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स्पेशल ट्रेन का सफर अब होगा ज्यादा महंगा
Posted Date : 30-Nov-2020 11:47:00 am

स्पेशल ट्रेन का सफर अब होगा ज्यादा महंगा

नई दिल्ली। कोरोना काल में देश में रेग्युलर ट्रेनों का परिचालन बंद है। ऐसे में यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्पेशन ट्रेनें चला रहा है। अब इन ट्रेनों की सेवा और महंगी होने जा रही है। एक राष्ट्रीय दैनिक में छपी खबर के मुताबिक इन ट्रेनों में सफर करने वालों से स्पेशल चार्ज तो लिया ही जा रहा है और अब किलोमीटर रेस्ट्रिक्शन चार्ज की वसूली भी होने लगी है। लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्री बीच के जिस भी स्टेशन पर उतरें, लेकिन उन्हें 500 किमी तक का किराया देना ही होगा।
रेलवे अधिकारियों की मानें तो अगर कोई भी यात्री राजेंद्र नगर हावड़ा स्पेशल से एसी थर्ड में राजेन्द्र नगर टर्मिनल से क्यूल, झाझा या जसीडीह में किसी भी स्टेशन तक जाना चाह रहे हों तो टिकट उसी स्टेशन का दिया जाएगा परंतु किराया हावड़ा तक का देना होगा। स्पेशल ट्रेनों के लिए कम से कम 500 किमी का किराया अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में पाटलीपुत्र लखनऊ स्पेशल ट्रेन से अगर कोई यात्री गोरखपुर या छपरा जाना चाहेगा तो उसे एसी थ्री में 500 किमी तक का किराया देना होगा। कितना होगा स्पेशल चार्ज
पटना जंक्शन से किसी भी स्पेशल ट्रेन से यात्री स्लीपर, एसी थर्ड अथवा एसी सेकंड में दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, इलाहाबाद या बीच के किसी भी स्टेशन तक जाएंगे तो उन्हें कानपुर या लखनऊ तक का किराया देना होगा। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो रेलवे की ओर से स्पेशल किराये को भी श्रेणीवार क्लासीफाई कर दिया गया है। सेकंड क्लास के लिए बेस फेयर का 10 फीसदी और स्लीपर तथा एसी क्लास के लिए अधिकतम 30 फीसदी स्पेशल चार्ज के रूप में लिया जाएगा। इस बारे में पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल किराया लेने का प्रावधान काफी पहले से है। कोरोना काल में रेलवे ट्रेनों और स्टेशनों के रखरखाव पर काफी खर्च कर रहा है। इसके लिए मूल किराये का 10 से 20 फीसदी तक अधिक लेने का प्रावधान है।

किसान आंदोलन का असर : दिल्ली में फलों और सब्जियों की कीमत बढ़ी
Posted Date : 30-Nov-2020 11:46:39 am

किसान आंदोलन का असर : दिल्ली में फलों और सब्जियों की कीमत बढ़ी

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित होने से रविवार को इनकी कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई। खासतौर से आलू और सेब के दाम बढ़ गए हैं। कारोबारियों का कहना है कि आवक घटने के कारण इनकी कीमतों में आगे और इजाफा हो सकता है। कारोबारियों ने बताया कि दिल्ली में इस समय नया आलू हिमाचल प्रदेश और पंजाब से आता है जबकि सेब जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आता है, लेकिन किसान आंदोलन के चलते ट्रकों दिल्ली आने वाले मुख्यमार्ग पर धरना प्रदर्शन के चलते आवक बाधित हो गई है।
दिल्ली में जहां सेब का खुदरा भाव रविवार को रुपये 120 किलो से ऊपर चल रहा था, जबकि दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी में सेब 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा था। इसी प्रकार आलू का भाव जहां 40 रुपये प्रति किलो चल रहा था वहां रविवार को 50 रुपये किलो आलू बिक रहा था। इसी प्रकार, अन्य शाक-सब्जियों के दाम में भी वृद्धि देखी गई। ग्रेटर नोएडा के खुदरा सब्जी विक्रेता पप्पू कुमार ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण बीते दो दिनों से फलों और सब्जियों की आवक घट गई है, इसलिए कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन आगे और जारी रहा तो आलू और सेब के दाम में और इजाफा हो सकता है। आवक में कमी
दिल्ली की आजादपुर मंडी रविवार को बंद रहती है, लेकिन शनिवार मंडी में आलू की आवक सिर्फ 783.5 टन थी, जबकि किसानों का प्रदर्शन शुरू होने से पहले मंगलवार को 1,700 टन से ज्यादा आलू की आवक दर्ज की गई थी। कोराबारियों ने किसानों के आंदोलन के कारण बताया कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से आने वाले फलों और सब्जियों की आवक पर असर पड़ा है। आजादपुर मंडी के कारोबारी व पोटैटो एंड ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने प्रदर्शनकारी किसान नेताओं से फलों और सब्जियों की आपूर्ति बाधित नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रदर्शन के दौरान दूध, फल, सब्जी जैसी रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों की आपूर्ति नहीं रोकी जाती है, लेकिन यहां इनकी आपूर्ति रोकी जा रही है।

तैयार रखें पैसा, जल्द आने वाले हैं कई आईपीओ
Posted Date : 30-Nov-2020 11:46:12 am

तैयार रखें पैसा, जल्द आने वाले हैं कई आईपीओ

नई दिल्ली। शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2020 में 12  के जरिए करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। 2019 के पूरे साल में 16 के जरिये 12,362 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। 2018 में 24 कंपनियों ने से 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस साल यानी 2020 में अबतक कंपनियों ने  से 25,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा क्योंकि बर्गर किंग का 810 करोड़ रुपये का दो दिसंबर को खुलने जा रहा है। आइए नजर डालते हैं आने वाले आईपीओ पर। बर्गर किंग का आईपीओ 2 दिसंबर को खुल रहा है। इसके लिए प्राइस बैंड प्राइस बैंड 59-60 रुपए प्रति शेयर फिक्स किया गया है। इसके जरिए बर्गर किंग की 810 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। कंपनी 450 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर जारी करेगी जबकि प्रमोटर कंपनी क्तस्क्र एशिया प्राइवेट लिमिटेड 6 करोड़ शेयर बेचेगी। बर्गर किंग इस आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल नए रेस्त्रां खोलने और अपने कर्ज के भुगतान में करेगी। इससे पहले बर्गर किंग ने पब्लिक मार्केट इनवेस्टर से 92 करोड़ रुपए जुटाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की रेल टेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. को बाजार नियामक सेबी से आईपीओ के जरिये 700 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी मिल गई है। सेबी के पास जमा दस्तावेज के अनुसार आईपीओ पूरी तरह से बिक्री पेशकश के रूप में होगा। इसके तहत सरकार 8.66 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। कंपनी ने अक्टूबर में आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा किये थे। उसे 6 नवंबर को सेबी से मंजूरी मिल गई। मर्चेन्ट बैंक सूत्रों के अनुसार आईपीओ से 700 करोड़ रुपये जुटाये जाने का अनुमान है। मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रम देश में सबसे बड़ा दूरसंचार ढांचागत सुविधा प्रदाता कंपनियों में से एक है। उसके पास रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिकल फाइबर विशाल नेटवर्क है। कंपनी देश भर में ब्रॉडबैंड दूरसंचार और मल्टीमीडिया नेटवर्क उपलब्ध कराती है। कंपनी का आप्टिकल फाइबर नेटवर्क 30 जून, 2020 की स्थिति के अनुसार 55,000 किलोमीटर से अधिक है और देश के विभिन्न शहरों में 5,677 रेलवे स्टेशन इसके दायरे में आते हैं। मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2018 में रेलटेल कॉरपोरेशन में 25 प्रतिशत तक सरकारी हिस्सेदारी बिक्री के लिए आईपीओ लाने को मंजूरी दी थी। कल्याण ज्वैलर्स इंडिया लिमिटेड को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए करीब 1,750 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी से हरी झंड़ी मिल गई है। कंपनी द्वारा दाखिल रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) के अनुसार आईपीओ के तहत 1,000 करोड़ रुपये तक के नए इच्टिी शेयर जारी करने और 750 करोड़ रुपये मौजूदा शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिए जुटाने की योजना है। कल्याण ज्वैलर्स के प्रवर्तक टी एस कल्याणरमन 250 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचेंगे, जबकि हाईडेल इन्वेस्टमेंट लिमिटेड ओएफएस के जरिए 500 करोड़ रुपये तक के शेयर बेचेगी। कल्याण ज्वैलर्स सोने और अन्य आभूषण उत्पादों की बिक्री करता है। कल्याण ज्वैलर्स ने अगस्त में आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा किए थे और 15 अक्टूबर को उसे इसके लिए बाजार नियामक की तरफ से मंजूरी मिल गई। कृषि जिंसों में कारोबार करने वाले नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज को लाने की अनुमति मिल गयी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड  ने एनसीडीईएक्स को 500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की मंजूरी दी है। एनसीडीईएक्स  के आवेदन दस्तावेजों के मुताबिक इस आईपीओ में कंपनी कुल 100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। इसके अलावा 1.44 करोड़ वर्तमान शेयरों को बिक्री पेशकश के जरिए शेयर बाजारों के मंच पर बेचा जाएगा। सेबी ने 9 अप्रैल को यह एनसीडीईएक्स  के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई थी। कंपनी ने इसके लिए फरवरी में सेबी के पास आवेदन किया था। बीएसई  और एमसीएक्स के बाद यह तीसरी बाजार परिचालक कंपनी है जिसके शेयर बाजार  में लिस्ट किए जाएंगे।

ओमेगा सेकी की इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर, कार्गो वाहन लाने की योजना
Posted Date : 29-Nov-2020 11:45:04 am

ओमेगा सेकी की इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर, कार्गो वाहन लाने की योजना

नयी दिल्ली। ओमेगा सेकी मोबिलिटी की योजना कई इलेक्ट्रिक वाहन लाने की है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। कंपनी का इरादा अगले दो साल में दोपहिया, चार-पहिया कार्गो वाहन और एक ट्रैक्टर सहित कई इलेक्ट्रिक वाहन लाने का है। दिल्ली के एंगलियन ओमेगा समूह की इकाई ओमेगा सेकी की योजना देश के विभिन्न हिस्सों में विनिर्माण कारखाने लगाने की भी है। ओमेगा सेकी के दिल्ली/एनसीआर में कई विनिर्माण संयंत्र हैं। कंपनी की योजना अगले साल के अंत तक देशभर में अपनी डीलरशिप की संख्या 200 तक करने की है। एंगलियन ओमेगा ग्रुप के चेयरमैन उदय नारंग ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी ने इन परियोजनाओं पर शुरुआत में 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी अपनी विस्तार योजनाओं के वित्तपोषण के लिए 1,000 करोड़ रुपये और जुटाने की योजना बना रही है। नारंग ने कहा, ''हम कारखाने लगाएंगे, हम उत्पाद पेश करेंगे, अगले कुछ साल तक हमारा बिना रुके आगे बढऩे का इरादा है।ÓÓ उन्होंने कहा कि कंपनी विभिन्न परियोजनाओं के लिए कई मार्गों से धन जुटाएगी।ÓÓ ओमेगा सेकी मोबिलिीटी के प्रबंध निदेशक देव मुखर्जी ने कहा कि कंपनी अगले साल अप्रैल तक यात्री और ढुलाई खंडों के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया पेश करेगी। वहीं चार-पहिया कार्गो वाहन और ट्रैक्टर 2021 के अंत तक 2022 की शुरुआत में पेश किया जाएगा।

कोरोना काल में आईपीओ का क्रेज, अब तक 12 आईपीओ ने जुटाए 25 हजार करोड़
Posted Date : 29-Nov-2020 11:44:29 am

कोरोना काल में आईपीओ का क्रेज, अब तक 12 आईपीओ ने जुटाए 25 हजार करोड़

नई दिल्ली । लिच्डटी की बेहतर स्थिति तथा निवेशकों की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के चलते कंपनियों ने इस साल अबतक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 2021 में भी ढ्ढक्कह्र बाजार मजबूत रहने की उम्मीद है। समीक्षाधीन अवधि में ढ्ढक्कह्र बाजार की गहराई बढ़ी है और विविध क्षेत्रों की कंपनियां बाजार में उतरी हैं। ब फार्मा, दूरसंचार, आईटी और वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनियां भी ढ्ढक्कह्र बाजार में उतर रही हैं। शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2020 में 12 ढ्ढक्कह्र के जरिये करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। 2019 के पूरे साल में 16 ढ्ढक्कह्र के जरिये 12,362 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। 2018 में 24 कंपनियों ने ढ्ढक्कह्र से 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे। इस साल यानी 2020 में अबतक कंपनियों ने ढ्ढक्कह्र से 25,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा क्योंकि बर्गर किंग का 810 करोड़ रुपये का ढ्ढक्कह्र दो दिसंबर को खुलने जा रहा है। जियोजीत फाइनैंशल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस साल ढ्ढक्कह्र के जरिये पिछले वर्ष की तुलना में अधिक राशि जुटाई गई है। इसकी प्रमुख वजह है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद कंपनियां और खुदरा निवेशक प्राथमिक बाजार को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। इसके अलावा कंपनियां अनिश्चितताओं की वजह से भी अपनी आगे की जरूरतों के लिए पूंजी जुटाना चाहती हैं।

लू से भारत की जीडीपी को लग सकती है 250 अरब डॉलर की चपत
Posted Date : 29-Nov-2020 11:43:33 am

लू से भारत की जीडीपी को लग सकती है 250 अरब डॉलर की चपत

नई दिल्ली। भयंकर लू  देश की इकॉनमी के लिए घातक हो सकती है। ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिंजी (रूष््यद्बठ्ठह्यद्ग4) की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक बाद भारत उन देशों में होगा जहां भयंकर लू के कारण घर से बाहर काम करना जानलेवा होगा। भारत की जीडीपी का 50 फीसदी हिस्सा आउटडोर कामों पर निर्भर है। इनमें कृषि, खनन और कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। इस तरह भारतीय इकॉनमी को 250 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक एशिया में 16 करोड़ से 20 करोड़ लोग ऐसे इलाकों में रह रहे होंगे जहां भयंकर लू चल सकती है। इसके 20 साल बाद यह संख्या 31 से 48 करोड़ पहुंच सकती है। जानलेवा लू तब चलती है जब एवरेज डेली मैक्सिमम वेट-बल्ब टेम्परेचर ऐसे पॉइंट पर पहुंच जाता है जो छाया में आराम कर रहे इंसान को मार सकता है। गर्मी और उमस से बेहाल होंगे लोग
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्लाइमेट मॉडल्स ने यह अनुमान लगाया है कि भारत दुनिया में उन पहली जगहों में शामिल हो सकता है जहां भयंकर गर्मी और उमस होगी। ऐसे में एयर कंडीशनिंग जैसे उपायों के अभाव में बड़ी संख्या में लोग मारे जा सकते हैं। इसका मतलब है कि बाहर काम करना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन ऐसे लोगों का क्या होगा जिनका आउटडोर काम किए बिना गुजारा नहीं है।
रिपोर्ट के लिए रिसर्च में योगदान करने वाले मैकिंजी ऐंड कंपनी के पार्टनर सुवजॉय सेनगुप्ता ने कहा, हम संभावित लू से जन स्वास्थ्य पर पडऩे वाले खतरे से चिंतित हैं। भारत में बड़ी संख्या में रोजगार असंगठित क्षेत्र में और दिहाड़ी आधार पर है। इसलिए यह जरूरी है कि समाज के सबसे कमजोर तबके की सुरक्षा को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाएं।
जीडीपी को 250 अरब डॉलर का नुकसान
इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों पर होगा लेकिन समाज के बाकी तबके भी इसके प्रभाव से अछूते नहीं रहेंगे। सेनगुप्ता ने कहा, च्हमारा अनुमान है कि 2030 तक आउटडोर वर्किंग आवर्स नुकसान बढ़कर 15 फीसदी हो जाएगा। इससे जीडीपी को 150 से 250 अरब डॉलर का नुकसान होगा। 2050 तक इसमें और बढ़ोतरी होगी।