नईदिल्ली,21 अपै्रल । एप्पल ने खुलासा किया है कि आईओएस 14.5 आधिकारिक तौर पर अगले सप्ताह से शुरू होगा। जैसे कि एप्पल ने नए टाइल-लाइक एयरटैग ट्रैकर को लॉन्च करने की घोषणा की, कंपनी ने कहा, एयरटैग को आईओएस 14.5 या उसके बाद के आईफोन या आईपॉड टच की आवश्यकता है, या आईपैड को आईपैड 14.5 या बाद में चलाने की आवश्यकता है। ये सॉफ्टवेयर अपडेट अगले सप्ताह से उपलब्ध होंगे।
एप्पल ने कहा, ग्राहकों के पास एक एप्पल आईडी होनी चाहिए और उनके आईक्लाउड अकाउंट में साइन इन होना चाहिए। कुछ विशेषताओं के लिए फाइंड माय आईक्लाउड सेटिंग्स में सक्षम होना आवश्यक है।
एप्पल ने पहली बार आईओएस 14.5 बीटा को वॉचओएस 7.4 बीटा के साथ इस साल की शुरूआत में फरवरी में लॉन्च किया था।
14.5 बीटा आईपैडओएस के साथ क्यूपर्टिनो आधारित तकनीकी दिग्गज जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, इतालवी और पुर्तगाली के लिए एप्पल पेंसिल स्क्रिबल सपोर्ट का विस्तार कर रहा है।
नया आईओएस 14.5 बीटा अपडेट अपने साथ 200 से अधिक नए इमोजी पेश करता है, जिसमें एक नया एयरपोड्स मैक्स इमोजी भी शामिल है।
नया अपडेट अपने साथ टेक स्क्रीनशॉट, ओरिएंटेशन लॉक सहित ऐप के लिए नए शॉर्टकट भी लाता है, जहां शॉर्टकट ऐप स्क्रीन ओरिएंटेशन को ऑन या ऑफ करता है।
एप्पल ने आगामी आईओएस अपडेट के माध्यम से आईफोन 11 सीरीज डिवाइस के साथ बैटरी ड्रेन और अन्य प्रदर्शन मुद्दों को ठीक करने की भी घोषणा की है।
एप्पल सपोर्ट डॉक्यूमेंट के अनुसार, जब आप आईफोन 11, 11 प्रो, या 11 प्रो मैक्स को आगामी आईओएस 14.5 अपडेट के साथ अपडेट करेंगे तो रिकैलिब्रेशन प्रक्रिया होगी।
नईदिल्ली,21 अपै्रल । अमेरिका के सिटी बैंक के भारत से उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि भारतीय स्टेट बैंक या फिर कुछ निजी क्षेत्र के बैंक इसमें हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। बैंक ने पिछले हफ्ते ये ऐलान किया कि वैश्विक कारोबारी रणनीति के तहत वो भारत से क्रेडिट कार्ड, खुदरा बैंकिंग, होम लोन जैसे कारोबार से बाहर हो जाएगा।देश में बैंक की 35 शाखाएं हैं और उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। भारत के साथ साथ सिटी बैंक 13 और देशों से भी उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से निकलने की घोषणा की। सिटी बैंक के वैश्विक सीईओ जेन फ्रेजर ने इस निर्णय का कारण इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा में पैमाने का अभाव बताया।
उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने के प्रस्ताव को लेकर नियामकीय मंजूरी की जरूरत होगी। इसके लिए जैसे ही बैंक रिजर्व बैंक से संपर्क करेगा, बैंक की हिस्सेदारी दूसरे बैंकों को देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।सिटीग्रुप ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, चीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, रूस, ताइवान, थाईलैंड और वियतनाम में अपने कंज्यूमर बिजनेस से बाहर निकलने का फैसला किया है।
हालांकि बैंक के भारतीय अधिकारियों के मुताबिक इस घोषणा से कामकाज में तात्कालिक कोई बदलाव नहीं होगा। वो ग्राहकों को पहले की तरह सेवा देते रहेंगे। सिटी बैंक ने 1902 में भारत में कदम रखा था और 1985 में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में कदम रखा। संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा।
नईदिल्ली,21 अपै्रल । कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए विमान कंपनी एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है। एयर इंडिया ने 24 से 30 अप्रैल तक के लिए ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयर इंडिया ने भारत से यूनाइटेड किंगडम जाने वाले यात्रियों को सूचित किया है कि यूके ने 24 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। यात्रियों के टिकट पर रिफंड को लेकर आगे जानकारी दे दी जाएगी। बता दें कि भारत में कोरोना महामारी की चिंताओं के बीच ब्रिटेन ने हाल ही में यात्रियों के आने पर पाबंदी लगाई है।
एयर इंडिया ने कहा कि जो यात्री भारत और यूके के बीच यात्रा करने वाले थे, वे ध्यान दें कि यूके की ओर से लगाए गए हालिया प्रतिबंधों की वजह से 24 से 30 अप्रैल 2021 तक यूके के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यात्रा के नए समय, रिफंड के बारे में जल्दी जानकारी दी जाएगी।
इससे पहले ब्रिटेन ने भारत को उन देशों की लाल सूची में डाल दिया है, जिसके तहत गैर-ब्रितानी और आइरिश नागरिकों के भारत से ब्रिटेन जाने पर पाबंदी रहेगी। साथ ही विदेश से लौटे ब्रितानी लोगों के लिए होटल में 10 दिन तक पृथकवास में रहना अनिवार्य कर दिया है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप से पीडि़त होने के 103 मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर मामले विदेश से लौटे यात्रियों से संबंधित हैं। आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ऐहतियात के तौर पर भारत को लाल सूची में शामिल किया है।
वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी महामारी की दूसरी लहर की गंभीरता के मद्देनजर, भारत की अपनी आगामी यात्रा रद्द कर दी है। ये यात्रा अगले सप्ताह 26 अप्रैल को निर्धारित की गई थी। जॉनसन और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में भविष्य की साझेदारी को लेकर चर्चा करने वाले थे। जॉनसन की भारत यात्रा शुरू में जनवरी में होने वाली थी, मगर उस समय ब्रिटेन ने राष्ट्रीय लॉकडाउन लग गया और उनका भारत का दौरा टल गया था।
0-करने जा रहीं 1 लाख से ज्यादा भर्तियां
नईदिल्ली,20 अपै्रल । कोरोना की दूसरी लहर से जॉब संकट दोबारा गहराने वाला है. इससे नौकरीपेशा लोगों की चिंता बढ़ गई है, लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में देश की टॉप 5 कंपनियां उन्हें बड़ी राहत दे सकती हैं. दरअसल भारत की शीर्ष आईटी कंपनियां जल्द ही 1 लाख से ज्यादा भर्तियां करेंगी. इसमें आईटी सेक्टर के टैलेंटेड युवाओं को बेहतरीन मौका मिल सकता है.
माना जा रहा है कि ये इस साल की सबसे बड़ी भर्तियों में से एक होगी. इस बंपर हायरिंग से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा. वैश्विक स्तर पर आईटी सेक्टर में अच्छे टैलेंट की बढ़ती मांग के चलते आईटी कंपनियां ये जॉब निकालेंगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक टीसीएस कैंपस से करीब 40000 भर्तियां करेगा. वहीं, इंफोसिस कैंपस से 25000 भर्तियां होने की संभावना है.
रिपोर्ट के मुताबिक विप्रो कंपनी भी पिछले से अधिक भर्तियां करेगी. हालांकि कंपनी की ओर से भर्तियों की संख्या के बारे में नहीं बताया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस, एचसीएल और टेक महिंद्रा इस साल 1,10,000 से अधिक भर्तियां करेंगी, जो बीते साल की 90000 भर्तियों से अधिक है.
कोरोना महामारी के चलते देशभर में कामकाज का पूरा रूटीन ही बदल गया है. पिछले साल से ज्यादातर कंपिनयां लॉकडाउन के बीच वर्क फ्रॉम होम के कल्चर पर अधिक फोकस कर रही हैं. वक्त के साथ इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए ज्यादातर कंपनियां और क्लाइंट अपने कारोबार को ऑनलाइन या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट कर रहे हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस वित्त वर्ष की शुरुआत के लिए नए सिरे से प्लान बनाया जा रहा है. इस बार हायरिंग बीते साल से 20 फीसदी अधिक होगी. इसके लिए भारत की शीर्ष पांच आउटसोर्सरों ने पिछले साल कुल 2.10 लाख भर्तियां की थी. इस बार ये आंकड़ा और ज्यादा होगा.
नईदिल्ली,20 अपै्रल । कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को दैनिक आधार पर 300 टन मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई करने का दावा टाटा स्टील ने की है। इस्पात मंत्रालय के अनुसार इस्पात कारखानों में 28 ऑक्सीजन संयंत्र हैं। ये संयंत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में स्थित हैं जो प्रतिदिन 1,500 टन चिकित्सा ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं। टाटा स्टील ने ट्विटर पर लिखा है, देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए, हम विभिन्न राज्य सरकारों और अस्पतालों को रोजाना 200-300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं।
हम कोरोना की रोकथाम के लिए जारी अभियान में साथ हैं और निश्चित रूप से इससे पार पांएगे।निजी क्षेत्र की जेएसपीएल ने भी कहा कि वह अपने अंगुल (ओडि़शा) और रायगढ़ (छत्तीसगढ़) स्थित कारखानों से 50 से 100 टन ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है। इससे पहले, सार्वजनिक क्षेत्र की सेल ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा था, सेल ने अपने एकीकृत इस्पात कारखाने बोकारो (झारखंड), भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडि़शा), दुर्गापुर और बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) से कोविड मरीजों के उपचार के लिए 99.7 प्रतिशत शुद्धता वाले 33,300 टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की सप्लाई की है।
आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लि. (एएमएनएस इंडिया) ने कहा कि वह गुजरात में स्वास्थ्य केंद्रों को प्रतिदिन 200 टन ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर शुक्रवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
0-सिस्टम का दुरूपयोग कर रहे लोगों पर कसेगा शिकंजा
नईदिल्ली,20 अपै्रल । सरकार बिना ई-वे बिल के जा रही वाहनों के मामले में जीएसटी अधिकारियों को वास्तविक समय पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने जा रही है। इससे टोल प्लाजा पर ट्रकों को पकडऩे और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) चोरी रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ कर अधिकारियों को उन ई-वे बिलों की विश्लेषण रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई जाएगी जहां वस्तुओं की ढुलाई नहीं हो रही। इससे अधिकारियों को ‘सर्कुलर ट्रेडिंग (इनपुट टैक्स क्रेडिट के उपयोग के लिए फर्जी बिक्री सौदा दिखाने की धोखाधड़ी) के मामलों को पहचानने में मदद मिलेगी। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत अप्रैल 2018 से 50,000 रुपये से अधिक मूल्य की वस्तुओं को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य है। हालांकि सोने को इससे छूट दी गई है।
ई-वे बिल पर एक रिपोर्ट में सरकार ने कहा है कि मार्च 2021 तक की तीन साल की अवधि में 180 करोड़ ई-वे बिल क्रिएट किए गए हैं। इसमें से केवल 7 करोड़ बिलों का सत्यापन अधिकारियों ने किया है।’ ई-वे बिल-तीन साल की यात्रा शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है जिन पांच राज्यों ने सर्वाधिक ई-वे बिल सृजित किए, वे गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाण, तमिलनाडु और कर्नाटक हैं। जिन पांच क्षेत्रों में पिछले तीन साल में अधिकतम संख्या में ई-वे बिल सृजित किए गये, वे कपड़ा, इलेक्ट्रिक मशीनरी, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात तथा वाहन हैं।इससे जब भी संबंधित वाहन आरएफआईडी टैग को पढऩे वाले उपकरण से युक्त राजमार्गों से गुजरता है, पूरा ब्योरा सरकारी पोर्टल पर अपलोड हो जाता है। बाद में इस सूचना का उपयोग राजस्व अधिकारी जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा की गयी आपूर्ति के सत्यापन में करते हैं।