नयी दिल्ली ,15 मई । राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लि (एनटीपीसी) ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपना भरपूर योगदान देते हुए देशभर के विभिन्न कोविड देखभाल केंद्रों में 500 से अधिक ऑक्सीजन समर्थित बेड और 1,100 आइसोलेशन बेड जोड़े हैं।
एनटीपीसी ने कहा कि उसने बदरपुर, नोएडा और दादरी के कोविड देखभाल केंद्रों में 200 ऑक्सीजन समर्थित और 140 आइसोलेशन बेड लगाए हैं।
उसने कहा, ‘‘ओडिशा के सुंदरगढ़ में 500 बेड की क्षमता और बीस वेंटिलेटर के साथ कोविड देखभाल केंद्र तैयार किया गया है। एनटीपीसी ने महत्वपूर्ण कोविड देखभाल केंद्रों में सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न राज्यों में 500 से अधिक ऑक्सीजन समर्थन बेड और 1,100 से अधिक आइसोलेशन बेड जोड़े है।’’
उसने बताया कि दादरी, कोरबा, कनिहा, रामागुंडम, विंध्याचल और बदरपुर के साथ अब उत्तरी करनपुरा, बोंगाईगांव और सोलापुर के कोविड देखभाल केन्द्रों में भी अतिरिक्त सुविधाएं स्थापित की जायेगी।
इस बीच एनटीपीसी ने अपने परिचालन में अबतक 70,000 से अधिक कर्मचारियों और सहयोगियों को टीका लगा दिया है। संयंत्र स्थानों पर बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान जारी है। उसने 18 से 44 वर्ष के कर्मचारियों को भी कोरोना का टीका लगाना शुरू कर दिया है।
नयी दिल्ली ,15 मई । सरकार ने कहा कि उसने कोविड आपूर्ति के लिए सार्वजनिक खरीद को आसान बनाने के लिए अनिवार्य स्थानीय सामग्री आवश्यकता संबंधी मानदंडों को अस्थायी रूप से खत्म कर दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि यह छूट 30 सितंबर तक लागू रहेगी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के मद्देजनर जरूरी आपूर्ति के लिए सार्वजनिक खरीद को सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को तरजीह) आदेश, 2017 छूट दी है।’’ सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और देश में आय तथा रोजगार को बढ़ाने के लिए 15 जून 2017 को सार्वजनिक खरीद (भारत में मेक इन इंडिया) आदेश जारी किया। इस आदेश का मकसद सार्वजनिक खरीद में स्थानीय विनिर्मातओं की भागीदारी को बढ़ावा देना था।
नई दिल्ली ,14 मई । वाडिया ग्रुप की लो-कॉस्ट एयरलाइन गो एयर ने खुद को गो फर्स्ट के रूप में रिब्रांड किया है। 15 साल पुरानी एयरलाइन अल्ट्रा लो कॉस्ट बिजनेस पर फोकस करने के चलते ये फैसला लिया है। बता दें कि कोरोना महामारी से एविएशन इंडस्ट्री जूझ रही है। इसका असर गो एयर पर भी पड़ा है। इससे उबरने के लिए यह अब लो कॉस्ट बिजनेस मॉडल पर फोकस करेगी।
दरअसल गो एयर पर फोकस कर रही है, जिस वजह इसने ये निर्णय लिया है। 13 मई को एयरलाइन ने औपचारिक रूप से एक बयान में कहा कि वह खुद को गो फर्स्ट के रूप में रीब्रांड कर रही है। बता दें कि एयरलाइन ने 2005 में परिचालन शुरू किया और उसके बेड़े में सिर्फ 50 से अधिक विमान हैं, यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी इंडिगो के रूप में जो एक साल बाद शुरू हुआ, आकार में 5 गुना से अधिक है।
गोएयर पब्लिक इश्यू के जरिये प्राइमरी मार्केट से फंड्स जुटाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली ,14 मई । अगर सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो बंगाल का हिमसागर आम दक्षिण कोरिया और जरदालू आम मॉरीशस को निर्यात किया जा सकता है। भारत दुनिया में आम का सबसे उत्पादक है। लेकिन देश से आम की कुछ ही किस्मों का निर्यात किया जाता है। अब इसमें विविधता लाने की तैयारी है। उत्तरी राज्यों में होने वाली आम की किस्मों को भी निर्यात किया जाएगा। साथ ही अमेरिका को भी आम का निर्यात बहाल करने की योजना है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के चेयरमैन एम अंगामुत्थू ने कहा कि हम लंगड़ा, दशहरी, हिमसागर और जरदालू जैसी किस्मों के निर्यात की संभावनाएं तलाश रहे हैं। अभी हमारे निर्यात में अल्फोंसो और केसर का दबदबा है लेकिन आम की दूसरी किस्मों की भी भारी मांग है। दुनियाभर में भारतीय मूल के लोग और दूसरे लोग भी इनकी मांग कर रहे हैं।
किन देशों को होता है आम का निर्यात
भारत से अब तक यूएई, ईयू और नेपाल को आम की निर्यात होता रहा है लेकिन अब दूसरे देशों को भी आम का निर्यात करने की तैयारी है। इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मॉरीशस शामिल हैं। भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है लेकिन निर्यात के मामले में वह मेक्सिको और पाकिस्तान से भी पिछड़ा हुआ है। लेकिन भारत ने अब इन देशों को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है।
घरेलू खपत और खासकर उत्तर भारतीय किस्मों में शुगर की अधिक मात्रा के कारण इनका कम निर्यात होता है। साथ ही स्डैंडर्ड की भी समस्या है। उदाहरण के लिए अमेरिका को निर्यात इसलिए प्रभावित हुआ है क्योंकि भारतीय उपज की जरूरत पड़ती है। पिछले वित्त वर्ष में आम का निर्यात उससे पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा। 2019-20 में भारत से 5.6 करोड़ डॉलर का आम निर्यात हुआ था जबकि पिछले साल अप्रैल से फरवरी के बीच करीब 2.83 करोड़ डॉलर का आम निर्यात किया गया। इसकी एक वजह लॉकडाउन भी है जो आम के पीक सीजन के साथ लगा था।
चेन्नई ,14 मई । वेदांता लिमिटेड के स्वामित्व वाले स्टरलाइट कॉपर संयंत्र में तकनीकी खराबी होने के कारण उसमें उत्पादन कार्य रुक गया है। कंपनी ने इसकी जानकारी दी। वेदांता के इस संयंत्र में हाल में ही चिकित्सा उपयोग की ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया गया। इसमें उत्पादित चिकित्सा आक्सीजन की पहले खेप को लाभार्थी तक भेजा गया। कंपनी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘हमारे टुटीकोरिन स्थित आक्सीजन संयंत्र के कोल्ड बॉक्स में तकनीकी खराबी आ गई जिससे अस्थाई तौर पर उत्पादन रुक गया।’’ कंपनी ने कहा कि संयंत्र तीन साल से बंद पड़ा था, उसे कोई देखने वाला नहीं था इसलिये उत्पादन कार्य में शुरुआत में इस प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी आने की संभावना थी। उसने कहा है कि तकनीकी विशेषज्ञों का एक समूह पहले से ही संयंत्र स्थल पर मौजूद है। स्थिति पर उसकी नजर है और उत्पादन जल्द से जल्द शुरू करने के लिये समाधान की प्रक्रिया में है। कंपनी ने कहा है, ‘‘हमारी उत्पादन को जल्द ही बेहतर स्थिति में पहुंचाने की योजना है।’’ वेदांता के स्वामित्व वाली स्टारलाइट कॉपर कंपनी को राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार ने 26 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाकर चार महीने के लिये चिकित्सा आक्सीजन का उत्पादन शुरू करने की अनुमति दी है। इससे पहले राज्य सरकार ने मई 2018 को इस कारखाने को सील कर दिया था। पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर कारखाने के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में 13 प्रदर्शनकारियों की पुलिस फायरिंग में मौत हो जाने के बाद संयंत्र को सील कर दिया गया था।
मुंबई ,13 मई । पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यहां की एक विशेष अदालत ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर पूछा है कि उसकी संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत जब्त क्यों नहीं किया जाए। विशेष न्यायाधीश वी.सी. बर्डे ने नीरव मोदी से 11 जून को अदालत के समक्ष पेश होने को भी कहा। अदालत ने कहा कि अगर आरोपी पेश नहीं होता तो उसके खिलाफ एफईओ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। विशेष अदालत ने दिसंबर 2019 में नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर ऐसा किया गया था जो इस मामले में जांच कर रहा है। हालिया नोटिस के अनुसार, ‘‘मैं, वी.सी. बर्डे, पीएमएलए 2002 और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत विशेष न्यायाधीश, आपको यह कारण बताने के लिए नोटिस जारी करता हूं कि आवेदन (प्रवर्तन निदेशालय की याचिका) में उल्लेखित संपत्तियों को उक्त कानून के तहत जब्त क्यों नहीं कर लिया जाए।’’ नीरव मोदी की पत्नी अमी, बहन पूर्वी और बहनोई मयंक मेहता को भी ऐसा ही नोटिस जारी किया गया। जांच एजेंसी का आरोप है कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।