व्यापार

त्योहारी मांग बढऩे से चने में आई तेजी
Posted Date : 21-Sep-2019 2:26:49 pm

त्योहारी मांग बढऩे से चने में आई तेजी

नई दिल्ली ,21 सितंबर ।  त्योहारी मांग बढऩे से चने में फिर तेजी लौटी है और आने वाले दिनों में चने के भाव में और तेजी बढऩे के आसार हैं। वहीं, देशभर में पिछले दिनों हुई बरसात से सब्जियों की फसल खराब होने से दालों की खपत बढ़ गई है, जिससे चने के भाव को सपोर्ट मिल रहा है।
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि इन दिनों सब्जी का भाव ज्यादा है, इसलिए दाल की खपत ज्यादा हो गई है। देश की प्रमुख सब्जी मंडी आजादपुर में शुक्रवार को आलू, टमाटर, प्याज समेत तमाम हरी सब्जियों के दाम में वृद्धि दर्ज की गई।
कारोबारियों ने बताया कि चने की तेजी को मटर से भी सपोर्ट मिल रहा है क्योंकि मटर का भाव ऊंचा होने से बेसन में मटर की जगह चने की मांग बढ़ गई है। दिल्ली की लारेंस रोड मंडी के एक चना कारोबारी ने कहा कि बेसन की त्योहारी मांग के मद्देजनर चने में मिलों की लिवाली निकली है।
चने की हाजिर मांग बढऩे से शुक्रवार को कृषि उत्पादों का देश का सबसे बड़ा वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर चने का अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 24 रुपये की तेजी के साथ 4,065रुपये प्रति च्ंिटल पर बंद हुआ जबकि इससे पहले भाव 4,070 रुपये प्रति च्ंि टल तक उछला। एनसीडीएक्स पर चने में लगातार दूसरे दिन तेजी रही।
लारेंस रोड मंडी में शुक्रवार को राजस्थान लाइन चने का भाव 4,300 रुपये और मध्यप्रदेश लाइन चने का भाव 4,250 रुपये प्रतिच्ंिटल था। इससे एक दिन पहले दिल्ली में चने के दाम में 75 रुपये प्रतिच्ंिटल की तेजी दर्ज की गई थी और वायदे में भी 66 रुपये की बढ़त दर्ज की गई।
चना कारोबारी सुरेश खंडेलवाल ने बताया कि चने में मौजूदा भाव पर लिवाली तेज हो गई और त्योहारी सीजन में लिवाली मजबूत रहने की उम्मीद है।
दलहन बाजार विशेषज्ञ मुंबई के अमित शुक्ला ने बताया कि मटर का भाव ऊंचा होने के कारण चने की मांग को सपोर्ट मिल रहा है क्योंकि बेसन के लिए मटर की जगह चने का इस्तेमाल ज्यादा होने लगा है। मुंबई में कनाडा से आयातित मटर का भाव 5,100 रुपये प्रति च्ंिटल और यूक्रेन मटर 5,000 रुपये प्रतिच्ंिटल है।
शुक्ला ने कहा कि मटर और चना के भाव में 1,000 रुपये प्रतिच्ंि टल से ज्यादा का अंतर है इसलिए बेसन ही नहीं दाल में भी चने की मांग बनी हुई है।

एलआईसी को एनएसई में घटाना होगा 5 प्रतिशत स्टेक
Posted Date : 20-Sep-2019 12:37:48 pm

एलआईसी को एनएसई में घटाना होगा 5 प्रतिशत स्टेक

मुंबई ,20 सितंबर। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन  को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी हृस्श्व में अपना स्टेक मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक 5 प्रतिशत घटाना होगा। इस मामले के जानकार दो सूत्रों ने ईटी को बताया कि मार्केट रेगुलेटर सेबी ने पब्लिक सेक्टर की इंश्योरेंस कंपनी को यह निर्देश दिया है। सेबी ने एक्सचेंज में इंश्योरेंस कंपनी के पांच पर्सेंट वोटिंग राइट्स को फ्रीज भी कर दिया है। बैंक एनएसई का शेयरहोल्डर होने के साथ ही उसका ट्रेडिंग मेंबर भी है। सेबी के रूल्स के मुताबिक किसी स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग और असोसिएट मेंबर्स का टोटल इन्वेस्टमेंट और वोटिंग राइट्स 49त्न से ज्यादा नहीं हो सकता। पिछले साल तक एनएसई में स्ट्रैटिजिक इन्वेस्टर मानी जाती थी, इसलिए यह रूल उस पर लागू नहीं होता था। हालांकि  बैंक को खरीदने के बाद को ट्रेडिंग और असोसिएट मेंबर कैटिगरी में डाल दिया गया है। बैंक में रुढ्ढष्ट के स्टेक का वर्ग बदलने से ट्रेडिंग मेंबर्स की मैक्सिमम शेयरहोल्डिंग लिमिट तय सीमा से 4.9 प्रतिशत ज्यादा हो गई। इस पर सेबी ने से स्टॉक एक्सचेंज में अपना स्टेक घटाने के लिए कहा। जून में हृस्श्व के शेयरहोल्डिंग डेटा के मुताबिक, फिलहाल  में 12.5त्न स्टेक के साथ उसकी सबसे बड़ी शेयरहोल्डर है, जबकि बैंक के पास इसमें 1 प्रतिशत से थोड़ा ज्यादा स्टेक है।
लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि सेबी ने यह कदम लीगल प्रोविजंस के हिसाब से उठाया है। उनके मुताबिक, हालांकि रेगुलेशन का मकसद एक्सेचेंजों में ब्रोकर्स/ट्रेडिंग मेंबर्स के प्रभाव को सीमित करना था। तकनीकी तौर पर स्ट्रैटेजिक इनवेस्टर है, जिसका हृस्श्व सहित कई दर्जन कंपनियों में स्टेक है। ऐसे में इंश्योरेंस कंपनी को इस पाबंदी से छूट दी जानी चाहिए।

आर्थिक नरमी मानवनिर्मित, अब सरकारों के कदम उठाने की बारी : लगार्ड
Posted Date : 20-Sep-2019 12:37:25 pm

आर्थिक नरमी मानवनिर्मित, अब सरकारों के कदम उठाने की बारी : लगार्ड

वाशिंगटन ,20 सितंबर। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की पूर्व प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में जारी नरमी को मानवनिर्मित करार दिया और कहा कि इसे मानव ही सही भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रेक्जिट तथा व्यापार तनाव जैसी समस्याएं हमने खुद ही बनायी हैं और हम इसे ठीक भी कर सकते हैं। लगार्ड ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर को कमजोर बताते हुए कहा कि इसके इर्द-गिर्द जोखिम बना हुआ है। उन्होंने नीति निर्माताओं से मानवनिर्मित व्यवधान करने की अपील की। आईएमएफ की पूर्व प्रमुख की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने इस साल के लिये वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 3.20 प्रतिशत से घटाकर 2.90 प्रतिशत कर दिया है। यह 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट के शुरू होने के बाद की सबसे धीमी दर है। ओईसीडी ने यह भी कहा कि व्यापार तनाव से वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर को नुकसान रहा है। लगार्ड ने कहा कि आर्थिक संकट को मंदी बन जाने से रोकने के लिये केंद्रीय बैंकों ने बहुत काम किया है। अब सरकारों की बारी है कि वे कदम उठायें। लगार्ड आईएमएफ की पहली महिला प्रमुख रही हैं। वह यूरोपीय केंद्रीय बैंक की भी पहली महिला प्रमुख बनने वाली हैं। नयी जिम्मेदारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका ध्यान स्थिरता और रोजगार सृजन पर रहेगा। वह ऐसे समय यूरोपीय केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी संभालने जा रही हैं जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संस्थान पर जानबूझकर यूरो का अवमूल्यन करने का आरोप लगा रहे हैं।

जीएसटी काउंसिल की बैठक: क्या मिलेगा रेट कट का तोहफा, मिलेगी सुस्त इकॉनमी को रफ्तार
Posted Date : 20-Sep-2019 12:36:45 pm

जीएसटी काउंसिल की बैठक: क्या मिलेगा रेट कट का तोहफा, मिलेगी सुस्त इकॉनमी को रफ्तार

नई दिल्ली ,20 सितंबर। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल आज कई मुद्दों पर विचार करेगी। काउंसिल की बैठक गोवा में होगी, जिसमें सुस्त हो रही अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने के लिए कई आइटमों पर टैक्स कट का ऐलान किया जा सकता है। इस बैठक का मुख्य अजेंडा क्या है और किन चीजों पर रेट कट मिलने की संभावनाएं हैं। बैठक में होगी इन मुद्दों पर चर्चा
यह काउंसिल की 37वीं बैठक होगी, जिसमें 15वें वित्त आयोग से राय ली जाएगी और रेवेन्यू की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, लॉ कमिटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और कई मदों पर रेट कट का ऐलान किया जाएगा। फर्जी इनवॉइस और रिफंड के बारे में चर्चा होगी। बैठक में नए रिटर्न सिस्टम, इंटीग्रेटेड रिफंड सिस्टम, इलेक्टॉनिक इनवॉइस, त्रस्ञ्ज रजिस्ट्रेशन की आधार के साथ लिंकिंग, जम्मू कश्मीर और लद्दाक के नए केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद जीएसटी कानून में बदलाव आदि पर विचार होगा।

त्योहारों से पहले सरकार ने कंपनियों को दिया तोहफा, कॉर्पोरेट टैक्स घटाया, शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल
Posted Date : 20-Sep-2019 12:36:22 pm

त्योहारों से पहले सरकार ने कंपनियों को दिया तोहफा, कॉर्पोरेट टैक्स घटाया, शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल

नई दिल्ली ,20 सितंबर। जीएसटी काउंसिल की गोवा में होने वाली बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कीं। इस दौरान उन्होंने कंपनी और कारोबारियों को राहत देते हुए कॉरपोरेट टैक्स घटाने का ऐलान किया। निर्मला सीतारमण ने बताया कि टैक्स घटाने का अध्यादेश पास हो चुका है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने के लिए आईटी एक्ट में नए प्रावधान को जोड़ा गया है, जो सुनिश्चित करेगा कि कोई भी नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 1 अक्टूबर 2019 या उसके बाद हुआ हो और जो नए सिरे से निवेश कर रही हो वो 15 फीसदी के दर से आयकर का भुगतान करेगी।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को बड़ी राहत दी है। निर्मला सीतारमण ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती कर दी है। कंपनियों के लिए नया कॉर्पोरेट टैक्स 25.17 फीसदी तय किया गया है। इसके अलावा कंपनियों को कोई और टैक्स नहीं देना होगा। कैपिटल गेन पर सरचार्ज खत्म हो गया है। वित्त मंत्री के एलान के बाद शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला।
इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अध्यादेश लाकर घरेलू कंपनियों, नयी स्थानीय विनिर्माण कंपनियों के लिये कॉर्पोरेट कर कम करने का प्रस्ताव दिया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि कोई घरेलू कंपनी किसी प्रोत्साहन का लाभ नहीं लेती है, तो उसके पास 22 फीसदी की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प होगा।
जो कंपनियां 22 फीसदी की दर से आयकर भुगतान करने का विकल्प चुन रही हैं, उन्हें न्यूनतम वैकल्पिक कर का भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 25.17 फीसदी होगी।
सीतारमण ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद बनी नयी घरेलू विनिर्माण कंपनियां बिना किसी प्रोत्साहन के 15 फीसदी की दर से आयकर भुगतान कर सकती हैं। नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत प्रभावी दर 17.01 फीसदी होगी।
शेयर बाजार में हुई जबरदस्त उछाल
कारोबार सत्र के दौरान करीब 11.52 बजे शेयर बाजार ने पिछले तेजी के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान बना दिया। इस समय सेंसेक्स 1866.59 अंक की जबरदस्त तेजी के साथ 37960.06 के स्तर पर पहुंच गया। इसी समय निफ्टी में भी रिकॉर्ड बढोतरी देखी गई और यह 528.3 अंक की तेजी के साथ 11233.10 के स्तर पर पहुंच गया।

कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में देगी 7,000 लोगों को नौकरी
Posted Date : 19-Sep-2019 3:32:48 pm

कोल इंडिया चालू वित्त वर्ष में देगी 7,000 लोगों को नौकरी

कोलकाता ,19 सितंबर ।  सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड चालू वित्त वर्ष में 7,000 लोगों को नौकरी पर रखेगी। यह आम तौर पर हर साल 6,000 लोगों को नौकरी पर रखे जाने से 17 प्रतिशत अधिक है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में आधुनिक, स्वचालित और पर्यावरण अनुकूल खनन गतिविधियों के चलते कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि कोल इंडिया पदोन्नति के माध्यम से अपने कार्यकारी काडर में भी 2,000 लोगों को जोडऩे की प्रक्रिया में है। गैर-कार्यकारियों की पदोन्नति से जुड़ी अधिकतर कानूनी बाधाएं खत्म कर दी गयी हैं। कोल इंडिया एक धारक कंपनी है। इसकी आठ अनुषंगिया हैं। यह प्रति वर्ष औसतन 1,000 अधिकारियों की नियुक्ति करती है लेकिन चालू वित्त वर्ष में कंपनी की योजना इसे दोगुना कर 2,000 लोगों को नियुक्त करने की है। अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने इस साल औसतन 1,000 अधिकारियों की नियुक्ति के बजाय 2,000 नए अधिकारियों की भर्ती करने का फैसला किया है। इसमें से करीब 400 लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा कंपनी की योजना कंपनी के भीतर ही अतिरिक्त 2,000 लोगों को पदोन्नत कर उन्हें कार्यकारी काडर में शामिल करने की भी है। गैर-कार्यकारी लोगों की नियुक्ति कंपनी की अनुषंगिया सीधे करती हैं। यह नियुक्तियां पिछले तीन साल से प्रतिवर्ष लगभग 5,000 बनी हुई हैं। अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष भी औसतन 5,000 गैर-कार्यकारी लोगों की भर्तियां की जाएंगी।