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एलजी ने की स्मार्टफोन कारोबार बंद कर करने की घोषणा
Posted Date : 05-Apr-2021 6:09:51 pm

एलजी ने की स्मार्टफोन कारोबार बंद कर करने की घोषणा

नई दिल्ली ,05 अपै्रल । दक्षिण कोरियाई कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने मोबाइल फोन कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी है। स्मार्टफोन कारोबार में कंपनी का नुकसान हो रहा था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। एलजी अब अपने कर्मचारियों को स्मार्टफोन डिवीजन से अन्य यूनिट्स में ट्रांसफर कर रहा है। माना जा रहा है कि एलजी अपने दूसरे बिजनेस को मजबूत करने पर फोकस कर रही है। जानकारी के अनुसार,एलजी के डायरेक्टर आफ बोर्ड ने मोबाइल फोन कारोबार बंद करने की पहले ही अनुमति दे दी थी।एलजी के प्रोडक्ट काफी नए तकनीक के साथ मार्केट में रहे, लेकिन सस्ती चाइनीज मोबाइल कंपनियों के प्राइस वार के सामने वे व्यावसायिक रूप से सफल नहीं हो सके। एलजी का फोकस उन बिजनेस को मजबूत करने पर है, जहां से ग्रोथ आ रही है। इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपोनेंट्स, कनेक्टेड डिवाइस, स्मार्ट होम्स, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिजनेस टु बिजनेस शामिल हैं।
31 जुलाई तक पूरी हो सकती है प्रक्रिया
रिपोर्ट के अनुसार एलजी अपने मोबाइल विशेषज्ञता का लाभ उठाती रहेगी। 6 जैसी गतिशीलता से संबंधित तकनीक विकसित करने में कंपनी मदद करेगी, जिससे अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा को और मजबूत किया जा सके। एलजी के मोबाइल व्यवसाय संचालन के दो दशकों के दौरान विकसित की गई मुख्य प्रौद्योगिकियों को भी बरकरार रखा जाएगा और मौजूदा और भविष्य के उत्पादों पर लागू किया जाएगा। मोबाइल फोन व्यवसाय बंद करने की प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी होने की उम्मीद है। हालांकि कुछ मौजूदा मॉडल की लिस्ट उसके बाद भी उपलब्ध हो सकती है।
वहीं, वर्तमान एलजी फोन इन्वेंट्री बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। एलजी समय-समय पर मौजूदा मोबाइल उत्पादों के ग्राहकों के लिए सेवा समर्थन और सॉफ्टवेयर अपडेट प्रदान करेगा जो क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग होंगे। एलजी मोबाइल फोन कारोबार को बंद करने के दौरान सप्लायर्स और बिजनेस पार्टनर्स के साथ मिलकर काम करेगा। रोजगार से संबंधित विवरण स्थानीय स्तर पर निर्धारित किए जाएंगे।

चक्रवृद्धि ब्याज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सरकारी बैंकों को लगेगी 2,000 करोड़ रुपये की ‘चोट’
Posted Date : 04-Apr-2021 5:22:32 pm

चक्रवृद्धि ब्याज पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से सरकारी बैंकों को लगेगी 2,000 करोड़ रुपये की ‘चोट’

नयी दिल्ली ,04 अपै्रल । उच्चतम न्यायालय ने हाल में कोविड-19 महामारी की वजह से मार्च-अगस्त, 2020 के दौरान कर्ज की किस्त के भुगतान पर छूट की अवधि के लिए सभी ऋण खातों पर चक्रवृद्धि ब्याज यानी ब्याज पर ब्याज को माफ कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1,800 से 2,000 करोड़ रुपये का ‘नुकसान’ उठाना पड़ सकता है। न्यायालय ने अपने फैसले के तहत दो करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज में छूट दी है। इस राशि से कम के कर्ज पर पिछले साल नवंबर में ब्याज पर ब्याज को माफ किया गया था। किस्त के भुगतान पर छूट के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज समर्थन योजना से सरकार पर 2020-21 में 5,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में 60 प्रतिशत कर्जदारों ने इस छूट कालाभ उठाया था। लेकिन लॉकडाउन में छूट के बाद यह आंकड़ा 40 प्रतिशत और उससे भी नीचे आ गया था। कॉरपोरेट के मामले में जहां तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सवाल है, यह आंकड़ा 25 प्रतिशत के निचले स्तर पर है। सूत्रों ने बताया कि बैंक किस्त के भुगतान की छूट की अवधि पर चक्रवृद्धि ब्याज में छूट देंगे। उदाहरण के लिए यदि किसी ग्राहक ने तीन महीने के लिए किस्त भुगतान की छूट ली है, तो तीन महीने के लिए उसका चक्रवृद्धि ब्याज माफ किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से सभी मियादी ऋण पर एक मार्च से 31 मई, 2020 तक की किस्तों के भुगतान पर छूट दी थी। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश सिर्फ उन खातों तक सीमित है जिन्होंने भुगतान की छूट का लाभ लिया है। ऐसे में मोटे अनुमान के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2,000 करोड़ रुपये से कम की चोट लगेगी। इस बीच, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सरकार को पत्र लिखकर बैंकों को ब्याज पर ब्याज छूट की भरपाई करने को कहा है। सरकार विभिन्न पहलुओं पर विचार के बाद इस पर फैसला करेगी।

तेलों में उबाल, दालों में घटबढ़, चीनी गरम
Posted Date : 04-Apr-2021 5:21:51 pm

तेलों में उबाल, दालों में घटबढ़, चीनी गरम

नयी दिल्ली ,04 अपै्रल । विदेशों में खाद्य तेलों में रही घटबढ़ के बीच बीते सप्ताह दिल्ली थोक जिंस बाजार में घरेलू स्तर पर ग्राहकी के मजबूत रुख से अधिकतर खाद्य तेलों में जबरदस्त उबाल देखा गया तथा इस दौरान दालों के घटबढ़ दर्ज की गई।
चीनी में इस दौरान जहां तेजी देखी गई वही गेहूं में नरमी रही। गुड़ और चावल के दाम स्थिर रहे।
तेल तिलहन : विदेशों में मलेशिया के बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल का अप्रैल वायदा समीक्षाधीन सप्ताह में 102 रिंगिट की उछाल लेकर 4160 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया जबकि अप्रैल का अमेरिकी सोया तेल वायदा इस दौरान 3.20 सेंट की गिरावट के साथ सप्ताहांत पर 52.13 सेंट प्रति पाउंड पर रहा।
स्थानीय बाजार में सभी तेलों के दामों में भारी उबाल दर्ज किया गया। सरसों का तेल 1385 रुपय प्रति क्विंटल, मूंगफली तेल 733 रुपय, वनस्पती तेल में 366 रुपय, सोया रिफाइंड में 157 रुपय, सूरजमुखी तेल में 733 रुपय और पाम ऑयल में भी 733 रुपय प्रति क्विंटल की भारी बढ़ोतरी हुई।
सप्ताहांत पर सरसों तेल 15,385 रुपये, मूंगफली तेल 19,047 रुपये, सूरजमुखी 17,948 रुपये, सोया रिफाइंड 14,652 रुपये, पाम ऑयल 13,187 रुपये, वनस्पती तेल 13,553 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।

 विकास एवं अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए सरकार तत्पर-सीतारमण
Posted Date : 19-Dec-2020 11:25:18 am

विकास एवं अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए सरकार तत्पर-सीतारमण

नयी दिल्ली । देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने वादा किया कि इस बार का बजट ''अभूतपूर्व होगा, क्योंकि सरकार महामारी से पीडि़त अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और विकास को गति देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, चिकित्सा अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में निवेश तथा टेलीमेडिसिन के लिए व्यापक कौशल का विकास महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। इसके साथ ही आजीविका संबंधी चुनौतियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के नए परिप्रेक्ष्य में देखना होगा। सीतारमण ने सीआईआई द्वारा आयोजित के एक कार्यक्रम में कहा, ''मुझे अपने सुझाव भेजिए ताकि हम एक ऐसा बजट बना सकें, जैसा इससे पहले कभी नहीं आया। भारत के 100 वर्षों में ऐसा बजट नहीं देखा गया होगा, जैसा कि महामारी के बाद आएगा। उन्होंने सीआईआई साझेदारी सम्मेलन 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, ''...और यह तब तक संभव नहीं होगा, जब तक मुझे आपके सुझाव और इच्छाओं की सूची नहीं मिल जाती है, इन चुनौतियों से जो बातें आपके विचार में आईं हों, उसका स्पष्ट अवलोकन... इसके बिना, मेरे लिए ऐसा दस्तावेज तैयार करना असंभव है, जो एक अभूतपूर्व बजट हो, एक बजट जिसे महामारी के बाद बनाया जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट संसद में एक फरवरी 2021 को पेश किया जाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए उन क्षेत्रों के लिए समर्थन बढ़ाना चाहिए, जो कोविड-19 महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और साथ ही ऐस क्षेत्र जो आगे वृद्धि के वाहक बन सकते हैं।  उन्होंने कहा, ''हमारे आकार, जनसंख्या और क्षमता को ध्यान में रखते हुए कि भारत अर्थव्यवस्था की अच्छी वृद्धि के लिए मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि हम कुछ अन्य देशों के साथ ही वैश्विक वृद्धि के वाहक भी होंगे। वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान हमारा महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए अधिक वित्त मुहैया कराने के साथ ही भवनों और अस्पतालों के लिए निजी साझेदारी मुहैया कराना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन को समझने के लिए व्यापक कौशल की जररूत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आजीविका एक बड़ी चुनौती है और इस मामले में उद्योग जगत को अपनी राय देनी ही चाहिए।

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में अतिरिक्त टीडीएस का दावा करना न भूलें
Posted Date : 19-Dec-2020 11:24:41 am

जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में अतिरिक्त टीडीएस का दावा करना न भूलें

नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयरकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में अगर आप अपना रिटर्न भरने जा रहे हैं तो अतिरिक्त टीडीएस कटौती हुई है तो दावा करना नहीं भूलें। स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस भुगतान या जमा जो भी पहले हो उस समय काटा जाता है। कई दफ ा ऐसा होता है कि करदाता से वास्तविक करदेयता से अधिक टीडीएस की कटौती हो जाती है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में अतिरिक्त टीडीएस कटौती को पाने के लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी होता है। आयकर विभाग स्वत: अतिरिक्त टीडीएस कटौती को वापस नहीं करता है। अगर किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी बिक्री की तो आयकर के नियम के मुताबिक खरीदने वाले के लिए यह जरूरी है कि वह एक फीसदी उसपर टीडीएस काटकर जमा करें। प्रॉपर्टी खरीदने वाले को 26क्यूबी फॉर्म भरकर टीडीएस कटौती जमा करना होता है। उसके बाद उसे बेचने वाले को फॉर्म 16बी देना होता है। अगर बिक्रेता टीडीएस कटौती का दावा करना चाहता है तो उसे फॉर्म 16बी होना जरूरी होगा। ऐसे कई आय हैं जिन पर टीडीएस की कटौती आयकर अधिनियम के तहत लागू होता है जैसे वेतन आय, ब्याज आय, कुछ व्यक्तियों द्वारा किराए का भुगतान आदि। फ ॉर्म 26एएस आपका सालाना टैक्स स्टेटमेंट है। आप अपने पैन नंबर की मदद से इसे आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड सकते हैं। अगर आपने अपनी आमदनी पर टैक्स चुकाया है या आपको हुई कमाई पर किसी व्यक्ति/संस्था ने टैक्स काटा है तो उसका जिक्र भी आपको फ ॉर्म 26एएस में मिल जाता है। फ ॉर्म 26एएस में न सिर्फ आपके सरकार को चुकाए गए कर की जानकारी होती है, बल्कि अगर आपने अधिक टैक्स चुका दिया है और आप उसका रिफंड फाइल करना चाहते हैं तो इस बारे में भी उसमें जिक्र होता है। अगर आपको किसी वित्त वर्ष में आयकर रिफंड मिला है तो इसमें उसका भी विवरण होता है। टीडीएस की कटौती पेमेंट या क्रेडिट जो पहले होता उसपर की जाती है। अगर आपको अगले वित्तीय वर्ष के लिए अग्रिम आय होती है तो उसपर भी टीडीएस की कटौती होती है। हालांकि, आयकर के नियम के तहत एक ही वित्त वर्ष के लिए टीडीएस कटौती का दावा किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में अग्रिम आय पर टीडीएस कटौती अगले वित्त वर्ष के लिए आगे बढ़ जाता है। करदाता अगले वित्त वर्ष में रिटर्न भरते समय टीडीएस कटौती का दावा कर सकता है। आयकर रिटर्न फ ॉर्म में बिना दावे के टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (डीटीएस) और टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस) के लिए दो कॉलम दिए गए हैं। करदाता इन कॉलमों में विवरण इनपुट कर सकते हैं।

भारत में इस्पात क्षेत्र के विकास में आएगी तेजी
Posted Date : 19-Dec-2020 11:24:14 am

भारत में इस्पात क्षेत्र के विकास में आएगी तेजी

नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सेल के पश्चिम बंगाल में स्थित इस्पात संयंत्र सरकार के मिशन पूर्वोदय के उद्देश्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस्पात मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक उन्होंने पश्चिम बंगाल में भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के आईआईएससीओ इस्पात संयंत्र (आईएसपी) और दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (डीएसपी) के प्रदर्शन की समीक्षा के दौरान यह बात कही। बयान में कहा कि मिशन पूर्वोदय में देश के पूर्वी हिस्से में स्थित सेल के संयंत्रों की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधान ने कहा कि दोनों संयंत्रों को पूर्वी क्षेत्र और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।ÓÓ मिशन पूर्वोदय की शुरुआत प्रधान ने जनवरी 2020 में की थी, जिसका उद्देश्य एक एकीकृत इस्पात केंद्र के जरिए पूर्वोत्तर के विकास को गति देना है।