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पेट्रोल के दाम में चौथे दिन गिरावट, डीजल की कीमत भी घटी
Posted Date : 04-Nov-2019 12:54:02 pm

पेट्रोल के दाम में चौथे दिन गिरावट, डीजल की कीमत भी घटी

नई दिल्ली ,04 नवंबर । पेट्रोल के दाम में लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई जबकि दो दिन के विराम के बाद डीजल की कीमत में भी कटौती की गई। दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में नौ पैसे जबकि कोलकाता में आठ पैसे प्रति लीटर की कटौैती की गई है। डीजल के दाम दिल्ली में पांच पैसे, कोलकाता और मुंबई में तीन पैसे जबकि चेन्नई में दो पैसे प्रति लीटर कम हो गए हैं।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम घटकर क्रमश : 72.65 रुपये, 75.37 रुपये, 78.33 रुपये और 75 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। चारों महानगरों में डीजल के दाम भी घटकर क्रमश: 65.75 रुपये, 68.16 रुपये, 68.96 रुपये और 69.50 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं।

मोदी की अपील, भारत में निवेश करें निवेशक
Posted Date : 03-Nov-2019 12:54:31 pm

मोदी की अपील, भारत में निवेश करें निवेशक

बैंकॉक ,03 नवंबर ।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशको से आसान व्यवसाय के लिए भारत में निवेश करने की अपील करते हुए रविवार को कहा कि भारत निवेश के लिए दुनिया की सबसे आकर्षक अर्थव्यस्था है। मोदी ने रविवार को यहां आदित्य बिरला समूह के सवर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में निवेश करने का यह सबसे अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा, भारत निवेश के लिए दुनिया का सबसे आकर्षक अर्थव्यवस्ता है और देश में बड़े बदलाव किये जा रहे हैं। भारत में काम करने से रोकने की प्रशासनिक प्रणाली खत्म हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने निवेशकों से भारत में निवेश करने की अपील करते हुए कहा, निवेश और आसान व्यवसाय के लिए भारत आइए। नया करने और कारोबार शुरू करने के लिए भारत आइए। कुछ सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने और वहां के लोगों का हार्दिक सत्कार पाने के लिए भारत आइए। भारत आपका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाणिज्य और संस्कृति एकजुट करने के लिए ‘अंतर्निहित शक्तियां’ हैं और सदियों से संन्यासियों और व्यापारियों ने दूर-दूर तक दौरा किया है।
उन्होंने कहा, उन लोगों ने अपने देश से दूसरे देश का दौरा किया और कई संस्कृतियों के साथ घूल-मिल गये। सांस्कृति और व्यापारिक संबंध निश्चित रूप से दुनिया को करीब लाएंगे। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के साथ सम्पर्क सूत्र बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि थाईलैंड के पश्चिमी बंदरगाह तथा भारत के पूर्वी बंदरगाह के बीच सम्पर्क सूत्र स्थापित होने से आर्थिक साझेदारी मजबूत होगी।

35वां आसियान शिखर सम्मेलन शुरू, 3.4 अरब लोगों के ट्रेड समझौते पर टिकीं भारतीय कारोबारियों की नजरें
Posted Date : 03-Nov-2019 12:54:16 pm

35वां आसियान शिखर सम्मेलन शुरू, 3.4 अरब लोगों के ट्रेड समझौते पर टिकीं भारतीय कारोबारियों की नजरें

बैंकॉक ,03 नवंबर । बहुपक्षीय व्यापार और संपर्क सूत्र बढ़ाने के मुद्दों पर केंद्रित दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के 35 वें शिखर सम्मेलन और अन्य संबंधित शिखर सम्मेलन रविवार को शुरू हो गए। थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा,एक समृद्ध और स्थिर क्षेत्र बनाने के लिए हमें इस वर्ष के अंतर क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) की असहमतियों को
खत्म करने के लिए लगातार काम करना रखना चाहिए ताकि क्षेत्र में आर्थिक विकास के साथ-साथ व्यापार और निवेश बढ़ सके। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन के साथ-साथ क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग ढांचे के दायरे में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए निरंतर सहयोग करने का भी आह्वान किया ताकि आसियान और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लचीलापन को मजबूत किया जा सके।
उम्मीद की जा रही है कि इस समिट में भारत क्रष्टश्वक्क पैक्ट पर भारत साइन कर देगा। कांग्रेस इसका जबर्दस्त विरोध कर रही है तो भारतीय उद्योग जगत ने भी चिंता जताई है।  आरसीईपी एक ट्रेड अग्रीमेंट है जो सदस्य देशों को एक दूसरे के साथ व्यापार में सहूलियत प्रदान करता है। एग्रीमेंट के तहत सदस्य देशों को आयात और निर्यात पर लगने वाला टैक्स नहीं भरना पड़ता है या बहुत कम भरना पड़ता है। इस एग्रीमेंट पर आसियान के 10 देशों के साथ-साथ छह अन्य देश, जिसमें भारत भी शामिल है, दस्तखत करेंगे।
क्रष्टश्वक्क के सदस्य देशों पर ध्यान दें तो 10 आसियान सदस्यों के अलावा इसमें भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं। यह एग्रीमेंट दुनिया के 3.4 अरब लोगों के बीच एक समझौता होगा और यह विश्व का सबसे बड़ा फ्री ट्रेड पैक्ट होगा। भारत का व्यापार घाटा क्रष्टश्वक्क के ज्यादातर सदस्य देशों के साथ है और समझौते के बाद भारत पर बहुत ज्यादा बोझ बढ़ जाएगा। 
हालांकि लगातार विरोध के बीच सरकार पहले ही जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लिए जाने की बात कह चुकी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था भारत जल्दबाजी में कोई भी एफटीए नहीं करेगा और घरेलू उद्योग के हितों से समझौता किए बिना ही कोई गठजोड़ करेगा। आरसीईपी के संदर्भ में काफी सारी गलत सूचनाएं हैं। भारत अपनी शर्तों पर एफटीए या व्यापक भागीदारी समझौता करेगा।
उधर, आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच सहित कई संगठन डेयरी और कृषि क्षेत्र को इस समझौते से बाहर रखने की मांग कर रहे हैं। भारत पूर्व में हुए कई एफटीए से भी इन संवेदनशील क्षेत्रों को बाहर रखता आ रहा है।  भारतीय उद्योग जगत ने आरसीईपी समूह में चीन की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई है। डेयरी, धातु, इलेक्ट्रॉनिक्स और रसायन समेत विभिन्न क्षेत्रों ने सरकार से इन क्षेत्रों में शुल्क कटौती नहीं करने का आग्रह किया है। उद्योग जगत को आशंका है कि आयात शुल्क कम या खत्म होने से विदेशों से अधिक मात्रा में माल भारत आएगा और स्थानीय उद्योगों पर इसका बुरा असर होगा। अमूल ने भी डेयरी उद्योग को लेकर चिंता जाहिर की थी।
भारत प्रस्तावित समझौते के तहत चीन से आने वाले करीब 80 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क घटा या हटा सकता है। भारत इसी प्रकार ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आयातित 86 प्रतिशत उत्पादों और आसियान, जापान और दक्षिण कोरिया से आयात होने वाले उत्पादों के 90 प्रतिशत पर सीमा शुल्क में कटौती कर सकता है। आयात होने वाले सामानों पर शुल्क कटौती को 5, 10, 15, 20 और 25 साल की अवधि में अमल में लाया जाना है। भारत का 2018-19 में क्रष्टश्वक्क के सदस्य देशों में से चीन, दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया सहित 11 देशों के साथ व्यापार में घाटा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आसियान शिखर सम्मेलन 2019 में ‘एडवांसिंग पार्टनरशिप फॉर सस्टेनेबिलिटी’ विषय के तहत, सामाजिक निर्माण और एकीकरण के मुद्दे पर चर्चा होगी। डिजिटल बदलाव से उत्पन्न अवसरों का उपयोग करने और इस क्षेत्र में वाली आर्थिक अनिश्चितताओं के समाधान की तलाश की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1967 में स्थापित, आसियान समूह में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

सोना 100 रुपए, चांदी 150 रुपए हुई तेज
Posted Date : 03-Nov-2019 12:53:55 pm

सोना 100 रुपए, चांदी 150 रुपए हुई तेज

नई दिल्ली ,03 नवंबर ।  दिल्ली सर्राफा बाजार में बीते सप्ताह उतार.चढ़ाव भरे कारोबार के बीच सप्ताहांत दोनों कीमती धातुओं में सामान्य तेजी दर्ज की गई । सोना स्टैंडर्ड सौ रुपए प्रति दस ग्राम मजबूत हुआ। चांदी हाजिर में 150 रुपए प्रति किलो की तेजी आई। कारोबारियों के अनुसार दिवाली के बाद मांग कमजोर रही। सप्ताह के शुरुआत दो दिन बाजार गोवधर्न पूजा और भैया दूज के उपलक्ष्य में बंद रहे। चार दिन के कारोबारी सप्ताह में दोनों धातुओं ने उठापटक बनी रही।
बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में सोने में अच्छी तेजी देखी गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पीली धातु की कीमत करीब दस डालर उछलकर 1514 डालर प्रति ट्राय औंस के आस पास रही। हालांकि चांदी उतार-चढ़ाव के उपरांत 18 डालर प्रति ट्राय औंस पर स्थिर थी।
दिवाली की त्यौहारी मांग निकल जाने के बाद विदेशों के ऊंचे भावों से आई तेजी के बीच ग्राहकी कमजोर थी। शादी-विवाह की मांग भी अभी नहीं निकल रही है। उधर ऊंचे भावों की वजह से ग्राहक पुराने सोने की अदला-बदली पर अधिक नजर आया।
अंतर बैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में डालर के मुकाबले रुपया कमोबेश कमजोर बना रहा। हालांकि सप्ताहांत विनिमय दर में बैंकर्स और निर्यातकों की बिक्री से रुपए पर दबाव कुछ कम हुआ ओर एक डालर की कीमत आठ पैसे कम रही। कारोबारियों का कहना है कि रुपए के कमजोर रहने से आयात महंगा पड़ता है। सप्ताह के दौरान यह अटकलें भी जोरों पर रहीं कि सरकार नोटबंदी के बाद अगला कदम सोने को बाहर निकालने के लिए कदम उठा सकती है। हालांकि बाद में ऐसी रिपोर्टें आई कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।

ऑड ईवन के दौरान मांग बढऩे पर ज्यादा किराया नहीं लेंगे ओला-ऊबर
Posted Date : 02-Nov-2019 1:19:36 pm

ऑड ईवन के दौरान मांग बढऩे पर ज्यादा किराया नहीं लेंगे ओला-ऊबर

नई दिल्ली ,02 नवंबर। दिल्ली में चार नवंबर से ऑड-ईवन शुरू होने जा रहा है। इस दौरान ओला और ऊबर जैसी कैब संचालित करने वाली कंपनियां सर्ज प्राइसिंग (मांग बढऩे के साथ किराए में बढ़ोतरी) लागू नहीं करेंगी। जारी किए गए बयान में कहा गया है कि ये कंपनियां दिल्ली में प्रदूषण कम करने में अपना सहयोग देंगी। इसके अलावा ऑड-ईवन से कार पूल करने की सुविधा को परखने का भी मौका मिलेगा।
ओला के मुख्य बिक्री एवं विपणन अधिकारी अरुण श्रीनिवास ने कहा, यात्रियों को अधिकतम और निर्बाध सुविधा उपलब्ध कराने के अपने सतत प्रयास के तहत हमने तय किया है कि सम-विषम योजना के दौरान ओला पर बुक की गई कैब के लिए सर्ज प्राइसिंग नहीं होगी। हम सभी चालकों-साझेदारों, यात्रियों और नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वह इस योजना के तीसरे संस्करण को सफल बनाने के लिये इसमें भागीदारी करें।
पिछले महीने ऊबर ने भी ऐलान किया था कि वह राष्ट्रीय राजधानी में सम-विषम योजना के दौरान सर्ज प्राइसिंग को लागू नहीं करेगी। उबर के प्रवक्ता ने कहा था, हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सम-विषम योजना के दौरान हमारी ओर से आवाजाही सुगम रहे और हमनें इस दौरान सर्ज प्राइसिंग को निष्क्रिय रखने का फैसला किया है। हम दिल्ली सरकार के कदम का पूर्ण समर्थन करते हैं और इसकी सफलता की कामना करते हैं।

आर्थिक सुस्ती के गंभीर परिणाम, उद्योग से लेकर रोजगार तक संकट
Posted Date : 02-Nov-2019 1:18:59 pm

आर्थिक सुस्ती के गंभीर परिणाम, उद्योग से लेकर रोजगार तक संकट

नई दिल्ली ,02 नवंबर।   इस वित्त वर्ष की शुरुआत से ही आर्थिक सुस्ती देखने को मिल रही है। इसके चलते औद्योगिक उत्पादन और रोजगार से लेकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बुरा असर पड़ा है। कई महीने तक ऑटोमोबाइल सेक्टर भी सुस्ती का सामना करता रहा। हालांकि त्योहारों की वजह से इसमें सुधार देखा गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने डेटा जारी किया जिसमें साफ देखा जा सकता है कि स्लोडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है। अक्टूबर में बेरोजगारी की दर बढक़र 8.5 प्रतिशत हो गई जो कि अगस्त 2016 के बाद सबसे ज्यादा है। यह सितंबर के मुकाबले भी 7.2 फीसदी ज्यादा है। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक यह स्लोडाउन का असर है। इसके अलावा अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की तरफ से एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जिसके मुताबिक पिछले 6 सालों में करीब 90 लाख रोजगार के अवसरों में कमी आई है। इस रिपोर्ट को संतोष मेहरोत्रा और जगति के परीदा ने मिलकर तैयार किया है और इसे अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ सस्टेनेबेल एंप्लॉयमेंट की तरफ से प्रकाशित किया गया है।
मैन्युफैक्चरिंग
अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट पिछले दो साल में सबसे स्लो रहा। आईएचएस इंडिया के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स  में भी गिरावट देखी गई। यह सितंबर में 51.4 थी जो कि अक्टूबर में घटकर 50.6 हो गई। एजेंसी 400 प्रोड्यूसर्स को शामिल करके सर्वे करवाती है जिसमें नए ऑर्डर, आउटपुट, जॉब, सप्लायर के डिलिवरी टाइम और स्टॉक परचेज के आंकड़े इक_े किए जाते हैं। यह सूचकांक अगर 50 के ऊपर होता है तो वृद्धि मानी जाती है वहीं 50 के नीचे आ जाने से बाजार में स्लोडाउन की स्थिति मानी जाती है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर
कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी प्रॉडक्ट, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी उद्योग के आउटपुट का डेटा जारी किया गया। इनका प्रदर्शन पिछले 14 सालों में सबसे खराब रहा है। इसमें 5.2प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
इंडस्ट्रियल ऐक्टिविटी
इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के मुताबिक मुख्य उद्योगों के प्रॉडक्शन में भारी गिरवाट देखी गई। इसमें शामिल की गई कंपनियों का वेटेज इस सेक्टर में 40 फीसदी है। इसमें 1.1त्न की गिरावट सात साल में सबसे ज्यादा है। नया डेटा 11 नवंबर को जारी किया जाएगा।
टैक्स कलेक्शन
अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन गिरकर 95,380 करोड़ पर पहुंच गया। पिछले साल इस महीने में जीएसटी संग्रह 1,00,710 था। यह लगातार तीसरा महीना है जब जीएसटी 1 लाख करोड़ से कम है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष के पहले छह महीने में टैक्स कलेक्शन में ग्रोथ केवल 1.5 फीसदी की रही है जो कि 2009-10 के बाद सबसे कम है। बता दें कि अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 प्रतिशत दर्ज की गई जो कि 6 साल में सबसे कम है। जुलाई-सितंबर का डेटा 30 नवंबर में जारी किया जाएगा। निवेशकों के मुताबिक यह स्लोडाउन साल 2006 से भी लंबा है।