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रिफाइंड सोया, सोयाबीन और बिनौलातेल खली वायदा कीमतों में गिरावट
Posted Date : 27-Apr-2021 12:39:48 pm

रिफाइंड सोया, सोयाबीन और बिनौलातेल खली वायदा कीमतों में गिरावट

नईदिल्ली,27 अपै्रल । हाजिर बाजार की कमजोर मांग के बीच सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को घटाया, जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को रिफाइंड सोया तेल का दाम 8.5 रुपये की गिरावट के साथ 1,386.5 रुपये प्रति 10 किग्रा रह गया। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज में मई माह में डिलीवरी के लिए रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध का भाव 8.5 रुपये यानी 0.52 फीसद की गिरावट के साथ 1,386.5 रुपये प्रति 10 किग्रा रह गया। इस अनुबंध में 33,830 लॉट के लिए सौदे किए गए।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि पर्याप्त स्टॉक के मुकाबले कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार घटाने से यहां वायदा कारोबार में रिफाइंड सोया तेल भाव में गिरावट आई। जून माह में डिलीवरी के लिए रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध का भाव नौ रुपये यानी 0.66 फीसद की गिरावट के साथ 1,350.9 रुपये प्रति 10 किग्रा रह गया। इस अनुबंध में 9,385 लॉट के लिए सौदे किए गए।
कमजोर हाजिर मांग की वजह से कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को घटाया जिससे वायदा कारोबार में सोमवार को सोयाबीन की कीमत 239 रुपये की गिरावट के साथ 7,032 रुपये प्रति च्न्टिल रह गई। एनसीडीईएक्स में सोयाबीन के मई माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 239 रुपये अथवा 3.29 फीसद की गिरावट के साथ 7,032 रुपये प्रति च्न्टिल रह गई,
जिसमें 81,285 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि वायदा कारोबार में सोयाबीन कीमतों में गिरावट आने के कारण कारोबारियों द्वारा अपने सौदों के आकार को कम करना था। सोयाबीन के जून माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 280 रुपये या 3.94 फीसद की गिरावट के साथ 6,849 रुपये प्रति च्न्टिल रह गई जिसमें 37,410 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

प्राइवेट बैंकों को लेकर आरबीआई ने लिया बड़ा फैसला, सीधा एमडी, सीईओ पर हो सकता हो असर
Posted Date : 27-Apr-2021 12:38:45 pm

प्राइवेट बैंकों को लेकर आरबीआई ने लिया बड़ा फैसला, सीधा एमडी, सीईओ पर हो सकता हो असर

नईदिल्ली,27 अपै्रल । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर को लेकर एक नया नियम जारी किया है. आरबीआई की गाइडलाइन्स बैंकिंग गवर्नेंस से जुड़ी है. यह गाइडलाइन प्राइवेट बैंक्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक, विदेशी बैंकों के सब्सिडियरीज पर लागू होगी. अगर कोई विदेशी बैंक भारत में ब्रांच चला रहा है तो यह सर्कुलर उस पर लागू नहीं होगा. रिजर्व बैंक के नए नियम के तहत मैनेजिंग डायरेक्टर, चीफ इकोनॉमिक ऑफिसर और होल टाइम डायरेक्टर का पद एक शख्स 15 साल से ज्यादा नहीं सभाल सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक के सर्कुलर में कहा गया है कि अगर किसी एमडीएण्डसीईओ और डब्ल्यूटीडी के 15 साल पूरे हो जाते हैं तो पहले उसे अपने पद से हटना होगा. उनकी दोबारा नियुक्ति तभी संभव हो पाएगी जब बैंक का बोर्ड इस बारे में फैसला लेता है. अगर बैंक का बोर्ड यह फैसला ले भी लेता है तो दोबारा नियुक्ति कम से कम 3 साल बाद होगी. इसके अलावा भी कई तरह के अन्य कंडिशन्स हैं. इन तीन सालों के दौरान वह शख्स बैंक के ग्रुप एंटिटीज के साथ सीधा या परोक्ष रूप से जुड़ा नहीं रह सकता है.
प्राइवेट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ के लिए अधिकतम उम्र की सीमा 70 साल बरकरार रखी गई है. हालांकि बैंक का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स इस संबंध में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होगा. इंटर्नल पॉलिसी के अंतर्गत बैंक का बोर्ड रिटायरमेंट के लिए उम्र सीमा को कम कर सकता है. हालांकि उसे 70 साल से ज्यादा करने का अधिकार नहीं होगा.
अगर मैनेजिंग डायरेक्टर या होल टाइम डायरेक्टर (डब्ल्यूटीडी) बैंक का प्रमोटर या बड़ा शेयर होल्डर है तो वह इस पद पर 12 सालों से ज्यादा के लिए नहीं रह सकता है. विकट परिस्थितियों में इनके कार्यकाल को 15 सालों तक बढ़ाया जा सकता है. अगर किसी प्राइवेट बैंक का मैनेजिंग डायरेक्टर या डब्ल्यूटीडी पहले ही 12 या 15 सालों का टर्म पूरा कर चुका है तो वह आरबीआई की तरफ अप्रूव्ड टर्म के लिए अपने पद पर बना रह सकता है.

गूगल ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में भारत को दिया 135 करोड़ रुपये का अनुदान
Posted Date : 26-Apr-2021 5:11:17 pm

गूगल ने कोविड-19 के खिलाफ जंग में भारत को दिया 135 करोड़ रुपये का अनुदान

नईदिल्ली,26 अपै्रल । कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से देश में त्राहि-त्राहि मची हुई है। ऐसे में कई मित्र देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। वहीं इसी बीच अब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कोरोना के चलते देश के हालात को देखते हुए 135 करोड़ रुपये के रिलीफ फंड की घोषणा की है। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने भी मदद के लिए हाछ बढ़ाया है। नडेला ने आज कहा कि कंपनी देश को राहत देने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा ऑक्सीजन उपकरण खरीदने में भी मदद करेगी।
सुंदर पिचाई के ट्वीट के मुताबिक, भारत में कोरोना संकट को देखते हुए गूगल ने 135 करोड़ रुपये का फंड देने का फैसला किया है। यह फंड गिव इण्डिया और यूनिसेफ के जरिए भारत को मिलेंगे।
गिव इण्डिया को दिए गए फंड से उन लोगों को आर्थिक मदद दी जाएगी जो कोरोना के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, ताकि वे अपने रोजमर्रा के खर्च उठा सकें। इसके बाद, यूनिसेफ के जरिए ऑक्सीजन और टेस्टिंग उपकरण सहित अन्य मेडिकल सप्लाई दी जाएगी। गूगल के कर्मचारी भी भारत के लिए चंदा इक_ा करने के लिए अभियान चला रहे हैं। अभी तक 900 गूगल कर्मियों ने 3.7 करोड़ रुपये का फंड इक_ा किया है।
बता दें कि भारत में रविवार को कोरोना के साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं। ये अभी तक किसी देश में एक दिन के अंदर आए सर्वाधिक मामले हैं। वहीं, कोरोना के कारण 2800 से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ा है। यह भारत में कोरोना से होने वाली सबसे ज्यादा मौतें हैं।

प्रौद्योगिकी सुरक्षा खर्च में 2021 में शीर्ष पर रहेंगे ऑस्ट्रेलिया और भारत
Posted Date : 26-Apr-2021 5:10:51 pm

प्रौद्योगिकी सुरक्षा खर्च में 2021 में शीर्ष पर रहेंगे ऑस्ट्रेलिया और भारत

नईदिल्ली,26 अपै्रल । कोरोना महामारी के बीच क्लाउड को अपनाने और बड़े पैमाने पर घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) के बढ़े चलन के कारण संपूर्ण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और भारत ऐसे देश रहे हैं, जिनका वर्ष 2021 के दौरान समग्र सुरक्षा खर्च (ओवरऑल सिक्योरिटी स्पेंडिंग) का 26 प्रतिशत हिस्सा रहने की उम्मीद है। आईडीसी की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए बड़ी संख्या में व्यवसायों की उपस्थिति के बीच सुरक्षा खर्च के मामले में ऑस्ट्रेलिया और भारत दो सबसे शीर्ष देश बने हुए हैं।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2021 के दौरान सुरक्षा हार्डवेयर, सेवाओं और सॉफ्टवेयर पर कुल मिलाकर खर्च 23.1 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 12.6 प्रतिशत अधिक होगा।
आईडीसी को उम्मीद है कि सुरक्षा संबंधी उत्पादों और सेवाओं पर पूर्वानुमान अवधि (2019-24) में पांच साल के सीएजीआर में 13.3 प्रतिशत की वृद्धि होगी और 2024 तक यह 35 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
आईडीसी आईटी एसोसिएट गाइड्स, कस्टमर इनसाइट्स एंड एनालिसिस में एसोसिएट मार्केट एनालिस्ट शरद कोटगी ने एक बयान में कहा, एशिया/प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा-संबंधित उत्पादों और समाधानों (एंडप्वाइंट सिक्योरिटी, वीपीएन और फायरवॉल) पर निवेश 2021 में दोहरे अंकों की वृद्धि का अनुभव करेगा, क्योंकि दोनों सरकारों और उद्यमों (विशेष रूप से बैंकिंग, दूरसंचार और पेशेवर सेवाएं उद्योग) की ओर से खर्च में वृद्धि होगी।
इस वर्ष जिन उद्योगों में सुरक्षा व्यय के लिहाज से सबसे अधिक वृद्धि देखी जा रही है, उनमें राज्य/स्थानीय सरकार (18.5 प्रतिशत), परिवहन (13.9 प्रतिशत) और खुदरा (13.7 प्रतिशत) शामिल हैं। इसके पीछे का प्रमुख कारण इन दिनों में डेटा सुरक्षा, ई-कॉमर्स, घर से काम और लॉजिस्टिक मॉनिटरिंग, भुगतान और कॉन्ट्रेक्ट के डिजिटलाइजेशन पर बढ़ता फोकस है।
आईडीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बड़े (500-1,000 कर्मचारी) और बहुत बड़े व्यवसायों (1,000 से अधिक कर्मचारी) में 2021 में सुरक्षा से संबंधित खर्च कुल खर्च का दो तिहाई होगा।

कैश निकालने के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर अब आपके घर आएगा एटीएम
Posted Date : 26-Apr-2021 5:09:35 pm

कैश निकालने के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर अब आपके घर आएगा एटीएम

नईदिल्ली,26 अपै्रल । प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा लेंडर एचडीएफसी बैंक ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों और देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू होने के मद्देनजर 19 शहरों में मोबाइल ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) की सुविधा उपलब्ध कराई है.बैंक ने एक बयान में कहा कि मोबाइल एटीएम की सुविधा होने से आम लोगों को नकदी निकालने के लिए अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाना पड़ेगा.
ये मोबाइल एटीएम वैन यानी गाडिय़ों पर रखे हुए होंगे. ये अलग-अलग कोविड प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जाएंगे. इनसे कस्टमर्स आसानी से बिना किसी असुविधा के पैसे निकाल सकेंगे. कैश विद्ड्रॉल के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा न रहे इसके लिए पर्याप्त रूप से सैनिटाइजेशन कराया जाएगा. एचडीएफसी बैंक ये सुविधा देश के 19 शहरों में दे रहा है. इनमें मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, लखनऊ, दिल्ली, लुधियाना जैसे आदि बड़े शहर शामिल हैं. इस सिलसिले में बैंक की ओर से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया गया है. बैंक यह मोबाइल एटीएम लोकल प्रशासन के साथ बात करके लगाता है. वहीं कुछ मामलों में बैंक खुद लोकेशन तलाश लेता है.
चूंकि मोबाइल एटीएम से एक क्षेत्र के ज्यादा लोग कैश निकालेंगे, इसलिए उसमें पैसों की कमी न हो इसलिए बैंक इसका ध्यान रखेगा. बैंक की कोशिश है कि एटीएम में बराबर पैसे बने रहें. किसी को कोई दिक्कत नहीं हो. मोबाइल एटीएम से दिन में 100-150 ट्रांजेक्शन हो सकते हैं.बैंक की यह सुविधा उन लोकेशन पर मिलेगी जो कोविड से बुरी तरह प्रभावित होंगे या कंटेंटमेंट जोन घोषित किए गए होंगे. जहां लोगों को बाहर जाने पर प्रतिबंध है. ऐसे लोगों की सुविधा के लिए मोबाइल एटीएम लगाए जाएंगे.

 

आरबीआई ने बैंकों को लाभांश भुगतान 50 प्रतिशत तक सीमित रखने के निर्देश दिए
Posted Date : 24-Apr-2021 11:46:02 am

आरबीआई ने बैंकों को लाभांश भुगतान 50 प्रतिशत तक सीमित रखने के निर्देश दिए

मुंबई,24 अपै्रल । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को पूंजी के संरक्षण और लचीला बने रहने के लिए लाभांश (डिविडेंड) भुगतान को 50 प्रतिशत तक सीमित रखने का निर्देश दिया है। सभी वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों के लिए जारी एक अधिसूचना में आरबीआई की ओर से डिविडेंड भुगतान को लेकर जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण की दूसरी लहर जिस गति से बढ़ रही है, उससे आर्थिक अनिश्चितता जैसे हालात बनने का खतरा बन गया है। ऐसी स्थिति में बैंकों का मजबूत बने रहना काफी अहम है। इसलिए उन्हें पहले ही जरूरी कदम उठाते हुए अपनी पूंजी की सुरक्षा करनी चाहिए। साथ ही पूंजी में कमी आने की किसी भी आशंका या नुकसान के डर को न्यूनतम कर देना चाहिए।
रिजर्व बैंक की ओर से इस संबंध में जारी किए गए दिशानिर्देश में कहा गया है कि अगर बैंक चाहें तो 31 मार्च 2021 को खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए अंश धारकों को डिविडेंड का भुगतान कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए शर्त ये है कि ये डिविडेंड पे-आउट रेशियो के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।
रिजर्व बैंक के परिपत्र के अनुसार, वाणिज्यिक बैंक कोविड-पूर्व के स्तर की तुलना में 50 प्रतिशत लाभांश का भुगतान कर सकते हैं। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों की वजह से बैंकों ने पिछले साल डिविडेंड का भुगतान नहीं किया था। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का बैंकों के वित्तीय सेहत पर प्रतिकूल असर पडऩे की आशंकाओं को देखते हुए यह दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।