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अब नए वाहनों के पार्ट्स में होगा क्यूआर कोड
Posted Date : 30-Jul-2019 11:08:21 am

अब नए वाहनों के पार्ट्स में होगा क्यूआर कोड

नईदिल्ली,30 जुलाई । लोग अपने वाहनों को लेकर काफी चिंतित रहते हैं कि उनके वाहन को कोई कुछ कर न दें या कोई खरोच न लगा दे। सबसे ज्यादा डर तो वाहन की चोरी का होता है। दिन-प्रतिदिन वाहनों की चोरी बढ़ती जा रही है। कई बार चोर वाहन को तो छोड़ देते हैं लेकिन उसके सभी पार्ट्स चोरी कर लेते हैं। ऐसे में सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जिससे चोरी के मामलों में कमी लाई जा सके। ऐसा अक्तूबर से होना शुरू हो जाएगा। दरअसल अब अक्तूबर के बाद जो भी वाहन बनेंगे उनके प्रमुख पार्ट्स में क्यूआर कोड जरूरी हो जाएगा। इसे लेकर केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय सितंबर में सभी वाहन निर्माताओं को निर्देश जारी करेगा।
सामान्य तौर पर ये कोड दिखाई नहीं देगा। लेकिन इसे अल्ट्रावॉलेट किरणों की मदद से देखा और जांचा जा सकेगा। इससे फायदा ये होगा कि वाहन की पहचान उसके मालिक से की जा सकेगी।
देश में प्रतिवर्ष 2.5 लाख से अधिक वाहनों की चोरी होती है। ऐसे में अगर इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से एक वाहन का पार्ट चोरी करके उसे दूसरे वाहन में डाला जाएगा, तो चोरी पकड़ ली जाएगी। इससे वाहनों के पार्ट्स की चोरी को खत्म किया जा सकेगा।
वर्तमान में इंजन और चेसिस के अलावा अन्य पार्टस की पहचान नहीं की जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यही दो पार्ट्स ऐसे हैं, जिनमें नंबर दर्ज होते हैं। इस नियम के लागू होने के बाद से वाहनों के महंगे पार्ट्स पर निर्माता क्यूआर कोड प्रिंट करेंगे। जिसमें इंजन और चेसिस का नंबर भी दर्ज होगा। बता दें किसी भी वाहन की बिक्री के बाद रजिस्टर्ड करते वक्त वाहन मालिक के साथ-साथ चेसिस और इंजन नंबर भी दर्ज किया जाता है।

तीन लाख कर्मचारियों की छटनी करेगा रेलवे
Posted Date : 30-Jul-2019 11:07:28 am

तीन लाख कर्मचारियों की छटनी करेगा रेलवे

नईदिल्ली,30 जुलाई । कामचोरी करने वाले कर्मचारियों की छंटनी के लिए भारतीय रेलवे ने जोनल ऑफिसों से ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करने को कहा है। रेलवे मिनिस्ट्री के एक सूत्र के मुताबिक एक निर्देश जारीकिया गया जिसमें ऐसे लोगों की लिस्ट बनाने के लिए कहा गया है जो कि 55 साल की उम्र पार कर चुके हैं या 2020 की पहली तिमाही तक रेलवे में उनकी नौकरी के 30 साल पूरे हो गए हैं।
रेलवे बोर्ड ने जोनल ऑफिसों को जो पत्र भेजा है, उसके अनुसार, ज़ोनल रेलवेज से गुजारिश की गई है कि वे अपने स्टाफ का एक सर्विस रिकॉर्ड तैयार करें, जिसके साथ उनका प्रोफार्मा संलग्न किया हुआ हो। इस रिकॉर्ड में उन कर्मचारियों को शामिल किया जाए जो अपनी 55 साल की उम्र पार कर चुके हों या 2020 की पहली तिमाही तक रेलवे में 30 साल नौकरी कर पेंशन पाने के योग्य हो चुके हों। पत्र में कहा गया है कि इन दोनों ही क्राइटेरिया में आने वाले लोगों की एक लिस्ट तैयार की जाए। 2020 की पहली तिमाही का मतलब पत्र में साफ करते हुए इसे जनवरी से मार्च, 2020 बताया गया है।
रेलवे का यह पत्र 27 जुलाई को जारी किया गया है क्योंकि इसमें यही तारीख पड़ी हुई है। साथ ही इसमें रेलवे बोर्ड ने जोनल ऑफिसों के लिए लिस्ट भेजने की आखिरी तारीख 9 अगस्त तय की है।
रेलवे से जुड़े एक सूत्र ने बताया है यह एक समय-समय पर किया जाने वाला रिव्यू है जिसके जरिए उन कर्मचारियों की पहचान की जाती है जो ठीक से काम नहीं कर रहे होते और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें समय से पहले रिटायर किया जाता है। यह सरकार इस तरह की कार्रवाईयों को लेकर काफी सीरियस है।
जोनल रेलवे अफसरों से कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक फिटनेस, उनकी अटेंडेंस और अनुशासन के बारे में जानकारियां मांगीं गई हैं। इसके अलावा एक और सेक्शन है, जिसमें पूछा गया है कि कर्मचारी का संसाधनों के खर्च को लेकर क्या रवैया है। वह पत्र-व्यवहार/ मेल आदि कर पाता है या नहीं और उसके व्यवहार का भी मूल्यांकन किया जाना है।

पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने आईएफसी से जुटाए 10 करोड़ डॉलर
Posted Date : 29-Jul-2019 12:26:31 pm

पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने आईएफसी से जुटाए 10 करोड़ डॉलर

नईदिल्ली,29 जुलाई । पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड ने विश्वबैंक समूह के सदस्य अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) से 10 करोड़ डॉलर की राशि जुटायी है। कंपनी इसका उपयोग सस्ते आवास की परियोजनाओं के लिए ऋण देने में करेगी।कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को बताया कि कंपनी में यह निवेश भारतीय रिजर्व बैंक की संशोधित विदेशी वाणिज्यिक ऋण (ईसीबी) रूपरेखा के तहत स्वत: मंजूरी मार्ग से किया गया है। कंपनी के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने कहा कि रिजर्व बैंक की स्वत: मंजूरी व्यवस्था के तहत चालू वित्त वर्ष में यह पहला ईसीबी निवेश है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने स्वत: मंजूरी मार्ग से ईसीबी के द्वारा सालाना 75 करोड़ डॉलर जुटाने की अनुमति दी हुई है।

ऐंड्रॉयड ऐप्स चुरा सकते हैं आपका निजी डेटा, रखें सुरक्षित
Posted Date : 29-Jul-2019 12:26:16 pm

ऐंड्रॉयड ऐप्स चुरा सकते हैं आपका निजी डेटा, रखें सुरक्षित

नईदिल्ली,29 जुलाई । देश में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले हर पांच में से चार लोग एंड्रॉयड फोनों का इस्तेमाल करते हैं। ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं। इनमें हमसे जुड़ा काफी निजी डेटा स्टोर होता है। इसलिए इनकी सुरक्षा भी जरूरी है। मौजूदा समय में यूजर्स के पर्सनल डेटा की सिक्यॉरिटी पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। अक्सर ही ऐप्स के हैक होने की खबरें आती रहती हैं। यूजर्स के पर्सनल डेटा में सेंध लगाने के लिए फेसबुक जैसे ऐप को भी निशाना बनाया जाता है। इसी की वजह से आप की सर्च हिस्ट्री के आधार पर आपको ऐड दिखाई देते हैं। सर्च इंजन गूगल ने डिवेलपर्स कॉन्फ्रेंस आई/ओ 2019 में अपडेटेड प्रीवेसी और सिक्यॉरिटी पॉलिसी की घोषणा की थी। गूगल जल्द ऐंड्रॉयड का अपडेटेड वर्जन ऐंड्रॉयड आई/ओ लॉन्च करेगा। अगर आप भी अपनी प्रिवेसी के बारे में चिंतित हैं तो कुछ टिप्स के जरिए आप अपने डेटा को सिक्यॉर रख सकते हैं।
ऐप्स को न दें सारी पर्मिशन
कभी कभी ऐसा देखा जाता है कि कुछ ऐप्स आपसे ऐसी पर्मिशन मांगते हैं जिससे उनके फंक्शन करने का कोई संबंध नहीं है। जैसे कई वेदर यानी मौसम से जुड़े ऐप्स आपसे कॉल और कैमरे का एक्सेस मांगते हैं जबकि वेदर ऐप को फंक्शन करने के लिए आपकी लोकेशन और इंटरनेट कनेक्टिविटी के अलावा किसी पर्मिशन की जरूरत नहीं होती। इसी तरह अगर कोई गेमिंग ऐप माइक्रोफोन का एक्सेस मांगता है तो इसका मतलब है कि ऐप आपकी निजी बातें सुन सकता है। तो अगर कोई ऐप आपसे ऐसी पर्मिशन मांगता है जो आपको सही न लगे तो पर्मिशन को डिनाई कर दें। इसके बाद अगर ऐप ठीक से काम नहीं करता है तो कोई विकल्प के तौर पर कोई दूसरा ऐप डाउनलोड करें।

चार दिनों में दिल्ली में 27 पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल का दाम स्थिर
Posted Date : 28-Jul-2019 1:38:31 pm

चार दिनों में दिल्ली में 27 पैसे लीटर सस्ता हुआ पेट्रोल, डीजल का दाम स्थिर

नईदिल्ली,28 जुलाई । पेट्रोल के दाम में गिरावट का सिलसिला रविवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा। तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में 10 पैसे जबकि कोलकाता में छह पैसे प्रति लीटर की कटौती की है। चार दिनों में देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 27 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश: 73.14 रुपये, 75.75 रुपये, 78.75 रुपये और 75.96 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। हालांकि, चारों महानगरों में डीजल के दाम पूर्ववत क्रमश: 66.18 रुपये, 68.29 रुपये और 69.36 रुपये और 69.90 रुपये प्रति लीटर बन हुए हैं।
बाजार विश्लेषक बताते हैं कि कच्चे तेल के भाव में बहरहाल तेजी की संभावना कम है क्योंकि मांग कमजोर है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा, तेल की वैश्विक मांग कमजोर होने के कारण कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है, जैसा कि पिछले सप्ताह हमने देखा कि सारे तेजी के कारक मौजूद होने के बावजूद कच्चे तेल का भाव सीमित दायरे में रहा। ब्रेंट क्रूड 65 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर को नहीं तोड़ पाया।
उन्होंने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में जारी तनाव और अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में कमी आने से कीमतों में तेजी दिखनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि ट्रेड वार के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार सुस्त पड़ गई है जिसके कारण तेल की मांग कमजोर है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार को कच्चे तेल के भाव में कोई ज्यादा बदलाव नहीं हुआ, लेकिन मांग में कमी के कारण कीमतों पर दबाव दिखा। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड पिछले सत्र के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ 63.30 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।  

इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं ने जीएसटी में कमी का स्वागत किया
Posted Date : 27-Jul-2019 12:10:39 pm

इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं ने जीएसटी में कमी का स्वागत किया

नईदिल्ली,27 जुलाई । इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं के मंच ‘सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्कि वीकल्स (एसएमईवी)’ ने ऐसे वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटा कर पांच प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है और इसे पर्यावरण अनुकूल आवागमन के साधनों को बढ़ाने की सरकार की नीति के अनुरूप बताया है। एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी कर घटाने की मांग की है। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा तथा लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपेक्षाकृत तेजी से अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि, ‘‘पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक वाहन को प्रोत्साहित करने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है। जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक कदम है।’’ उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में सात प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं। इससे विद्युत चालित और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम ईंधन चालित वाहनों के बीच का अंतर कम होगा। उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी पर शुल्क में कमी का यह कदम ‘‘राष्ट्रीय विद्युत वाहन नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है।’’ उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी शुल्क घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया। यह फैसला एक अगस्त से प्रभावी होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। अधिकार प्राप्त जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।