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उम्मीद : 2025 में तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, बेहतर रहेंगे तीसरी तिमाही के नतीजे
Posted Date : 03-Jan-2025 4:32:37 pm

उम्मीद : 2025 में तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, बेहतर रहेंगे तीसरी तिमाही के नतीजे

नई दिल्ली । वर्ष 2025 की शुरुआत के साथ ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने से पहले दुनिया में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है, लेकिन, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी संग्रह, सर्विस परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई), एयर पैसेंजर ग्रोथ और वाहनों का पंजीकरण में वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मजबूत वद्धि देखने को मिली है। वहीं, दूसरी तरफ चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार धीमी होती जा रही है और प्रशासन के लिए घरेलू खपत बढ़ाना और रियल एस्टेट सेक्टर को फिर से वृद्धि की ओर ले जाना एक चुनौती बन गया है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास के बारे में मिश्रित संकेत दे रही है। श्रम बाजार में नरमी दिख रही है और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं। खुदरा बिक्री, आवास बिक्री और सेवा क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यूरोप में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों ने अभी तक गति नहीं पकड़ी है। वहीं सेवा क्षेत्र फिर से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
भारत में चालू खाता घाटा (सीएडी) वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जीडीपी का 1.2 प्रतिशत तक कम हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में यह जीडीपी के 1.3 प्रतिशत के बराबर था।
बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधान ने कहा,  पिछले वर्ष व्यापार घाटा अधिक था, सेवाओं के निर्यात में तेजी के साथ-साथ रेमिटेंस में निरंतर मजबूती ने चालू खाते घाटे को कम किया है। हमारे साल के अंत के बाजार विश्लेषण से पता चलता है कि सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ने कैलेंडर वर्ष 24 में 8.7 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। सेंसेक्स ने इस साल का नया ऑल टाइम हाई बनाया और 85,500 का आंकड़ा पार कर गया।
2024 में रियल एस्टेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और आईटी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। इस दौरान भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 2.8 प्रतिशत घटा, लेकिन इसका प्रदर्शन बाकी अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले काफी अच्छा था।
रिपोर्ट के अनुसार, हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 की अवधि में मजबूत सुधार दिखाया है। जीएसटी संग्रह तीसरी तिमाही में 8.3 प्रतिशत (सालाना आधार पर) बढक़र 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है, और यह दूसरी तिमाही के 5.3 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है, जो उपभोग पैटर्न में और सुधार का संकेत देता है।
इसके अलावा त्योहारी मांग के कारण शहरी उपभोग के अन्य संकेतकों में भी सुधार हुआ है। हवाई यात्रा में तीसरी तिमाही में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि दूसरी तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी। सेवा पीएमआई तीसरी तिमाही में 59.2 रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 58.1 थी।
बधान ने कहा, हमें उम्मीद है कि कॉर्पोरेट्स के नतीजे भी तीसरी तिमाही में बेहतर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में तेजी आने और उसके बाद सरकारी और निजी निवेश दोनों में सुधार की उम्मीद से आईआईपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में बेहतर रहेगी।

 

केंद्र सरकार ने फेम-2 स्कीम के तहत 16.15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दिया इंसेंटिव
Posted Date : 03-Jan-2025 4:32:09 pm

केंद्र सरकार ने फेम-2 स्कीम के तहत 16.15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दिया इंसेंटिव

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दर को बढ़ाने के लिए लाई गई फेम-2 स्कीम के तहत 16.15 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को इंसेंटिव दिया गया है।   
इसमें 14.27 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 1.59 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन, 22,548 इलेक्ट्रिक गाडिय़ां और 5,131 ई-बस शामिल है।
इसके अतिरिक्त, 10,985 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 8,812 स्थापना के लिए आवंटित भी कर दिए गए हैं।
भारी उद्योग मंत्रालय ने बताया कि 31 अक्टूबर, 2024 तक, कुल 8,844 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें से 6,577 करोड़ रुपये की सब्सिडी, 2,244 करोड़ रुपये कैपिटल एसेट्स पर और 23 करोड़ रुपये अन्य मदों पर खर्च किए गए हैं।
इस योजना में चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम भी शामिल है और इससे महत्वपूर्ण नीतिगत पहलों को भी समर्थन मिला है, जैसे कि ईवी पर जीएसटी को कम करना और राज्य ईवी नीतियों को सक्षम बनाना।
योजना के पहले चरण को शुरू में दो साल की अवधि के लिए मंजूरी दी गई थी, जो 1 अप्रैल, 2015 से शुरू हुई थी।
योजना के सफल कार्यान्वयन के बाद, दूसरे चरण फेम- 2 को 2019 में 11,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लॉन्च किया गया था, जिससे दो, तीन, चार पहिया वाहनों, इलेक्ट्रिक बसों और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों सहित इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जा सके।
कुल मिलाकर, देश में अब तक ईवी के लिए 25,202 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। कर्नाटक 5,765 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद महाराष्ट्र 3,728 और उत्तर प्रदेश 1,989 के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
भारी उद्योग मंत्रालय भारत में ईवी अपनाने पर जोर दे रहा है। 29 सितंबर, 2024 को मंत्रालय ने ईवी अपनाने में तेजी लाने, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने और देश में ईवी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना को अधिसूचित किया गया था।
इस योजना का दो साल की अवधि के लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट है। कुल आवंटित बजट में से 2,000 करोड़ रुपये ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) की स्थापना के लिए रखे गए हैं।

 

भारत का कोयला उत्पादन दिसंबर 2024 में बढक़र 97.94 मिलियन टन , 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज
Posted Date : 02-Jan-2025 8:30:11 pm

भारत का कोयला उत्पादन दिसंबर 2024 में बढक़र 97.94 मिलियन टन , 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज

नई दिल्ली  । कोयला मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का कुल कोयला उत्पादन दिसंबर 2024 के दौरान 5.33 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करते हुए 97.94 मिलियन टन (एमटी) पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 92.98 एमटी था।
कैप्टिव और दूसरी खदानों ने 18.95 एमटी उत्पादन किया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 14.62 एमटी की तुलना में 29.61 प्रतिशत की शानदार वृद्धि को दर्शाता है।
बयान में कहा गया है कि 24 दिसंबर तक क्यूमलेटिव कोयला उत्पादन में भी शानदार वृद्धि देखी गई, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 726.29 एमटी तक पहुंच गया, जबकि यह वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 684.45 एमटी था, जो 6.11 की वृद्धि दर्शाता है।
कोयला डिस्पैच के मामले में, 24 दिसंबर के आंकड़े बढक़र 92.59 मीट्रिक टन हो गए, जबकि दिसंबर 2023 में यह 87.06 मीट्रिक टन था, जो 6.36 प्रतिशत की वृद्धि दर है।
कैप्टिव और दूसरे खदानों से डिस्पैच 18.13 मीट्रिक टन रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 31.83 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
इसके अतिरिक्त, दिसंबर 2024 तक क्यूमलेटिव कोयला डिस्पैच वित्त वर्ष 2024-25 में 750.75 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 711.07 मीट्रिक टन था, जो 5.58 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्शाता है।
कोयला मंत्रालय ने कहा कि वह उत्पादन बढ़ाने और देश की बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से काम कर रहा है।
कोयला उत्पादन और डिस्पैच में लगातार वृद्धि से कोयले में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने में मदद मिलेगी।
घरेलू उत्पादन में वृद्धि के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान भारत का कोयला आयात 3.1 प्रतिशत घटकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) रह गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 154.17 मीट्रिक टन था।
कोयला मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की शानदार वृद्धि हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण उद्देश्यों के लिए आयात में 19.5 प्रतिशत की कमी आई है।

 

टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देने का समय, टैलेंट से ही निर्धारित होगी भविष्य की सफलता : गौतम अदाणी
Posted Date : 02-Jan-2025 8:29:54 pm

टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता देने का समय, टैलेंट से ही निर्धारित होगी भविष्य की सफलता : गौतम अदाणी

अहमदाबाद  । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को कहा कि हमारी असली चुनौती अपनी पूंजी को प्रभावी ढंग से तैनात करने की है और हमें उन दो टी को प्राथमिकता देनी चाहिए जो आज की दुनिया में सबसे बड़े डिफ्रेंशिएटर को तौर पर काम रहे हैं, वो हैं टेक्नोलॉजी और टैलेंट।
कंपनी के कर्मचारियों को अपने नववर्ष संदेश में गौतम अदाणी ने कहा कि हमारा ध्यान अपने लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने पर है।
अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा, सबसे पहले मैं टेक्नोलॉजी के बारे में बात करूंगा। आज के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में हर कंपनी को एक टेक्नोलॉजी कंपनी के रूप में सोचना और कार्य करना चाहिए या महत्वहीन होने का जोखिम उठाना चाहिए। प्रभावी ढंग से स्केलिंग के लिए केवल सॉफ्टवेयर टूल लागू करने से कहीं अधिक की आवश्यकता होती है। इसके लिए हमारे संगठन के मूल ढांचे में टेक्नोलॉजी फर्स्ट की मानसिकता को शामिल करना आवश्यक है।
गौतम अदाणी ने आगे कहा, यह वैकल्पिक नहीं है, बल्कि आवश्यक है और इसकी शुरुआत हमारे शीर्ष 100 लीडर्स द्वारा माहौल तय करने से होती है। हममें से हर एक को टेक्नोलॉजी रूप से कुशल होने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और यह किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि सोचने के तरीके के रूप में भी है। आवश्यक होने की दौड़ में तकनीक ही रेसट्रैक है और नेतृत्व वह कदम है, जो सुनिश्चित करता है कि हम पहले स्थान पर रहें।
शीर्ष उद्योगपति ने इस बात पर जोर दिया कि परिवर्तन का समय हमारा इंतजार नहीं करते, बल्कि वे मांग करते हैं कि हम दूरदृष्टि, साहस और कार्य करने की इच्छाशक्ति के साथ उनका सामना करें।
गौतम अदाणी ने कहा, एआई-संचालित दुनिया में भविष्य इस बारे में है कि हम कैसे काम करते हैं और अपने लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करते हैं। मैं आप सभी को चुनौती देता हूं कि आप इनोवेशन करने और उत्कृष्टता के नए स्टैंडर्ड स्थापित करने के लिए टेक्नोलॉजी को एक लीवर के रूप में अपनाएं। आपका करियर विकास और हमारी सामूहिक सफलता इस पर निर्भर करती है।
टैलेंट के बारे में गौतम अदाणी ने कहा कि यह हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौती है और यह हमारी दीर्घकालिक सफलता का निर्धारण करेगी।
टैलेंट केवल रिज्यूमे या क्रेडेंशियल्स नहीं है, बल्कि यह एडेप्ट, इनोवेशन और लीडरशीप है। इस वर्ष, हम इन-हाउस टैलेंट को पोषित करके सबसे पहले क्षमता का एक पावरहाउस बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोगुना कर रहे हैं।
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा, हमारा लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करना है। हम जो सबसे बड़ा निवेश कर सकते हैं, वह केवल सिस्टम या रणनीतियों में नहीं है, बल्कि हमारे लोगों की असीम क्षमता को अनलॉक करने में है, जो नेतृत्व करने और इनोवेशन करने का साहस करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि समूह महत्वाकांक्षी युवा पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए प्रमुख परिसरों में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है, जो हमें भविष्य में आगे ले जाएंगे।
गौतम अदाणी ने कहा, भर्ती से अलग, हम यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूत इंजीनियरिंग और प्रबंधन कैरियर ट्रैक स्थापित कर रहे हैं कि सभी के पास एक्सीलेंस प्राप्त करने के लिए साधन हों। हम आपके लिए नेटवर्क बनाने, सहयोग करने और संबंध बनाने के अवसर भी बना रहे हैं, जो आपकी वृद्धि और सफलता को शक्ति प्रदान करेंगे।

 

कैबिनेट ने किसानों के लिए डीएपी पर सब्सिडी की समयसीमा बढ़ाने को मंजूरी दी
Posted Date : 02-Jan-2025 8:29:23 pm

कैबिनेट ने किसानों के लिए डीएपी पर सब्सिडी की समयसीमा बढ़ाने को मंजूरी दी

नई दिल्ली  । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनट की बैठक ने बुधवार को किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 1 जनवरी, 2025 से अगले आदेश तक डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर एनबीएस सब्सिडी से अलग 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन (एमटी) के एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार के फर्टिलाइजर डिपार्टमेंट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि इस फैसले से किसानों को सब्सिडी वाली, सस्ती और उचित कीमतों पर डीएपी की अधिक उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
बयान में आगे कहा गया है कि किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी फर्टिलाइजर की सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वीकृत एनबीएस सब्सिडी के अलावा 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से डीएपी पर विशेष पैकेज 1 जनवरी, 2025 से अगले आदेश तक प्रदान किया जाएगा।
सरकार फर्टिलाइजर निर्माताओं और आयातकों के माध्यम से किसानों को सब्सिडी वाले मूल्यों पर पीएंडके फर्टिलाइजर के 28 ग्रेड उपलब्ध कराती हैं। पीएंडके फर्टिलाइजर पर सब्सिडी 1 अप्रैल, 2010 से एनबीएस योजना द्वारा दी जा रही है।
बयान में कहा गया है, किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, भारत सरकार ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की कीमत को अपरिवर्तित रखते हुए किसानों को बड़ी राहत दी है।
भू-राजनीतिक बाधाओं और वैश्विक बाजार स्थितियों की अस्थिरता के बावजूद, सरकार ने खरीफ और रबी 2024-25 के लिए किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करके किसान-हितैषी दृष्टिकोण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखी है।
जुलाई 2024 में कैबिनेट ने एनबीएस सब्सिडी से अलग डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को 1 अप्रैल 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक 3,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से मंजूरी दी थी, जिसका अनुमानित वित्तीय लागत 2,625 करोड़ रुपये था।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में अब तक विभिन्न रबी फसलों के तहत देश में बोया गया कुल कृषि क्षेत्र बढक़र 614.94 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 611.8 लाख हेक्टेयर था।
गेहूं की बुआई का रकबा पिछले साल की इसी अवधि के 313.00 लाख हेक्टेयर से बढक़र 319.74 लाख हेक्टेयर हो गया है, जिससे इस सीजन में अनाज का उत्पादन बढऩे की उम्मीद है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों की बारिश से भी फसल को लाभ मिलने की उम्मीद है।
दलहनों के तहत कुल रकबा 136.13 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जबकि श्रीअन्न और मोटे अनाज के तहत 48.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई की गई है और तिलहन के तहत 96.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया है।
कुल बुआई क्षेत्र में वृद्धि से आवश्यक खाद्य वस्तुओं के उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है और इससे अर्थव्यवस्था में महंगाई को कम करने में मदद मिलेगी।

 

भारत के आठ कोर सेक्टर उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 4.3 प्रतिशत बढ़ा
Posted Date : 01-Jan-2025 9:11:02 pm

भारत के आठ कोर सेक्टर उद्योगों का उत्पादन नवंबर में 4.3 प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली , । हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में सीमेंट और स्टील उत्पादन में मजबूत वृद्धि के कारण भारत के आठ कोर सेक्टर उद्योगों का उत्पादन सालाना आधार पर 4.3 प्रतिशत बढ़ा।
नवंबर के आंकड़े अक्टूबर में बुनियादी ढांचे के उत्पादन में रिवाइज्ड 3.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में तेजी को दर्शाते हैं।
नवंबर में सीमेंट उत्पादन में 13 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई, जबकि स्टील उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले महीने की रिवाइज्ड 5.2 प्रतिशत वृद्धि से थोड़ा कम है।
बिजली उत्पादन में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर में रिवाइज्ड 2 प्रतिशत वृद्धि से बेहतर है।
उर्वरक उत्पादन में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि से शानदार सुधार है।
हालांकि, कच्चे तेल के उत्पादन में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अक्टूबर में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। प्राकृतिक गैस उत्पादन में 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई, जो पिछले महीने दर्ज की गई 1.2 प्रतिशत की गिरावट से थोड़ा अधिक है।
कोयला उत्पादन में अक्टूबर में 7.8 प्रतिशत की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिफाइनरी उत्पाद उत्पादन में पिछले महीने में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अप्रैल-नवंबर की अवधि के लिए, बुनियादी ढांचे के उत्पादन में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में देखी गई 8.7 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में धीमी है।
इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में शामिल वस्तुओं के भार का 40.27 प्रतिशत आठ कोर इंडस्ट्री से बनता है। यह नवंबर में औद्योगिक विकास दर के लिए एक अच्छा संकेतक बने हुए हैं।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, नवंबर 2024 में कोर सेक्टर की वृद्धि दर बढक़र 4.3 प्रतिशत हो गई, जो अक्टूबर 2024 में रिवाइज्ड 3.7 प्रतिशत थी। इसके 8 घटकों में से आधे में सुधार हुआ है। वहीं कोर सेक्टर के प्रदर्शन में उछाल विशेष रूप से सीमेंट उत्पादन की तेज वृद्धि से जुड़ा था।