नईदिल्ली,12 अपै्रल । वालमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने सोमवार अडाणी ग्रुप के साथ हाथ मिला लिया है. कंपनी की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि इससे लॉजिस्टिक्स और डेटा केंद्र क्षमताओं को मजबूत करने के लिए ये साझेदारी की गई है. इससे करीब 2,500 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा. साथ ही छोटे और मझोले कारोबारियों को मदद मिलेगी.
कंपनी ने बताया कि इस समझौते से फ्लिपकार्ट, अडाणी पोर्ट्स लिमिटेड एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडाणी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर काम करेगी. इससे आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी. इससे ग्राहकों को तेजी से सेवाएं मुहैया कराई जा सकेंगी.
फ्लिपकार्ट जल्द ही अपने तीसरे डेटा सेंटर की स्थापना करेगा. ये सेंटर अडाणी कॉनेक्स के चेन्नई में स्थापित किया जाएगा. अडाणी कॉनेक्स, एजकॉनेक्स और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बीच ये एक संयुक्त उद्यम है. हालांकि कंपनी ने इसके वित्तीय ब्यौरे के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी.
फ्लिपकार्ट के साथ हुई इस भागीदारी के तहत अडाणी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड मुंबई में अपने आगामी लॉजिस्टिक हब में 5.34 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले गोदाम का निर्माण करेगी. जिसे फ्लिपकार्ट को पश्चिमी भारत में ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पट्टे पर दिया जाएगा. यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होग. उम्मीद है कि ये साल 2022 की तीसरी तिमाही तक चालू हो जाएगा. इस केंद्र में बिक्री के लिए उपलब्ध एक करोड़ इकाइयों को रखने की क्षमता होगी.
0-2025 तक बेचेगी 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन
नईदिल्ली,11 अपै्रल । देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि कंपनी अगले तीन साल में इलेक्ट्रिक व्हीकल बिजनेस में 3,000 करोड़ रुपये का नया निवेश करेगी. साथ ही कंपनी इस सेक्टर में और भागीदारी हासिल करने पर विचार कर रही है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा वैश्विक स्तर पर अपनी क्षमता का उपयोग कर ईवी प्लेटफॉर्म के विकास पर जोर-शोर से काम कर रही है. महिंद्रा समूह के प्रबंध निदेशक अैर मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनीष शाह ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में हम 3,000 करोड़ रुपये निवेश करने जा रहे हैं. हमने जो पूर्व में कहा है, यह निवेश उसके अलावा होगा.’’
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने पूर्व में कहा था कि वह वाहन और कृषि क्षेत्रों में अगले पांच साल में 9,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी.
कंपनी ने 2025 तक 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को भारतीय सडक़ों पर उतारने का लक्ष्य रखा है और वह भारत में ईवी बिजनेस में 1,700 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है. इसके अलावा, 500 करोड़ रुपये नये अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) केंद्र में निवेश किया है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा पहले ही बेंगलुरू में इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्लांट खोल चुकी है. इसमें बैटरी पैक, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोटर का उत्पादन होता है. इसके अलावा कंपनी ने महाराष्ट्र में पुणे के समीप चाकण संयंत्र में भी नये मैनुफैक्चरिंग यूनिट लगाने में निवेश किया है.
हाल ही में प्रबंध निदेशक और सीईओ की जिम्मेदारी संभालने वाले शाह ने कहा कि निवेश राशि का उपयोग नये मंच के विकास समेत अन्य संबंधित कार्यों में किया जाएगा. मंच के जरिये समूह की विभिन्न क्षमताओं का उपयोग करते हुए विभिन्न मॉडल का उत्पादन किया जाएगा.
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये कंपनी पार्टनरशिप पर भी विचार करेगी. आने वाला समय ईवी का ही है. शाह ने कहा, ‘‘हमारा पहले से गठजोड़ है. हमने इस्राइल की कंपनी आरईई (ऑटोमोटिव) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर की घोषणा की है. यह छोटे ट्रकों और वाणिज्यिक वाहनो के लिए है. और हम ईवी के क्षेत्र में अन्य भागीदारी भी करेंगे. यानी हम गठजोड़ के लिये तैयार हैं..’’
नईदिल्ली,11 अपै्रल । कोरोना वायरस संक्रमण की नयी लहर से देश में आंशिक रूप से ‘लॉकडाउन’ लगाए जाने की आशंकाओं के बीच उद्योग जगत का मानना है कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होगी और इसका औद्योगिक उत्पादन बड़ा असर पड़ेगा. उद्योग मंडल सीआईआई की ओर से कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर सुझाव सुझाव दिया गया है कि ‘कोविड कर्फ्यू’ और प्रभावित जगहों पर ‘सूक्ष्म-स्तरीय नियंत्रण की रणनीतियों’ के साथ-साथ संक्रमण से बचने के उपयुक्त व्यवहार (मास्क पहनना और दूरी बनाये रखना आदि)अपनाने की रणनीति संक्रमण पर काबू पाने में प्रभावकारी रहेगी.
सीआईआई के सर्वे में शामिल ज्यादातर सीईओ ने यह संकेत दिया, आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाये जाने से श्रमिकों के साथ-साथ वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो सकती है. इससे औद्योगिक उत्पादन पर उल्लेखनीय रूप से प्रतिकूल असर पड़ सकता है.
सर्वे में शामिल सीईओ में से आधे से ज्यादा ने कहा है कि अगर ‘आंशिक लॉकडाउन’ के दौरान मजदूरों के आने पर जाने पर पाबंदी लगती है, उनका उत्पादन प्रभावित हो सकता है. इसमें कहा गया है, इसी प्रकार, 56 फीसदी सीईओ ने कहा कि वस्तुओं की आवाजाही अगर प्रभावित होती है, तो उन्हें 50 फीसदी तक उत्पादन का नुकसान हो सकता है.
उद्योग मंडल के अनुसार पाबंदियों के प्रभाव को कम करने के लिये सर्वे में शामिल करीब 67 फीसदी सीईओ ने पात्र लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जतायी.
कई लोग सुबह उठने और व्यायाम करने से ऊब जाते हैं। कई लोगों को सुबह उठना, उठना और जिम जाना दिनचर्या पसंद नहीं है। लेकिन चूंकि कोई विकल्प नहीं है, कई लोग सुबह उठते हैं और जिम जाते हैं। हालांकि, कुछ शोधों से पता चला है कि सुबह व्यायाम अधिक प्रभावी है। रात में सात से आठ घंटे की नींद शरीर को तरोताजा कर देती। इसलिए अगर आप सबसे ज्यादा व्यायाम करना चाहते हैं, तो सुबह उठना शुरू करें।
ये टिप्स निश्चित रूप से उन लोगों की मदद करेंगे जो सुबह बिस्तर पर जाने की आदत में हैं।
* अगर आप जिम जा रहे हैं, तो रात को पूरी तैयारी करें। अपना बैग भरें। इससे सुबह ज्यादा समय नहीं लगेगा और कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
* समय पर उठने के लिए, आपको रात को जल्दी सोने जाना चाहिए। अगर सुबह कोई नहीं उठता है, तो फोन में अलार्म सेट करें। हर पांच से दस मिनट में चार से पांच अलार्म सेट करें। क्यों परेशान होते हो, उठना पड़ता है।
* सुबह सबसे पहले पानी पीएं। अधिमानत: गर्म पानी पिएं। अगर आप जिम जाना चाहते हैं तो भी इस नियम में कोई बदलाव न करें। जब आप सुबह उठते हैं, तो खाली पेट एक गिलास गर्म पानी पिएं। यदि आप जिम में जोरदार व्यायाम करना चाहते हैं, तो चलते-फिरते ब्लैक कॉफी पिएं।
* आप फिटनेस के महत्व को जानते हैं। ध्यान रखें कि आप इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं। याद रखें कि स्व-प्रेरणा सबसे महत्वपूर्ण है। तो दोस्तों, क्यों न सुबह जल्दी उठना शुरू किया जाए?
नईदिल्ली,10 अपै्रल । वित्त वर्ष 2020-21 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट में संशोधित अनुमान से पांच प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष पी सी मोदी ने कहा कि आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2020-21 में पर्याप्त रिफंड जारी करने के बावजूद संशोधित अनुमानों से अधिक कर संग्रह किया है। रिफंड जारी करने में इससे पिछले साल के मुकाबले 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वित्त वर्ष के दौरान शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह 4.57 लाख करोड़ रुपये था, जबकि शुद्ध व्यक्तिगत आयकर 4.71 लाख करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा 16,927 करोड़ रुपये प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से मिले। इस तरह कर संग्रह संशोधित अनुमानों से पांच प्रतिशत अधिक रहा, लेकिन 2019-20 में तय किए गए लक्ष्य से 10 प्रतिशत कम रहा। मोदी ने कहा कि विभाग ने कागजी कार्रवाई के बोझ को कम करने और बेहतर करदाता सेवाएं मुहैया कराने के लिए कई उपाय किए हैं, जिसका असर पिछले वित्त वर्ष के कर संग्रह में दिखाई दिया।
मोदी ने कहा, हम चाहते हैं कि पूरी प्रणाली अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी हो। मूल विषय जिस पर हम काम कर रहे हैं, वह है ‘ईमानदार-पारदर्शी कराधान को लागू करनाज् जो मुझे कठिन समय के बावजूद भरोसा देता है कि हम वर्तमान लक्ष्यों को भी पूरा कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि विवाद से विश्वास योजना के तहत अब तक लगभग 54,000 करोड़ रुपये का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा, एक-तिहाई विवादों को इस योजना के तहत सुलझा लिया गया है। मुझे नहीं लगता कि इस तरह की किसी अन्य योजना की कोई जरूरत है। कॉरपोरेट करों को एक बार फिर वैश्विक न्यूनतम कर के दायरे में लाने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि सरकार ने पहले ही कॉरपोरेट करों में कमी की है।
नईदिल्ली,10 अपै्रल । देशभर में तमाम रबी फसलों की 65 फीसदी से ज्यादा कटाई पूरी हो चुकी है और खेतों में कटाई के लिए महज 35 फीसदी फसल बची हुई। गेहूं की कटाई जोरों पर चल रही है जबकि सरसों और ज्वार समेत कुछ फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है। वहीं, चना और मसूर की कटाई समाप्त होनेवाली है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को मिले आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं की कटाई 43 फीसदी पूरी हो चुकी है। देश के किसानों ने इस साल रिकॉर्ड 315.77 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की है जिसमें से 135.85 लाख हेक्टेयर फसल की कटाई पूरी हो चुकी है।
वहीं, सभी रबी फसलों का कुल रकबा 696.92 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 453.37 लाख हेक्टेयर यानी 65.05 फीसदी रकबे की फसल की कटाई पूरी हो चुकी है बात अगर, रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल सरसों की करें तो किसानों ने 100 फीसदी सरसों की फसल की कटाई कर ली है और फसल किसानों के घरों तक पहुंच चुकी हैं। सरसों का रकबा इस साल 68.53 लाख हेक्टेयर है। वहीं, चना का रकबा 107.15 लाख हेक्टेयर है जिसमें से 101.18 लाख हेक्टेयर यानी 94.43 फीसदी फसल की कटाई पूरी हो चुकी है।
दलहनों की 93 फीसदी से ज्यादा फसलों की कटाई हो चुकी है जबकि तिलहनों की कटाई करीब 96 फीसदी पूरी हो चुकी है। मोटे अनाजों में ज्वार की कटाई सौ फीसदी पूरी हो चुकी है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि कटाई के समय मौसम अनुकूल रहने से रबी फसलों की कटाई तेज हुई है।