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धनतेरस से पहले महँगा हुआ सोना
Posted Date : 20-Oct-2019 12:45:25 pm

धनतेरस से पहले महँगा हुआ सोना

नईदिल्ली,20 अक्टूबर । विदेशों में सोने-चाँदी में मामूली बदलाव के बीच स्थानीय बाजार में धनतेरस से पहले सोने-चाँदी में तेजी लौट आई है।
दिल्ली सर्राफा बाजार में बीते सप्ताह सोना 530 रुपये महँगा होकर 39,670 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुँच गया जो डेढ़ सप्ताह के उच्चतम स्तर के काफी करीब है। पिछले साल धनतेरस की तुलना में इस साल धनतेरस में सोना 21.35 फीसदी महँगा हो चुका है। यह 05 नवंबर 2018 को धनतेरस के दिन 32,690 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा था। करीब एक साल में इसकी कीमत 6,980 रुपये बढ़ चुकी है।
गत सप्ताह चाँदी भी 360 रुपये चढक़र 47,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुँच गयी। पिछले साल धनतेरस से अब तक इसकी कीमत 7,460 रुपये यानी 18.87 फीसदी बढ़ चुकी है। गत वर्ष 05 नवंबर को यह 39,540 रुपये प्रति किलोग्राम रही थी। चाँदी के सिक्के भी पिछले धनतेरस की तुलना में 21 फीसदी से ज्यादा महँगे हो चुके हैं।
लंदन एवं न्यूयॉर्क से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गत सप्ताह सोना हाजिर 1.75 डॉलर की बढ़त में 1,490.40 डॉलर प्रति औंस पर पहुँच गया। दिसंबर का अमेरिकी सोना वायदा 0.10 डॉलर की मामूली गिरावट में सप्ताहांत पर 1,493.40 डॉलर प्रति औंस बोला गया। चाँदी हाजिर भी 0.01 डॉलर फिसलकर 17.52 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई।

22 अक्टूबर की हड़ताल पर अड़े बैंक कर्मचारी, देशभर में प्रभावित होंगी सेवाएं
Posted Date : 20-Oct-2019 12:45:06 pm

22 अक्टूबर की हड़ताल पर अड़े बैंक कर्मचारी, देशभर में प्रभावित होंगी सेवाएं

हैदराबाद,20 अक्टूबर । अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ (बीईएफआई) ने शनिवार को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) को सूचित किया कि 22 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तावित बैंक कर्मचारियों की हड़ताल पर पुनर्विचार करना संभव नहीं है। एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम और बीईएफआई के महासचिव देबाशिष बासु ने आईबीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी जी कन्नन को इस संबंध में संयुक्त रूप से लिखे एक पत्र में कहा है कि उपभोक्ता सेवाओं को लेकर आईबीए की चिंताओं और हड़ताल पर नहीं जाने की अपील की वे सराहना करते हैं लेकिन जब केन्द्र सरकार उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है ऐसे में हड़ताल पर नहीं जाने की अपील पर पुनर्विचार करना संभव नहीं है।
उन्होंने लिखा है कि 15 अक्टूबर का आईबीए का खत मिला है जो बैंक कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर गत 19 सितंबर को दिये गये नोटिस के प्रति उत्तर के रूप में आया है। उन्होंने कहा कि आईबीए द्वारा हड़ताल के नोटिस को संज्ञान में लेने की वे सराहना करते हैं लेकिन पहले जिस तरह से आईबीए उनके हड़ताल की नोटिस पर गौर नहीं करता था इस बार उसी तरह से वे आईबीए की अपील की अनेदखी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय को रोकने, बैंकिंग सुधार स्थगित करने, जोखिम में फंसे ऋण की वसूली सुनिश्चित करने, जान बूझकर ऋण नहीं चुकाने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने, ग्राहकों को दंडित नहीं करने, सेवा शुल्कों में बढोतरी नहीं करने, जमा पर ब्याज दरों में बढोतरी करने , रोजगार की सुरक्षा और सभी बैंकों में पर्याप्त भर्ती सुनिश्चित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने का नोटिस दिया गया है।
दोनों श्रमिक नेताओं ने कहा कि हड़ताल के कारण ग्राहक सेवाओं के प्रभावित होने की चिंता उनको भी है और इसी को ध्यान में रखते हुये एक महीने से अधिक समय पहले हड़ताल का नोटिस दिया गया लेकिन उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों पर वित्त मंत्रालय कोई समाधान करने के मूड में नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि जितने मुद्दे उठाये गये हैं वे सभी ग्राहक सेवाओं से जुड़े हुए हैं।

एचडीएफसी बैंक को दूसरी तिमाही में 6,345 करोड़ रुपये का मुनाफा
Posted Date : 19-Oct-2019 1:03:45 pm

एचडीएफसी बैंक को दूसरी तिमाही में 6,345 करोड़ रुपये का मुनाफा

नई दिल्ली,19 अक्टूबर । निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में स्टैंडअलोन (एकल) शुद्ध लाभ साल दर साल आधार पर 26.8 प्रतिशत बढक़र 6,345 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कंपनी ने 2,652.40 करोड़ रुपये का टैक्स भरा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 5,005.73 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। कंपनी का मुनाफा 6,100 करोड़ रुपये रहने का आकलन।
दूसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक का नेट इंट्रेस्ट इनकम 14.89 प्रतिशत बढक़र 13,515 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 11,763.4 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का जुलाई-सितंबर तिमाही में नेट इंट्रेस्ट मार्जिन 4.2 प्रतिशत रहा।
कंपनी की नॉन इंट्रेस्ट रेवेन्यू (अन्य आय) 39.2 प्रतिशत बढक़र 5,588.70 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,015.60 करोड़ रुपये रही थी। 
दूसरी तिमाही में एचडीएफसी ने 2,700.70 करोड़ रुपये प्रोविजन तथा कॉन्टिजेंसी के मद में रखा, जिसमें 2,038 करोड़ रुपये का विशेष लोन लॉस प्रोविजंस तथा जनरल प्रोविजंस और 662.70 करोड़ रुपये का अन्य प्रोविजन शामिल है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में किए गए 1,820 करोड़ रुपये के प्रोविजनिंग की तुलना में यह 48 प्रतिशत अधिक है।
बैंक ने बताया कि 30 सितंबर को बैंक का सकल नॉन परफॉर्मिंग असेट्स सकल कर्ज का 1.38 प्रतिशत रहा, जो जून तिमाही में 1.40 प्रतिशत तथा पिछले वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 1.33 प्रतिशत रहा था। दूसरे वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध एनपीए शुद्ध कर्ज का 0.4 प्रतिशत रहा।

जॉनसन बेबी पाउडर में कैंसरकारक तत्व, कंपनी ने मार्केट से वापस मंगाई 33 हजार बोतलें
Posted Date : 19-Oct-2019 1:03:30 pm

जॉनसन बेबी पाउडर में कैंसरकारक तत्व, कंपनी ने मार्केट से वापस मंगाई 33 हजार बोतलें

नईदिल्ली,19 अक्टूबर । पाऊडर में कैंसरकारक एस्बेस्टस की मौजूदगी होने के सबूत मिलने पर जॉनसन एंड जॉनसन ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने मार्केट से 33,000 बेबी पाउडर बोतलें वापस मंगा ली है। ऐसा पहली बार हुआ है कि कंपनी ने इतनी भारी मात्रा में अपने किसी प्रोडेक्ट को वापस मंगाया हो। 
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का कहना है कि रेग्युलेटर को ऑनलाइन रिटेलर से खरीद गए बेबी पाउडर के सैंपल में क्राइसोटाइल एस्बेस्टस की जानकारी मिली है। 
दूसरी तरफ कंपनी के शेयर में भारी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 4.6 फीसदी लुढक़ गया। प्रवक्ता का कहना है कि पिछले 40 वर्ष से हजारों टेस्ट में यह बात साबित हुई है कि हमारे बेबी पाउडर में एस्बेस्टस बिल्कुल भी नहीं है। कंपनी ने यह भी कहा कि जांच में 30 और दिन लग सकते हैं। पहले भी यह आरोप लगते रहे हैं कि इसके पाउडर में कैंसरकारक तत्व मौजूद हैं। कंपनी के खिलाफ हजारों लोगों ने केस किया है कि उन्हें बेबी पाउडर की वजह से मेसोथेलिओमा हो गया, जोकि एक आक्रामक कैंसर है। इस बीमारी के लिए एस्बेस्टस को इसका जिम्मेदार बताया गया है। 

फियो ने बनाया भारत-जापान बिजनेस ग्रुप
Posted Date : 19-Oct-2019 1:03:03 pm

फियो ने बनाया भारत-जापान बिजनेस ग्रुप

नई दिल्ली ,19 अक्टूबर । जापान के साथ कारोबारी संबंधों को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय निर्यातक महासंघ (फियो) ने ‘भारत- जापान बिजनेस ग्रुप’ का गठन किया है।
फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने ‘भारत और जापान के बीच व्यापार और व्यवसाय के अवसरों पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच निर्यात, आयात और निवेश को बढ़ावा देने और भारत और जापान के व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए एक ऑनलाइन मंच ‘भारत-जापान बिजनेस ग्रुप’ बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि फियो ने भारत और जापान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए टोक्यो प्रशासन से जुड़े ‘जापान इंडिया इंडस्ट्री प्रमोशन एसोसिएशन (जेआईआईपीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन दो प्रमुख संस्थानों के बीच अधिक से अधिक सहयोग और बातचीत का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सराफ ने कहा कि दोनों देशों के बीच 17.6 अरब डॉलर का मौजूदा कारोबार पूरी क्षमता के अनुरुप नहीं है। जापान को अभी तीन अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया जा सकता है। फार्मास्यूटिकल्स, र प्रतिशत और आभूषण, समुद्री उत्पाद, चावल, मांस, टी-शर्ट, फेरो सिलिकॉन, एल्यूमीनियम, आदि क्षेत्रों में निर्यात की प्रबल संभावनाएं हैं।
इस अवसर पर फियो के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अजय सहाय ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को निर्यात के वैसे मूल्य वर्धित (वैल्यू एडेड) पर ध्यान देना चाहिए, जो जापान में मुख्य रूप से आयात होता है। जापान में आयात होने वाले कई उत्पादों में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम है। बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भारत की हिस्सेदारी 0.09 प्रतिशत, मशीनरी 0.36 प्रतिशत, दवा 0.24 प्रतिशत और चिकित्सा और सर्जिकल उपकरणों 0.38 प्रतिशत है जिनमें बड़े पैमाने पर सुधार की आवश्यकता है क्योंकि जापान में इन उत्पादों का आयात 250 अरब डॉलर से अधिक का है। 

बड़े व्यवसायों को 1 नवंबर से भुगतान का डिजिटल माध्यम मुहैया कराना होगा अनिवार्य
Posted Date : 19-Oct-2019 1:02:37 pm

बड़े व्यवसायों को 1 नवंबर से भुगतान का डिजिटल माध्यम मुहैया कराना होगा अनिवार्य

नईदिल्ली,19 अक्टूबर अगर आप अपना बिजनेस करते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1 नवंबर से पेमेंट लेने का नया नियम लागू होने जा रहा है। देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए सालाना 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारी प्रतिष्ठानों को अपने ग्राहकों को एक नवंबर से पेमेंट का इलेक्ट्रॉनिक मोड मुहैया कराना अनिवार्य होगा। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा, ग्राहक या मर्चेंट्स से इसके लिए कोई शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट नहीं वसूलना होगा।
सरकार की ओर से यह कदम डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने और कालेधन पर लगाम के लिए उठाया गया है। सीबीडीटी ने उन बैंकों तथा पेमेंट सिस्टम्स प्रोवाइडर्स से आवेदन भी आमंत्रित किए हैं, जो इसके लिए इच्छुक हैं कि उनके पेमेंट सिस्टम्स को इस उद्देश्य के लिए सरकार इस्तेमाल कर सकती है।
1 नवंबर 2019 से डिजिटल पेमेंट लेना अनिवार्य- नए नियम के मुताबिक, 50 करोड़ से ज्यादा के  टर्नओवर वाले कारोबारियों पर यह नया नियम लागू होगा। इसके तहत अब कारोबारियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड से भुगतान लेने पर कोई भी शुल्क या चार्ज नहीं लगेगा।
देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। सालाना 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाले कारोबारी प्रतिष्ठानों को अपने ग्राहकों को एक नवंबर से पेमेंट का इलेक्ट्रॉनिक मोड मुहैया कराना अनिवार्य होगा।