नईदिल्ली,24 अक्टूबर । म्यूचुअल फंड उद्योग ने सितंबर में 3.45 लाख निवेशक खाते जोड़े हैं। इस तरह म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास फोलियो की सख्या 8.56 करोड़ पर पहुंच गई है। इससे पहले उद्योग में अगस्त में 4.8 लाख और जुलाई में 10 लाख नए फोलियो जोड़े थे। फोलियो व्यक्तिगत निवेशक खातों को दिया जाने वाला नंबर होता है। एक निवेशक के कई फोलियो हो सकते है। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार सितंबर के अंत तक 44 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास फोलियो की संख्या बढक़र 8,56,26,244 पर पहुंच गई, जो अगस्त के अंत तक 8,52,81,222 थी। इस तरह सितंबर में फोलियो की संख्या में 3.45 लाख का इजाफा हुआ। जुलाई में फोलियो की कुल संख्या 8.48 करोड़, जून में 8.38 करोड़, मई में 8.32 करोड़ और अप्रैल में 8.27 करोड़ थी। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि फोलियो की संख्या में बढ़ोतरी से पता चलता है कि निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं हैं। इसके अलावा निवेशक म्यूचुअल फंड योजनाओं से जुड़े बाजार जोखिमों के बारे में भी समझते हैं।
नईदिल्ली,24 अक्टूबर । उच्चतम न्यायालय ने समायोजित सकल राजस्व (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू) अर्थात एजीआर मामले में दूरसंचार कंपनियों को गुरुवार को करारा झटका देते हुए दूरसंचार विभाग की अपील मंजूर कर ली। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दूरसंचार विभाग की अपील मंजूर कर ली।
इस फैसले के बाद अब टेलीकॉम कंपनियों को बकाया रकम सरकार को चुकानी होगी। ये रकम करीब 92 हजार करोड़ रुपए है, जो दूरसंचार कंपनियां सरकार को चुकाएगी। गौरतलब है कि एजीआर के तहत क्या-क्या शामिल होगा, इसकी परिभाषा को लेकर टेलीकॉम कंपनी और सरकार के बीच विवाद चल रहा था।
टेलीकॉम कंपनियां सरकार के साथ लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज शेयरिंग करती है। सुप्रीम कोर्ट की परिभाषा के अनुसार, किराया, संपत्ति की बिक्री पर मुनाफा, ट्रेजरी इनकम, डिविडेंड सभी एजीआर में शामिल होगा। वहीं, डूबे हुए कर्ज, करंसी में फ्लकचुएशन, कैपिटल रिसिप्ट डिस्ट्रीब्यूशन मार्जन एजीआर में शामिल नहीं करने का आदेश दिया गया है।
नईदिल्ली,24 अक्टूबर । विधानसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच गुरुवार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को एक और झटका देने वाली खबर सामने आई है। रेटिंग एजेंसी फिच ने इस वित्त वर्ष यानी 2019-20 के लिए सकल घरेल उत्पाद में बढ़त के अनुमान को घटाकर सिर्फ 5.5 फीसदी कर दिया है। इसका कारण बताते हुए फिच ने कहा कि बैंकों के कर्ज वितरण में भारी कमी आने की वजह से ग्रोथ रेट छह साल के निचले स्तर पर पहुंच सकता है।
बता दें कि यह ग्रोथ अनुमान में बड़ी कमी है, क्योंकि इसके पहले जून में फिच ने वित्त वर्ष के लिए जीडीपी में 6.6 फीसदी की बढ़त होने का अनुमान जारी किया था। फिच ने कहा कि हाल में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कटौती जैसे जो कदम उठाए हैं, उसका असर अर्थव्यवस्था पर धीरे-धीरे आगे चलकर होगा।
गौरतलब है कि यह रिजर्व बैंक के अनुमान से भी कम है, जिसने अक्टूबर में कहा था कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 6.1 फीसदी की बढ़त हो सकती है। फिच ने कहा कि सरकार के इन कदमों का फायदा अगले वित्त वर्ष (2020-21) में देखने को मिल सकता है, जब जीडीपी में ग्रोथ 6.2 फीसदी हो सकती है. उसके अगले वर्ष यानी 2021-22 में जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी हो सकती है।
गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून में लगातार पांचवें तिमाही में सुस्त रही है, जब जीडीपी में ग्रोथ महज 5 फीसदी रही है। यह साल 2013 के बाद का सबसे कम ग्रोथ है। एक साल पहले की समान अवधि में जीडीपी में ग्रोथ 8 फीसदी की हुई थी।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा, कमजोर व्यापक तौर पर दिख रही है, घरेलू खर्च और बाहरी मांग दोनों की गति कमजोर पड़ रही है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में कर्ज वितरण काफी सिकुड़ रहा है। इसके पहले इसी अक्टूबर में ही मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने भी 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया था। पहले मूडीज ने जीडीपी में 6.2 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था।
नईदिल्ली,24 अक्टूबर । भारत ने व्यापार करना और भी बेहतर हुआ है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 14वें स्थान की छलांग लगाकर भारत ने 63वां स्थान हासिल किया है। देश लगातार तीसरी बार शीर्ष 10 परफॉर्मर की सूची में शामिल हुआ है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा, भारत ने वल्र्ड बैंक द्वारा जारी किए गए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 77वें से 63वां स्थान हासिल किया है।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को देश की समृद्धि और रोजगार सृजन के लिए भारत के कारोबारी माहौल में सुधार के लिए बधाई। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यभार संभालने के समय भारत 190 देशों से जुड़ी इसी सूची में 142वें स्थान पर था। पिछले साल ही, भारत ने 23वें स्थान की छलांग लगाकर इस सूची में 77वां स्थान हासिल किया था।
नईदिल्ली,23 अक्टूबर । इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की लार्सन एंड टूब्रो की इकाई एलटीएचई को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन से बड़ी परियोजना का ठेका मिला है। एलएंडटी के बयान के अनुसार अनुसार 7,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की वृहत परियोजना एलएंडटी हाइड्रोकार्बन इंजीनियरिंग लिमिटेड (एलटीएचई) को मिली है। ठेके के तहत कंपनी को परियोजना चालू करके देनी है। बयान के मुताबिक यह परियोजना हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड(एचपीसीएल) की विशाखापत्तनम में विशाख रिफाइनरी आधुनिकीकरण परियोजना का हिस्सा है। इसके तहत परिशिष्ट उन्नयन केंद्र लगाया जाएगा। इस संयंत्र के जरिये एचपीसीएल तेल को उच्च गुणवत्ता वाले यूरो 6 डीजल में बदल सकेगी। कंपनी को यह ठेका अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के तहत मिला है।
नईदिल्ली,23 अक्टूबर । जेएसडब्ल्यू स्टील का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 21.51 प्रतिशत बढक़र 2,536 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शेयर बाजार को भेजी नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 2,087 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था। शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार समीक्षावधि में कंपनी की कुल आय घटकर 17,728 करोड़ रुपये रही जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी की आय कहीं अधिक 21,608 करोड़ रुपये रही थी। हालांकि, कंपनी का कुल व्यय इस दौरान एक साल पहले के 18,583 करोड़ रुपये से कम होकर 17,025 करोड़ रुपये रहा।