॉचर्स लाने की वजह से हमारे ग्राहकों की संख्या घटकर 32 करोड़ रह गई है, जो वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में 33.41 करोड़ थी। वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्यूलर के आपस में विलय के बाद वोडाफोन आइडिया 40 करोड़ ग्राहकों के साथ सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता बनकर उभरी थी।
नईदिल्ली,27 जुलाई । अगर भी रेलवे में सफर करते हैं तो आपको बता दें कि भारतीय रेलवे अपने यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी लाया है। जी हां, दरअसल दिन प्रतिदिन बढ़ती टेक्नोलॉजी के ट्रेंड को देखते हुए आईआरसीटीसी ने स्टेशन पर एक खास तरह की वेडिंग मशीन की सुविधा पेश की है। आपको बता दें कि इस वेडिंग मशीन से यात्री 5 मिनट में पिज़्ज़ा ले सकेंगे। दरअसल आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर बताया कि कई स्टेशन पर पिज़्ज़ा की ऑटोमैटिक वेंडिग मशीन लगाई है। मालूम हो कि ये मशीन पिज़्ज़ा का बेस बनाकर टॉपिंग लगाकर बेक करने में सक्षम है।
बता दें कि वेडिंग मशीन से लोगों का काम आसान हो जाता है। दरअसल टेक्नोलॉजी के ज़रिए एक मशीन इंसानों की तरह आपका सारा काम कर देती है। आपको बता दें कि आईआरसीटीसी ने इस ट्वीट में मुंबई सेंट्रल का जि़क्र किया है, जहां ये मशीन लगा दी गई है। मालूम हो कि अब यात्री स्टेशन पर गरम-गरम पिज़्जा का लुत्फ उठा सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि आईआरसीटीसी ने वीडियो के ज़रिए वेंडिग मशीन इस्तेमाल करने का प्रोसेस भी बताया है। बता दें कि पिज़्ज़ा लेने के लिए सबसे पहले मशीन में पैसे डालने होंगे। अब इसके बाद अपना पसंदीदा पिज़्जा सेलेक्ट करते ही 5 मिनट में पिज़्ज़ा मिल जाएगा। मालूम हो कि दी गई जानकारी के मुताबिक मुंबई इंडिया का पहला ऐसा रेलवे स्टेशन है, जिसपर पिज़्ज़ा वेडिंग मशीन इंस्टॉल की गई है।
नईदिल्ली,27 जुलाई । तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल के दाम में शनिवार को लगातार तीसरे दिन कटौती की, लेकिन डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं किया। लगातार दो दिनों से डीजल के दाम में बदलाव नहीं हुआ है। उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में फिर नरमी रहने से पेट्रोल और डीजल के दाम में और राहत मिलने की संभावना बनी हुई है। तेल विपणन कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल के भाव में दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पांच पैसे जबकि कोलकाता में दो पैसे प्रति लीटर की कटौती की। नई कटौती के बाद देश की राजधानी दिल्ली में तीन दिनों में पेट्रोल 17 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है।
इंडियन ऑयल की बेवसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 73.24 रुपये, 75.81 रुपये, 78.85 रुपये और 76.06 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। हालांकि, चारों महानगरों में डीजल के दाम पूर्ववत क्रमश: 66.18 रुपये, 68.29 रुपये और 69.36 रुपये और 69.90 रुपये प्रति लीटर बन हुए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को कच्चे तेल के भाव में कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ, लेकिन मांग में कमी के कारण कीमतों पर दबाव दिखा। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड पिछले सत्र के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ 63.30 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि तेल के भाव में आगे नरमी की संभावना बनी हुई है जिससे आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के भाव में और राहत मिल सकती है।
गुप्ता ने कहा, ककबीते कारोबारी सत्र में हमने देखा कि कच्चे तेल के लिए सारे तेजी के कारक मौजूद होने के बावजूद तेल का भाव सीमित दायरे में रहा। ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर को नहीं तोड़ पाया। इसकी बड़ी वजह यह है कि तेल की वैश्विक मांग कमजोर रहने से लगातार कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
न्यूयॉर्क ,25 जुलाई । बोइंग को किसी भी एक तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है। कंपनी को 737 मैक्स विमानों को तकनीकी गड़बड़ी के कारण परिचालन सेवाओं से बाहर किए जाने के कारण यह घाटा हुआ है। कंपनी ने चेतावनी दी है कि अगर यह लंबे समय तक चला तो कंपनी को इन विमानों का उत्पादन निलंबित करना पड़ सकता है। बोइंग ने अप्रैल-जून तिमाही में 2.9 अरब डॉलर के घाटे की सूचना दी है। कंपनी को हालांकि, पिछले साल की इसी तिमाही में 2.2 अरब डॉलर का लाभ फायदा हुआ था। मैक्स विमानों से जुड़ी दो भीषण दुर्घटनाओं के बाद विश्वभर में इन विमानों को परिचालन सेवाओं से बाहर कर दिया गया है। इसके बाद से ही दिग्गज विमानन कंपनी मुश्किलों का सामना कर रही है क्योंकि उसे ग्राहकों को मुआवजा देने के लिए पांच अरब डॉलर की राशि अलग रखनी पड़ी है। दूसरी ओर, 737 मैक्स विमानों की डिलिवरी रूकने से कंपनी का राजस्व भी आलोच्य तिमाही में 35.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15.8 अरब डॉलर पर आ गया। कंपनी ने देरी के लिये इंजन की समस्या पर दोष मढ़ा है। ये इंजन जनरल इलेक्ट्रिक द्वारा बनाये गये हैं।