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अदाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी, अदाणी ग्रीन एनर्जी 7 प्रतिशत चढ़ा
Posted Date : 15-Jan-2025 5:23:01 pm

अदाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी, अदाणी ग्रीन एनर्जी 7 प्रतिशत चढ़ा

मुंबई । अदाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी देखी जा रही है। इस तेजी का नेतृत्व ग्रुप के पावर शेयर कर रहे हैं। बुधवार के अब तक के कारोबार में अदाणी ग्रीन एनर्जी ने 7.27 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,080 रुपए प्रति शेयर और अदाणी पावर ने 6.50 प्रतिशत की बढ़त के साथ 571.90 रुपये प्रति शेयर का डे हाई बनाया है। 
दोपहर 1 बजे पर अदाणी ग्रीन एनर्जी और अदाणी पावर क्रमश: 3.76 प्रतिशत और 2.94 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे। इस हफ्ते अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर करीब 16 प्रतिशत और अदाणी पावर का शेयर करीब 20 प्रतिशत चढ़ चुका है। अदानी ग्रीन एनर्जी में यह उछाल इसकी सहायक कंपनी अदाणी रिन्यूएबल एनर्जी फोर्टी एट लिमिटेड द्वारा खावड़ा प्रोजेक्ट में 57.2 मेगावाट पवन ऊर्जा यूनिट चालू किए जाने के बाद आया है इस प्लांट के चालू होने के साथ ही कंपनी की कुल ऑपरेशनल रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन क्षमता बढक़र 11,666 मेगावाट हो गई है। 
इसके अलावा अदणी ग्रुप की अन्य कंपनियों के शेयरों में भी तेजी के साथ कारोबार हो रहा है। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन के शेयरों में 1.63 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में 0.60 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 0.56 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स के शेयरों में 1.31 प्रतिशत और एसीसी के शेयरों में करीब आधा प्रतिशत की तेजी थी। 
अदाणी ग्रुप के शेयरों में मंगलवार को भी तेजी देखने को मिली थी। अदाणी पावर के शेयर 19.77 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 13.22 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर 12.06 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 7.12 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस के शेयर 6.52 प्रतिशत और एनडीटीवी के शेयर 5.63 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए थे।

 

भारतीय फिनटेक सेक्टर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ‘फंडेड इकोसिस्टम’, 2024 में जुटाए 1.9 बिलियन डॉलर
Posted Date : 13-Jan-2025 9:16:22 pm

भारतीय फिनटेक सेक्टर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ‘फंडेड इकोसिस्टम’, 2024 में जुटाए 1.9 बिलियन डॉलर

बेंगलुरु । भारतीय फिनटेक सेक्टर ने 2024 में 1.9 बिलियन डॉलर जुटाए हैं। इसी के साथ अमेरिका और यूके के बाद देश के फिनटेक सेक्टर ने ग्लोबली तीसरे सबसे बड़े फंडेड फिनटेक इकोसिस्टम के रूप में अपनी पहचान बनाई। सोमवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
प्रमुख मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की तीसरी तिमाही वर्ष की सबसे अधिक फंडेड तिमाही रही, जिसमें 805 मिलियन डॉलर जुटाए गए, जो कि 2023 की तीसरी तिमाही की तुलना में 61 प्रतिशत की वृद्धि है।
इसके अतिरिक्त, वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान कुल फंडिंग का 59 प्रतिशत सुरक्षित किया गया, जो कि वर्ष के अंत में रिकवरी का संकेत देता है। अगस्त फंडिंग के लिए सबसे मजबूत महीना रहा, जिसने 434 मिलियन डॉलर का योगदान दिया।
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, वैश्विक फंडिंग में मंदी के बावजूद, भारत का फिनटेक इकोसिस्टम लचीलापन और अनुकूलनशीलता प्रदर्शित करना जारी रखा। 2024 में दो नए यूनिकॉर्न और रिकॉर्ड आठ आईपीओ का उभरना चुनौतियों के बीच सेक्टर की क्षमता को दर्शाता।
इस साल आठ आईपीओ और दो यूनिकॉर्न के साथ 26 अधिग्रहण हुए।
सिंह ने कहा, जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, सेक्टर इन सफलताओं पर निर्माण करने के लिए तैयार है, फाइनेंशियल इंक्लूजन और इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए फिनटेक स्पेस में ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।
2024 में फंडिंग परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया, जिसमें तीन 100 मिलियन डॉलर से अधिक फंडिंग राउंड दर्ज किए गए।
डिजिटल लेंडिंग सॉल्यूशंस ने वर्ष के दौरान जुटाई गई कुल फंडिंग का 64 प्रतिशत हिस्सा लिया। इंवेस्टमेंट टेक सेगमेंट ने 320 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई।
बेंगलुरु ने 2024 में फिनटेक फंडिंग के लिए शीर्ष केंद्र के रूप में अपना नेतृत्व बनाए रखा, इसके बाद मुंबई और दिल्ली का स्थान रहा।
फिनटेक परिदृश्य को आकार देने में विनियामक विकास ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अगस्त में फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफएसीई) को स्व-नियामक संगठन (सेल्फ-रेगुलेटरी ऑर्गनाइजेशन) का दर्जा दिया, जो देश में डिजिटल लोन देने वाले लगभग 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाली बॉडी है।

 

एप्पल के लिए भारत में शानदार रहा 2024, 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य वाले आईफोन हुए निर्यात
Posted Date : 13-Jan-2025 9:15:44 pm

एप्पल के लिए भारत में शानदार रहा 2024, 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य वाले आईफोन हुए निर्यात

नई दिल्ली । सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और प्रीमियमाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड के चलते, एप्पल ने कैलेंडर वर्ष 2024 में भारत से 1 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन) मूल्य के आईफोन निर्यात किए हैं।
शुरुआती उद्योग अनुमानों के अनुसार, एप्पल ने पिछले साल 2024 में 12 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात किए, जो 2023 से 40 प्रतिशत से अधिक वृद्धि है।
अनुमानों के अनुसार, एप्पल का घरेलू उत्पादन एक साल पहले की तुलना में लगभग 46 प्रतिशत बढ़ा है। क्यूपर्टिनो स्थित टेक दिग्गज ने पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024) में भारत में 14 बिलियन डॉलर के आईफोन मैन्युफैक्चर और एसेंबल किए, जिसमें 10 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन का निर्यात किया गया।
इस बीच, एप्पल इकोसिस्टम ने चार वर्षों में 1,75,000 नई प्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा की हैं, जिनमें 72 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
2024 भारत में एप्पल के लिए बेहतरीन रहा। इस तकनीकी दिग्गज ने निर्यात के साथ-साथ घरेलू बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए, जो प्रीमियमाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड, सरकार की पीएलआई योजना और एग्रेसिव खुदरा विस्तार से जुड़ी थी।
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले एक साल में भारत में एप्पल के रणनीतिक दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं और बाजार में इसका महत्व बढ़ा है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च में मोबाइल डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक तरुण पाठक के अनुसार, एप्पल ने युवाओं की पसंद का ख्याल रखते हुए एक मजबूत कंज्यूमर कनेक्ट स्थापित किया। कंपनी ने चैनल, मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार के साथ मार्केटिंग कैंपेन पर भी खास ध्यान दिया और भारत में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल की।
पाठक ने कहा, भारत में प्रीमियमाइजेशन, आसानी से उपलब्ध फाइनेंसिंग, प्रीमियम स्मार्टफोन की खरीदारी को बढ़ाता है। जिसके साथ एप्पल इस विशेष सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर फायदा उठाता है।
आने वाले वर्ष में भारत में एप्पल की वृद्धि महत्वपूर्ण गति के साथ जारी रहने की उम्मीद है, जिसे एग्रेसिव खुदरा विस्तार, टारगेटेड मार्केटिंग रणनीतियों और ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ बल मिलेगा।
इस बीच, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत के स्मार्टफोन बाजार का मूल्य 2025 तक 50 बिलियन डॉलर को पार करने का अनुमान है।
काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक’ के लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार का खुदरा औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है।
एप्पल प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश करके इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है। लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में कीमतों में कटौती के कारण एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है।

 

भारत ने 2024 में जोड़ी 30 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता : केंद्र
Posted Date : 12-Jan-2025 8:00:24 pm

भारत ने 2024 में जोड़ी 30 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता : केंद्र

नई दिल्ली । भारत में पिछले साल करीब 30 गीगावाट नई रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ी है। यह आंकड़ा 2023 में जोड़ी गई 13.75 गीगावाट की क्षमता से 113 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी न्यू एवं रिन्यूएबल एनर्जी मंत्रालय द्वारा दी गई। 2024 में हुए विस्तार के साथ भारत की कुल रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता 218 गीगावाट की हो गई है।
भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए देश को अगले छह वर्षों में कम से कम 50 गीगावाट प्रति वर्ष की नई रिन्यूएबल क्षमता लगानी होगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर न्यू एवं रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने एक पोस्ट में लिखा कि वर्ष 2023 की 13.75 गीगावाट के मुकाबले 2024 में करीब 30 गीगावाट की तीव्र वृद्धि के कारण देश की कुल रिन्यूएबल क्षमता अब लगभग 218 गीगावाट की हो गई है। यह क्लीन एनर्जी के प्रति भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता और हरित भविष्य के निर्माण में देश की प्रगति को रेखांकित करती है।
मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, भारत के पास 31, मार्च 2014 तक 35.84 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता थी। वित्तीय वर्ष 2014-15 के बाद से, जब एनडीए सरकार ने केंद्र में बागडोर संभाली, भारत ने 2023-24 में 18.48 गीगावाट की उच्चतम रिन्यूएबल क्षमता वृद्धि दर्ज की। जेएमके रिसर्च के अनुसार, भारत ने कैलेंडर ईयर 2024 (जनवरी से दिसंबर) में 4.59 गीगावाट की नई रूफटॉप सोलर कैपेसिटी इंस्टॉल की है, जो 2023 की तुलना में 53 प्रतिशत अधिक है। इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को जाता है, जिसे इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया गया था। इस योजना ने देश भर में केवल 10 महीनों में 7 लाख रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन की सुविधा प्रदान की। विंड सेक्टर में 2024 में 3.4 गीगावाट की नई कैपेसिटी वृद्धि देखी गई, जो 2023 की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है। 2024 में इंस्टॉल्ड विंड एनर्जी कैपेसिटी का 98 प्रतिशत हिस्सा गुजरात (1,250 मेगावाट), कर्नाटक (1,135 मेगावाट) और तमिलनाडु (980 मेगावाट) तीन राज्यों से था।

 

मार्केट आउटलुक : तिमाही नतीजे, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से तय होगी शेयर बाजार की चाल
Posted Date : 12-Jan-2025 7:59:51 pm

मार्केट आउटलुक : तिमाही नतीजे, महंगाई और आर्थिक आंकड़ों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

मुंबई । भारतीय शेयर बाजार के लिए अगला हफ्ता काफी अहम होने वाला है। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के नतीजे, थोक एवं खुदरा महंगाई के आंकड़े, कच्चे तेल की कीमत और वैश्विक एवं घरेलू आर्थिक डेटा का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है।
अगले हफ्ते इन्फोसिस, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी एएमसी, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, सीएट, एसबीआई लाइफ, टेक महिंद्रा, विप्रो और एक्सिस बैंक द्वारा अक्टूबर से दिसंबर अवधि के तिमाही नतीजे जारी किए जाएंगे। वहीं, 13 जनवरी को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए जाएंगे।
6 जनवरी से लेकर 10 जनवरी तक के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई। निफ्टी 573 अंक या 2.39 प्रतिशत गिरकर 23,431 और सेंसेक्स 1,844 अंक या 2.33 प्रतिशत गिरकर 77,378 पर बंद हुआ। इस दौरान बैंक निफ्टी पर भारी दबाव देखा गया और 2,254 अंक या 4.42 प्रतिशत गिरकर 48,734 पर बंद हुआ। इसके अलावा गिरावट का सबसे ज्यादा असर मिडकैप शेयरों में देखा गया और पिछले हफ्ते मिडकैप इंडेक्स में करीब 6 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का सेंटीमेंट लगातार नकारात्मक बना हुआ है और पिछले हफ्ते एफआईआई ने शेयर बाजार में 16,854 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। वहीं, डीआईआई द्वारा 21,682 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के डायरेक्टर पुनीत सिंघानिया का कहना है कि निफ्टी में बीते हफ्ते 573 अंक की गिरावट हुई है और यह अपने 21 दिनों के मूविंग एवरेज के नीचे चला गया है और 23,200 से लेकर 23,300 निफ्टी के लिए एक मजबूत सपोर्ट है। अगर यह टूटता है तो निफ्टी 22,900 का स्तर भी छू सकता है। वहीं, तेजी की स्थिति में 23,850 और 24,200 एक मजबूत रुकावट का स्तर होगा।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, प्रवेश गौर ने कहा कि बैंकनिफ्टी अपने मजबूत सपोर्ट लेवल के नीचे चला गया है। 48,600 एक सपोर्ट है। अगर यह इसके भी नीचे फिसलता है तो 47,200 तक जा सकता है। 49,200 एक मजबूत रुकावट का स्तर होगा।

 

भारतीय इक्विटी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा सप्ताह, आईटी सेक्टर में दिखी तेजी
Posted Date : 12-Jan-2025 7:59:33 pm

भारतीय इक्विटी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा सप्ताह, आईटी सेक्टर में दिखी तेजी

नई दिल्ली । 2025 का पहला सप्ताह भारतीय इक्विटी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, जिसमें बिकवाली व्यापक स्तर पर हावी रही। इस कमजोरी के बीच, निफ्टी आईटी इंडेक्स ने मामूली 1.6 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़त हासिल की, जिसे मजबूत नतीजों और उत्तरी अमेरिका में मांग में सुधार के बारे में टीसीएस की मजबूती का सपोर्ट मिला।
कैपिटलमाइंड रिसर्च के कृष्णा अप्पाला ने कहा कि आईटी का बेहतर प्रदर्शन, बाजार में व्यापक बिकवाली के दबाव के दौरान भी सेक्टोरल लचीलेपन के महत्व को दर्शाता है। शुक्रवार को 3.44 प्रतिशत की बढ़त के बाद आईटी सेक्टर हरे निशान में बंद हुआ।
सेंसेक्स 241.30 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,378.91 पर बंद हुआ और निफ्टी 95 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,431.50 पर बंद हुआ। सप्ताह के दौरान, घरेलू बाजार ने उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुजरते हुए बढ़त हासिल की। तीसरी तिमाही में कॉर्पोरेट आय के अनुमान मामूली बने हुए हैं, जिससे निवेशकों की भावनाओं को मदद नहीं मिल रही है।
जानकारों ने कहा, हालांकि, आईटी क्षेत्र के शुरुआती नतीजों से उम्मीद की किरण जगी है। आगे देखते हुए, 1 फरवरी को आने वाले केंद्रीय बजट से बाजार में उतार-चढ़ाव की उम्मीद है। कैपिटल गुड्स, डिफेंस और इलेक्ट्रॉनिक्स को नीतिगत प्रोत्साहन मिल सकता है, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं में संभावित प्रोत्साहन बाजार की आगे की दिशा को आकार दे सकते हैं। हालांकि, उच्च वैश्विक बॉन्ड यील्ड और म्यूटेड अर्निंग आउटलुक निकट अवधि की चुनौतियां बनी हुई हैं।
आईटी दिग्गजों सहित प्रमुख कंपनियों द्वारा अपनी तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के साथ ‘कॉर्पोरेट आय’ सुर्खियों में रहेगी। भारत की मुद्रास्फीति दर और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जैसे मैक्रोइकॉनोमिक डेटा भी बाजार की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ग्लोबल फ्रंट पर, अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से श्रम बाजार के डेटा और मुद्रास्फीति के रुझान पर अपडेट, एफआईआई प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
अप्पाला ने कहा, इस अस्थिर परिदृश्य के बीच, अनुशासित रहना और हाई-क्वालिटी वाले, अडैप्टेबल बिजनेस पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। इतिहास से पता चलता है कि बाजार की कमजोरी के दौर में अक्सर लंबी अवधि में संपत्ति बनाने के अवसर मिलते हैं, बशर्ते निवेशक धैर्य रखें और सट्टा प्रवृत्तियों से बचें।