नईदिल्ली। प्रोसेसिंग मशीनरी बनाने वाली कंपनी सोना मशीनरी के शेयरों की आज बाजार में फीकी एंट्री हुई है। एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर कंपनी के शेयर की 125 रुपये पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशक 12 फीसदी से अधिक के घाटे में हैं।
लिस्टिंग के बाद शेयर थोड़ा ऊपर तो चढ़े लेकिन निवेशकों का घाटा मुनाफे में नहीं बदला। रिकवर होने के बाद भी शेयर का भाव 131.25 रुपये के अपर सर्किट पर पहुंचा। यानी की निवेशकों को फायदा तो नहीं हुआ लेकिन उनका 12 फीसदी से अधिक का घाटा करीब 8 फीसदी तक आ गया।
कंपनी के 51.82 करोड़ रुपये के आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था यही कारण रहा कि ओवरऑल यह आईपीो 273.50 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित हिस्सा 129.72 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स । (एनआईआई) का हिस्सा 554.42 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 235.06 गुना भरा था। सब्सक्रिप्शन के लिए ये आईपीओ 5-7 मार्च तक खुला था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 36.24 लाख नए शेयर जारी हुए हैं।
कंपनी की स्थापना साल 2019 में हुई थी। ये कंपनी खास तौर पर चावल, दाल, गेहूं, मसाले और बाजरा की प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी बनाती है। इसके प्रोडक्ट्स का नाइजीरिया, बांग्लादेश, केन्या और नेपाल को निर्यात होता है। वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को 7.68 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
नईदिल्ली। सेबी के आदेश के बाद से अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड के शेयरों में आज यानी 13 मार्च को गिरावट देखी जा रही है। शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर में 3 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
बता दें, सेबी ने वेदांता लिमिटेड पर डिविडेंट के भुगतान में देरी को लेकर एक्शन लिया है। सेबी ने वेदांता को निर्देश दिया है कि कंपनी डिविडेंट भुगतान पर ब्याज के साथ 77.62 करोड़ रुपये केयर्न एनर्जी को 45 दिन के अंदर पे करे।
इसी के साथ सेबी ने वेदांता लिमिटेड के पूरे बोर्ड को पूंजी बाजार से कुछ समय के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
इस कार्रवाई के साथ ही सेबी ने नवीन अग्रवाल, तरुण जैन, थॉमस अल्बनीस और जी आर अरुण कुमार पर दो महीने के लिए सिक्योरिटी मार्केट से बैन भी कर दिया है। वहीं प्रिया अग्रवाल, के वेंकटरमणन, ललिता डी गुप्ते, अमन मेहता, रवि कांत और एडवर्ड को एक महीने के लिए बाजार में प्रवेश से रोक दिया है।
सेबी के एक्शन के बाद कंपनी का शेयर बीएसई पर गिरावट के साथ 268.35 रुपये पर खुला। कुछ ही देर में शेयर पिछले बंद भाव से 3.5 प्रतिशत तक नीचे आया और 260.80 रुपये के लो पर पहुंच गया।
शेयर में लोअर सर्किट 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 243.30 रुपये पर है। वहीं 52 सप्ताह का निचला स्तर 207.85 रुपये है।
बाजार नियामक ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस प्राप्तकर्ता नंबर 1 (वेदांत लिमिटेड) लाभांश के विलंबित भुगतान पर सीयूएचएल को 45 दिन के भीतर 77,62,55,052 रुपये का भुगतान करेगा जो 18 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से साधारण ब्याज के साथ होगा।’’
यह आदेश सेबी को 13 अप्रैल, 2017 को केयर्न यूके होल्डिंग्स लिमिटेड से मिली शिकायत पर आया है। इसमें केयर्न इंडिया लिमिटेड पर 340.65 करोड़ रुपये के लाभांश का भुगतान न करने का आरोप लगाया गया था। केयर्न इंडिया के इक्विटी शेयर सीयूएचएल के स्वामित्व में हैं।
नईदिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध की आखिरी तारीख नजदीक है। इस बीच, बीएसई ने पीपीबीएल से जुड़े निवेशकों के लिए जरूरी निर्देश जारी किया है।
बीएसई ने निवेशकों से कहा है कि जिन लोगों ने अपने स्टॉक ब्रोकर्स के साथ केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक खाते रजिस्टर किए हैं, वह सभी किसी अन्य बैंक के साथ खोले गए अकाउंट को रजिस्टर करा लें। बीएसई ने ये काम 15 मार्च से पहले पूरा करने को कहा है, जिससे की निवेशकों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
बीएसई ने कहा है कि अगर इनवेस्टर्स अपने ट्रेडिंग मेंबर्स के साथ केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के खाते से रजिस्टर्ड हैं तो 15 मार्च के बाद उन इनवेस्टर्स का सिक्योरिटी मार्केट्स में लेनदेन प्रभावित हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को अपने बैंकिंग अरेंजमेंट्स का रिव्यू करने की सलाह दी गई है। साथ ही अन्य बैंकों के साथ एडिशनल बैंक अकाउंट एड करने को कहा गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों और कारोबारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक को जमा एवं निकासी से जुड़े लेनदेन समेत अपने ज्यादातर कामकाज बंद करने के लिए 15 मार्च तक की मोहलत दी थी।
आरबीआई ने स्पष्ट किया था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक 15 मार्च के बाद यूपीआई सहित किसी तरह की बैंकिंग सेवाएं नहीं दे पाएगा। पहले इसकी समयसीमा 29 फरवरी तय की गई थी। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को प्रवर्तन एजेंसियों या न्यायिक अधिकारियों द्वारा फ्रीज किए गए खातों को छोडक़र अपने सभी खातों और वॉलेट्स से अपनी समूची उपलब्ध रा शि निकालने का निर्देश दिया था।
नई दिल्ली 11 मार्च । एलन मस्क की एयरोस्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने सोमवार को छह घंटे के भीतर पृथ्वी की निचली कक्षा में 46 स्टारलिंक इंटरनेट उपग्रहों को प्रक्षेपित किया। कंपनी ने एक बयान में कहा, उपग्रहों को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन में स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 (एसएलसी -40) से कंपनी के दो चरण वाले फाल्कन 9 रॉकेट से प्रक्षेपित किया गया।
23 उपग्रहों का पहला सेट सोमवार सुबह 4:35 बजे (भारतीय समय) रवाना हुआ। कंपनी ने कहा, यह इस मिशन का सपोर्ट करने वाले रॉकेट की 11वीं उड़ान थी। इसने पहले क्रू-5, जीपीएस 3 स्पेस व्हीकल 6, इनमारसैट आई6-एफ2, सीआरएस-28, इंटेलसैट जी-37, एनजी-20 और अब पांच स्टारलिंक उपग्रह प्रक्षेपित किए।
उड़ान भरने के लगभग 8.5 मिनट बाद, फाल्कन 9 का पहला चरण पृथ्वी पर वापस आया और स्पेसएक्स ड्रोन जहाज ऊर्ध्वाधर लैंडिंग की। उपग्रहों के प्रक्षेपण के एक घंटे बाद स्पेसएक्स ने एक ट्वीट में कहा, 23 स्टारलिंक उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की पुष्टि हो गई है। 23 स्टारलिंक उपग्रहों के दूसरा सेट का प्रक्षेपण सुबह 9:39 बजे (भारतीय समयानुसार) हुआ। पिछले हफ्ते, स्पेसएक्स ने 23 स्टारलिंक इंटरनेट उपग्रहों को प्रक्षेपित किया था।
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नई दिल्ली 11 मार्च । भारत और चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) ने एक आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और ईएफटीए ने एक आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। लगभग 16 साल की बातचीत के बाद यह समझौता संभव हो सका है। इससे व्यापार और विदेशी निवेश बढ़ेगा। ईएफटीए में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।
गोयल ने कहा कि व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) के तहत ईएफटीए देश अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। यह एक बाध्यकारी समझौता है। स्विट्जरलैंड के आर्थिक मामलों के मंत्री गाइ पार्मेलिन ने कहा कि समझौते के परिणामस्वरूप देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और नवीन प्रौद्योगिकी का प्रवाह बढ़ेगा, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और अधिक रोजगार का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि इससे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में और तेजी आएगी।
उन्होंने कहा, यूरोपीय देश, अपनी ओर से, भारत के विशाल बाजार और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था द्वारा प्रदान किए जाने वाले आर्थिक अवसरों तक पहुंच प्राप्त करेंगे। भारत ने समझौते के कार्यान्वयन के बाद ब्लॉक के सदस्य देशों से पहले 10 वर्षों के दौरान 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता और अगले पांच साल में 50 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता मांगी है। इससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए कहा, कई पहलुओं में संरचनात्मक विविधताओं के बावजूद हमारी अर्थव्यवस्थाओं में पूरकताएं हैं जो सभी देशों के लिए लाभकारी होने का वादा करती हैं। विशाल व्यापार और निवेश के अवसरों के खुलने के साथ, हम विश्वास और महत्वाकांक्षा के एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं। व्यापार समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत व्यापार खोलने के साथ-साथ युवाओं के लिए विकास और रोजगार पैदा करने के हमारे साझा समझौते का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, भारत ईएफटीए देशों को हरसंभव समर्थन देगा और उद्योग तथा व्यवसायों को न केवल प्रतिबद्ध लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बल्कि उनसे आगे बढऩे में भी मदद करेगा। यह समझौता हम सभी के लिए एक अधिक समृद्ध भविष्य की ओर हमारे देशों की यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बने।
ईएफटीए की ओर से हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने वाले चार मंत्री हैं: स्विस फेडरल काउंसलर और आर्थिक मामलों, शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख गाइ पार्मेलिन; आइसलैंड के विदेश मंत्री बजरनी बेनेडिक्टसन; लिकटेंस्टीन के विदेश मामलों के मंत्री डोमिनिक हस्लर; और नॉर्वे के व्यापार एवं उद्योग मंत्री जान क्रिश्चियन वेस्ट्रे। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2008 से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।
नई दिल्ली । कोल इंडिया लिमिटेड और एनएलसीआईएल जैसे कोयला क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों ने फरवरी के अंत तक 22,448.24 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 31 मार्च 2024 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 21,030 करोड़ रुपये के पूँजीगत व्यय (कैपेक्स) के वार्षिक लक्ष्य को पार कर लिया है। कोयला मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उत्पादक निवेश के रिकॉर्ड स्तर का, जो लक्ष्य का 106.74 प्रतिशत है, समग्र अर्थव्यवस्था पर कई गुना सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह अधिक रोजगार के नये अवसर पैदा करता है और अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में भी मांग को बढ़ाता है जिससे विकास को गति मिलती है।
कोयला मंत्रालय ने कहा, वित्त वर्ष के आखिरी दो महीनों में प्रमुख पूंजीगत व्यय निवेश के साथ यह अनुमान लगाया गया है कि सीआईएल और एनएलसीआईएल दोनों अपनी उपलब्धि में वृद्धि करेंगे, जिससे देश की आर्थिक विकास को और गति मिलेगी।
कोयला पीएसयू ने इस साल फरवरी तक 55,148.33 करोड़ रुपये का परिसंपत्ति मुद्रीकरण भी हासिल किया है, जो 2023-24 के दौरान अप्रयुक्त संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 50,118 करोड़ रुपये के लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन है।
कोयला पीएसयू ने भी सरकार के ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के माध्यम से 88,518 करोड़ रुपये की खरीद के साथ बढ़त हासिल की है, जो 21,325 करोड़ रुपये के लक्ष्य का 415 प्रतिशत है। पारदर्शी खरीद को सक्षम करने के लिए सरकार द्वारा जीईएम खरीद को बढ़ावा दिया जा रहा है जो कम कीमत सुनिश्चित करती है और भ्रष्टाचार को खत्म करती है।
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