मुंबई । गाजा में जंग खत्म होने की उम्मीद के साथ सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली।
सुबह करीब 9.22 बजे सेंसेक्स 433.66 अंक या 0.57 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,157.74 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 135.95 अंक या 0.59 प्रतिशत चढक़र 23,349.15 पर कारोबार कर रहा था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,175 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 139 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
निफ्टी बैंक 526.50 अंक या 1.08 प्रतिशत बढक़र 49,278.20 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 774.70 अंक या 1.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,673.70 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 282.90 अंक या 1.63 प्रतिशत चढक़र 17,636.85 पर था।
जानकारों के अनुसार, अमेरिका के मैक्रो संकेतकों से पता चलता है कि जैसे-जैसे डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण नजदीक आ रहा है, ट्रंप ट्रेड पीक पर पहुंच गया है और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में गिरावट इसके संकेत हैं।
मार्केट वॉचर्स के अनुसार, डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में यह गिरावट अमेरिका में अपेक्षा से कम सीपीआई मुद्रास्फीति के कारण आई है, जिससे इस वर्ष फेड द्वारा और अधिक ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं। गाजा में संघर्ष के समाप्त होने की उम्मीद एक और बड़ी राहत है। यह वैश्विक पृष्ठभूमि बाजार के लिए सकारात्मक है।
इस बीच, सेंसेक्स पैक में जोमैटो, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एसबीआई, अल्ट्राटेक सीमेंट और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स रहे। जबकि, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, आईटीसी, नेस्ले इंडिया और टाइटन टॉप लूजर्स रहे।
अमेरिकी बाजारों में, डॉव जोन्स 1.65 प्रतिशत चढक़र 43,221.55 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.83 प्रतिशत बढक़र 5,949.91 पर और नैस्डैक 2.45 प्रतिशत चढक़र 19,511.23 पर बंद हुआ। एशियाई बाजारों में चीन, बैंकॉक, जकार्ता, सोल, हांगकांग और जापान हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
जानकारों के अनुसार, निवेशकों को लार्ज-कैप पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो मिड और स्मॉल कैप की तुलना में अधिक स्थिर रहे हैं। फार्मा और हेल्थकेयर, आईटी और विवेकाधीन खपत जैसे विकास की संभावना वाले सेगमेंट लचीले बने रहेंगे। इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 15 जनवरी को 4,533.49 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची, दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,682.54 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
नई दिल्ली । देश ‘स्टार्टअप इंडिया’ के 9 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘स्टार्टअप इंडिया’ ने इनोवेशन और विकास को फिर से परिभाषित किया है और यह कार्यक्रम उनके दिल के काफी करीब है।
पीएम मोदी ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, आज, हम स्टार्टअप इंडिया के 9 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, यह एक ऐतिहासिक पहल है जिसने इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप और विकास को फिर से परिभाषित किया है। यह कार्यक्रम मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि यह युवा सशक्तीकरण को आगे बढ़ाने का एक शक्तिशाली तरीका बनकर उभरा है। पिछले नौ वर्षों में, इस परिवर्तनकारी कार्यक्रम ने अनगिनत युवाओं को सशक्त बनाया है और उनके इनोवेटिव आइडिया को सफल स्टार्टअप में बदल दिया है।
राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में यह अवसर एक मजबूत और समावेशी उद्यमशीलता इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में देश की प्रगति का जश्न मनाता है। भारत सरकार की एक प्रमुख पहल के रूप में शुरू किए गए स्टार्टअप इंडिया का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना है और देश भर में स्टार्टअप के विकास को गति देना है।
हाल ही में दी गई आधिकारिक जानकारियों के अनुसार, 15 जनवरी, 2025 तक उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा मान्यता प्राप्त 1.59 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ, भारत ने खुद को दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में मजबूती से स्थापित किया है। 100 से अधिक यूनिकॉर्न द्वारा संचालित यह वाइब्रेंट इकोसिस्टम वैश्विक मंच पर इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को फिर से परिभाषित करना जारी रखता है।
‘स्टार्टअप इंडिया’ को लेकर बेंगलुरू, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख केन्द्रों ने एक बड़े परिवर्तन का नेतृत्व किया है, जबकि छोटे शहरों ने देश की उद्यमशीलता की गति में तेजी से योगदान दिया है।
मुंबई । पिछले साल थीमैटिक फंड्स ने शुद्ध संग्रह (नेट कलेक्शन) में 488 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की। सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स ने संग्रह में 1,09,711 करोड़ रुपये हासिल किए, जो कि कुल शुद्ध संग्रह का 34 प्रतिशत रहा। बुधवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में कुल शुद्ध संग्रह में मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी ने कुल मिलाकर 56 प्रतिशत का योगदान दिया, इसके बाद एफएमसीजी ने 9 प्रतिशत, बिजनेस साइकिल ने 6 प्रतिशत और पीएसयू ने 5 प्रतिशत का योगदान दिया।
सेक्टोरल और थीमैटिक स्कीम के तहत, बिजनेस साइकिल फंड का शुद्ध संग्रह 2023 में 103 करोड़ रुपये से बढक़र 2024 में 6,841 करोड़ रुपये रहा। एनर्जी सेक्टर ने 2023 में 470 करोड़ रुपये की तुलना में 2024 में 23,964 करोड़ रुपये एकत्र किए। पिछले साल लार्ज कैप के तहत शुद्ध संग्रह 2023 में -3,768 करोड़ रुपये की तुलना में 17,404 करोड़ रुपये रहा।
कैलेंडर ईयर 2024 में मल्टी कैप और फ्लेक्सीकैप के तहत शुद्ध संग्रह क्रमश: 37,649 करोड़ रुपये और 36,231 करोड़ रुपये रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मॉल कैप के तहत शुद्ध संग्रह 2023 में 45,270 करोड़ रुपये की तुलना में 2024 में घटकर 29,555 करोड़ रुपये रह गया। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5.27 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध इक्विटी प्रवाह (नेट इक्विटी इनफ्लो) दर्ज किया, जिसमें अक्टूबर में 1.07 लाख करोड़ रुपये का उच्च प्रवाह देखा गया।
डीआईआई का शुद्ध इक्विटी प्रवाह 2023 की तुलना में लगभग तीन गुना हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में एफआईआई के हाई आउटफ्लो के बावजूद, डीआईआई ने महीने के लिए अपने रिकॉर्ड इक्विटी प्रवाह के साथ स्थिति को बैलेंस करने में मदद की।
रिपोर्ट में बताया गया, सभी कैटेगरी ने लगातार दूसरे वर्ष दोहरे अंकों में सकारात्मक रिटर्न हासिल किया। फार्मा 40.5 प्रतिशत रिटर्न के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर रहा, जबकि बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस में सबसे कम 11.5 प्रतिशत रिटर्न रहा। 2024 में निवेश क्षेत्र में उभरते हुई बाजार की भावना दिखाई दी, जिसमें थीमैटिक इंवेस्टमेंट में वृद्धि, एफआईआई और डीआईआई फ्लो में अंतर और बड़े सेक्टोरल शिफ्ट शामिल रहे।
नई दिल्ली । सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने बेसिक डिवाइस और कम्पोनेंट्स के डेवलपमेंट के जरिए 6जी रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ साझेदारी की है।
दूरसंचार विभाग के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डीओटी ने 6जी के लिए टीएचजेड कम्युनिकेशन फ्रंट एंड्स के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स के विकास के लिए आईआईटी दिल्ली के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
संचार मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दूरसंचार विभाग के दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीटीडीएफ) प्रस्ताव के लिए 6जी कॉल के तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
बयान के अनुसार, यह प्रपोजल कॉल 6जी इको-सिस्टम विकसित करने पर ‘तेजी से रिसर्च’ करने को लेकर है, जो भारत 6जी विजन के हिस्से के रूप में 6जी नेटवर्क टेक्नोलॉजी को डिजाइन, डेवलप और स्थापित करने के लिए है। यह हाई-क्वालिटी लिविंग एक्सपीरियंस के सर्वव्यापी बुद्धिमान और सुरक्षित कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
इस परियोजना का उद्देश्य बेसिक डिवाइस और कंपोनेंट्स को डेवलप करना है जो 6जी कम्युनिकेशन के लिए टीएचजेड सिस्टम के साथ-साथ मिलिट्री कम्युनिकेशन जैसे दूसरे टीएचजेड सिस्टम के लिए आवश्यक हैं।
भारत में चिप निर्माण सुविधाओं की स्थापना के हालिया कार्यक्रम के साथ इस परियोजना को शुरू किया जा रहा है।
आईआईटी दिल्ली की सुविधाओं में कुछ कोर कंपोनेंट्स को डेवलप करने के लिए कोलकाता के एसएएमईईआर (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च) के साथ सहयोग किया जाएगा।
यह प्रोडक्शन लेवल पर टीएचजेड कंपोनेंट्स के निर्माण को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाएगा। सी-डीओटी इस परियोजना के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है।
सी-डीओटी के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय के अनुसार, यह इनोवेशन को बढ़ावा देने और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर भारत 6जी विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सी-डीओटी टीम ने पहली बार पूरी तरह से भारत के भीतर 6जी संचार के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक टीएचजेड कंपोनेंट्स को डेवलप करने के इस प्रयास के लिए अपनी प्रतिबद्धता और समर्थन व्यक्त किया।
सैन फ्रांसिस्को । फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा ने अपने करीब 3600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने अपने इंटरनल मेमो में इस बात का जिक्र किया है। इन सभी कर्मचारियों को उनकी खराब वर्क परफॉर्मेंस के कारण बाहर किया जाएगा। हालांकि इनकी जगह पर नये लोगों की हायरिंग की जाएगी। मार्क जकरबर्ग के इस फैसले से कंपनी के महज 5 फीसदी कर्मचारी ही प्रभावित होंगे।
सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक, मेटा में करीब 72,400 कर्मचारी काम करते हैं। मार्क जकरबर्ग ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि बेहतर टैलेंट मिलेगा और नए लोग कंपनी से जुड़ सकेंगे। अमेरिकी कंपनियों में परफॉर्मेंस के आधार पर छंटनी एक सामान्य प्रक्रिया है। पिछले हफ्ते माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने वर्कफोर्स से 1 फीसदी लोगों की छंटनी की थी। ये सभी लोग खराब परफॉर्मेंस वाली लिस्ट में शामिल थे।
मेटा में ले-ऑफ की बात डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले ही सामने आई है। पिछले कुछ समय से मार्क जकरबर्ग की रिपब्लिकन नेताओं से नजदीकी बढ़ रही है। ट्रंप के साथ डिनर मीटिंग और मेटा के पब्लिक अफेयर्स हेड के तौर पर रिपब्लिकन को शामिल करना इसी नजदीकी के कारण है।
नई दिल्ली । भारत सरकार का प्रमुख ऊर्जा कार्यक्रम भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 (आईईडब्ल्यू 2025) 11 से 14 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जाएगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पेट्रोलियम उद्योग महासंघ (एफआईपीआई) इसका आयोजन यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में करेगा। इससे पहले भारत ऊर्जा सप्ताह को दो बार उल्लेखनीय सफलता के साथ आयोजित किया जा चुका है।
इस वर्ष के ऊर्जा कैलेंडर का पहला प्रमुख वैश्विक आयोजन, आईईडब्ल्यू 2025, वर्ष का सबसे व्यापक और समावेशी वैश्विक ऊर्जा सम्मेलन होगा। वर्ष 2023 में आरंभ होने के बाद से, भारत ऊर्जा सप्ताह लगातार वैश्विक तौर पर अपनी उपयोगिता दर्ज करा रहा है। आईईडब्ल्यू 2025 ने अपने महत्व से अन्य अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा आयोजनों को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष का आयोजन पिछले आयोजनों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें भागीदारी में बढ़ोतरी और गहन चर्चाएँ शामिल हैं। इस वर्ष इसे संबोधित करने वाले वक्ताओं में उल्लेखनीय तौर पर प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू ऊर्जा कंपनियों के लगभग 70 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों सहित वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं, जो इस आयोजन के बढ़ते वैश्विक महत्व को दर्शाता है। इस वर्ष आईईडब्ल्यू का आयोजन पहले से कहीं अधिक व्यापक होगा और अद्वितीय वैश्विक भागीदारी युक्त होगा, जिसमें उन्नत अर्थव्यवस्थाओं, सबसे बड़े ऊर्जा उत्पादकों और प्रमुख विकासशील देशों के 20 से अधिक ऊर्जा मंत्री और उप मंत्री शामिल होंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी फॉर्च्यून 500 ऊर्जा कंपनियों के 90 मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल होंगे, जिनमें बीपी, टोटलएनर्जीस, कतरएनर्जी, एडीएनओसी, बेकर ह्यूजेस और विटोल समूह शामिल हैं। आईईडब्ल्यू 2025 में सात प्रमुख विषयों (सहयोग, स्थिति अनुकूलन, परिवर्तन, क्षमता, डिजिटल फ्रंटियर्स, नवाचार और नेतृत्व) को शामिल किया गया है, जिसमें डीकार्बनाइजेशन (कोयला, तेल, या प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को कम करके, जल्द से जल्द नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर होना), ऊर्जा इक्विटी (सबको स्वच्छ ऊर्जा उपलब्धता) और कम कार्बन अर्थव्यवस्था (एक ऐसी अर्थव्यवस्था, जो उतनी ही ग्रीनहाउस गैस को अवशोषित करती है, जितनी उत्सर्जित करती है) के लिए व्यावहारिक समाधानों पर अधिक जोर दिया जाएगा।
2024 में हुए इसके आयोजन में 18 श्रेणियों की तुलना में इस वर्ष 20 विषयगत श्रेणी शामिल किए गए हैं। जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटलीकरण और समुद्री डीकार्बोनाइजेशन जैसे अत्याधुनिक मुद्दों पर व्यापक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सम्मेलन के संरचित चरण ऊर्जा अनुकूलन और हरित ऊर्जा परिवर्तन के भारत के ऊर्जा स्वतंत्रता और डीकार्बनाइजेशन के दोहरे लक्ष्यों के साथ पूरी तरह संरेखित है और वैश्विक और राष्ट्रीय एजेंडा दोनों के लिए प्रासंगिक है। इस सम्मेलन में 120 देशों के 70,000 से अधिक प्रतिनिधियों और 700 से अधिक प्रदर्शकों के 8 विषयगत क्षेत्रों में भाग लेने की संभावना है।
आयोजन में अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली, जापान, रूस सहित 10 देशों के मंडप लगाए जाएँगे। यह प्रमुख आयोजन वैश्विक ऊर्जा संवाद पर व्यापक विमर्श-चर्चा, सफल प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन और सतत ऊर्जा भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का प्रमुख मंच बनेगा। आईईडब्ल्यू 2025 में शोध पत्र प्रस्तुत किए जाने के लिए भेजे गए संक्षिप्त सार में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि वक्ताओं की भी भागीदारी में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो उद्योग नवाचार के मंच के रूप में आईईडब्ल्यू की बढ़ती हुई प्रतिष्ठा को दर्शाता है। अब इसके सत्रों में भविष्य के स्वच्छ ऊर्जा उपायों, ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और मीथेन गैस कम करने की प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, जो उद्योग की दूरदर्शी प्राथमिकताओं को दर्शाते हैं।
इस आयोजन में भारत के प्रमुख ऊर्जा मंत्रालय भाग लेंगे, जिनमें ऊर्जा मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई), नीति आयोग और खान एवं खनिज मंत्रालय शामिल हैं। यह सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो संपूर्ण ऊर्जा क्षेत्र में निर्बाध सहयोग और व्यापक जुड़ाव सुनिश्चित करने तथा एकीकृत और समावेशी ऊर्जा समाधानों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इस प्रतिष्ठित आयोजन के बारे में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय सचिव पंकज जैन ने कहा, आईईडब्ल्यू 2025 एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहाँ वैश्विक हितधारक स्वतंत्र रूप से विमर्श कर सकते हैं, अवसरों की तलाश कर सकते हैं और जटिल ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ाने में भारत के नेतृत्व से अवगत हो सकते हैं।
हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों, सौर नवाचारों या उन्नत अन्वेषण तकनीकों तथा प्रमुख ऊर्जा परियोजनाओं पर सहयोग सहित वैश्विक ऊर्जा नवाचार का यह प्रमुख आयोजन है। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और नवाचार को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, आईईडब्ल्यू 2025 अविन्या एनर्जी स्टार्टअप चैलेंज 2.0 की मेजबानी करेगा। इस चैलेंज के शीर्ष पाँच स्टार्टअप्स को अपने अत्याधुनिक समाधानों को प्रदर्शित करने का विशेष अवसर प्राप्त होगा, जिससे उनकी वैश्विक दृश्यता और प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। लगभग 3,000 तकनीकी शोध पत्रों में से चयनित शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले विजेताओं को अपने अभूतपूर्व समाधान प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।
देश में कुशल मानव संसाधनों को केंद्र में रखते हुए इस आयोजन में छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों को शामिल करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। भारत में छात्रों / उद्यमियों / नवप्रवर्तकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा विशेष कार्यशालाएँ / मास्टरक्लास आयोजित किए जाएँगे, जो पूरी तरह नि:शुल्क होंगे। आगंतुकों के लिए प्रदर्शनी में प्रवेश सभी दिन नि:शुल्क है। आईईडब्ल्यू एक प्रमुख ऊर्जा-उपभोग करने वाले देश द्वारा आयोजित सबसे व्यापक और सबसे महत्वपूर्ण ऊर्जा कार्यक्रमों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है और अब एक सम्मेलन से कहीं अधिक यह वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से लोकप्रिय बना ऊर्जा कार्यक्रम है। आईईडब्ल्यू 25 का आयोजन इसे और गतिमान बनाकर वैश्विक ऊर्जा संवाद में एक महत्वपूर्ण साक्षी बनेगा।